होलिका दहन से जुड़ी कुछ अनोखी कविताएं और गज़ल

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Holika dahan se judi kuch anokhi kavitayen aur gazalen

Holika dahan se judi kuch anokhi kavitayen aur gazalen आपको होलिका दहन पर कुछ कविताओं को पढ़ने का अवसर प्राप्त होगा। होली एक ऐसा पर्व जिसे मनाने वाले भी अपने-अपने तरीके से, अपने-अपने भावों के साथ मनाते है। कहीं लठमार होली जिसके पीछे गुस्सा और गुस्से में छिपा प्रेम होता है, कहीं फूलों के साथ होली खेली जाती है जिसके पीछे समर्पण भाव छिपा होता है, कहीं गीतों के माध्यम से होली मनाई जाती है जिसके पीछे भक्ति भाव छिपा होता है तो कहीं रंगों से खेली जाती है जिसके पीछे प्रेम भाव छिपा होता है।

ठीक उसी प्रकार कवियों और शायरों का होली महोत्सव एक अलग ही प्रकार से मनाया जाता है, जिसके पीछे वीर रस, हास्य रस और प्रेम रस आदि को व्यक्त करने के लिए कवियों द्वारा शब्दों को माध्यम बनाया जाता है। होलिका दहन पर कविताएं और होली पर कविताएं आपके जीवन में खुशियों का स्वागत करेंगी। होलिका दहन पर कविताएं अक्सर होली पर्व की महिमा को समाज के सामने चित्रित करती हैं। इस ब्लॉग में आपको होली पर कविताएं पढ़ने का अवसर प्राप्त होगा, जो कि आपको होली पर्व की खूबसूरती के बारे में बताएंगी।

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“कवियों के शब्दों से ही जागता समाज है, हर अनोखी रीति का बनता नया रिवाज़ है
 होली के रंगों में जो खुशियों को टटोलती, दुखों पर दहाड़ती वह कवि की आवाज़ है…”

कवियों को समाज का आईना माना जाता है जो कि सुखों का संगीत, भक्ति का भाव, प्रेम की प्रतिज्ञा, हिंसा पर हुंकार, न्याय का नीर, अन्याय पर आक्रमण करना जानते है। कवियों का काम समाज में जागरण करने का होता है, कवियों का काम सत्ताओं को सच दिखाने का होता है, कवियों का काम सिंहासन का संरक्षण करना होता है, कवियों का काम आंसुओं को खुशियों में बदलने का होता है और इसी प्रथा को कवियों ने आज तक अपने कन्धों पर धारण कर रखा है।

कवियों के गीत, कवियों के बोल हमेशा पर्वों को अपने अलग ही अंदाज़ में मनाते है। एक ऐसा अंदाज़ जो पर्वों की एक अलग परिभाषा बताता है जो त्योहारों के एक अलग तेवर समाज को दिखाता है, कुछ कविताओं और नज़्मों के आधार पर आप इस बात को समझ पाएंगे कि कैसे एक कवि का मन पर्वों को अपने अलग अंदाज़ में मनाता है।

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तेरे इंतज़ार में गुलाल

“कोई प्रथा नहीं प्रेम का प्रकार है
तुम्हारे इंतज़ार में ये गुलाल बेक़रार है
होलिका दहन के बाद
मेरे मन में रात भर
एक ही ख्याल आया
काली करके सारी रात
नींदों को त्याग कर
वो ख्याल बड़ा कमाल आया
प्रेम किया है, कहाँ इससे इंकार है
तुम्हारे इंतज़ार में ये गुलाल बेक़रार है
सोचता रहा मैं मौन रहा
हँसता रहा, न जाने कौन रहा
तुम्हारी आहट को कैसे ढूंढूं मैं?
कभी इधर भटका, कभी उधर भटका
कभी आँखें झपकी, कभी तारों को देखता रहा
तुम्हारा पता किस से पूंछू मैं?
संग खेलेंगे होली, होनी खुशियों की बौछार है
तुम्हारे इंतज़ार में ये गुलाल बेक़रार है…”

 -मयंक विश्नोई

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रंग बिरंगे मेरे यार

“संकट के समय साथ रहते है हर बार
होली के रंगों से रंग बिरंगे मेरे यार
पूछ न ले परेशानी पता मेरा मुझसे
है खुशियों का ठिकाना, रंग बिरंगे मेरे यार
कोई साथ दे या बस नकार दें मुझे
मुझे सँभालने को तैयार, रंग बिरंगे मेरे यार
बचपने को मेरी मासूमियत समझकर
गुलाल की महक से महकते, रंग बिरंगे मेरे यार
जहाँ खड़ा है ‘मयंक’ आज जिस भी मुकाम पर
मेरी सफलता का श्रेय, है रंग बिरंगे मेरे यार…”

-मयंक विश्नोई 

Holi ke rang aur unke adbhut prabhav kavitaon ke madhyam se

होली कैसे मनाऊं मैं?

“एक तरफ है भुखमरी और दूसरी तरफ है धोखेबाज़ी
इन दोनों के बीच खड़ा हो होली कैसे मनाऊं मैं?
किसी के सिर पर छत नहीं, और कोई जमीं से मोहताज़ है
दोनों में फ़र्क जानकर, भला होली कैसे मनाऊं मैं?
कथनी और करनी है किन कर्मों की कारिस्तानी
कोई बताये कि आंशुओं को कहा जाकर बहाऊं मैं?
यह समाज क्यों निकालता है खामियों को मेरी
खूबियां है मुझमें भी अब यह किसको बताऊं मैं?
सियासत झलकती है साफ़ सबकी निगाहों में
रंगों की रंगते परख, अब होली कैसे मनाऊं मैं?
जख़्मी, हालात का मारा और बेचारा है ‘मयंक’
फाल्ग ही बताये, अकेला होली कैसे मनाऊं मैं?

मयंक विश्नोई 

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होलिका दहन पर अनमोल विचार

Holika dahan se judi kuch anokhi kavitayen aur gazalen के माध्यम से आपको होलिका दहन के बारे में भी पता लगेगा। होलिका दहन पर अनमोल विचार पढ़कर आप इस पर्व का उत्सव हर्षोल्लास के साथ मना सकते हैं। Holika dahan se judi kuch anokhi kavitayen aur gazalen के साथ-साथ आपको होलिका दहन पर अनमोल विचार पढ़ने का अवसर इस ब्लॉग में मिलेगा। होलिका दहन पर अनमोल विचार कुछ इस प्रकार हैं;

  • होलिका दहन प्रतीक है अधर्म के नाश का और धर्म की जयकार का।
  • अपने अंतर्मन में व्याप्त कुरीतियों को होलिका दहन की पवित्र अग्नि में जलाकर भस्म कर दें।
  • होलिका दहन से उठा प्रकाश मानव को साहसी बनाए और मानव का मार्गदर्शन करे।
  • होलिका दहन के अवसर पर विश्व में शांति का आगमन हो।
  • होलिका दहन की शाम विद्यार्थियों को नए सपने देखना सिखाती है।

हमारे देश में हर किसी को अपनी सुविधाओं के अनुसार कोई भी पर्व मनाने की पूरी स्वतंत्रता है, आप बड़े हर्षोल्लास के साथ होली के इस महान पर्व को मनाए और अपने आसपास खुशियों को बढ़ाएं।

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आशा है आपको Holika dahan se judi kuch anokhi kavitayen aur gazalen पढ़ने का अवसर प्राप्त हुआ होगा साथ ही यह ब्लॉग आपको इंट्रस्टिंग और जानकारी से भरपूर लगा होगा। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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