इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास (आईआईटी-M) ने 1969 में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग की स्थापना की थी। इस विभाग में ISRO के फैकल्टी मेंबर्स जैसे डॉ. वी. आर. ललितंबिका, ह्यूमन रिसोर्स प्रोग्राम डायरेक्टरेट, ISRO के पहले डायरेक्टर; ISRO के पूर्व कर्मचारी लज़ार टी चिटिलापिल्ली; डॉ. पी.बी. नवले, हाई एनर्जी मटीरियल रिसर्च लैब, DRDO के पूर्व एसोसिएट डायरेक्टर और अन्य हस्तियां शामिल हैं। इस कोर्स में हर वर्ष कई लाख का सालाना पैकेज छात्रों को मिलता है।
डेटा एनालिसिस – आईआईटी मद्रास एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए सालाना औसत सैलरी में हर साल बड़े तौर पर इजाफा हुआ है। आईआईटी मद्रास एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग की सालाना औसत सैलरी 2017-18 में INR 10.4 लाख प्रति वर्ष से बढ़कर 2021-22 में INR 18.67 लाख प्रति वर्ष हो गई है।
आईआईटी मद्रास द्वारा उपलब्ध कराए गए ऑफिशियल स्टैट्स के अनुसार, सालाना औसत सैलरी 2018-19 में INR 12.67 लाख प्रति वर्ष से बढ़कर 2019-20 में INR 13.11 लाख और फिर 2020-21 में INR 14.07 लाख प्रति वर्ष हो गई है।
जॉब ऑफर्स की कुल संख्या में भी यही ट्रेंड देखा गया है क्योंकि संख्या 2017-18 में 39 से बढ़कर 2018-19 में 64 हो गई, लेकिन 2019-20 में मामूली गिरावट के साथ 61 और 2020-21 में 56 हो गई। हालाँकि, 2021-22 में यह संख्या एक बार फिर बढ़कर 84 हो गई। यह COVID-19 महामारी के कारण हो सकता है।
2017-18 में एम्प्लॉयड छात्रों की संख्या 35 से बढ़कर 2018-19 में 56 हो गई है, लेकिन 2019-20 में घटकर 50 और 2020-21 में 49 हो गई है। फिर यह संख्या, ऑफ़र की कुल संख्या की तरह, 2021-22 में बढ़कर (67) हो गई।
यह था पिछले कुछ वर्षों का ओवरऑल प्लेसमेंट
आईआईटी-मद्रास के आंकड़ों के मुताबिक, 2021-22 में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग का प्लेसमेंट प्रतिशत 78 था। विभाग का न्यूनतम पैकेज INR 6.5 लाख प्रति वर्ष और अधिकतम पैकेज 2021-22 में INR 46 लाख प्रति वर्ष था।
टॉप रिक्रूटर्स
इंजीनियरिंग डिज़ाइन डिपार्टमेंट के टॉप रिक्रूटर्स में Texas Instruments, Bajaj Auto, Qualcomm, JP Morgan Chase, Procter & Gamble, Morgan Stanley, Graviton, McKinsey & Company और Cohesity आदि बड़ी कंपनियां छात्रों को रिक्रूट करती हैं।
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