Lal Bahadur Shastri Poems in Hindi: पढ़िए लाल बहादुर शास्त्री पर लिखी कविताएं, जिनसे जन्मी क्रांति ने युवाओं को मार्गदर्शित किया

1 minute read
Lal Bahadur Shastri Poems in Hindi

कविताएं समाज का आईना होती हैं, कविताओं को ही समाज की प्रेरणा माना जाता है। जब-जब मातृभूमि, संस्कृति और माटी पर संकट का समय आता है, या जब-जब सभ्य समाज कहीं नींद गहरी सो जाता है। तब-तब कविताएं समाज की सोई चेतना को जगाती हैं, तब-तब कविताएं मानव को साहस से लड़ना सिखाती हैं। हर दौर में-हर देश में अनेकों महान कवि हुए हैं, जिन्होंने मानव को सद्मार्ग दिखने के लिए सत्य का मार्ग चुना और अपने सच्चे इतिहास को गर्व से गाया। जिन महान लोगों के व्यक्तित्व पर कविताएं अमर हो गयीं, उन्हीं में से एक लाल बहादुर शास्त्री भी हैं। जिन पर लिखी कविता आज तक भारत के युवाओं को प्रेरित कर रहीं हैं। Lal Bahadur Shastri Poems in Hindi के माध्यम से आप लाल बहादुर शास्त्री की कविताएं पढ़ पाएंगे, जिसके लिए आपको ब्लॉग को अंत तक पढ़ना पड़ेगा।

लाल बहादुर शास्त्री कौन हैं? 

श्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी से सात मील दूर एक छोटे से रेलवे टाउन, मुगलसराय में हुआ था। उनके पिता एक स्कूल शिक्षक थे। जब लाल बहादुर शास्त्री केवल डेढ़ वर्ष के थे, तभी उनके पिता का देहांत हो गया था। उनकी माँ अपने तीनों बच्चों के साथ अपने पिता के घर जाकर बस गईं। उस छोटे-से शहर में लाल बहादुर की स्कूली शिक्षा कुछ खास नहीं रही लेकिन पढ़ने की ललक और शास्त्री जी के परिवार की सादगी ने गरीबी की मार पड़ने के बावजूद भी उनका बचपन खुशहाली के साथ बीता।

उन्हें वाराणसी में चाचा के साथ रहने के लिए भेज दिया गया था ताकि वे उच्च विद्यालय की शिक्षा प्राप्त कर सकें। घर पर सब उन्हें नन्हे के नाम से पुकारते थे। वे कई मील की दूरी नंगे पांव से ही तय कर विद्यालय जाते थे, संघर्षों के इसी महान दौर ने शास्त्री जी को मजबूत बनाया।

गांधी जी ने असहयोग आंदोलन में शामिल होने के लिए अपने देशवासियों से आह्वान किया था, इस समय लाल बहादुर शास्त्री केवल सोलह वर्ष के थे। उन्होंने महात्मा गांधी के इस आह्वान पर अपनी पढ़ाई छोड़ देने का निर्णय कर लिया था। उनके इस निर्णय ने उनकी मां की उम्मीदें तोड़ दीं।

लाल बहादुर शास्त्री ब्रिटिश शासन की अवज्ञा में स्थापित राष्ट्रीय संस्थानों में से एक वाराणसी के काशी विद्या पीठ में शामिल हुए। यहाँ वे महान विद्वानों एवं देश के राष्ट्रवादियों के प्रभाव में आए। विद्या पीठ द्वारा उन्हें प्रदत्त स्नातक की डिग्री का नाम ‘शास्त्री’ था लेकिन लोगों के दिमाग में यह उनके नाम के एक भाग के रूप में बस गया।

पंडित नेहरु की मृत्यु हो जाने के कारण 9 जून 1964 में शास्त्री जी को प्रधानमंत्री पद पर मनोनित किया गया। शास्त्री जी देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने, जिनके शासनकाल में भारत-पाकिस्तान का युद्ध भी हुआ, और इस युद्ध में नेतृत्व की निर्णायक स्तिथि में रहकर भारत ने जीत हासिल की। ताशकंद में रहस्मई ढंग से 11 जनवरी 1966 को शास्त्री जी का निधन हुआ।

भारत-माँ के लाल बहादुर

Lal Bahadur Shastri Poems in Hindi के माध्यम से आप लाल बहादुर शास्त्री जी के चरित्र को जान सकते हैं, जिसमें उन पर लिखी कविता “भारत-माँ के लाल बहादुर” है। यह एक ऐसी कविता है, जिसने शास्त्री जी की देशभक्ति का मंगल गान किया।

भारत-माँ के लाल बहादुर

शास्त्री जी तुम कहलाए।
सीधे-सादे छोटे-से थे
काम बड़े कर दिखलाए।

शांति तुम्हें प्यारी थी लेकिन
उससे भी प्यारा थी देश
युद्ध छिड़ा तो दिया तुम्ही ने
बढ़ते जाने का आदेश।
तुम ने जय बोली जवान की
जय किसान की भी बोले।
अच्छी पैदावार न हो तो
काम न कर सकती गोली।

-बालस्वरूप राही

Lal Bahadur Shastri Poems in Hindi

लाल बहादुर शास्त्री

Lal Bahadur Shastri Poems in Hindi के माध्यम से आप लाल बहादुर शास्त्री जी ने जीवन भर राष्ट्र को सर्वप्रथम रखा। डॉ सुधीर आज़ाद द्वारा रचित कविता “लाल बहादुर शास्त्री” के माध्यम से आप शास्त्री जी को नज़दीक से जान पाएंगे।

जय जवान और जय किसान का,
दिया देश को नारा।
स्वाभिमान और सदाचार से,
ऊँचा शीश हमारा।।

कभी नहीं भोगा सुविधा को,
रहा फकीरी चोला।
थे वामन अवतार, दिखाता
मुखड़ा भोला-भाला।।

खुद प्रधानमंत्री रह कर के,
भवन नहीं ले पाये।
कालिख के घर में रहकर भी,
दाग नहीं लग पाये।।

भ्रष्टाचार तनिक भी उनके,
मन को डिगा न पाया।
शिष्टाचार, कर्तव्य, सादगी,
जीवन भर अपनाया।।

जन्म हुआ 2 अक्टूबर को,
थे कलियुग के राम।
लाल बहादुर शास्त्री तुमको,
शत शत करें प्रणाम।।

-डॉ. कैलाश गुप्ता

दिलों के विजेता

Lal Bahadur Shastri Poems in Hindi के माध्यम से आप लाल बहादुर शास्त्री के बलिदान पर रचित कविता “दिलों के विजेता” को पढ़ सकते हैं, जिसका उद्देश्य आप तक लाल बहादुर शास्त्री जी के व्यक्तित्व की गाथा सुनाना है।

लाल भी थे, बहादूर भी थे।
देशप्रेम, सेवा में चूर भी थे।
बचपन गुजारी गरीबी में।
पर अशिक्षा ना आई करीबी में।

बचपन के नन्हें बने प्रधान।
कहा जय जवान,जय किसान।
हंसोड़, मजाकिया, विनोदी थे।
मातृभूमि की चमकाये गोदी थे।

शांत मुखड़ा और टोपी गांधी।
गुजरे उसी दिन जिस दिन गांधी।
अपने नाम को किया सार्थक।
अपने पद को किया सार्थक।

उबारा देश को जब था भीषण अकाल।
स्थिति थी देश की अत्यंत विकराल।
जरूरत है फिर ऐसे नेता की।
कर्मठ और दिलों के विजेता की।

-चेतना सिंह

Lal Bahadur Shastri Poems in Hindi

व्यक्तित्व था उनका बड़ा महान

Lal Bahadur Shastri Poems in Hindi के माध्यम से आप लाल बहादुर शास्त्री पर रचित कविता “व्यक्तित्व था उनका बड़ा महान” को पढ़ सकते हैं, जो आपके सामने वो शास्त्री जी के व्यक्तित्व को प्रस्तुत करेगी।

कद में चाहे छोटे थे,
व्यक्तिव था उनका बड़ा महान।
साहस, सच्चाई रग-रग में,
शास्त्री जी थे आन-बान-शान।

सादा जीवन उच्च विचार,
यही थी उनकी पहचान।
उनकी देश भक्ति और निष्ठा,
पर पूरे देश को है अभिमान।

जीवन के सूखे मरुथल में,
नित झेले झंझावात कई।
जितने भी बाधा, कंटक आये,
उनसे वे पाये शक्ति नई।

1965 की कठिन लड़ाई में,
निर्भयता से हुंकार लगाई थी।
पाक सेना को ललकार,
बड़ी विजय पाई थी।

जवानों और किसानों का सम्मान कर,
नारा दिया जय जवान जय किसान।
कद में चाहे छोटे थे,
व्यक्तित्व था उनका बड़ा महान।

-गायत्री पांडेय

पहचान

Lal Bahadur Shastri Poems in Hindi के माध्यम से आप लाल बहादुर शास्त्री पर रचित कविता “पहचान” को पढ़ सकते हैं, जो आपके सामने शास्त्री जी की पहचान को प्रस्तुत करेगी।

कद छोटा और ज्ञान बड़ा,
मान बड़ा, सम्मान बड़ा।
सहज सरल व्यवहार था,
जरा नहीं अभिमान था।

देश के दो खंभों का,
किया सही पहचान था।
जय जवान, जय किसान,
का नारा जितना प्यारा था।

देख के अब नजारा ऐसा,
दिल उनका रोता होगा।
खतरे में हैं दोनों नायक,
सीमा पर कोई सड़कों पर।

नहीं हुआ कोई दूसरा उन सा,
नरम दिल, भोला भाला सा।
सादा जीवन उच्च विचार,
का आदर्श हमें सीखाया था।

मोह नहीं किसी माया से,
चर्चित होने का चाह न था।
स्वयं से पहले देश को देखा,
त्याग का पाठ पढ़ाया था।

-सरिता कुमार

ऐसे थे हमारे शास्त्री जी

Lal Bahadur Shastri Poems in Hindi के माध्यम से आप लाल बहादुर शास्त्री पर रचित कविता “ऐसे थे हमारे शास्त्री जी” को पढ़ सकते हैं, जो आपके सामने शास्त्री जी के महान चरित्र को प्रस्तुत करेगी।

सीमा पर तैनात सैनिक हैं,
जिसने किया उनका वंदन है।
वह महापुरुष शास्त्री जी हैं,
जिनका हम करते अभिनंदन हैं।

जय किसान का नारा दिया था,
अन्नदाता का सम्मान किया था।
देश की ज्वलंत समस्याओं का,
चुटकियों में निराकरण किया था।

सत्यता, निष्ठा और दृढ़ता वाले,
उज्ज्वल चरित्र के वे स्वामी थे।
सादा जीवन और उच्च विचार थे,
द्वितीय प्रधानमंत्री बड़े महान थे।

ताशकंद में समझौता करने गए थे,
मौत का साया मंडराया था।
विमान में लौटा था पार्थिव शरीर,
पूरा देश शोकसागर में डूबा था।

जीवन बड़ा ही अल्पकाल था,
मातृभूमि के काम आए थे।
लोगों के हृदयों में शास्त्री जी,
सदा के लिए समा गए थे।

-अर्चना वालिया

वतन का लाल

Lal Bahadur Shastri Poems in Hindi के माध्यम से आप लाल बहादुर शास्त्री पर रचित कविता “वतन का लाल” को पढ़ सकते हैं, जो आपके सामने शास्त्री जी के बलिदान की गाथा को प्रस्तुत करेगी।

शास्त्री जी को नित सदा,
आओ हम शीश नवाएं।
भारत मां के राजदुलारे,
पर श्रद्धा के फूल चढाएं।।

पिता शारदा मात दुलारी,
आंगन वो था मुगलसराय।
थे परिवार में सबसे छोटे,
नन्हें कहके उनको बुलाय।।

पैसठ वाली जंग में उनने,
पाक हिन्द से हारा दिया।
जय जवान जय किसान,
का नारा दे सम्मान दिया।।

अनाज संकट हुआ देश में,
उनने बागड़ोर थामी थी।
एक वक्त उपवास रहे सब,
कोई कमी नहीं आनी थी।।

वतन वैरी को धूल चटा,
कर कर दिया था कमाल।
रहस्यमय समझौते में वो,
सो गया वतन का लाल।।

-जितेंद्र देवतवाल

आशा है कि Lal Bahadur Shastri Poems in Hindi के माध्यम से आप लाल बहादुर शास्त्री की कविताएं पढ़ पाएं होंगे, जो कि आपको सदा प्रेरित करती रहेंगी। साथ ही यह ब्लॉग आपको इंट्रस्टिंग और इंफॉर्मेटिव भी लगा होगा, इसी प्रकार की अन्य कविताएं पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*