भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा है कि चंद्रयान-3 मिशन का विक्रम लैंडर जोकि अपना काम बेहतर तरीके से करने के बाद चंद्रमा पर मजे से सो रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सोमनाथ ने यह भी संकेत दिया कि अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित करने के प्रयास जारी रखेगी।
उन्होंने बताया की अभी तक लैंडर से कोई संकेत नहीं प्राप्त हुआ है। उम्मीद है अगर यह जागना चाहता है तो इसे जागने दो और तब तक हम प्रतीक्षा करेंगे। लैंडर ने चंद्र दिवस के समय अपने काम को अच्छे से किया था।
ISRO के चीफ सोमनाथ ने यह बताया कि हमें निराश होने की जरुरत नहीं हैं, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर में ऐसी तकनीक भेजी गई है जिससे वह सूरज की रोशनी से ऊर्जा हासिल कर लेंगे और खुद जग जाएंगे। हमें बस यहां से उन पर नजर रखनी है। हमारे पास अभी अभी 13-14 दिन बाकी हैं।
इसरो द्वारा किये गए 23 अगस्त को इस ऐतिहासिक लैंडिंग के उपरांत लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान ने चंद्र सतह पर कई विभिन्न कार्यों को किया गया। जिसमें सल्फर और सापेक्ष तापमान रिकॉर्ड अन्य कई चीजें पता लगी।
जनवरी तक अपनी मंजिल पर पहुंचेगा आदित्य एल1
सूर्य की स्टडी करने के लिए ISRO के बाद अंतरिक्षयान–आदित्य एल1–के जनवरी के मध्य अपनी मंजिल तक पहुंचने की उम्मीद है। यह एक दूरी की लंबी यात्रा है। यह करीब 110 दिनों की यात्रा है और अब इसने महज कुछ ही दूरी तय की है। हमने इसके प्रक्षेप रास्ता को थोड़ा ठीक किया है, क्योंकि L1 पॉइंट तक पहुंचने के लिए जल्दी सुधार महत्वपूर्ण है। ट्रैकिंग के बाद, हमने पाया कि यह है एल1 पॉइंट की तरफ सही दिशा में जा रहा है।
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