जानिए राजस्थान की प्रमुख जनजातियां कौन कौन सी हैं

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राजस्थान की जनजातियां

राजस्थान यानी राजपूतों का देश, जो भारत के क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है और बहुत ही खूबसूरत एवं प्रमुख भी है। इस खूबसूरत राज्य की राजधानी जयपुर है जिसे गुलाबी नगरी या पिंक सिटी के नाम से भी जाना जाता है। 1 नवम्बर, 1956 में स्थापित किये गए इस राज्य से जुड़े प्रश्न विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाते हैं। इस कड़ी में हम आपको इस लेख के माध्यम से राजस्थान की प्रमुख जनजातियों के बारे में बताएंगे जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मददगार साबित हो सकते है। तो आईये जानते हैं राजस्थान की प्रमुख जनजातियों के बारे में विस्तार से:

राजस्थान की प्रमुख जनजातियां

राजस्थान की प्रमुख जनजातियां निम्नलिखित है:

  1. कंजर जनजाति (Kanjar Tribe)
  2. कथौड़ी जनजाति (Kathauri Tribe)
  3. डामोर जनजाति (Damor Tribe)
  4. सांसी जनजाति (Sansi Tribe)
  5. सहरिया जनजाति (Sahariya Tribe)
  6. गरासिया जनजाति (Garasiya Tribe)
  7. भील जनजाति (Bhil Tribe)
  8. मीणा जनजाति (Meena Tribe)

  • कंजर जनजाति : कंजर शब्द की उत्पत्ति कानन चर शब्द से हुई है जिसका अर्थ है- जंगल में रहने वाला। कंजर जनजाति का मुख्य क्षेत्र है हाड़ौती जबकि इनका मुख्य व्यवसाय अपराध करना करना होता है। यहाँ तक कि यह लोग अपराध करने से पहले देवताओं से आशीर्वाद लेते हैं जिसे “पाती मांगना” कहते हैं। यह लोग मोर का मांस खाते हैं और ऐसा भी कहा जाता है कि इनके घरों में पीछे की तरफ खिड़की रखना अनिवार्य होता है।
  • कथौड़ी जनजाति : मूल रूप से कथौड़ी, महाराष्ट्र की जनजाति है। इस जनजाति के लोग खैर के पेड़ से कत्था प्राप्त करते हैं इसलिए इन्हें कथौड़ी कहते हैं। इनका मुख्य क्षेत्र उदयपुर है। इस जनजाति के लोग दूध नहीं पीते हैं बल्कि शराब अधिक पीते हैं। यहाँ तक कि महिलाएं भी पुरुषों के साथ बैठकर शराब पीती है। यहाँ के लोग बंदर का मांस खाते हैं। यहाँ कि महिलाएं गहने नहीं पहनती है।
  • डामोर जनजाति : इस जनजाति का मुख्य क्षेत्र डूंगरपुर जिला है। यहाँ के पुरुष भी महिलाओं की तरह गहने पहनते हैं। यहाँ पुरुष बहुविवाह करते हैं।
  • सांसी जनजाति : इस जनजाति का मुख्य क्षेत्र भरतपुर तथा अजमेर है। यहाँ के लोग भाखर बावजी की कसम लेने के बाद झूठ नहीं बोलते बल्कि कसम लेते वक्त लोग एक हाथ में कुल्हाड़ी तथा दूसरे हाथ में पीपल का पत्ता रखते हैं।
  • सहरिया जनजाति : इस जनजाति के लोगों का मुख्य क्षेत्र बारां जिला है। यह राजस्थान की एकमात्र आदिम जनजाति है। यहाँ के लोग वाल्मीकि जी को अपना आदि पुरुष मानते हैं। यहाँ की महिलाएं घर में घूंघट रखती है लेकिन घर से बाहर घूंघट नहीं रखती है।
  • गरासिया जनजाति : इस जनजाति का मुख्य क्षेत्र सिरोही जिला, पाली जिला और उदयपुर जिला है। यहाँ त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था होती है। नक्की झील यहाँ के लोगों का पवित्र स्थान है। नक्की झील में ही ये लोग अस्थियों का विसर्जन करते हैं। इसके अलावा यहाँ के लोग मोर तथा सफेद पशु को पवित्र मानते हैं।
  • भील जनजाति : इस जनजाति का मुख्य क्षेत्र उदयपुर है। यह राजस्थान की प्राचीनतम और दूसरी सबसे बड़ी जनजाती है। यहाँ पेड़-पौधों को टोटम का प्रतीक माना जाता है। यहाँ तक कि विवाह के समय पेड़-पौधों को ही साक्षी माना जाता है।
  • मीणा जनजाति : यह जनजाति राजस्थान की सर्वाधिक जनसंख्या वाली जनजाति है जिसका मुख्य क्षेत्र जयपुर है।

आशा है कि आपको राजस्थान की जनजातियों के बारे में जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए बने रहिये Leverage Edu के साथ।

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