Chitra Mudgal Biography in Hindi: चित्रा मुद्गल आधुनिक हिंदी कथा साहित्य में प्रतिष्ठित लेखिकाओं में से एक मानी जाती हैं। वहीं उन्हें हिंदी कथा साहित्य में अपना विदेश योगदान देने के लिए कई पुरस्कारों व सम्मान से सम्मानित किया जा चुका हैं, जिनमें ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, ‘व्यास सम्मान’ और ‘साहित्य भूषण’ आदि कई सम्मान शामिल हैं। बता दें कि कई प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ-साथ UGC/NET की परीक्षा में भी चित्रा मुद्गल जी की रचनाओं से संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं। इसलिए चित्रा मुद्गल का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्धयन करना आवश्यक है।
आइए अब चित्रा मुद्गल का जीवन परिचय (Chitra Mudgal biography in Hindi) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | चित्रा मुद्गल (Chitra Mudgal) |
जन्म | 10 दिसंबर, 1944 |
जन्म स्थान | एगमोर, चेन्नई, तमिलनाडु |
पिता का नाम | ठाकुर प्रतापसिंह |
पति का नाम | अवध नारायण मुद्गल |
शिक्षा | एम.ए |
पेशा | लेखिका |
भाषा | हिंदी |
विधाएँ | उपन्यास, कहानी, रिपोर्ताज, नाटक व लेख |
साहित्य काल | आधुनिक काल |
उपन्यास | आवां, एक जमीन अपनी, गिलिगडु आदि |
कहानी | जहर ठहरा हुआ, अपनी वापसी, भूख, इस हमाम में आदि |
सम्मान | साहित्य अकादमी पुरस्कार, इंदु शर्मा कथा सम्मान |
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चित्रा मुद्गल का प्रारंभिक जीवन – Chitra Mudgal Ka Jivan Parichay
प्रसिद्ध लेखिका चित्रा मुद्गल का जन्म 10 दिसंबर 1944 को चेन्नई, तमिलनाडु में एक संपन्न परिवार में हुआ था। किंतु उनका पैतृक गांव उत्तर प्रदेश राज्य के उन्नाव जिले के निकट ‘निहाली खेड़ा’ में था। बता दें कि चित्रा जी के दादाजी ‘ठाकुर बजरंगसिंह’ अपने इलाके में मशहूर डॉक्टर के रूप में जाने जाते थे। इसके साथ ही उन्हें ब्रिटिश हुकूमत द्वारा ‘राय’ की उपाधि से नवाजा गया था। चित्रा जी के पिता का नाम ‘ठाकुर प्रतापसिंह’ था जो कि नेवी में कमांडर थे। वह अपनी माता को ‘अम्मा’ कहकर बुलाती थी जो कि एक गृहणी थीं। बचपन से ही अपनी माता के प्रति चित्रा जी का विशेष लगाव था।
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चित्रा मुद्गल की शिक्षा
चित्रा मुद्गल जी की प्राथमिक शिक्षा उनके पैतृक गांव निहाली खेडा के निकट भरतीपुर के कन्या पाठशाला से शुरू हुई थी। इसके बाद उनका परिवार मुंबई में आकर बस गया और यहाँ उन्होंने मुंबई के उपनगर विरेपारले में इंग्लिश मीडियम से अपनी पढ़ाई जारी रखी। शिक्षा के साथ साथ चित्रा जी की रूचि चित्रकारी, कविता लेखन और नृत्य में थी। वहीं विद्यालयी जीवन में उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और कई पुरस्कार जीते।
उनकी कॉलेज जीवन की शुरुआत ‘सौम्या कॉलेज’, घाटकोपर से शुरू हुई। वहीं कॉलेज से ही उनके जीवन को एक नया आयाम मिला। अपनी उच्च शिक्षा के दौरान भी चित्रा जी ने कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया व ‘समाजसेवा’ का कार्य भी उन्होंने कॉलेज जीवन से शुरू किया। इसके साथ ही वह श्रमिक महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागृत करने वाली संस्था ‘जागरण’ से भी जुड़ी। जहाँ उन्होंने महानगर में रहने वाले झोपड़पट्टी के लोगों के जीवन को करीब से देखा।
इसके बाद चित्रा मुद्गल (Chitra Mudgal) ने ‘सर जे जे स्कूल ऑफ आर्ट्स’ (Sir J.J. School of Art) से फाइन आर्ट्स से डिप्लोमा प्राप्त किया। फिर वह लंबे समय तक लेखन और समाजसेवा कार्य से जुड़ी रही जिसके बाद उन्होंने ‘एस.एन.डी.टी महिला विश्वविद्यालय’ (SNDT Women’s University) से स्नातक और स्नाकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।
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चित्रा मुद्गल का वैवाहिक जीवन
चित्रा मुद्गल जी का विवाह ‘अवध नारायण मुद्गल’ जी के साथ 17 फरवरी 1965 को हुआ था जो कि एक अंतर्जातीय प्रेमविवाह था। बता दें कि इस विवाह का परिवारवालों ने कड़ा विरोध दर्ज किया था लेकिन चित्रा जी ने अपना निर्णय नहीं बदला। उनकी दो संताने हैं जिनमें बड़े बेटे का नाम ‘राजीव’ और छोटी बेटी का नाम ‘अपर्णा’ है।
चित्रा मुद्गल की साहित्यिक रचनाएँ – Chitra Mudgal Ki Rachnaye
चित्रा मुद्गल जी (Chitra Mudgal biography in Hindi) ने आधुनिक हिंदी साहित्य की कई विधाओं में साहित्य का सृजन किया है, जिनमें कहानी, उपन्यास, कविता, लेख, बालकथा संग्रह और नाट्य रूपांतर शामिल है। यहाँ उनकी सभी अनुपम रचनाओं के बारे में बताया जा रहा है, जो कि इस प्रकार हैं:-
उपन्यास – Chitra Mudgal Ke Upanyas
- एक जमीन अपनी – वर्ष 1990
- आवां – वर्ष 1999
- गलिगडु – वर्ष 2002
- पोस्ट बॉक्स नं. 203, नाला सोपारा – वर्ष 2018
कहानी-संग्रह
- जहर ठहरा हुआ – वर्ष 1980
- लक्षागृह – वर्ष 1982
- अपनी वापसी – वर्ष 1983
- इस हमाम में – वर्ष 1986
- ग्यारह लंबी कहानियाँ – वर्ष 1987
- जगदंबा बाबू गाँव आ रहे हैं – वर्ष 1992
- मामला आगे बढ़ेगा अभी – वर्ष 1993
- चर्चित कहानियां – वर्ष 1994
- जिनावर – वर्ष 1996
- दि हाइना एंड अदर स्टोरीज – वर्ष 1988
- केंचुल – वर्ष 2001
- भूख – वर्ष 2001
- लपटें – वर्ष 2002
- दस प्रतिनिधि कहानियाँ – वर्ष 2006
बाल उपन्यास
- माधवी कन्नगी – वर्ष 1995
- मणि मेखलै – वर्ष 2001
- जीवक – वर्ष 2001
बाल कहानी संग्रह
- जंगल का राजा – वर्ष 1980
- देश देश की लोककथाएँ – वर्ष 1986
- नीति कथाएँ – वर्ष 1987
लेख
- तहकानों में बंद आइनों में अक्स – वर्ष 1988
- विचार – वर्ष 1988
- बयान उनकी मुट्ठी में – वर्ष 2004
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पाठ्यक्रमों में शामिल रचनाएँ
क्या आप जानते हैं कि चित्रा मुद्गल जी (Chitra Mudgal) की रचनाओं को NCERT के पाठ्यक्रम के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में भी शामिल किया गया है। बता दें कि चित्रा जी की ग्यारह लंबी कहानियाँ को ‘ओसका विश्वविद्यालय’ (Osaka University), जापान के हिंदी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इसके साथ ही उनकी अन्य रचनाओं को ‘मोहनलाल सुखड़िया विश्वविद्यालय’ (Mohanlal Sukhadia University), उदयपुर व ‘यशवंतराय चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विश्वविद्यालय’ (Yashwantrao Chavan Maharashtra Open University), महाराष्ट्र में भी शामिल किया गया है।
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पुरस्कार एवं सम्मान
चित्रा मुद्गल (Chitra Mudgal biography in Hindi) को आधुनिक हिंदी साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए कई पुरस्कारों व सम्मान से नवाजा जा चुका हैं, जो कि इस प्रकार हैं:-
- प्रेक्षा सम्मान – वर्ष 1986
- साहित्यिक कृति पुरस्कार – हिंदी अकादमी द्वारा वर्ष 1989 में कहानी संग्रह ‘इस हमाम में’ के लिए प्राप्त हुआ।
- बाल साहित्य कृति पुरस्कार – वर्ष 1987 में हिंदी अकादमी, दिल्ली द्वारा बाल कहानी संग्रह ‘जंगल का राज’ के लिए प्राप्त हुआ।
- राजा राधिका रमण प्रसाद पुरस्कार – वर्ष 1987 में बिहार राजभाषा विभाग द्वारा ‘ग्यारह लंबी कहानियाँ’ संग्रह के लिए प्राप्त हुआ।
- विदुला सम्मान
- फणीश्वरनाथ रेणु साहित्य पुरस्कार – वर्ष 1987 में बिहार राजभाषा विभाग द्वारा प्राप्त हुआ।
- साहित्य सम्मान – वर्ष 1993
- अंतरराष्ट्रीय इंदु शर्मा कथा सम्मान
- साहित्य भूषण सम्मान
- व्यास सम्मान – वर्ष 2003
- साहित्य अकादमी पुरस्कार – वर्ष 2018 में ‘पोस्ट बॉक्स नं. 203, नाला सोपारा’, उपन्यास के लिए प्राप्त हुआ।
FAQs
चित्रा मुद्गल का जन्म 10 दिसंबर 1944 को चेन्नई, तमिलनाडु में एक संपन्न परिवार में हुआ था।
चित्रा जी के पति का नाम श्री अवध नारायण मुद्गल है।
यह हिंदी साहित्य की विख्यात लेखिका चित्रा मुद्गल जी वर्ष 1990 में प्रकाशित उपन्यास है।
बता दें कि ‘पोस्ट बॉक्स नं. 203, नाला सोपारा’ उपन्यास के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
यह चित्रा मुद्गल जी का बाल कहानी संग्रह है जिसका प्रकाशन वर्ष 1980 में किया गया था।
यह चित्रा मुद्गल का लोकप्रिय कहानी-संग्रह है जिसका प्रकाशन वर्ष 1980 में हुआ था।
यह चित्रा मुद्गल का बहुचर्चित उपन्यास है जिसका प्रकाशन वर्ष 1999 में हुआ था।
आशा है कि आपको आधुनिक हिंदी साहित्य में साठोत्तरी काल की बहुचर्चित लेखिका चित्रा मुद्गल का जीवन परिचय (Chitra Mudgal biography in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचयको पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।