14 जनवरी को कौन सा दिवस मनाया जाता है? जानें इतिहास और उद्देश्य, महत्व

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14 जनवरी को कौन सा दिवस मनाया जाता है

क्या आप जानते हैं, 14 जनवरी को कौन सा दिवस मनाया जाता है और क्यों यह दिन खास है? यह दिन सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस और मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। 14 जनवरी का यह दिन हमें भारतीय सैनिकों की बहादुरी और उनके योगदान के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और कृषि परंपराओं की महत्ता भी याद दिलाता है। इस ब्लॉग में आप जानेंगे कि 14 जनवरी को मनाए जाने वाले इन विशेष दिवसों का ऐतिहासिक महत्व क्या है, और कैसे यह दिन भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं को सम्मानित करने का अवसर प्रदान करता है।

14 जनवरी को कौन सा दिवस मनाया जाता है?

हर साल 14 जनवरी को सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारतीय सशस्त्र सेनाओं के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल के. एम. करियप्पा, ओबीई द्वारा दी गई सेवाओं को सम्मानित करने और उनके योगदान को याद करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। श्री करियप्पा 14 जनवरी, 1953 को सेवानिवृत्त हुए थे और उनके द्वारा किए गए योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष 14 जनवरी, 2024 को आठवां सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस मनाया जाएगा, और इस दिन विभिन्न कार्यक्रम देशभर में आयोजित किए जाते हैं।

इसके अतिरिक्त, 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व भी मनाया जाता है, जो भारत में कृषि और संस्कृति से जुड़ा एक महत्वपूर्ण त्योहार है। मकर संक्रांति न केवल कृषि और आध्यात्मिकता का प्रतीक है, बल्कि यह हमें जीवन में बदलाव, नए अवसरों, और अच्छे कार्यों के लिए प्रेरित करने का एक अवसर भी है। यह दिन न केवल धार्मिक रूप से, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी हमारे जीवन को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।

सशस्‍त्र बल पूर्व सैनिक दिवस का उद्देश्य और इतिहास

सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस का इतिहास 2017 से शुरू होता है। यह दिन 14 जनवरी को मनाया जाता है, जब 1953 में फील्ड मार्शल के. एम. करियप्पा भारतीय सशस्त्र बलों के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। उनका योगदान भारतीय सेना के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, और उनकी सेवाओं को सम्मानित करने के लिए यह दिन समर्पित किया गया है।

2016 में भारतीय सरकार ने आधिकारिक रूप से 14 जनवरी को सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों की निस्वार्थ भक्ति, बलिदान और सेवा को याद करना और उनका सम्मान करना है। यह दिन हमारे पूर्व सैनिकों की वीरता, संघर्ष, और समाज के प्रति उनकी समर्पण भावना को मान्यता देने का अवसर है।

सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है, और इस दिन विशेष कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जिसमें पूर्व सैनिकों की भूमिका और उनके योगदान को सराहा जाता है। यह दिन सेना के उन जवानों को भी सम्मानित करने का अवसर है जिन्होंने अपने देश की रक्षा के लिए अपनी जान की आहुति दी।

मकर संक्रांति का इतिहास और महत्व

मकर संक्रांति भारत का एक प्रमुख त्योहार है जो हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ जुड़ा हुआ है, जो भारतीय ज्योतिष के अनुसार सूर्य का दिशा परिवर्तन होता है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण होते हैं, और यह समय अत्यधिक शुभ माना जाता है। मकर संक्रांति भारतीय संस्कृति में आध्यात्मिक, कृषि और सामाजिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है।

इतिहास:
मकर संक्रांति का इतिहास बहुत पुराना है और यह पर्व भारतीय वेदों और पुराणों में भी उल्लेखित है। इसे हिंदू कैलेंडर के अनुसार एक महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है क्योंकि यह कृषि से जुड़ा हुआ है और फसल की कटाई का समय है। इस दिन को विशेष रूप से सर्दी की समाप्ति और गर्मी के आगमन के रूप में देखा जाता है।

इसका नाम ‘मकर संक्रांति’ इसलिए पड़ा क्योंकि यह दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश को दर्शाता है, जो उत्तरी गोलार्ध के देशों में एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। मकर संक्रांति से ही सूर्य की किरणें धीरे-धीरे उत्तर की ओर आने लगती हैं, जिसे एक अच्छे और सकारात्मक बदलाव का प्रतीक माना जाता है।

महत्व:

  1. कृषि और फसल की कटाई:
    मकर संक्रांति विशेष रूप से किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है क्योंकि यह फसल कटाई का समय होता है। विशेष रूप से रवि की फसल की कटाई की शुरुआत मकर संक्रांति से होती है। किसान इस दिन अपने कठिन परिश्रम के परिणामस्वरूप फसल के अच्छे उत्पादन का धन्यवाद अर्पित करते हैं।
  2. उत्तरायण का आरंभ:
    मकर संक्रांति से सूर्य का उत्तरायण होना शुभ माना जाता है, और यह समय भक्तों के लिए दान और पुण्य के कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है। खासकर इस दिन तिल, गुड़ और रेवड़ी का दान करने की परंपरा है।
  3. आध्यात्मिक दृष्टिकोण:
    मकर संक्रांति को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान और दान पुण्य करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
  4. सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व:
    यह त्योहार पूरे भारत में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। खासकर महाराष्ट्र, उत्तर भारत, गुजरात, उत्तर प्रदेश और कर्नाटका में मकर संक्रांति का बड़ा धूमधाम से आयोजन होता है। इस दिन लोग एक-दूसरे को तिल और गुड़ से बनी मिठाइयां बांटते हैं और पतंग उड़ाने की परंपरा भी होती है।

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उम्मीद है, 14 जनवरी को कौन सा दिवस मनाया जाता है? इसके बारे में आपको जानकारी मिल गई होगी। Important Days and Dates से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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