ऑस्ट्रेलिया में होगा सभी प्रकार के वीज़ाओं के लिए 6 महीने का प्रोसेसिंग टाइम

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ऑस्ट्रेलिया में 6 महीने का प्रोसेसिंग टाइम

पिछले सप्ताह Migrant Workers Centre (MWC) ने अपनी नई रिपोर्ट जारी की है। इसका शीर्षक था ‘वेटिंग टू बी सीन: प्रॉब्लम्स ऑफ़ ऑस्ट्रेलियाज़ वीज़ा प्रोसेसिंग डिले’ जो गृह विभाग द्वारा परमानेंट और टेम्पररी वीज़ा आवेदकों की ‘unjustifiable discrepancies’ को इंडीकेट करता है।

MWC ने कहा कि अस्वीकार्य रूप से बड़ी संख्या में ऑनशोर वीज़ा आवेदक अपने आवेदनों के परिणाम के लिए तीन साल तक इंतजार कर रहे हैं। गृह मंत्रालय बिज़नेस की शॉर्ट टर्म मांगों को पूरा करने के लिए ऑफशोर, टेम्पररी आवेदकों को प्राथमिकता देता है।

रिपोर्ट से यह पता चला कि सीजनल वर्कर प्रोग्राम वीज़ा, स्टूडेंट वीज़ा और वर्किंग हॉलिडे मेकर वीज़ा जैसी सबसे अधिक प्रतिबंधात्मक वीज़ा श्रेणियों को सबसे तेजी से प्रोसेस्ड किया गया था।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि पिछले कुछ वर्षों में, इन वीज़ाओं का प्रोसेसिंग टाइम दोगुना से अधिक हो गया है। माइग्रेंट वर्कर्स जो अपने सबक्लास 887 वीज़ा की वेट कर रहे हैं, वे प्रोसेसिंग में देरी से असंतुष्ट हैं, क्योंकि किसी को वीज़ा देने में देरी देना उनके भविष्य के लिए अनुकूल नहीं होता है, यदि वे नहीं जानते कि उनका वीज़ा स्वीकार होगा या नहीं और कब होगा।

रिपोर्ट में यह भी है कि पिछले दशक में ब्रिजिंग वीज़ा पर लोगों की संख्या छह गुना अधिक हो गई है। वीज़ा प्रोसेसिंग का समय जितना लंबा होता है, उतने अधिक माइग्रेंट वर्कर्स ब्रिजिंग वीज़ा पर होते हैं। रिपोर्ट से यह सामने आया कि ब्रिजिंग वीज़ा पर माइग्रेंट्स की संख्या 2016 में 92,055 से बढ़कर 2021 में 333,357 हो गई थी।

रिपोर्ट में आगे यह भी पता चला कि DHA द्वारा एलोकेटेड अपर्याप्त (inadequate) रिसोर्सेज के लिए वीज़ा प्रोसेसिंग में देरी और एक ऑनशोर बैकलॉग को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

रिपोर्ट में शामिल आंकड़े यह भी बताते हैं कि ज्यादातर वीज़ा प्रोसेस होने में आधे साल से अधिक समय लगता है।

रिपोर्ट में यह वर्णन है कि उदाहरण के लिए, एक माइग्रेंट वर्कर जो स्किल्ड इंडिपेंडेंट वीज़ा (सबक्लास 189) के लिए आवेदन करता है, उस व्यक्ति को परमानेंट निवासी बनने के लिए 39 महीने तक वेट करनी पड़ सकती है। वहीं एम्प्लॉयर स्पॉन्सर्ड वीज़ा (सबक्लास 186) के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को 12 महीनों तक का इंतज़ार करना पड़ सकता है।

इस रिपोर्ट ने ऑस्ट्रेलिया की इमीग्रेशन पॉलिसी की आलोचना करते हुए कहा कि वीज़ा उन स्किल्स को लाने के लिए नहीं बनाया गया है जो लंबे समय में देश के लिए फायदेमंद हैं। यह वीज़ा स्किल्ड वर्कर्स के सेटलमेंट में सहायता करते हैं बल्कि व्यवसायों की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

यह वीज़ा सभी टेम्पररी वीज़ा प्रोग्राम्स के लिए परमानेंट निवास के लिए स्पष्ट मार्ग स्थापित करने, प्रोसेसिंग सेवाओं के लिए अधिक रिसोर्स ऐलोकेट करने और अधिक प्रोसेसिंग ऑफिसर्स को काम पर रखने सहित कई सिफारिशें करता है।

जिस दिन यह रिपोर्ट जारी की गई, उसी दिन 887 वीज़ा में देरी को लेकर मेलबर्न, एडिलेड, होबार्ट और ब्रिस्बेन में विरोध प्रदर्शन भी हुए।

मेलबर्न में स्पोंसर्स में से एक, बृजेश बत्रा ने SBS Hindi को बताया कि नई रिपोर्ट इस ओर इशारा करती है कि इमपेंडिंग एक्सपायरी के साथ वीज़ा पर रहना यहां किसी को भी असुरक्षित बनाता है।

बत्रा ने आगे कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि सरकार निष्पक्ष हो और सभी वीज़ा श्रेणियों से समान संख्या में वीज़ा आवेदनों पर कार्रवाई की जाए, न कि केवल कुछ ही संख्या के लिए।

बत्रा ने यह भी कहा कि टेम्पररी वीज़ा की स्थिति हमें कोई भी अच्छी नौकरी करने से रोकती है, भले ही हम इसके लिए योग्य ही क्यों न हों। इसलिए, हम भविष्य के लिए योजना बनाने में फिलहाल असक्षम हैं।

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