Desh Bhakti Shayari Hindi- भारत की आजादी के 76 वर्ष पूरे होने पर, अपने प्रिय लोगों को दें शुभकामनाएं

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Desh Bhakti Shayari Hindi

15 अगस्त भारत की आजादी का दिन है, हर भारतीय का सीना आज के दिन चौड़ा हो जाता है। 15 अगस्त, 1947 के दिन ही हमें अंग्रेजों से आजादी मिली थी। इस आजादी को पाने के लिए हमारे बहुत से क्रांतिकारी हंसते हंसते फांसी पर झूल गए, कईयों को लंबे समय तक काल कोठरियों में रहना पड़ा। देशभक्ति के जोश से भरे हुए हमारे क्रांतिकारियों के सामने अंग्रेजों को झुकना ही पड़ा और भारत को आजादी मिली। इस साल भारत की आजादी के 76 वर्ष पूरे हो जाएंगे। आजादी के इस दिन को और बेहतर बनाने के अपने प्रिय लोगों को desh bhakti shayari hindi शेयर करें –

महान लोगों द्वारा कही गई Desh Bhakti Shayari Hindi  

महान लोगो द्वारा कही गई Desh Bhakti Shayari Hindi नीचे दी गई है: 

“सरफरोशी की तम्मना अब हमारे दिल में है” -रामप्रसाद बिस्मिल

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 “व्यक्तियों को कुचलकर वो विचारों को नहीं मार सकते”- भगत सिंह

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“हम आजादी तभी पाते हैं, जब अपने जीवित रहने का पूरा मूल्य चुका देते हैं”- रविन्द्रनाथ टैगोर

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“तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूंगा”- सुभाषचंद्र बोस

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“स्वतंत्रता जन्मसिद्ध हक नहीं, कर्म सिद्ध हक है”- विनोवा भावे

“जो लोग दूसरों को आजादी नहीं देते उन्हें खुद भी इसका हक नहीं होता”- अब्राहम लिंकन

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“स्वतंत्रता का अर्थ जिम्मेदारी है, इसीलिए ज्यादातर लोग इससे डरते हैं” -जॉर्ज बर्नार्ड शॉ

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“स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मै इसे लेकर रहूंगा” –बाल गंगाधर तिलक

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“जिस ईश्वर ने हमको जन्म दिया है, उसने उसी समय हमें स्वतंत्रता भी दी थी”- थॉमस जेफरसन

“दिखावटी देशभक्ति के पाखंड से बचिए”- जार्ज वाशिंगटन

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“जब हम बाधाओं का सामना करते हैं तो हम पाते हैं कि हमारे अंदर साहस और लचीलापन मौजूद हैं जिसकी हमें स्वयं जानकारी नहीं थी, और यह तभी सामने आता हैं जब हम असफ़ल होते हैं, जरूरत हैं कि हम इन्हें तलाशे और जीवन में सफ़ल बनें।”- डॉ एपीजे अब्दुल कलाम

आजादी के इस दिन को और बेहतर बनाने के अपने प्रिय लोगों को इन देश भक्ति शायरियों के जरिए विश कर सकते हैं-

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है 
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है 

बिस्मिल अज़ीमाबादी

हम अम्न चाहते हैं मगर ज़ुल्म के ख़िलाफ़ 
गर जंग लाज़मी है तो फिर जंग ही सही 

साहिर लुधियानवी

बनाना है हमें अब अपने हाथों अपनी क़िस्मत को 
हमें अपने वतन का आप बेड़ा पार करना है 

जाफ़र मलीहाबादी

क्या करिश्मा है मिरे जज़्बा-ए-आज़ादी का 
थी जो दीवार कभी अब है वो दर की सूरत 

अख़्तर अंसारी अकबराबादी
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वो हिन्दी नौजवाँ यानी अलम-बरदार-ए-आज़ादी 
वतन की पासबाँ वो तेग़-ए-जौहर-दार-ए-आज़ादी 

मख़दूम मुहिउद्दीन

लालकिले से चल के तिरंगा हर छत पर लहराएगा 
भारत माँ के जयकारों से हर घर मन्दिर बन जायेगा

दिल को छू जाने वाली देशभक्ति शायरी

आजादी की स्वर्णिम बेला कोहिनूर सी चमक रही। 
हर दिल में अब राष्ट्रवाद की अद्भुत ज्वाला धधक रही।
जिस दिन भारत का बच्चा -2 आजाद भगत बन जाएगा।
भारत माँ के जयकारों से हर घर मन्दिर बन जाएगा
जाने कितनी जान गई कितनी कुर्बान जवानी हुई। 
बलिदानों की लेकिन अबतक पूरी नहीं कहानी हुई।
जिस दिन ये गौरव गाथाएं हर कोई दोहराएगा।
भारत माँ के जयकारों से हर घर मन्दिर बन जाएगा।
अब आई है अपनी बारी इस ऋण को लौटने की।
मूल्यों की परिभाषा गढ़ प्रतिमानों को अपनाने की।
जिस दिन ये मन भारत माँ के चरणों में रम जाएग।
भारत माँ के जयकारों से हर घर मन्दिर बन जाएगा

(कवि लोकेश त्रिपाठी )

Desh Bhakti Shayari Hindi 

छिनी सांसे थीं मेरी ये अब दुनिया भी जानेगी। 
कब्र में कैद मेरी कहानी जब सामने सबके आएगी। 
भेजेगा खुदा किसी फ़रिश्ते को पास मेरे, फिर बरसों बाद मुक्ति भी मिल जाएगी।
जिस जहां ने मुझे गुमशुदा माना, अब वहीं कहानी मेरी पढ़ेगा। 
किसी के ख्वाब में जब मेरा खत, खुद खुदा पोस्ट करेगा।
देशभक्ति की मिसालें जहां.कायनात छू जाती हैं। 
मेरे देश प्रेम पर भी अब जहां गर्व करेगा।
हाथों में हथियार न सही दिल में वो सम्मान तो है। 
मेरी दास्तां जान अब देश मुझपे मरेगा।  
शिल्पा ठाकुर (आजतक)

जंग जीतने वाली शायरी

मैं मुल्क की हिफाजत करूँगा
ये मुल्क मेरी जान है
इसकी रक्षा के लिए
मेरा दिल और जान कुर्बान है
जय हिन्द

जो देश के लिए शहीद हुए
उनको मेरा सलाम है
अपने खून से जिस जमीं को सींचा
उन बहादुरों को सलाम है
जय हिन्द

जो अब तक ना खौला, वो खून नहीं पानी है,
जो देश के काम ना आये, वो बेकार जवानी है
जय हिन्द

लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा
मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे मेरा कि,
मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा
जय हिन्द

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