क्या आप जानते हैं पानीपत का प्रथम युद्ध किसके बीच हुआ?

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पानीपत का प्रथम युद्ध किसके बीच हुआ

युद्ध चाहे किसी भी कालखंड में क्यों न हुए हों, युद्धों से मानव ने भयंकर त्रासदी ही झेली है। इतिहास के पन्नों को पलटकर देखा जाए तो युद्धों ने सभ्यताओं के साथ-साथ मानवता का भी अंत किया है, जिससे मानव को पृथ्वी पर हर कहीं केवल पीड़ाएं ही मिली हैं। इस प्रकार के क्रूर युद्धों में से एक पानीपत का प्रथम युद्ध भी था, जिसके बाद स्थापना हुई मुग़ल वंश की। इस पोस्ट के माध्यम से आपको पानीपत का प्रथम युद्ध किसके बीच हुआ और इस युद्ध के परिणामों को जानने को मिलेगा।

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पानीपत का प्रथम युद्ध किसके बीच हुआ?

पानीपत का युद्ध एक ऐसा युद्ध था जो विस्तारवाद की नीति के चलते उस समय के दो क्रूर शासकों दिल्ली सल्तनत के शासक इब्राहिम लोदी और काबुल के तैमूरी शासक जहीर उद्दीन मोहम्मद बाबर की सेना के बीच लड़ा गया। यह युद्ध वर्तमान के हरियाणा के पानीपत नामक स्थान पर हुआ था, इसी कारण इस युद्ध को पानीपत का युद्ध कहा जाने लगा।

कब हुआ था पानीपत का प्रथम युद्ध?

इतिहासकारों की माने तो सन 1526 में काबुल के तैमूरी शासक जहीर उद्दीन मोहम्मद बाबर की सेना ने दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी की सेना पर आक्रमण कर दिया। पानीपत का प्रथम युद्ध 21 अप्रैल 1526 को लड़ा गया, इस संग्राम में भीषण नरसंहार हुआ क्योंकि यह सत्ता का हस्तानांतरण था।

क्या रहे पानीपत के प्रथम युद्ध के परिणाम?

इस युद्ध के बाद ही दिल्ली सल्तनत पर बाबर की सत्ता कायम हुई और स्थापना हुई एक ऐसे साम्राज्य की जिसको इतिहास में मुगल साम्राज्य के नाम से जाना गया। कई इतिहासकारों की माने तो इस युद्ध को बाबर ने बड़ी रणनीति के साथ लड़ा, जहाँ सेना का जोश कम हुआ वहां जिहाद का ऐलान किया गया ताकि सेना क्रूरता से आगे बड़ पाए और जीत हासिल कर पाए।

पानीपत के प्रथम युद्ध से जुड़ी कुछ विशेष बातें

पानीपत के प्रथम युद्ध से जुड़ी कुछ विशेष बातें भी है जो आपके ज्ञान को बढ़ाएंगी। जिन्हें निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है;

  • इतिहासकारों के अनुसार बाबर की सेना में लगभग 15000 के करीब सैनिक थे।
  • बाबर की सेना में लगभग 20 से 24 मैदानी तोपें भी थीं।
  • लोदी का सेनाबल को देखा जाए तो इब्राहम लोदी की सेना में लगभग 1,30,000 सैनिक थे, जिसमें से लड़ाकू सैनिकों की कुल संख्या लगभग 1,00,000 से 1,10,000 के आसपास थी।
  • लोदी की सेना में कम से कम 300 हाथियों की भी एक गज सेना थी, जिसने इस युद्ध में भाग लिया था।
  • पानीपत एक ऐसा क्षेत्र है, जो 12वीं शताब्दी के बाद से उत्तरी भारत के नियंत्रण के लिए कई निर्णायक लड़ाइयों का स्थल रहा और साथ ही इतिहास में हुए कई बड़े युद्धों का गवाह भी बना।

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आशा है कि आप पानीपत का प्रथम युद्ध किसके बीच हुआ का कारण इस ब्लॉग के माध्यम से जान पाए होंगे और यह ब्लॉग आपको जानकारी से भरपूर लगा होगा। इसी प्रकार इतिहास से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

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