Kedarnath Agarwal Poems in Hindi: पढ़िए केदारनाथ अग्रवाल का संक्षिप्त जीवन परिचय, कविताएं!

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Kedarnath Agarwal Poems in Hindi

Kedarnath Agarwal Poems in Hindi को पढ़कर युवाओं का परिचय केदारनाथ अग्रवाल की लेखनी से होगा। विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थियों को केदारनाथ अग्रवाल की रचनाओं को अवश्य पढ़ना चाहिए, जो कि उन्हें प्रेरित करने का काम करेंगी। यह कहना अनुचित नहीं होगा कि केदारनाथ अग्रवाल की कविताएं आज के समय में भी उतनी प्रासंगिक हैं, जितनी कभी रचना के समय पर रही होंगी। कविताओं के माध्यम से ही समाज की चेतना को जगाया जा सकता है, केदारनाथ अग्रवाल की कविताएं इस बात की साक्षी हैं। इस ब्लॉग के माध्यम से आप Kedarnath Agarwal Poems in Hindi को पढ़ पाएंगे, जो आपको सकारात्मकता के साथ जीवन जीने के लिए प्रेरित करेंगी।

केदारनाथ अग्रवाल का संक्षिप्त जीवन परिचय

Kedarnath Agarwal Poems in Hindi (केदारनाथ अग्रवाल की कविताएं) पढ़ने सेे पहले आपको केदारनाथ अग्रवाल का संक्षिप्त जीवन परिचय पढ़ लेना चाहिए। भारतीय हिंदी साहित्य की अप्रतीम अनमोल मणियों में से एक बहुमूल्य मणि केदारनाथ अग्रवाल भी हैं, जिन्होंने हिंदी के एक महान कवि होने का सम्मान जीवनभर प्राप्त किया।

1 अप्रैल 1911 को केदारनाथ अग्रवाल का जन्म उत्तर प्रदेश के बांदा में हुआ था। केदारनाथ अग्रवाल के पिता हनुमान प्रसाद गुप्ता संस्कृत के विद्वान और उनकी माँ घसीटो देवी एक गृहिणी थीं। उन्होंने वर्ष 1931 में इंटरमीडिएट, वर्ष 1935 में बी.ए. और वर्ष 1938 में एलएल.बी. की डिग्री प्राप्त की।

केदारनाथ अग्रवाल ने अपनी पहली कविता “प्रलय” को वर्ष 1931 में लिखा था, जिसके बाद से उन्होंने अपनी कविताओं में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर बड़ी ही बेबाकी से अपनी राय राखी। उनकी प्रमुख रचनाओं में “युग की गंगा”, “फूल नहीं, रंग बोलते हैं”, “गुलमेंहदी”, “हे मेरी तुम!”, “बोलेबोल”, “अबोल”, “जमुन जल तुम कहें”, “केदार खरी खरी”, “मार प्यार की थापें” आदि अधिक लोकप्रिय हैं।

हिंदी साहित्य में उनके अप्रतिम योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 1964 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, वर्ष 1971 में पद्म भूषण और वर्ष 1980 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 22 जून 2000 को सदी के महान कवि केदारनाथ अग्रवाल का निधन हुआ था।

Kedarnath Agarwal Poems in Hindi

केदारनाथ अग्रवाल की कविताएं युवाओं के समक्ष साहित्य के सौंदर्य का ऐसा चित्रण प्रस्तुत करती हैं, जो आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। इस ब्लॉग में आपको Kedarnath Agarwal Poems in Hindi के साथ-साथ, केदारनाथ अग्रवाल जी का संक्षिप्त जीवन परिचय को भी पढ़ने का अवसर मिलेगा। Kedarnath Agarwal Poems in Hindi की सूची कुछ इस प्रकार है;

कविता का नामकवि/कवियत्री का नाम
मैं नारी का प्रेमीकेदारनाथ अग्रवाल
बसंती हवाकेदारनाथ अग्रवाल
इसी जन्म में इस जीवन मेंकेदारनाथ अग्रवाल
आज नदी बिल्कुल उदास थीकेदारनाथ अग्रवाल
जो जीवन की धूल चाट कर बड़ा हुआ हैकेदारनाथ अग्रवाल

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मैं नारी का प्रेमी

Kedarnath Agarwal Poems in Hindi (केदारनाथ अग्रवाल की कविताएं) समाज की चेतना को जागृत करने का काम करती हैं। इस ब्लॉग में लिखित केदारनाथ अग्रवाल की कविताएं आपको प्रेरित करने का काम करेंगी। इन कविताओं में से एक कविता “मैं नारी का प्रेमी” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:

मैं नारी का प्रेमी 
मेरी प्रीत अपावन 
गंदी मेरी भावराशि 
सब गीत अपावन 

नहीं नहीं यह रिमझिम रिमझिम 
साजन सावन 
प्यारी तरुण तड़ित का 
करता है आवाहन।

-केदारनाथ अग्रवाल

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि ने नारी के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना को व्यक्त करने का सफल प्रयास करते हैं। इस कविता में कवि ने नारी को सृष्टि की रचना का आधार माना है और उनके प्रति गहरे सम्मान और प्रेम की भावना को व्यक्त करने का प्रयास किया है। इस कविता में कवि ने नारी के प्रति समाज में व्याप्त गलत धारणाओं को दूर करने का प्रयास करते हुए, नारी के उज्ज्वल भविष्य की कल्पना करने का भी प्रयास किया हैं।

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बसंती हवा

Kedarnath Agarwal Poems in Hindi (केदारनाथ अग्रवाल की कविताएं) आपको साहित्य से परिचित करवाएंगी। केदारनाथ अग्रवाल की कविताओं में से एक कविता “बसंती हवा” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:

हवा हूँ, हवा, मैं बसंती हवा हूँ! 
वही हाँ, वही जो युगों से गगन को 
बिना कष्ट-श्रम के सम्हाले हुए हूँ; 

हवा हूँ, हवा, मैं बसंती हवा हूँ। 
वही हाँ, वही जो धरा का बसंती 
सुसंगीत मीठा गुँजाती फिरी हूँ; 
हवा हूँ, हवा, मैं बसंती हवा हूँ। 

वही हाँ, वही जो सभी प्राणियों को 
पिला प्रेम-आसव जिलाए हुए हूँ, 
हवा हूँ, हवा, मैं बसंती हवा हूँ। 

क़सम रूप की है, क़सम प्रेम की है, 
क़सम इस हृदय की, सुनो बात मेरी— 
अनोखी हवा हूँ, बड़ी बावली हूँ! 
बड़ी मस्तमौला, नहीं कुछ फ़िकर है, 
बड़ी ही निडर हूँ, जिधर चाहती हूँ 
उधर घूमती हूँ, मुसाफ़िर अजब हूँ! 
न घर-बार मेरा, न उद्देश्य मेरा, 
न इच्छा किसी की, न आशा किसी की, 
न प्रेमी, न दुश्मन, 
जिधर चाहती हूँ उधर घूमती हूँ! 
हवा हूँ, हवा, मैं बसंती हवा हूँ। 

जहाँ से चली मैं जहाँ को गई मैं, 
शहर, गाँव, बस्ती, 
नदी, रेत, निर्जन, हरे खेत, पोखर, 
झुलाती चली मैं, झुमाती चली मैं, 
हवा हूँ, हवा, मैं बसंती हवा हूँ। 

चढ़ी पेड़ महुआ, थपाथप मचाया, 
गिरी धम्म से फिर, चढ़ी आम ऊपर, 
उसे भी झकोरा, किया कान में ‘कू’ 
उतर कर भगी मैं हरे खेत पहुँची-
वहाँ गेहुँओं में लहर ख़ूब मारी, 
पहर दो पहर क्या, अनेकों पहर तक 
इसी में रही मैं। 
खड़ी देख अलसी लिए शीश कलसी, 
मुझे ख़ूब सूझी! 
हिलाया-झुलाया, गिरी पर न कलसी! 
इसी हार को पा, 
हिलाई न सरसों, झुलाई न सरसों, 
मज़ा आ गया तब, 
न सुध-बुध रही कुछ, 
बसंती नवेली भरे गात में थी! 
हवा हूँ, हवा, मैं बसंती हवा हूँ! 

मुझे देखते ही अरहरी लजायी, 
मनाया-बनाया, न मानी, न मानी, 
उसे भी न छोड़ा-
पथिक आ रहा था, उसी पर ढकेला, 
लगी जा हृदय से, कमर से चिपक कर, 
हँसी ज़ोर से मैं, हँसी सब दिशाएँ, 
हँसे लहलहाते हरे खेत सारे, 
हँसी चमचमाती भरी धूप प्यारी, 
बसंती हवा में हँसी सृष्टि सारी! 
हवा हूँ, हवा, मैं बसंती हवा हूँ।

-केदारनाथ अग्रवाल

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि ने वसंत ऋतु में बहने वाली “बसंती हवा” के उत्साह और उमंग का वर्णन किया है। कवि ने कविता में बसंती हवा को मानवीय रूप दिया है और उसके माध्यम से प्रकृति के सौंदर्य और जीवन के प्रति आनंद की भावना को व्यक्त करने का प्रयास किया है। इस कविता में कवि प्रकृति के प्रति सम्मान और समर्पण के भाव को व्यक्त करते हैं।

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इसी जन्म में इस जीवन में

Kedarnath Agarwal Poems in Hindi (केदारनाथ अग्रवाल की कविताएं) आपको हर स्थिति में प्रेरित करने का काम करेंगी। केदारनाथ अग्रवाल की सुप्रसिद्ध कविताओं में से एक कविता “इसी जन्म में इस जीवन में” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:

इसी जन्म में, 
इस जीवन में, 
हमको तुमको मान मिलेगा। 
गीतों की खेती करने को, 
पूरा हिंदुस्तान मिलेगा॥ 

क्लेश जहाँ है, 
फूल खिलेगा, 
हमको तुमको त्रान मिलेगा। 
फूलों की खेती करने को, 
पूरा हिंदुस्तान मिलेगा॥ 

दीप बुझे हैं, 
जिन आँखों के; 
इन आँखों को ज्ञान मिलेगा। 
विद्या की खेती करने को, 
पूरा हिंदुस्तान मिलेगा॥ 

मैं कहता हूँ, 
फिर कहता हूँ; केदारनाथ अग्रवाल की सुप्रसिद्ध कविताओं
हमको तुमको प्रान मिलेगा। 
मोरों-सा नर्तन करने को, 
पूरा हिंदुस्तान मिलेगा॥

-केदारनाथ अग्रवाल

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि ने सामाजिक न्याय और समानता की भावना के प्रति समाज को जागरूक किया है। कवि अपनी कविता के माध्यम से समाज में व्याप्त भेदभाव और अन्याय को दूर करने का आह्वान करते हैं और सभी लोगों के लिए समान अधिकारों और अवसरों की मांग करते हैं। कवि का उद्देश्य सभी को समान अधिकार दिलाने का है, जिसके बारे में यह कविता लिखी गई है।

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आज नदी बिल्कुल उदास थी

Kedarnath Agarwal Poems in Hindi (केदारनाथ अग्रवाल की कविताएं) आपका परिचय साहित्य के सौंदर्य से करवाएंगी। केदारनाथ अग्रवाल की सुप्रसिद्ध कविताओं में से एक कविता “आज नदी बिल्कुल उदास थी” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:

आज नदी बिल्कुल उदास थी, 
सोई थी अपने पानी में, 
उसके दर्पण पर 
बादल का वस्त्र पड़ा था। 
मैंने उसको नहीं जगाया, 
दबे पाँव घर वापस आया।

-केदारनाथ अग्रवाल

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि प्रकृति के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना को व्यक्त करते हैं। कवि अपनी कविता में नदी को प्रकृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं, कवि नदी के सौंदर्य का वर्णन करते हुए कहते हैं कि “नदी प्रकृति का एक अनमोल रत्न है।” कविता में कवि जिस नदी के पानी को कविता में जीवनदायिनी मानते हैं, उसकी उदासी को देखकर वह लोगों में प्रकृति के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना को जागृत करने का प्रयास करते हैं।

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जो जीवन की धूल चाट कर बड़ा हुआ है

Kedarnath Agarwal Poems in Hindi (केदारनाथ अग्रवाल की कविताएं) आपको प्रेरित करने का सफल प्रयास करेंगी। केदारनाथ अग्रवाल की सुप्रसिद्ध कविताओं में से एक कविता “जो जीवन की धूल चाट कर बड़ा हुआ है” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:

जो जीवन की धूल चाट कर बड़ा हुआ है 
तूफ़ानों से लड़ा और फिर खड़ा हुआ है 
जिसने सोने को खोदा लोहा मोड़ा है 
जो रवि के रथ का घोड़ा है 
वह जन मारे नहीं मरेगा 
नहीं मरेगा 

जो जीवन की आग जला कर आग बना है 
फ़ौलादी पंजे फैलाए नाग बना है 
जिसने शोषण को तोड़ा शासन मोड़ा है 
जो युग के रथ का घोड़ा है 
वह जन मारे नहीं मरेगा नहीं मरेगा

-केदारनाथ अग्रवाल

भावार्थ : यह कविता जीवन के संघर्षों और कठिनाइयों का सामना करने वाले व्यक्ति की दृढ़ता और आत्मविश्वास को दर्शाती है। कविता के माध्यम से कवि कहते हैं कि जीवन की धूल चाटकर बड़ा हुआ व्यक्ति कभी भी कठिनाइयों से डरता नहीं है और वह अपने जीवन में अवश्य ही सफल होता है। यह रचना कठिनाइयों का सामना करने वाले व्यक्ति की दृढ़ता और आत्मविश्वास को प्रेरित करती है।

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आशा है कि इस ब्लॉग के माध्यम से आप Kedarnath Agarwal Poems in Hindi पढ़ पाएंगे, केदारनाथ अग्रवाल की कविताएं आपको सफलता के शीर्ष तक पहुंचाने का सफल प्रयास करेंगी। आशा है कि यह ब्लॉग आपको इंट्रस्टिंग और इंफॉर्मेटिव भी लगा होगा। इसी प्रकार की अन्य कविताएं पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

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