भारत का एक गौरवशाली इतिहास रहा है इसके साथ ही भारत अनेक युद्धों का गवाह भी रहा है। भारत के इतिहास में बहुत से ऐतिहासिक युद्ध दर्ज है। हूण, कुषाण के अलावा मुगलों और अंग्रेजों से भी भारत के वीर राजाओं ने लोहा लिया है। यहाँ तक कि विश्वविजेता सिकंदर ने भी भारत पर हमला किया था जिसका मुकाबला वीरता के साथ किया गया था। इस ब्लॉग में Indian war history in Hindi के सभी ऐतिहासिक युद्धों के बारे में संक्षिप्त में बताया जा रहा है।
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कलिंग का युद्ध (261-262 ईसा पूर्व)
Indian War History In Hindi में सबसे पहला युद्ध है कलिंग का युद्ध यह भारत के इतिहास का एक महत्वपूर्ण युद्ध था, जो मौर्य सम्राट अशोक और कलिंग राज्य के बीच हुआ था। यह युद्ध कलिंग (वर्तमान उड़ीसा) के राजा राजा अनंतवर्मन के खिलाफ लड़ा गया था। इस युद्ध में अशोक की सेना ने कलिंग के खिलाफ हमला किया और अपनी जीत दर्ज की। लेकिन अशोक ने युद्ध के बाद, बौद्ध धर्म अपना लिया और आजीवन शांति और धर्म का प्रचार करने में अपना जीवन व्यतीत किया।
तराइन का युद्ध (1192ईसा पूर्व)
इस युद्ध में मुहम्मद ग़ोरी ने पृथ्वीराज चौहान को हराया और ‘दिल्ली सल्तनत’ का आरंभ किया। तराइन का युद्ध भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण संघर्षों में से एक था। मुहम्मद ग़ोरी और पृथ्वीराज चौहान के बीच यह ऐतिहासिक युद्ध हुआ था। जिसके अंत में मुहम्मद गोरी की जीत हुई और मुगल साम्राज्य की नींव रखी गई।
पानीपत का प्रथम युद्ध (1526)
बाबर और इब्राहीम लोदी के बीच लड़ी गई इस लड़ाई में बाबर ने विजय प्राप्त की और मुगल साम्राज्य की नींव रखी। यह युद्ध 21 अप्रैल 1526 को पानीपत, हरियाणा में लड़ा गया था। बाबर ने अपनी विशाल फौज और बंदूकों व तोपों की मदद से इब्राहीम लोदी की फौज को हराया। इस युद्ध ने बाबर को भारत में कब्ज़ा करने का अवसर प्रदान किया और मुगल साम्राज्य की नींव रखी।
पानीपत का द्वितीय युद्ध (1556)
अकबर और सम्राट हेम चंद्र विक्रमादित्य के बीच यह युद्ध हुआ था, जिसमें अकबर ने जीत हासिल की और मुगल साम्राज्य को मजबूती से आगे बढ़ाया। पानीपत का द्वितीय युद्ध भारतीय इतिहास का महत्वपूर्ण संघर्ष था, जिसमें मुगल ‘बादशाह अकबर’ और ‘सम्राट हेम चंद्र विक्रमादित्य’, बिहार के राजा, के बीच लड़ा गया था। यह युद्ध 5 नवंबर 1556 को पानीपत, हरियाणा में लड़ा गया था। इस युद्ध में अकबर ने अपनी विशाल फौज और तोपों की मदद से, सम्राट हेम चंद्र की फौज को हराया था। इस युद्ध से अकबर को भारत में मुगल साम्राज्य को मजबूती से स्थापित करने का अवसर मिला।
प्लासी का प्रथम युद्ध (1757):
यह युद्ध ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और सिराज-उद-दौला के बीच हुआ था, जिसमें ब्रिटिश हुकूमत ने जीत हासिल की और बंगाल को अपने अधिकार में ले लिया। प्लासी की लड़ाई भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और बंगाल के नवाब सिराज-उद-दौला के बीच लड़ा गया था। यह युद्ध 23 जून 1757 को प्लासी, बंगाल (वर्तमान बांग्लादेश) में लड़ा गया था। ब्रिटिश कंपनी की सेना, जिनके प्रमुख थे रॉबर्ट क्लाइव, ने दावा किया कि वे व्यापार के लिए यहाँ आए थे, लेकिन उनका वास्तविक उद्देश्य बंगाल को कंपनी के अधीन करना था। सिराज-उद-दौला की हार के बाद, ब्रिटिश कंपनी ने बंगाल को अपने अधिकार में ले लिया जिसके कारण भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव स्थापित हो गई।
प्लासी का द्वितीय युद्ध (1764)
यह युद्ध ब्रिटिश हुकूमत और मीर कासिम (जो वर्ष 1763 तक बंगाल का नवाब रहा था) के बीच हुआ था, जिसमें ब्रिटिश ने मुगल साम्राज्य के खिलाफ जीत हासिल की और उपयुक्त कैलकट्टा से किंगडम ऑफ बंगाल की शुरुआत की। प्लासी की लड़ाई भारतीय इतिहास का महत्वपूर्ण घटनाक्रम था, जिसमें ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और नवाब शुजाउद्दौला के बीच लड़ाई हुई थी। यह युद्ध 23 जून 1764 को भारत के प्लासी, वर्धा जिले में लड़ा गया था।
ब्रिटिश कंपनी की सेना, जिसके प्रमुख थे रॉबर्ट क्लाइव, ने शुजाउद्दौला की बड़ी सेना को हराया। इस युद्ध के परिणामस्वरूप, कंपनी ने बंगाल, बिहार, और उड़ीसा के प्रशासन का नियंत्रण प्राप्त किया और इससे भारतीय साम्राज्य ब्रिटिश हुकूमत के अधीन आ गया, जिससे भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का आगमन हो गया।
हिस्ट्री ऑफ़ द इंडियन म्यूटिनी (1857-1858)
यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत का प्रारंभ था, जिसमें सिपाहियों ने ब्रिटिश कंपनी के खिलाफ बगावत की और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। सिपाही म्यूटिनी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण प्रारंभ था। यह युद्ध 1857 में भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के औद्योगिक सिपाहियों और भारतीय जनता के बीच हुआ था। यह युद्ध मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई, बहादुर शाह जफर, और अन्य नेताओं के प्रेरणास्पद नेतृत्व में लड़ा गया था। इस युद्ध के बाद से ही ब्रिटिश कंपनी के खिलाफ विभिन्न क्षेत्रों में विद्रोह उत्पन्न हुआ था।
FAQs
भारत ने आज़ादी के बाद कुल पाँच युद्ध लड़े हैं।
भारत के इतिहास का सबसे खतरनाक युद्ध कौनसा था?
कलिंग युद्ध भारतीय इतिहास की सबसे बड़ी और घातक लड़ाइयों में से एक थी। यह अशोक द्वारा सिंहासन पर बैठने के बाद लड़ा गया एकमात्र प्रमुख युद्ध था।
सन 1576 में अकबर और महाराणा प्रताप के बीच हल्दीघाटी का युद्ध हुआ। यह भारतीय इतिहास की सबसे छोटी लड़ाई मानी जाती है।
आशा है इस ब्लॉग से Indian War History In Hindi और इससे जुड़ी सभी अहम घटनाओं के बारे में बहुत सी जानकारी प्राप्त हुई होगी। भारत के इतिहास से जुड़े हुए ऐसे ही अन्य ब्लॉग पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहे