जानिए डायलिसिस क्या है?

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Dialysis Kya Hai

क्या आपने कभी डायलिसिस का नाम सुना है? जरूर सुना होगा लेकिन Dialysis Kya Hai ये आपके दिमाग में आया होगा। डायलिसिस किडनी की तरह के कार्यों को करने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली उपचार प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया गुर्दे की विफलता वाले मरीज में रक्त को साफ और शुद्ध करने के लिए उपयोग में लाई जाती है। डायलिसिस घर और अस्पताल दोनों जगह में से कही भी उपयोग में लाई जा सकती हैं, परन्तु इसका प्रयोग अस्पताल में डॉक्टर की देख-रेख में किया जाना सुरक्षित होता है। यह प्रक्रिया किडनी की विफलता वाले मरीज को जीवित रखने, उसके स्वास्थ्य में सुधार करने और विषाक्त तरल पदार्थ को शरीर से बाहर निकलने के लिए आवश्यक होती है। चलिए जानते हैं Dialysis Kya Hai के बारे में।

डायलिसिस क्या होती है?

डायलिसिस मनुष्य शरीर में खून को साफ करने का आर्टिफीशियल मेथड है। जब किसी व्यक्ति की किडनी अपना कार्य सही से और सुचारु रूप से नहीं कर पाती है तो उस समय उस व्यक्ति को डायलिसिस की जरूरत होती है। यह प्रक्रिया तब तक कि जाती है जब तक उस व्यक्ति की किडनी अपना कार्य वापस सुचारु रूप से ना शुरू कर दें। यह प्रक्रिया शरीर से व्यर्थ पदार्थ के साथ-साथ अतिरिक्त पानी को भी हटा देती है और साथ ही उन्हें हमारे शरीर में जमा होने से भी रोकती है। यह हमारे रक्त में सोडियम, बाईकार्बोनेट और पोटेशियम जैसे कुछ केमिकल्स ऑप्टीमल लेवल के भीतर रखना सुनिश्चित करती है और साथ ही साथ ब्लड प्रेसर को भी नियंत्रित करने में मदद करती है।

क्या आप जानते है की एक स्वस्थ व्यक्ति की किडनी करीब 1,500 लीटर ब्लड को साफ़ करने में सहायक होती है। यदि हमारी किडनी अपना कार्य सही से नहीं करेगी तो हमारे ब्लड में बहुत सारे अपशिष्ट पदार्थ जमा हो जायेंगे जो कि हमारे लिए नुकसानदायक होते हैं। इसके कारण स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं जो कि जानलेवा भी साबित हो सकती है। मूत्र के जरिए हम हमारे शरीर से कई सारे अपशिष्ट पदार्थो को बाहर निकालते हैं और अगर हमारी किडनी सही से कार्य नहीं करेगी तो हमारे शरीर में मूत्र का निर्माण सही से नहीं हो पाएगा। जिसके कारण हमारे शरीर में कई व्यर्थ पदार्थ जमा हो जाएंगे और इसके कारण हमें थकान, सूजन, उलटी और साँस से संबंधी जैसी कई परेशानी हो सकती है।

Dialysis Kya Hai

डायलिसिस से सुरक्षित रहने के लिए क्या करें?

डायलिसिस उपचार में मरीज को मदद करनी चाहिए, उपचार के दौरान हिलना-डुलना नहीं चाहिए। डॉक्टर द्वारा मशीन में रक्त प्रवाह करने के लिए शल्य चिकित्सा से ट्यूब को धमनियों से जोड़ा जाता है अतः मरीज को धैर्य का परिचय देना चाहिए-

  • डायलिसिस उपचार के दौरान आरामदायक कपड़े पहनना चाहिए।
  • डायलिसिस के बाद मरीज को पर्याप्त मात्रा में आराम करना चाहिए।
  • डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का भली भांति पालन करना चाहिए।
  • डॉक्टर की सलाह से एक निश्चित आहार योजना अपनानी चाहिए।
  • उपचार बाद किसी भी तरह की समस्या उत्पन्न होने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर करना चाहिए।
  • निर्जलीकरण से बचने के लिए उचित तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए।
  • इबप्रोफेन और डिक्लोफेनाक समेत किसी भी एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग्स लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
  • शराब और धूम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • सोडियम, फॉस्फोरस और प्रोटीन की मात्रा में कमी वाले आहार का सेवन करना चाहिए।

डायलिसिस के प्रकार

Dialysis Kya Hai यह जानने के बाद जाने इनके प्रकार जो इस प्रकार है। डायलिसिस के दो मुख्य प्रकार होते हैं-

हेमोडायलिसिस

यह डायलिसिस का सबसे आम प्रकार है। यह प्रक्रिया रक्त से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को हटाने के लिए कृत्रिम किडनी (Hemodialyzer) का उपयोग करती है। हेमोडायलिसिस प्रक्रिया के तहत रक्त को शरीर से बाहर निकालकर, कृत्रिम किडनी के माध्यम से फ़िल्टर किया जाता है। और फिर फ़िल्टर किए गए रक्त को डायलिसिस मशीन की मदद से शरीर में वापस कर दिया जाता है। हेमोडायलिसिस उपचार तीन से पांच घंटे तक किया जाता है और एक सप्ताह में तीन बार दुहराया जाता है।

पेरिटोनियल डायलिसिस

पेरिटोनियल डायलिसिस प्रक्रिया में रक्त को शरीर के अंदर ही साफ किया जाता है। इस प्रक्रिया में रक्त से अपशिष्ट पदार्थ को अवशोषित करने के लिए पेट में एक विशेष प्रकार का द्रव डाला जाता है, जो पेट की गुहा में छोटी वाहिकाओं के माध्यम से गति करता है। यह तरल पदार्थ, रक्त से अपशिष्ट को अवशोषित कर सूख जाता है। पेरिटोनियल डायलिसिस प्रक्रिया को आम तौर पर घर पर अपनाया जा सकता है।

डायलिसिस के बाद इन बातों का रखें ख्याल

डायलिसिस के बाद किन बातों का रखें ख्याल, इसकी जानकारी इस प्रकार है:

  • मरीज को हमेसा अपने खाने पीने का ख्याल रखना चाहिए तथा अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए कि किन-किन प्रोटीन का सेवन करना है और कितनी मात्रा में नमक और तरल पदार्थ का सेवन करना है।
  • मरीज को शराब व धूम्रपान के सेवन से दूर रहना चाहिए इसके सेवन से किडनी की समस्या हो जाती है।
  • डायलिसिस के दौरान मरीज के जिस जगह पर चीरा लगाया है वहां पर लालिमा, सूजन या मवाद जैसी कुछ समस्या है तो तुरंत डॉक्टर को दिखावें।
  • मरीज को यह ख्याल रखना चाहिए कि कैथेटर को ढंकने वाली पट्टी सूखी और साफ है ना।
  • डायलिसिस के दौरान उपचार करने वाले व्यक्ति को अपने हाथ अच्छे से धोना चाहिए।

12वीं के बाद बनें ब्लड बैंक टेकनीशियन

बदलते परिवेश के कारण वर्तमान समय मे शुद्द जल एक बड़ी चुनौती बन चुका है। जिसकी वजह से किडनी रोगियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। जब किडनी में प्रॉब्लम हो जाती है तो रक्त शुद्धिकरण की प्रक्रिया सही से नही हो पाती है। ऐसे में किडनी रोगियों को क्रत्रिम रूप से हॉस्पिटल जाकर खून शुद्धिकरण की प्रक्रिया अपनाते हैं। आजकल तो लगभग हर हॉस्पिटल में डायलिसिस यूनिट होती हैं, इसलिए जॉब भी इस क्षेत्र में आसानी से मिल जाती है।

डायलिसिस टेक्नोलॉजी कोर्सेज

डायलिसिस टेक्नोलॉजी में पढ़ाए जाने वाले कोर्सेज के नाम इस प्रकार हैं:

  • BSc in Dialysis Therapy
  • BSc in Renal Dialysis
  • BSc in Dialysis Technology
  • Diploma in Dialysis Technology
  • Certificate in Dialysis Technology
  • MSc in Dialysis Technology

विदेश में डायलिसिस की पढ़ाई करने के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज

यदि आप विदेश में डायलिसिस की पढ़ाई करना चाहते हैं, तो यहां दुनिया भर के कुछ प्रतिष्ठित संस्थान हैं जिन पर आप विचार कर सकते हैं।

विश्वविद्यालयक्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग 2023
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, संयुक्त राज्य अमेरिका5
टोरंटो यूनिवर्सिटी, कनाडा26
जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी25
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूके2
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, संयुक्त राज्य अमेरिका3
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी सैन फ्रांसिस्को, संयुक्त राज्य अमेरिका
पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी, संयुक्त राज्य अमेरिका13
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, संयुक्त राज्य अमेरिका3
मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी 1
वाशिंगटन यूनिवर्सिटी85
कॉर्नेल यूनिवर्सिटी21
येल यूनिवर्सिटी14

डायलिसिस टेक्नोलॉजी के लिए बेस्ट भारतीय कॉलेज

डायलिसिस टेक्नोलॉजी के लिए बेस्ट भारतीय कॉलेज के नाम इस प्रकार हैं:

  • आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, दिल्ली
  • जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, पुडुचेरी
  • बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी
  • गवर्नमेंट किलपौक मेडिकल कॉलेज (GKMC), चेन्नई
  • संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट मेडिकल कॉलेज
  • जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी, दिल्ली
  • क्रिचिश्यन मेडिकल कॉलेज, वेलोर
  • टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस
  • गुरु गोविंदसिंह मेडिकल कॉलेज, पंजाब
  • एसआरएम यूनिवर्सिटी, चेन्नई
  • मणिपाल यूनिवर्सिटी
  • दयानंद मेडिकल कॉलेज, लुधियाना

आप UniConnect के जरिए विश्व के पहले और सबसे बड़े ऑनलाइन विश्वविद्यालय मेले का हिस्सा बनने का मौका पा सकते हैं, जहाँ आप अपनी पसंद के विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि से सीधा संपर्क कर सकेंगे।

योग्यता

Dialysis Kya Hai जानने के साथ-साथ यह भी जानना आवश्यक है कि इसमें करियर बनाने के लिए क्या-क्या योग्यता है, जो इस प्रकार है:

  • बैचलर्स करने के लिए कैंडिडेट को किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से साइंस स्ट्रीम में 12वीं उत्तीर्ण करना आवश्यक है।
  • मास्टर्स करने के लिए कैंडिडेट को किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बैचलर्स उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।
  • पीएचडी करने के लिए कैंडिडेट को किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से मास्टर्स उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।
  • विदेश की अधिकतर यूनिवर्सिटीज बैचलर्स के लिए SAT और मास्टर्स कोर्सेज के लिए GRE स्कोर की मांग करते हैं।
  • विदेश की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए IELTS या TOEFL टेस्ट स्कोर, अंग्रेजी प्रोफिशिएंसी के प्रमाण के रूप में ज़रूरी होते हैं। जिसमे IELTS स्कोर 7 या उससे अधिक और TOEFL स्कोर 100 या उससे अधिक होना चाहिए।
  • विदेश यूनिवर्सिटीज में पढ़ने के लिए SOPLORसीवी/रिज्यूमे और पोर्टफोलियोभी जमा करने की जरूरत होती है।

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आवेदन प्रक्रिया 

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध (essay), सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसेIELTSTOEFLSATACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTSTOEFLPTEGMATGRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीजाऔर छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे। 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है।

आवदेन प्रक्रिया से सम्बन्धित जानकारी और मदद के लिए Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से 1800 572 000 पर संपर्क करें

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है:

  1. सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  2. यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  3. फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  4. अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  5. इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  6. यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

आवदेन प्रक्रिया से सम्बन्धित जानकारी और मदद के लिए Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से 1800 572 000 पर संपर्क करें

आवश्यक दस्तावेज 

कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–

छात्र वीजा पाने के लिए भी Leverage Edu विशेषज्ञ आपकी हर सम्भव मदद करेंगे।

डायलिसिस टेक्नोलॉजी में करियर स्कोप

डायलिसिस टेक्नोलॉजी पैरामेडिकल से जुड़ा कोर्स है, इसलिए इस सेक्टर में कैरियर के अवसर भी ज्यादा हैं। इस सेक्टर में आप विभिन्न हॉस्पिटल और नर्सिंग होम, डायलिसिस सेंटर में जॉब तलाश सकते हैं। चूंकि आज के समय मे हॉस्पिटल्स की कमी नही है, इसलिए आपको जॉब के लिए ज्यादा भटकना नही पड़ेगा। 

डायलिसिस टेक्नोलॉजी में जॉब प्रोफाइल्स

डायलिसिस टेक्नोलॉजी में जॉब प्रोफाइल्स इस प्रकार हैं:

  • डायलिसिस एग्जीक्यूटिव
  • डायलिसिस टेक्नीशियन
  • लैब एक्सपर्ट
  • मेडिकल अटेंडेंट
  • थेरेपेटिक असिस्टेंस
  • ट्रेनर

डायलिसिस टेक्नीशियन की सैलरी

अगर आप ट्रेनर के तौर पर डायलिसिस टेक्नीशियन करियर की शुरुआत करते हैं तो आपको सिर्फ स्टाइपेंड मिल सकता है, वो भी जरूरी नही। एक डायलिसिस टेक्नीशियन की शुरुआती सैलरी INR 3-5 लाख सालाना के बीच होती है, जोकि अनुभव के साथ बढ़ती रहती है।

FAQs

Dialysis Kya Hai?

डायलिसिस किडनी से संबंधित एक इलाज होता है।

डायलिसिस क्यों किया जाता है?

गुर्दे से जुड़े रोगों, लंबे समय से मधुमेह के रोगी, उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियों में कई बार डायलसिस की आवश्यकता पड़ती है।

डायलिसिस कब तक करना चाहिए?

आमतौर पर डायलिसिस से गुजरने वाले व्यक्ति के लिए औसत जीवन जीने की दर 5-10 वर्ष है लेकिन कुछ मामलों में जीवन प्रत्याशा 20 वर्ष या उससे अधिक हो जाती है।

आशा करते हैं कि Dialysis Kya Hai का ब्लॉग अच्छा लगा होगा। अगर आप विदेश में डायलिसिस टेक्नोलॉजी की पढ़ाई करना चाहते है तो आज ही हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से 1800 572 000 पर कॉल करके 30 मिनट का फ्री सेशन बुक कीजिए।

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