डिप्लोमा इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग जानिए क्या है और इसे कैसे करें?

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स्वास्थ्य क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियों के बीच नए-नए मेडिकल उपकरण तैयार करने की डिमांड ने इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग को छात्रों के बीच लोकप्रिय कर दिया है। मशीनों में रुचि रखने वालों के लिए यह इंजीनियरिंग की एक आदर्श ब्रांच है। इसके अंतर्गत कई अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज उपलब्ध हैं। इस ब्लॉग के अंतर्गत हम इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स के बारे में जानेंगे, जो इस क्षेत्र की प्रारंभिक शिक्षा के लिए एक लोकप्रिय कोर्स है।

कोर्सइंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा
अवधि1 से 3 साल
कोर्स स्तरडिप्लोमा
आवश्यकता10+2
एडमिशन का तरीकामेरिट और प्रवेश परीक्षा द्वारा आधारित
टॉप यूनिवर्सिटीहडर्सफील्ड विश्वविद्यालय 
शेफ़ील्ड विश्वविद्यालय
वाइकाटो विश्वविद्यालय
पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी
इंडिया के टॉप विश्वविद्यालय-एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, नोएडा
-आईआईटी, मुंबई
-आईआईटी, मद्रास
-मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मणिपाल
वेतन 2 लाख से 4 लाख/वर्ष
This Blog Includes:
  1. इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा क्या है?
  2. डिप्लोमा इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग क्यों करें?
  3. डिप्लोमा इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग के लिए स्किल सेट
  4. इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा विषय और  सिलेबस
  5. इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए विश्व के टॉप विश्वविद्यालय
  6. डिप्लोमा इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग के लिए भारत के टॉप विश्वविद्यालय
  7. इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए योग्यता 
  8. आवेदन प्रक्रिया
    1. विदेश में आवेदन प्रक्रिया
    2. आवश्यक दस्तावेज़
    3. भारतीय विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया
    4. आवश्यक दस्तावेज
  9. प्रवेश परीक्षाएं
  10. डिप्लोमा इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग के लिए बेस्ट बुक्स 
  11. डिप्लोमा इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग के बाद करियर विकल्प
    1. उच्च शिक्षा
    2. टॉप एम्प्लॉयमेंट सेक्टर
    3. टॉप भर्तीकर्ता
  12. जॉब प्रोफाइल और वेतन 
  13. FAQs

इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा क्या है?

इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा डिप्लोमा स्तर का इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग कोर्स है। हमारे आस – पास घर या ऑफिस पर जो उपकरण हैं, वे सब इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग की ही बदौलत हैं। यह कोर्स छात्रों को एसी इलेक्ट्रॉनिक्स और फोटोनिक्स, सुरक्षा अनुप्रयोगों, डिजिटल सिस्टम और आदि के बारे में व्यापक ज्ञान प्रदान करता है। कोर्स में डिजिटल और एनालॉग इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रोग्रामेबल सिस्टम के सिद्धांत, कंप्यूटर आर्किटेक्चर का परिचय, नेटवर्क टेक्नोलॉजीस का परिचय, मैकेनिकल सिद्धांत, इंजीनियरिंग कंटेंट, अप्लाइड मैथेमेटिक्स, और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद डिजाइन शामिल हैं। 

डिप्लोमा इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग क्यों करें?

इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के कुछ फायदे यहां बताए गए हैं –

  • इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग और संबंधित क्षेत्रों में उच्च अध्ययन को आगे बढ़ाने के लिए यह डिप्लोमा कोर्स फायदेमंद है।
  • छात्र इस कोर्स के ज़रिए सुरक्षा अनुप्रयोगों, डीसी इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मेट्रोलॉजी, एसी इलेक्ट्रॉनिक्स एंड फोटोनिक्स, औद्योगिक विद्युत प्रणाली एंड मोटर्स, डिजिटल सिस्टम एंड माइक्रोकंट्रोलर, हाइड्रोलिक्स एंड न्यूमेटिक्स, और डिजाइन ड्राफ्टिंग जैसे आदि विषयों में अत्यधिक कुशल होंगे।
  • छात्र इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के बाद सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों में भी नौकरी पा सकते हैं।
  • छात्रों को भारी उद्योगों जैसे थर्मल पॉवर स्टेशन, स्टील प्लांट, रिफाइनरी, और सीमेंट और उर्वरक संयंत्र दोनों सरकारी और निजी क्षेत्रों में भी करियर के अवसर हैं।

डिप्लोमा इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग के लिए स्किल सेट

छात्रों को गणित और भौतिकी पर मजबूत पकड़ की आवश्यकता होती है। इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए स्किल सेट इस प्रकार हैं:

  • मजबूत संचार कौशल
  • परियोजना की जरूरतों को कार्य के लिए उपयुक्त हार्डवेयर के डिजाइन विकास करने की क्षमता
  • ध्वनि समस्या समाधान कौशल
  • लीक से हटकर सोचने की क्षमता
  • प्रॉब्लम सॉल्विंग कौशल
  • टाईम मैनेजमेंट
  • क्रिटिकल थिंकिंग स्किल्स आदि।

इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा विषय और  सिलेबस

डिप्लोमा इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में पढ़ाए जाने वाले कुछ प्रमुख विषय इस प्रकार हैं-

  • बेसिक कंट्रोल सिस्टम
  • डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स
  • इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस एंड सर्कट्स
  • आईसी
  • ट्रांसड्राउजर एंड टेलीमेट्री 
  • कंट्रोल सिस्टम कंपोनेंट्स
  • माइक्रोप्रोसेसर एंड असेंबली लैंग्वेज प्रोग्रामिंग
  • प्रोसेस इंस्ट्रूमेंटेशन
  • प्रोसेस टेक्नोलॉजी
  • एनालिटिकल इंस्ट्रूमेंटेशन
  • इलेक्ट्रॉनिक एंड न्यूमैटिक इंस्ट्रूमेंटेशन
  • माइक्रोप्रोसेसर इंटरफेसिंग एंड एप्लिकेशन 
  • प्रोसेस इंस्ट्रूमेंटेशन II
  • प्रोजेक्ट
  • अप्लाइड इंस्ट्रूमेटेशन
  • इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कंट्रोल
  • बायोमेडिकल इंस्ट्रूमेंटेशन
  • माइक्रो कंट्रोलर्स
  • एडवांस प्रोसेस कंट्रोल

इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए विश्व के टॉप विश्वविद्यालय

डिप्लोमा इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग के लिए विश्व के टॉप विश्वविद्यालय इस प्रकार हैं-

डिप्लोमा इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग के लिए भारत के टॉप विश्वविद्यालय

भारत में इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग कोर्सेज प्रदान करने वाले संस्थानों का नाम यहां बताया गया है-

  • एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, नोएडा
  • आईआईटी, मुंबई
  • आईआईटी, मद्रास
  • मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मणिपाल
  • दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, दिल्ली
  • दयानंद सागर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (DSCE), बैंगलोर
  • आरवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (आरवीसीई) बैंगलोर
  • वीआईटी वेल्लोर
  • पीएसजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर
  • बीएमएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, बैंगलोर
  • जादवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता
  • एलडी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, अहमदाबाद

इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए योग्यता 

इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए योग्यता इस प्रकार है –

  • भारत में प्रवेश के लिए पात्रता सामान्य और ओबीसी के लिए कुल मिलाकर कम से कम 55% अंकों के साथ 10 वीं कक्षा या समकक्ष परीक्षा है और एससी/एसटी, पीएच श्रेणी के लिए 40% है।
  • न्यूनतम आयु सीमा 31 जुलाई या उससे पहले 15 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 21 वर्ष होनी चाहिए। सेवाकालीन उम्मीदवार के लिए अधिकतम आयु सीमा 31 जुलाई को 45 वर्ष होनी चाहिए।
  • विदेश में शैक्षणिक योग्यता के अलावा आपको IELTS, TOEFL, PTE जैसी कोई भी भाषा प्रवीणता परीक्षा देनी पड़ सकती है।
  • आमतौर पर  स्टेटमेंट ऑफ पर्पस (SOP) और लेटर ऑफ रिकमेंडेशन (LORs) जैसे अकादमिक निबंधों की भी आवश्यकता होती है।

आवेदन प्रक्रिया

इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए भारत और विदेशी विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया के बारे में नीचे बताया गया है–

विदेश में आवेदन प्रक्रिया

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स और यूनिवर्सिटी का चुनाव है। 
  • कोर्स और यूनिवर्सिटी के चुनाव के बाद उस कोर्स के लिए उस यूनिवर्सिटी की पात्रता मानदंड के बारे में रिसर्च करें। 
  • आवश्यक टेस्ट स्कोर और दस्तावेज एकत्र करें।
  • यूनिवर्सिटी की साइट पर जाकर एप्लीकेशन फॉर्म भरें या फिर आप Leverage Edu एक्सपर्ट्स की भी सहायता ले सकते हैं।
  • ऑफर की प्रतीक्षा करें और सिलेक्ट होने पर इंटरव्यू की तैयारी करें। 
  • इंटरव्यू राउंड क्लियर होने के बाद आवश्यक ट्यूशन शुल्क का भुगतान करें और स्कॉलरशिप, छात्रवीजा, एजुकेशन लोन और छात्रावास के लिए आवेदन करें।

एक आकर्षक SOP लिखने से लेकर वीजा एप्लीकेशन तक, कंप्लीट एप्लिकेशन प्रोसेस में मदद के लिए आप Leverage Edu एक्सपर्ट्स की सहायता ले सकते हैं। 

आवश्यक दस्तावेज़

कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–

क्या आप विदेश में पढ़ने के लिए एजुकेशन लोन की तलाश में हैं, तो आज ही Leverage Finance का लाभ उठाएं और अपने कोर्स और विश्वविद्यालय के आधार पर एजुकेशन लोन पाएं।

भारतीय विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–

  1. सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  2. यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  3. फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  4. अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  5. इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  6. यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

आवश्यक दस्तावेज

कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–

  • आपकी दसवीं या बारहवीं की परीक्षा की मार्कशीट और पास सर्टिफिकेट।
  • जन्म तिथि का प्रमाण।
  • विद्यालय छोड़ने का प्रमाणपत्र
  • स्थानांतरण प्रमाणपत्र
  • अधिवास प्रमाण पत्र / आवासीय प्रमाण या प्रमाण पत्र
  • अस्थायी प्रमाण – पत्र
  • चरित्र प्रमाण पत्र
  • अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ी जाति प्रमाण पत्र
  • विकलांगता का प्रमाण (यदि कोई हो)
  • प्रवासन प्रमाणपत्र (माइग्रेशन)

प्रवेश परीक्षाएं

प्रवेश परीक्षा राष्ट्रीय, राज्य या विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित की जा सकती है। ये परीक्षाएं प्रवेश प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। नीचे कुछ लोकप्रिय प्रवेश परीक्षाएं हैं-

डिप्लोमा इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग के लिए बेस्ट बुक्स 

नीचे डिप्लोमा इंस्ट्रूमेंटेशन & कंट्रोल इंजीनियरिंग के लिए कुछ प्रमुख पुस्तकों की लिस्ट नीचे दी गई है-

बुक राइटर लिंक 
Measurement and Control Basicsथॉमस ए ह्यूजेसBuy Here
Understanding Smart Sensorsरैंडी फ्रैंकBuy Here
Electrical and Electronic Measurements and Instrumentationsए.के. साहनीBuy Here
Industrial Instrumentationडी.पी. एकमैनBuy Here

डिप्लोमा इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग के बाद करियर विकल्प

डिप्लोमा इंस्ट्रूमेंटेशन & कंट्रोल इंजीनियरिंग के ग्रेजुएट्स के लिए करियर के कई स्कोप उपलब्ध हैं। उम्मीदवार अन्य उद्योगों में भी प्रवेश कर सकते हैं और वोल्टमीटर, एमीटर, बिजली मीटर, वजन मशीन और एयर कंडीशनर जैसे उपकरणों को डिजाइन कर सकते हैं। विविध क्षेत्र होने के कारण, ईसीजी, ईईजी, एमआरआई, एक्सरे और एफएमजी जैसे उपकरण बनाने में भी काफ़ी स्कोप है। रोबोटिक्स ने भी ग्रेजुएट्स के लिए अवसर भी बढ़ा दिया है ताकि वे वेल्डिंग, पेंटिंग और पॉलिशिंग में मदद कर सकें। इन ग्रेजुएट्स की आवश्यकता छोटे पैमाने के साथ-साथ बड़े पैमाने के उद्योगों में भी होती है।

विदेशों में इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग का बहुत बड़ा स्कोप है। वे विभिन्न प्रकार के उद्योगों जैसे पेट्रोलियम, विभिन्न रासायनिक कारखानों, इस्पात निर्माण कारखानों और पीएलसी और डीएससी से जुड़ी कंपनियों में प्रवेश कर सकते हैं। ऐसी कुछ Companies Honeywell, Yokogawa और Siemens हैं। मध्य पूर्वी देशों जैसे दुबई, कतर और अन्य देशों में भी काफ़ी स्कोप है जहां रिफाइनरी, तेल और गैस क्षेत्र है। 

उच्च शिक्षा

डिप्लोमा इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग के बाद उच्च शिक्षा के भी कई अवसर हैं, जैसे-

  • BTech Instrumentation and Control Engineering
  • BSc Instrumentation and Control Engineering 

टॉप एम्प्लॉयमेंट सेक्टर

कुछ प्रमुख एम्प्लॉयमेंट सेक्टर इस प्रकार हैं-

  • फूड इंडस्ट्री
  • फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री
  • बायोटेक्नोलॉजी
  • वाटर कंजर्वेशन बोर्ड्स
  • रिसर्च इंस्टीट्यूट्स
  • कॉलेज एंड यूनिवर्सिटीस

टॉप भर्तीकर्ता

कुछ प्रमुख भर्तीकर्ता कंपनियां इस प्रकार हैं-

  • National Instruments
  • ABB
  • Larsen & Toubro
  • Robert Bosch
  • Invensys
  • GE
  • Suzlon
  • Apna Technologies
  • Whirlybird
  • ESSAR

जॉब प्रोफाइल और वेतन 

डिप्लोमा इंस्ट्रूमेंटेशन & कंट्रोल इंजीनियरिंग के बाद जूनियर लेवल के जॉब प्रोफाइल और उनका वार्षिक वेतन नीचे दिया गया है–

जॉब प्रोफाइलऔसत वार्षिक वेतन (INR)
इंस्ट्रूमेंटेशन डिज़ाइनर 2-7 लाख 
एक्सक्यूटिव 1-5 लाख 
सेल्स रिप्रेजेंटेटिव 1-5 लाख 
टेक्निकल कंसल्टेंट 2-7 लाख 
लेक्चरर 2-5 लाख 

FAQs

इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा क्या है?

डिप्लोमा इंस्ट्रुमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग डिप्लोमा स्तर का इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग कोर्स है। हमारे आस – पास घर या ऑफिस पर जो उपकरण हैं, वे सब इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग की ही बदौलत हैं। यह कोर्स छात्रों को एसी इलेक्ट्रॉनिक्स और फोटोनिक्स, सुरक्षा अनुप्रयोगों, डिजिटल सिस्टम और आदि के बारे में व्यापक ज्ञान प्रदान करता है।

इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए आवश्यक योग्यता क्या है?

प्रवेश के लिए पात्रता सामान्य और ओबीसी के लिए कुल मिलाकर कम से कम 50% अंकों के साथ 10 वीं कक्षा या समकक्ष परीक्षा है और एससी/एसटी, पीएच श्रेणी के लिए 40% है।

क्या डिप्लोमा इंस्ट्रूमेंटेशन & कंट्रोल इंजीनियरिंग एक अच्छा करियर है?

निजी क्षेत्र में भी इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरों की अत्यधिक मांग है। संचालन और मशीनरी नियंत्रण के अच्छे ज्ञान के साथ डिप्लोमा इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग में एक कुशल ग्रेजुएट्स की निजी क्षेत्रों में बहुत मांग में है।

डिप्लोमा इंस्ट्रूमेंटेशन & कंट्रोल इंजीनियरिंग में करियर का क्या स्कोप है?

रोबोटिक्स ने डिप्लोमा इंस्ट्रूमेंटेशन & कंट्रोल इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स के लिए अवसर भी बढ़ा दिया है ताकि वे वेल्डिंग, पेंटिंग और पॉलिशिंग में मदद कर सकें। इन ग्रेजुएट्स की आवश्यकता छोटे पैमाने के साथ-साथ बड़े पैमाने के उद्योगों में भी होती है। विदेशों में इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग का बहुत बड़ा स्कोप है। वे विभिन्न प्रकार के उद्योगों जैसे पेट्रोलियम, विभिन्न रासायनिक कारखानों, इस्पात निर्माण कारखानों और पीएलसी और डीएससी से जुड़ी कंपनियों में प्रवेश कर सकते हैं। ऐसी कुछ Companies Honeywell, Yokogawa और Siemens हैं।

हम आशा करते हैं कि आपको डिप्लोमा इंस्ट्रूमेंटेशन & कंट्रोल इंजीनियरिंग की संपूर्ण जानकारी इस ब्लॉग में मिली होगी। यदि आप इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा विदेश में करना चाहते हैं तो हमारे Leverage Edu एक्सपर्ट्स से 1800 572 000 पर संपर्क करें और एक उपयुक्त कोर्स और सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय का चयन करने में मार्गदर्शन प्राप्त करें।

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