इस वर्ष 26 जनवरी 2024 के अवसर पर भारत अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। इस दिन कर्तव्य पथ पर राष्ट्रपति जनता को भाषण देते हैं। गणतंत्र दिवस के अवसर पर रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दिन सेना के जवान विभिन्न प्रकार के करतब करके दिखाते हैं। इस दिन सेना की टुकड़ियों द्वारा सुंदर परेड भी की जाती है। इस दिन भारत के राष्ट्रपति को सेना के द्वारा 21 तोपों की सलामी दी जाती है। भारत के गणतंत्र दिवस के मौके पर किसी न किसी राष्ट्र प्रमुख को बुलाने की प्रथा रही है। इस बार 26 जनवरी पर भारत की ओर से मुख्य अतिथि के रूप में फ्रांसीसी राष्ट्रपति राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को आमंत्रित किया गया है। क्या आपको पता है कि 1950 में भारत के पहले गणतंत्र दिवस परेड में पहला मुख्य अतिथि कौन था? यहाँ इस बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।
1950 में भारत के पहले गणतंत्र दिवस परेड में पहले मुख्य अतिथि का नाम क्या था?
भारत के संबंध इण्डोनेशिया से बहुत अच्छे रहे हैं। इंडोनेशिया के नाम में आने वाला इंडो भारत के इण्डिया से ही लिया गया है। इंडोनेशिया एक इस्लामिक देश है लेकिन वह यह मानता है कि उनके पूर्वज हिन्दू थे। इस कारण से भारत और इंडोनेशिया आपस में सांस्कृतिक जुड़ाव महसूस करते हैं। इसी कारण से इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुकर्णो को 26 जनवरी 1950 को पहले गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप भारत की ओर से आमंत्रित किया गया था।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति और भारत के पहले गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि सुकर्णो के बारे में
सुकर्णो का जन्म 6 जून 1901 में जावा में हुआ था। सुकर्णो वर्ष 1949 में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति बने थे। उन्हें इंडोनेशिया का पहला नेता भी कहा जाता है। इंडोनेशिया की मूल संसदीय प्रणाली का समर्थन करने के स्थान पर उन्होंने इंडोनेशिया को एक निर्देशित लोकतंत्र देश बनाया जाना चुना। सुकर्णो राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार हुए थे। वर्ष 1965 में इंडोनेशिया की सेना ने उनका तख्तापलट कर दिया और उन्हें राष्ट्रपति के पद से हटा दिया गया। उन्हें घर में ही नज़रबंद कर दिया गया। नज़रबंद रहते हुए ही वर्ष 1970 में उनकी मृत्यु हो गई।
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