26 जनवरी 2025: 76वें गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि और इस वर्ष की विशेष थीम

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26 जनवरी 2025 76वें गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि

26 जनवरी 2025: 76वें गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि: भारत 26 जनवरी 2025 को अपना 76वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाने जा रहा है। इस वर्ष का आयोजन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे “स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास” (Golden India: Heritage and Progress) थीम पर आधारित किया गया है। इस भव्य उत्सव के मुख्य अतिथि होंगे इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो, अक्टूबर 2024 में पदभार ग्रहण करने के बाद राष्ट्रपति के रूप में यह प्रबोवो की पहली भारत यात्रा होगी।

भारत और इंडोनेशिया के बीच अच्छे रिश्ते रहे हैं। इंडोनेशिया भारत की एक्ट ईस्ट नीति और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण साथी है। राष्ट्रपति प्रबोवो की आने वाली यात्रा से दोनों देशों के नेता अपने रिश्तों पर चर्चा करेंगे और कुछ अहम वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार करेंगे।

26 जनवरी 2025: 76वें गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि ‘प्रबोवो सुबिआंतो’ का परिचय 

राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो का जन्म 17 अक्टूबर 1951 को इंडोनेशिया के जकार्ता में हुआ था। वह इंडोनेशिया के सबसे शक्तिशाली परिवारों में से एक से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता सोमित्रो जोजहादिकुमो एक प्रमुख अर्थशास्त्री और नेता थे, जिन्होंने सुकर्णो और सोहार्तो के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर कार्य किया।

प्रबोवो ने 1974 में इंडोनेशिया की सेना में शामिल होकर सेना में जनरल तक का सफर तय किया और 2008 में गेरिंड्रा पार्टी की स्थापना की। 25 अक्टूबर 2023 को गेरिंड्रा पार्टी के नेतृत्व में उन्होंने राष्ट्रपति चुनावों में विजय प्राप्त की और 2024 के अंत में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के रूप में पद ग्रहण किया।

गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उनकी उपस्थिति भारत और इंडोनेशिया के गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेगी। यह यात्रा दोनों देशों के बीच रणनीतिक और कूटनीतिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का अवसर प्रदान करेगी।

इस वर्ष गणतंत्र दिवस का उत्सव विशेष रूप से भारत और इंडोनेशिया के बीच रिश्तों के एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक होगा। “स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास” थीम के तहत, इस समारोह में 15 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की झांकियां शामिल होंगी, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को दर्शाती हैं।

विदेश मंत्रालय द्वारा इस तरह चुने गए 76वें गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि 

गणतंत्र दिवस पर भारत के मुख्य अतिथि का चयन करने में विदेश मंत्रालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विदेश मंत्रालय यह सुनिश्चित करता है कि उस देश के साथ भारत के संबंध मजबूत और सकारात्मक हों। विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करने के बाद, विदेश मंत्रालय इस चयन को मंजूरी देता है। यह प्रक्रिया लगभग छह महीने तक चलती है, ताकि सबसे उपयुक्त और प्रभावी मुख्य अतिथि का चयन किया जा सके।

1950 से 2024 तक के गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि

1950 से 2024 तक के गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथियों की सूची इस प्रकार है:

वर्षगणतंत्र दिवस मुख्य अतिथि का नामदेश
2024राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोंफ्रांस
2023राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसीमिस्र
2022
2021प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन (अपना दौरा रद्द कर दिया)यूनाइटेड किंगडम
2020राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारोब्राज़िल
2019राष्ट्रपति सिरिल रामफोसादक्षिण अफ़्रीका
2018सुल्तान हसनअल बोल्किया
जोको विडोडो
थोंग्लोन सिसोउलिथ
प्रधानमंत्री हुन सेन
नजीब रजाक
राष्ट्रपति हतिन क्याव
रोड्रिगो रोआ डुटेर्टे
हलीमा याकूब
प्रयुथ चान-ओचा
गुयेन ज़ुआन फुक
ब्रुनेई
इंडोनेशिया
लाओस
कंबोडिया
मलेशिया
म्यांमार
फिलिपींस
सिंगापुर
थाईलैंड
वियतनाम
2017क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायदसंयुक्त अरब अमीरात
2016राष्ट्रपति फ़्राँस्वा ओलांदफ्रांस
2015राष्ट्रपति बराक ओबामासंयुक्त राज्य अमेरिका
2014प्रधानमंत्री शिंजो आबेजापान
2013भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुकभूटान
2012प्रधानमंत्री यिंगलुक शिनावात्राथाईलैंड
2011राष्ट्रपति सुसीलो बंबांग युधोयोनोइंडोनेशिया
2010राष्ट्रपति ली म्युंग बाककोरियान गणतन्त्र
2009राष्ट्रपति नूरसुल्तान नज़रबायेवकजाखस्तान
2008राष्ट्रपति निकोलस सरकोजीफ्रांस
2007राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिनरूस
2006किंग अब्दुल्ला बिन अब्दुलअज़ीज़ अल-सऊद[सऊदी अरब
2005राजा जिग्मे सिंग्ये वांगचुकभूटान
2004राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वाब्राज़िल
2003राष्ट्रपति मोहम्मद ख़ातमीईरान
2002राष्ट्रपति कसाम उतीममॉरीशस
2001राष्ट्रपति अब्देलअज़ीज़ बुउटफ्लिकाएलजीरिया
2000राष्ट्रपति ओलुसेगुन ओबासान्जोनाइजीरिया
1999राजा बीरेंद्र बीर बिक्रम शाह देवनेपाल
1998राष्ट्रपति जैक्स शिराकफ्रांस
1997प्रधानमंत्री बसदेव पांडेत्रिनिदाद और टोबैगो
1996राष्ट्रपति डॉ. फर्नांडो हेनरिक कार्डोसोब्राज़िल
1995राष्ट्रपति नेल्सन मंडेलादक्षिण अफ़्रीका
1994प्रधानमंत्री गोह चोक टोंगसिंगापुर
1993प्रधानमंत्री जॉन मेजरयूनाइटेड किंगडम
1992राष्ट्रपति मारियो सोरेसपुर्तगाल
1991राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूममालदीव
1990प्रधान मंत्री अनिरुद्ध जुगनुथमॉरीशस
1989महासचिव गुयेन वान लिन्हवियतनाम
1988राष्ट्रपति जुनियस जयवर्धनेश्रीलंका
1987राष्ट्रपति एलन गार्सियापेरू
1986प्रधान मंत्री एंड्रियास पापंड्रेउग्रीस
1985राष्ट्रपति राउल अल्फोंसिनअर्जेंटीना
1984राजा जिग्मे सिंग्ये वांगचुकभूटान
1983राष्ट्रपति शेहु शगारीनाइजीरिया
1982राजा जुआन कार्लोस प्रथमस्पेन
1981राष्ट्रपति जोस लोपेज़ पोर्टिलोमेक्सिको
1980राष्ट्रपति वैलेरी गिस्कार्ड डी’एस्टाइंगफ्रांस
1979प्रधानमंत्री मैल्कम फ्रेजरऑस्ट्रेलिया
1978राष्ट्रपति पैट्रिक हिलेरीआयरलैंड
1977प्रथम सचिव एडवर्ड गीरेकपोलैंड
1976प्रधानमंत्री जैक्स शिराकफ्रांस
1975राष्ट्रपति केनेथ कौंडाजाम्बिया
1974राष्ट्रपति जोसिप ब्रोज़ टीटोएसएफआर यूगोस्लाविया
प्रधान मंत्री सिरिमावो रतवाटे डायस भंडारनायकेश्रीलंका
1973राष्ट्रपति मोबुतु सेसे सेकोज़ैरे
1972प्रधान मंत्री शिवसागर रामगुलाममॉरीशस
1971राष्ट्रपति जूलियस न्येरेरेतंजानिया
1970बेल्जियम के राजा बाउडोइनबेल्जियम
1969बुल्गारिया के प्रधान मंत्री टोडर ज़िवकोवबुल्गारिया
1968प्रधानमंत्री एलेक्सी कोसिगिनसोवियत संघ
राष्ट्रपति जोसिप ब्रोज़ टीटोएसएफआर यूगोस्लाविया
1967राजा मोहम्मद ज़ाहिर शाहअफ़ग़ानिस्तान
1966कोई आमंत्रण नहींकोई आमंत्रण नहीं
1965खाद्य एवं कृषि मंत्री राणा अब्दुल हामिदपाकिस्तान
1964चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ लॉर्ड लुईस माउंटबेटनयूनाइटेड किंगडम
1963राजा नोरोदोम सिहानोककंबोडिया
1962प्रधानमंत्री विगो काम्पमैनडेनमार्क
1961महारानी एलिजाबेथ द्वितीययूनाइटेड किंगडम
1960राष्ट्रपति क्लिमेंट वोरोशिलोवसोवियत संघ
1959ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग प्रिंस फिलिपयूनाइटेड किंगडम
1958मार्शल ये जियानयिंगचीन
1957रक्षा मंत्री जॉर्जी झुकोवसोवियत संघ
1956राजकोष के चांसलर आर.ए. बटलर

मुख्य न्यायाधीश कोटारो तनाका
यूनाइटेड किंगडम
जापान
1955गवर्नर-जनरल मलिक गुलाम मुहम्मदपाकिस्तान
1954राजा जिग्मे दोरजी वांगचुकभूटान
1953कोई आमंत्रण नहीं
1952कोई आमंत्रण नहीं
1951राजा त्रिभुवन बीर बिक्रम शाहनेपाल
1950राष्ट्रपति सुकर्णोइंडोनेशिया

अंतरराष्ट्रीय संबंधों को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि को विदेशों से बुलाने का उद्देश्य भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करना और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना है। यह समारोह भारत की विविधता, संस्कृति और लोकतांत्रिक मूल्य को प्रदर्शित करने का अवसर होता है, और मुख्य अतिथि का चयन इस बात को दर्शाता है कि भारत अपने विदेश नीति के तहत महत्वपूर्ण साझेदार देशों के साथ रिश्तों को बढ़ावा देता है। साथ ही, यह दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूती देने का एक अच्छा मौका होता है। मुख्य अतिथि की उपस्थिति से भारत का अंतरराष्ट्रीय कद भी बढ़ता है, और यह दोनों देशों के बीच आपसी समझ और सहयोग को नया दिशा देता है।

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