लाला लाजपत राय जयंती : “पंजाब केसरी” और पीएनबी के संस्थापक के जीवन से जुड़े रोचक तथ्य 

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लाला लाजपत राय जयंती

पंजाब केसरी के नाम से मशहूर लाला लाजपत राय की जयंती प्रतिवर्ष 28 जनवरी को मनाई जाती है। लाला लाजपतराय का जन्म 28 जनवरी 1865 को पंजाब के मोंगा में हुआ था। उन्हें पंजाब केसरी के नाम से भी जाना जाता है। लाला लाजपतराय शहीद भगत सिंह के गुरु भी थे। लाला लाजपतराय ने बहुत ही कम उम्र में कांग्रेस पार्टी की सदस्य्ता ले ली थी। वे केवल 23 वर्ष की आयु में ही कांग्रेस के साथ जुड़ गए थे। यह उनके देश के प्रति समर्पण का ही कारण था कि वे एक दिन कोंग्रस के अध्यक्ष के रूप में भी चुने गए। कांग्रेस के तीन बड़े ऐतिहासिक नेताओं की मशहूर तिगड़ी “लाल बाल और पाल” के लाल वही थे। वे देश की आज़ादी के खातिर अमेरिका तक पहुंच गए थे। ऐसे ओजस्वी नेता लाला लाजपत राय की जयंती के साथ ही जानिए उनसे जुड़े रोचक तथ्य और महत्वपूर्ण जानकारी।  

लाला लाजपतराय जयंती कब मनाई जाती है?

लाला लाजपतराय जयंती प्रतिवर्ष 28 जनवरी को मनाई जाती है। लाला लाजपतराय का जन्म 28 जनवरी 1865 को पंजाब में हुआ था। वे देश के बड़े स्वतंत्रता सैनानियों में से एक थे। अंग्रेजों के काले क़ानून साइमन कमीशन  का विरोध करने वाले प्रमुख स्वतंत्रता सैनानियों में से एक लाला लाजपतराय भी थे। इसी का विरोध करते हुए अंग्रेजों की लाठी खाते हुए उनकी मृत्यु हुई थी। 

लाला लाजपतराय जयंती क्यों मनाई जाती है?

लाला लाजपतराय देश के बड़े स्वतंत्रता सैनानी और राजनीतिज्ञों में से एक थे। उन्होंने देश के लिए अनेक बड़े काम किए। जब उन्हें महसूस हुआ कि भारतीयों के पास उनका खुद का एक बैंक होना चाहिए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने भारत के पहले अपने बैंक पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना की थी। उन्होंने मात्र 23 साल की उम्र में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली थी। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ अनेक आन्दोलनों में भाग लिया। उन्होंने देश के लिए भगत सिंह जैसे वीर क्रांतिकारी को तैयार किया। वे देश के लिए अंग्रेजों की लाठी खाते हुए शहीद हुए थे। ऐसे महापुरुष और देशभक्त की याद में लाला लाजपत राय जयंती मनाई जाती है।  

लाला लाजपत राय जयंती कैसे मनाई जाती है?

लाला लालजपतराय जयंती के मौके पर पंजाब के सभी स्कूल कॉलेजों में उनके बारे में भाषण दिए जाते हैं। उनके नारों का उदघोष किया जाता है। उनके यशोगान में गीत गाए जाते हैं और मिठाइयां बांटी जाती हैं। पंजाब नेशनल बैंक भी अपने संस्थापक की जयंती को बड़ी धूमधाम से मनाता है। 

लाला लाजपतराय का राजनैतिक योगदान 

लाला लाजपतराय का भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में योगदान इस प्रकार है : 

  • 1921 से 1923 की अवधि में लाला लाजपतराय जेल में बंद थे। चोरा चोरी हत्याकांड के चलते महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया था। लाला लाजपतराय ने महात्मा गांधी के इस फैसले का विरोध किया था। 
  • 1928  में अंग्रेज सरकार भारत में साइमन कमीशन लेकर आई। इस कमीशन के बनाए क़ानून के मुताबिक़ अंग्रेज सरकार किसी भी भारतीय को बिना कोई कारण बताए जेल में डाल सकती थी। जब साइमन कमीशन भारत आया तो लाला लाजपतराय ने इसका पुरजोर विरोध किया। 

लाला लाजपतराय की राजनैतिक उपलब्धियां 

लाला लाजपतराय की राजनैतिक उपलब्धियां इस प्रकार हैं : 

  • लाला लाजपत राय मात्र 23 वर्ष की उम्र में कांग्रेस में शामिल हो गए थे।  
  • उन्होंने वर्ष 1888 में प्रयागराज के कांग्रेस सम्मलेन में भाग लिया और उन्हें इसके चलते 6 महीने के लिए निर्वासित कर दिया गया। 
  • सन 1906 वे अमरीकी जनता से अंग्रेजों के खिलाफ समर्थन प्राप्त करने के लिए अमेरिका भी गए थे। 
  • उन्होंने गांधी जी के असहयोग आंदोलन में भाग लिया और इस वजह से उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।  
  • उन्होंने अंग्रेजों के काले क़ानून साइमन कमीशन का कड़ा विरोध किया था। 

लाला लाजपतराय के द्वारा लिखी गईं प्रमुख पुस्तकें 

यहाँ लाला लाजपतराय के द्वारा लिखी गईं प्रमुख पुस्तकें दी जा रही हैं : 

पुस्तक लेखक / प्रकाशक यहाँ से खरीदें
यंग इण्डिया प्रभात प्रकाशन यहाँ से खरीदें
दुखी भारत बंगाली प्रकाशन यहाँ से खरीदें 
भारत ओर इंग्लैण्ड का क़र्ज़ दिल्ली ओपन बुक यहाँ से खरीदें 
आर्य समाज विजय कुमार गोविंद हंसानन्द यहाँ से खरीदें 
An Open letter to the Right Honorable David Lloyd Georgeदिल्ली ओपन बुक यहाँ से खरीदें 
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लाल लाजपतराय के प्रसिद्ध नारे 

यहाँ लाला लाजपतराय के प्रसिद्ध नारे दिए जा रहे हैं : 

गो बैक साइमन 

व्याख्या : यह नारा लाला लाजपतराय ने अंग्रेजों के बनाए काले क़ानून के तहत दिया था। अंग्रेजों भारत में आज़ादी की लड़ाई का दमन करने के लिए एक कमीशन का गठन किया था। इस कमीशन का नाम साइमन कमीशन था। इस कमीशन ने एक क़ानून बनाया था जिसके तहत किसी भी भारतीय को बिना कोई कारण बताए पुलिस कितने भी दिनों के लिए जेल में रख सकती थी। जब यह क़ानून भारत आया तो लाला लाजपतराय ने Go Back Simon (साइमन वापस जाओ) का नारा दिया।  

मेरे सर पर लाठी का एक एक प्रहार अंग्रेजी शासन के ताबूत में आख़िरी की साबित होगा 

व्याख्या : साइमन कमीशन का विरोध करते समय अंग्रेजों ने लाला लाजपतराय को चारों तरफ से घेर लिया और उनके सर पर लाठियों से वार करने लगे। इस घटना में साइमन कमीशन का विरोध करते करते देश के लिए शहीद हो गए। अपने मरने से पहले लाला लाजपतराय ने अंग्रेजी शासन के लिए यह भविष्यवाणी की थी कि “मेरे सर पर लाठी का एक एक प्रहार अंग्रेजी शासन के ताबूत में आख़िरी की साबित होगा।”

लाला लाजपतराय से जुड़े रोचक तथ्य 

यहाँ लाला लाजपतराय से जुड़े रोचक तथ्य दिए जा रहे हैं : 

  • लाला लाजपतराय और उनके दो साथी बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल को लाल बाल पाल के रूप में जाना जाता है।  
  • लाला लाजपतराय प्रथम विश्व युद्ध के समय अमेरिका चले गए थे जहाँ उन्होंने अमेरिकन होम रूल की स्थापना की।  
  • लाला लाजपतराय की पुण्यतिथि को उड़ीसा में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।  
  • लाला लाजपतराय भगत सिंह के गुरु थे। 
  • लाला लाजपतराय ने 1894 में भारत के पहले स्वदेशी बैंक पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना की थी। 
  • लाला लाजपतराय को पंजाब केसरी के नाम से जाना जाता है।  

FAQs 

लाला लाजपत राय जी की जयंती कब है?

लाला लाजपत राय की जयंती 28 जनवरी को है।  

लाला लाजपत राय का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

लाला लाजपतराय का जन्म पंजाब के मोंगा जिले में हुआ था।  

लाला लाजपतराय ने किसकी स्थापना की थी? 

वर्ष 1921 में लाला लाजपत राय ने सर्वेंट्स ऑफ़ द पीपुल सोसाइटी की स्थापना की थी।

उम्मीद है, यह ब्लॉग लाला लाजपत राय जयंती आपको पसंद आया होगा। इसी तरह के जीके और ट्रेंडिंग इवेंट्स से संबंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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