Jigar Moradabadi Shayari in Hindi पढ़कर युवाओं का परिचय जिगर मुरादाबादी के लेखन से होगा। जिगर मुरादाबादी एक ऐसा नाम हैं जो उर्दू साहित्य की तारीख में सदा के लिए अमर माना जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से विद्यार्थियों को उर्दू साहित्य की भी समझ होगी, साहित्य किसी भी भाषा का हो समाज को कलात्मक रूप से सोचने का अवसर प्रदान कराता है। उर्दू साहित्य की अलख को जन-जन तक पहुंचाने वाले शायरों की सूची में “जिगर मुरादाबादी” का भी नाम आता है, उनके द्वारा लिखी गयीं शायरी आज भी युवाओं का मार्गदर्शन कर रही हैं। इस पोस्ट के माध्यम से आप Jigar Moradabadi Shayari in Hindi के साथ-साथ, जिगर मुरादाबादी का संक्षिप्त जीवन परिचय भी पढ़ पाएंगे। जिगर मुरादाबादी की शायरी विद्यार्थियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का भरपूर प्रयास करेंगे।
This Blog Includes:
यह भी पढ़ें : महिला सशक्तिकरण: एक नए समाज की शुरुआत
जिगर मुरादाबादी का संक्षिप्त जीवन परिचय
Jigar Moradabadi Shayari in Hindi पढ़कर आप जिगर मुरादाबादी के लेखन से परिचित हो सकते हैं। Jigar Moradabadi Shayari in Hindi पढ़ने से पहले आपको उस सदी के महान शायरों में एक जिगर मुरादाबादी का जीवन परिचय अवश्य पढ़ लेना चाहिए। जिगर मुरादाबादी का मूल नाम “अली सिकंदर” था। जिगर मुरादाबादी का लेखन इस प्रकार का तह कि आज भी उनका लेखन प्रासंगिक माना जाता है।
जिगर मुरादाबादी का जन्म 8 अप्रैल 1890 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हुआ था। उनके पिता अब्दुल अली खान एक वकील और उनकी माता अमीर बेगम एक गृहिणी थीं। जिगर मुरादाबादी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुरादाबाद में प्राप्त की थी। जिगर मुरादाबादी की ग़ज़लों में प्रेम, विरह, दर्द, और जीवन के अन्य पहलुओं का वर्णन किया गया है। जिगर मुरादाबादी की ग़ज़लों की भाषा सरल और सहज है, जिस कारण उन्हें आज भी उतनी ही प्रसद्धि प्राप्त है।
जिगर मुरादाबादी ने वर्ष 1910 में अपना पहला ग़ज़ल संग्रह “आतिश-ए-गुल” को प्रकाशित किया। इस संग्रह को साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। जिगर मुरादाबादी ने कई अन्य ग़ज़ल संग्रह भी प्रकाशित किए, जिनमें “शब-ए-ग़म”, “नग़्मा-ए-जिगर”, “आह-ए-सर्द”, “पैग़ाम-ए-जिगर”, और “ख़ुशबू-ए-जिगर” शामिल हैं। सदी के महान शायरों में से एक जिगर मुरादाबादी का 3 मार्च 1982 को नई दिल्ली में निधन हुआ था।
यह भी पढ़ें : Women Empowerment Quotes in Hindi
Jigar Moradabadi Shayari in Hindi
Jigar Moradabadi Shayari in Hindi पढ़कर युवाओं को उर्दू साहित्य के बारे में पता लगेगा, Jigar Moradabadi Shayari in Hindi कुछ इस प्रकार हैं;
“हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं
हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं…”
-जिगर मुरादाबादी
“हम ने सीने से लगाया दिल न अपना बन सका
मुस्कुरा कर तुम ने देखा दिल तुम्हारा हो गया…”
-जिगर मुरादाबादी
“जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैं
वही दुनिया बदलते जा रहे हैं…”
-जिगर मुरादाबादी
“ये इश्क़ नहीं आसाँ इतना ही समझ लीजे
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है…”
-जिगर मुरादाबादी
“उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें
मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहाँ तक पहुँचे…”
-जिगर मुरादाबादी
“तेरी आँखों का कुछ क़ुसूर नहीं
हाँ मुझी को ख़राब होना था…”
-जिगर मुरादाबादी
“तिरे जमाल की तस्वीर खींच दूँ लेकिन
ज़बाँ में आँख नहीं आँख में ज़बान नहीं…”
-जिगर मुरादाबादी
“इश्क़ जब तक ना कर चुके रुस्वा
आदमी काम का नहीं होता…”
-जिगर मुरादाबादी
“अपना ज़माना आप बनाते हैं अहल-ए-दिल
हम वो नहीं कि जिन को ज़माना बना गया…”
-जिगर मुरादाबादी
“यूँ ज़िंदगी गुज़ार रहा हूँ तिरे बग़ैर
जैसे कोई गुनाह किए जा रहा हूँ मैं…”
-जिगर मुरादाबादी
शायरी से संबंधित आर्टिकल्स
Firaq Gorakhpuri Shayari in Hindi | Eid Mubarak Shayari |
Valentine Day Shayari in Hindi | Republic Day 2024 Shayari in Hindi |
जिगर मुरादाबादी के शेर
Jigar Moradabadi Shayari in Hindi के माध्यम से आपको जिगर मुरादाबादी के शेर पढ़ने का अवसर मिलेगा। जिगर मुरादाबादी के शेर पढ़कर युवाओं को साहित्य के आँगन में फलने-फूलने की प्रेरणा मिलेगी। जिगर मुरादाबादी के शेर युवाओं का परिचय साहित्य के सौंदर्य से करवाएंगे, जो कुछ इस प्रकार हैं;
“हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं
हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं…”
-जिगर मुरादाबादी
“दिल में किसी के राह किए जा रहा हूँ मैं
कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूँ मैं…”
-जिगर मुरादाबादी
“हम ने सीने से लगाया दिल न अपना बन सका
मुस्कुरा कर तुम ने देखा दिल तुम्हारा हो गया…”
-जिगर मुरादाबादी
“इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का अदना ये फ़साना है
सिमटे तो दिल-ए-आशिक़ फैले तो ज़माना है…”
-जिगर मुरादाबादी
“इतने हिजाबों पर तो ये आलम है हुस्न का
क्या हाल हो जो देख लें पर्दा उठा के हम…”
-जिगर मुरादाबादी
“आ कि तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त घबराता हूँ मैं
जैसे हर शय में किसी शय की कमी पाता हूँ मैं…”
-जिगर मुरादाबादी
“आग़ाज़-ए-मोहब्बत का अंजाम बस इतना है
जब दिल में तमन्ना थी अब दिल ही तमन्ना है…”
-जिगर मुरादाबादी
“या वो थे ख़फ़ा हम से या हम हैं ख़फ़ा उन से
कल उन का ज़माना था आज अपना ज़माना है…”
-जिगर मुरादाबादी
“क्या हुस्न ने समझा है क्या इश्क़ ने जाना है
हम ख़ाक-नशीनों की ठोकर में ज़माना है…”
-जिगर मुरादाबादी
“आदमी आदमी से मिलता है
दिल मगर कम किसी से मिलता है…”
-जिगर मुरादाबादी
यह भी पढ़ें : Motivational Quotes in Hindi for Success
जिगर मुरादाबादी की शायरी
Jigar Moradabadi Shayari in Hindi के माध्यम से आपको जिगर मुरादाबादी की दर्द भरी शायरी पढ़ने का अवसर मिलेगा। जिगर मुरादाबादी की दर्द भरी शायरी युवाओं को एक शायर के ग़मों से अवगत कराएंगी। जिगर मुरादाबादी की दर्द भरी शायरी कुछ इस प्रकार हैं;
“दोनों हाथों से लूटती है हमें
कितनी ज़ालिम है तेरी अंगड़ाई…”
-जिगर मुरादाबादी
“मिरी ज़िंदगी तो गुज़री तिरे हिज्र के सहारे
मिरी मौत को भी प्यारे कोई चाहिए बहाना…”
-जिगर मुरादाबादी
“इब्तिदा वो थी कि जीना था मोहब्बत में मुहाल
इंतिहा ये है कि अब मरना भी मुश्किल हो गया…”
-जिगर मुरादाबादी
“उस ने अपना बना के छोड़ दिया
क्या असीरी है क्या रिहाई है…”
-जिगर मुरादाबादी
“दिल को सुकून रूह को आराम आ गया
मौत आ गई कि दोस्त का पैग़ाम आ गया…”
-जिगर मुरादाबादी
“हमीं जब न होंगे तो क्या रंग-ए-महफ़िल
किसे देख कर आप शरमाइएगा…”
-जिगर मुरादाबादी
“सदाक़त हो तो दिल सीनों से खिंचने लगते हैं वाइ’ज़
हक़ीक़त ख़ुद को मनवा लेती है मानी नहीं जाती…”
-जिगर मुरादाबादी
“मोहब्बत में इक ऐसा वक़्त भी दिल पर गुज़रता है
कि आँसू ख़ुश्क हो जाते हैं तुग़्यानी नहीं जाती…”
-जिगर मुरादाबादी
“जहल-ए-ख़िरद ने दिन ये दिखाए
घट गए इंसाँ बढ़ गए साए…”
-जिगर मुरादाबादी
“ले के ख़त उन का किया ज़ब्त बहुत कुछ लेकिन
थरथराते हुए हाथों ने भरम खोल दिया…”
-जिगर मुरादाबादी
यह भी पढ़ें : चन्द्रशेखर आजाद शायरी
शायरी से संबंधित अन्य आर्टिकल
आशा है कि इस ब्लॉग में आपको Jigar Moradabadi Shayari in Hindi पढ़ने का अवसर मिला होगा। Jigar Moradabadi Shayari in Hindi पढ़कर आप साहित्य के क्षेत्र में जिगर मुरादाबादी के योगदान से परिचित हो सकते हैं। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।