एमबीए Vs सीए दोनों में से किसे चुनें?

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एमबीए Vs सीए

आज के समय में विद्यार्थियों में कंपटीशन इतना है। सभी विद्यार्थियों में एक प्रोफेशनल डिग्री प्राप्त करने की इच्छा हमेशा रहती है। आपके पास एक प्रोफेशनल डिग्री का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। एक तरफ आपके पास में बिज़नेस कोर्स में चार्टर्ड अकाउंटेंसी (सीए) जैसे प्रोफेशनल कोर्स हैं वहीं दूसरी ओर आपके पास मास्टर डिग्री के लिए मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) जैसे पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स उपलब्ध है। इन दोनों कोर्सेज का अपना-अपना महत्व है। इस ब्लॉग में आप एमबीए Vs सीए, MBA Vs CA के बारे में जानेंगे कि ये दोनों कोर्सेज आपके करियर में किस प्रकार महत्व रखते हैं। 

एमबीए Vs सीए में अंतर

एमबीए Vs सीए (MBA Vs CA) दोनों के बीच बेसिक अंतर शिक्षाशास्त्र (पेडागॉजी) है।  एक ओर, सीए कोर्स फाइनेंस और अकाउंटिंग में विशेष विशेषज्ञता प्रदान करता है। इसके बिलकुल विपरीत एमबीए की डिग्री किसी भी संगठन के भीतर बिज़नेस और अन्य कार्यों को अवलोकन प्रदान करता है। कई बार विद्यार्थियों के बीच सीए और एमबीए में से किसी एक कोर्स को चुनने में दुविधा की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। यहां नीचे कुछ मुख्य बिंदु दिए गए हैं जो आपको इन दोनों कोर्सेज के बीच अंतर जानने मदद करेंगे जिससे आपको अपने लिए किसी कोर्स के चुनाव में सहायता मिलेगी:

पैरामीटरसीए एमबीए
ऑर्गनाइजिंग बॉडीद इंस्टिट्यूशन ऑफ चार्टेड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया इंडिया तथा विदेशों में कई सारे इंस्टिट्यूट के द्वारा ऑफर किया जाता है 
पैटर्नतीन लेवल क्लियर करने की आवश्यकता होती है: CPT (अवधि 2 वर्ष)
IPCC (1 वर्ष)
फाइनल (1 वर्ष)
यह या तो एक वर्ष की एक्जीक्यूटिव एमबीए डिग्री है या फिर 2 वर्ष की एमबीए डिग्री है जो 4 सेमेस्टर में डिवाइडेड है 
कोर्स की अवधि 4 वर्ष यदि अपने सभी लेवल को एक ही अटेम्प्ट में कंप्लीट किया हो1 वर्ष (एग्जीक्यूटिव) 2 वर्ष (रेगुलर)
सिलेबसफाइनेंशियल और अकाउंटिंग रिपोर्टिंग, बिज़नेस एनवायरनमेंट और कांसेप्ट, ऑडिटिंग, रेगुलेशंसअकाउंटिंग, इकोनॉमिक्स, ऑपरेशंस, ह्यूमन रिसोर्सेज, मार्केटिंग 
फीस900 से 1000 डॉलर (लगभग INR 75 हज़ार)फीस इंस्टिट्यूट के प्रकार के ऊपर निर्भर करती है हालांकि अधिकतर रिप्यूटेड इंस्टिट्यूट की फीस 20,000 डॉलर (लगभग 10 से 15 लाख INR) तक होती है 
जॉब प्रोफाइल पब्लिक अकाउंटेंटगवर्नमेंट अकाउंटेंटमैनेजमेंट अकाउंटेंटइंटरनल ऑडिटरएनालिस्ट, फाइनेंशियल एडवाइजरमार्केटिंग मैनेजरह्यूमन रिसोर्स मैनेजरऑपरेशन मैनेजर
डिफिकल्टीइसे क्रैक करना बहुत कठिन है, कुछ ही कैंडिडेट तीनों लेवल क्रैक कर पाते हैंआईवी लीग कॉलेजों में एडमिशन प्राप्त करना मुश्किल होता है, विद्यार्थी कंपीटीशन के आधार पर अलग अलग इंस्टिट्यूट ज्वाइन कर सकते हैं 

सीए और एमबीए में रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

CA12वीं के बाद आप CPT के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।IPCC में सीधे रजिस्ट्रेशन के लिए ग्रेजुएशन होना जरूरी है।
MBAटॉप बी-स्कूल केवल CAT, MAT, XAT, SNAP, BMAT, ATMA के अंको के आधार पर एडमिशन लेते हैं। भारत में अधिकांश बी-स्कूलों को दो वर्षीय एमबीए प्रोग्राम के लिए उम्मीदवारों को रजिस्ट्रेशन करने के लिए ग्रेजुएशन की डिग्री की आवश्यकता होती है।

एमबीए क्या है?

एमबीए का पूरा नाम मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन है। यह यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर की जाने वाली ग्रेजुएट (मास्टर) लेवल की डिग्री होती है जिसमें आपको बिजनेस और मैनेजमेंट की आवश्यक स्किल्स प्राप्त होती है। एमबीए डिग्री प्राप्त करने के बाद आप नॉनप्रॉफिट सेक्टर,  गवर्नमेंट सेक्टर तथा इसके अलावा जो लोग पब्लिक सेक्टर में मैनेजरियल करियर के बारे में विचार कर रहे हैं उनके लिए आवश्यक डिग्री है। एमबीए की डिग्री आमतौर पर उन लोगों के द्वारा प्राप्त की जाती है जिन्हें कुछ वर्षों तक कार्य करने का प्रोफेशनल अनुभव प्राप्त होता है तथा वह लोग अपने आसपास की जियोग्राफी, नए कार्य के लिए उद्योग और अपने करियर में परिवर्तन की भूमिका की तलाश में होते हैं। 

एमबीए  स्पेशलाइजेशन

एमबीए डिग्री प्राप्त करने के लिए आपके पास उपलब्ध विकल्पों की भरमार है। अपनी अंतराष्ट्रीय पहचान की वजह से कई सारी यूनिवर्सिटीज़ तथा बिजनेस स्कूल्स ने एमबीए डिग्री के लिए प्रोग्राम्स की एक डाइवर्स रेंज विकसित की है। वर्ल्ड बिजनेस ट्रेंड्स को देखकर कई सारे स्पेशलाइज़्ड प्रोग्राम उन यूनिवर्सिटीज के अनुसार सिखाएं जाते हैं जैसे: 

  • जनरल मैनेजमेंट: यह एमबीए की सबसे लोकप्रिय स्पेशलाइज़ेशन है। एक वर्सेटाइल बिजनेस वातावरण के लिए सबसे अधिक प्रभावशाली और बेहतर स्पेशलाइज़ेशन है। 
  • इंटरनेशनल बिजनेस: यदि आप विदेश में कार्य करना चाहते हैं या फिर एक विश्व स्तर की कंपनी में अलग-अलग जगहों पर कार्य करना चाहते हैं। जिस प्रकार से ग्लोबल बिजनेस का विस्तार हो रहा है, यह आपके लिए अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। 
  • स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट: इस स्पेशलाइज़ेशन में आप लॉन्ग टर्म बिजनेस प्लानिंग के बारे में तथा बैकअप प्लानिंग के बारे में अधिक सीखते हैं। 
  • फाइनेंस: यह बैंकर्स, फाइनेंस कंट्रोलर्स, फाइनेंशियल ऑफिसर्स तथा इससे जुड़े मैनेजर्स के लिए सबसे बेहतर विकल्प है।  इस कोर्स में आप अकाउंटिंग, डाटा एनालिसिस, स्टेटिक्स तथा अन्य चीजों के बारे में सीखते हैं। 
  • मार्केटिंग: यह स्पेशलाइज़ेशन उस कार्य पर अधिक ज़ोर देती है जिसमें कोई प्रोडक्ट या सर्विस को बढ़ावा दिया जाता है। 
  • एंटरप्रेन्योरशिप: यदि आप अपना बिजनेस, स्टार्टअप या फिर नया प्रोडक्ट लॉन्च करना चाहते हैं तो आप इस स्पेशलाइज़ेशन को चुन सकते हैं। 
  • ऑपरेशंस मैनेजमेंट: उन मैनेजर्स के लिए उपयोगी जो प्रोडक्शन से जुड़े होते हैं। 
  • आईटी मैनेजमेंट: यदि आप टेक्नोलॉजी सेक्टर के बिजनेस से जुड़े हुए हैं तो ये स्पेशलाइज़ेशन आपके लिए सर्वाधिक उपयोगी है। यह स्पेशलाइज़ेशन डाटा के एनालिसिस तथा प्रोडक्ट डेवलपमेंट पर आधारित है। 
  • ह्यूमन रिसोर्सेज: ये लोगों के बड़े समूह के बीच कार्य करने में सहायता प्रदान करती है जैसे एचआर टीम्स का इंचार्ज होना या फिर एंप्लॉयज के ग्रुप के साथ कार्य करना।  ह्यूमन रिसोर्सेज टीम डेवलपमेंट, मोटिवेशन, जॉब कि जिम्मेदारियों से अवगत करवाना जैसे कार्यों पर अधिक फोकस करता है। 
  • कंसल्टिंग: कंपनी को जिन चुनौतियों का सामना करना होता है उसके लिए बाहरी राय देने की भूमिका आप इस कोर्स की सहायता से एक कंसलटेंट के तौर पर काम करके निभा सकते हैं। 

एमबीए डिग्री के लिए टॉप विदेशी विश्वविद्यालय

एमबीए डिग्री के लिए आप किसी विदेशी यूनिवर्सिटी को चुनकर उसके डाइवर्स कोर्सेज का लाभ उठा सकते हैं। नीचे कुछ ऐसी विदेशी यूनिवर्सिटीज़ के नाम दिए गए हैं जिनकी सहायता से एमबीए का कोर्स करके आप अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं:

MBA करने के लिए योग्यता

MBA करने के लिए आपके पास नीचे दी गई योग्यता होनी आवश्यक है-

  • कम से कम 12 साल की स्कूली शिक्षा होनी चाहिए।  
  • छात्र किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से किसी भी विषय में ग्रेजुएशन उत्तीर्ण होनी चाहिए। 
  • ग्रेजुएशन में कम से कम 50%अंक होने आवश्यक है।  
  • ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष में पढ़ाई करने वाले छात्र भी MBA के लिए आवेदन कर सकते है, लेकिन निर्धारित समय के अन्दर ग्रेजुएशन डिग्री का सर्टिफिकेट कॉलेज में जमा करना होगा।
  • CAT/GMAT/ UPES MET/MAT/NMAT जैसी प्रवेश परीक्षाओं में कम से कम 650 – 690 तक के अंक अच्छे माने जाते हैं, जो होने आवश्यक हैं। विदेश में MBA करने के लिए आपको GMAT/GRE परीक्षाओं में अच्छे अंक लाने होंगे। 

MBA के बाद करियर

एमबीए की डिग्री प्राप्त करना आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। यह डिग्री करियर में कई विकल्पों को उपलब्ध करवाती है। एमबीए डिग्री प्राप्त करने के बाद करियर की शुरुआत इस प्रकार से की जा सकती है:

आपकी एक व्यापक बिज़नेस नेटवर्क तक पहुंच: 

  • एमबीए डिग्री के छात्र के रूप में आपके पास नेटवर्क के बेहतरीन अवसर उपलब्ध होते हैं।
  • विद्यार्थी के रूप में आप अपने साथियों, अपने प्रोफेसर, अपने टीचिंग स्टाफ के साथ रहकर सीखते हैं। 
  • अच्छे मैनेजमेंट तथा अनुभव वाले व्यक्तियों के साथ मिलते जुलते हैं। 
  • इन सब गतिविधियों के बीच आपकी बिज़नेस मैनेजमेंट कि क्षमताओं के विकास होता है। 

जॉब मार्केट में अधिकतम सैलरी पैकेज :

  •  एमबीए डिग्री के विद्यार्थियों कि सैलरी कुछ सबसे ज़्यादा सैलरी पैकेज पाने वाले लोगों में से एक है। जॉब सिक्योरिटी तथा ऊंची सैलरी ये दोनो  एमबीए डिग्री के अधिकतम फायदा देने वाले कारण है। 
  • एमबीए डिग्री के छात्रों कि अन्य मास्टर डिग्रियों कि तुलना में सबसे ज्यादा सैलरी होती है। 

स्वयं कि कंपनी खड़ी करना:

  • अधिकतर विद्यार्थी इसलिए एमबीए कोर्स को चुनते हैं क्योंकि वे एक बिजनेसमैन बनना चाहते हैं और सीखना चाहते हैं कि किस प्रकार एक बिजनेस को बढ़ाया जाए। 
  • आपके प्रोफेसर्स आपको उन गलतियों को दोहराने से रोकेंगे जो उन्होंने अपने रीयल-लाइफ अनुभवों से सीखी होती है तथा जिनसे कंपनी को कोई नुकसान हो। 
  • वे आपको ये जानने में मदद करेंगे कि आपको क्या करना चाहिए तथा आपकी कंपनी समय के साथ बढ़ती रहे तथा स्टेबल रहे। 

सीए डिग्री क्या है? 

  • सीए एक अकाउंटिंग प्रोफेशन को दिया जाने वाला एक पद है, जिसने एक वैधानिक निकाय से सर्टिफिकेशन प्राप्त किया है कि वह बिज़नेस के अकाउंट और टैक्स से संबंधित मामलों की देखभाल करने के लिए योग्य है।
  • इसमें कर रिटर्न दाखिल करना, वित्तीय विवरणों और व्यावसायिक प्रथाओं का ऑडिट करना, निवेश के रिकॉर्ड को बनाए रखना, वित्तीय रिपोर्ट और दस्तावेजों की तैयारी और समीक्षा करना आदि शामिल हैं। 
  • सीए में प्रोफेशनली क्वालिफाइड एक कस्टमर्स को एडवाइजर के रूप मे सहायता प्रदान करने के लिए भी योग्य है जिसमें कंपनियां और व्यक्ति शामिल हैं।
  • सर्टिफाइड सीए बनने के लिए इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया (सीए) द्वारा डिज़ाइन किए गए प्रशिक्षण के तीन स्तरों को पूरा करना आवश्यक है 
  • सीए एक स्टेच्यूटरी बॉडी है जो भारत में चार्टर्ड अकाउंटेंसी के प्रोफेशन को नियंत्रित और बनाए रखता है
  • शिक्षा और प्रशिक्षण योजना के तहत, एक उम्मीदवार चार्टर्ड एकाउंटेंसी पाठ्यक्रम या तो फाउंडेशन कोर्स रूट या डायरेक्ट एंट्री रूट के माध्यम से कर सकता है।
  • फाउंडेशन कोर्स 12वीं कक्षा के बाद कोर्स में प्रवेश बिंदु है, जबकि डायरेक्ट एंट्री रूट उन लोगों के लिए है जिन्होंने ग्रेजुएशन पूरा कर लिया है।
  • इसके लिए आपको तीन तरह की परीक्षायें CPT,  IPCC और फाइनल एग्जाम पास करनी होगी। इन तीनों लेवल को क्लियर करने वाले उमीदवारो को ही, सीए के तौर पर किसी कंपनी में अपॉइंट किया जाता है|
  • हालांकि कई बार छात्र CPT की परीक्षा देने से चूक जाते हैं, लेकिन आप ग्रेजुएशन  के बाद भी इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। 
  • यदि आप ग्रेजुएट स्टूडेंट्स है तो आप सीधा IPCC में प्रवेश कर सकते हैं। IPCC में सीधा प्रवेश पाने के लिए आपको ग्रेजुएशन में 55℅ अंक होने चाहिए जब के अन्य ग्रेजुएशन के लिए 60℅ अंक होना जरूरी है।
  • सीए का कोर्स पूरा करने में कम से कम 5 साल का समय लग जाता है। सीए में फाउंडेशन, इंटरमीडिएट, आर्टिकलशिप और फिर फाइनल, ये सारे चरण होते है।  
कोर्स लेवलएलिजिबिलिटी
फुल फॉर्मचार्टर्ड एकाउंटेंट
योग्यतान्यूनतम 50-60% कुल अंकों के साथ 10+2
सिलेबस लेवललेवल 3
एवरेज ट्यूशन फीसINR 50 हज़ार से 3 लाख
जॉब प्रोफ़ाइलएकाउंटेंट्स, एकाउंटिंग मैनेजर, ऑडिटिंग एक्सपर्ट्स, टैक्सेशन एक्सपर्ट्स आदि।
औसत वार्षिक वेतनINR 5 लाख से 25 लाख 

सीए विशेषज्ञता

भारतीय इकोनॉमिक्स में प्रगति के साथ, सीए प्रोफेशन के लिए स्कोप भी बढ़ते जा रहे है। सीए की स्पेशलाइजेशन इस प्रकार हैं:

  • ऑडिटर
  • शेयर वैल्यूअर 
  • फाइनेंशियल रिपोर्टिंग 
  • मैनेजमेंट एंड कॉरपोरेट कंसल्टेंसी
  • टैक्स एडवाइजर
  • मैनेजमेंट अकाउंटिंग
  • कॉस्ट अकाउंटेंट
  • कंपनी लिक्विडेटर
  • GST एक्सपर्ट 
  • पॉरपोरेट फाइनेंसिंग
  • फाइनेंशियल अकाउंटेंट – एक फाइनेंशियल अकाउंटेंट के रूप में, सीए निम्नलिखित एक्टिविटीज़ कर सकता है:
    • ऑपरेट अकाउंट्स 
    • इंटरनल ऑडिट्स करना
    • सैलरी और वेजेस के बारे में जानकारी रखना 
    • टैक्स मैनेजमेंट 
    • अकाउंट्स की पेमेंट्स करना
  • कॉस्ट अकाउंटेंट- कॉस्ट अकाउंटेंट के रूप में, सीए निम्नलिखित गतिविधियों के लिए जिम्मेदार है:
    • बजट और बजटीय नियंत्रण
    • पूर्वानुमान
    • यह सुनिश्चित करने के लिए व्यय पर नज़र रखना कि लागत नियंत्रण में है।
  • टैक्स मैनेजर – सीए टैक्स मैनेजमेंट में एक्सपर्ट होते हैं और किसी कंपनी के फाइनेंशियल स्ट्रक्चर को विधिवत कस्टमाइज करते हैं। 
  • लेखा परीक्षक – सीए रिकॉर्ड की एक्यूरेसी और नियंत्रणों की उपयुक्तता सुनिश्चित करने के लिए प्रबंधन प्रक्रियाओं के साथ-साथ आंतरिक नियंत्रणों की निगरानी के लिए आंतरिक लेखा परीक्षा निष्पादित करते हैं। वे कॉर्पोरेट नीतियों और प्रक्रियाओं के पालन की जांच करते हैं।
  • टैक्स ऑडिट– टैक्स ऑडिटर के रूप में, सीए टैक्स की कर देयता की जाँच करता है। सरकारी संगठनों में टैक्स ऑडिटर होते हैं। 
  • सलाहकार – सीए में सलाहकार की भूमिका निम्नलिखित क्षेत्रों से संबंधित है:
    • अधिग्रहण के लिए शेयर मूल्यांकन का निरीक्षण, पूंजीगत शेयरों का निर्गम, अन्य संगठनों के साथ एकीकरण।
    • सचिवीय अभ्यास और प्रक्रियाएं
    • कंपनी की संरचना, परिसमापन और वित्तीय पहलुओं के बारे में कॉर्पोरेट कानून सलाह
    • वित्तीय संसाधन पर परियोजना एजेंडा और सलाह
    • व्यापार विस्तार, लाभ वृद्धि, संयुक्त उद्यम कार्यक्रम आदि पर सिफारिशें।

सीए के लिए शीर्ष इंस्टिट्यूट 

चार्टर्ड अकाउंटेंसी इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) द्वारा पेश किया जाने वाला एक कोर्स है। इसी तरह CA की पेशकश करने के लिए विभिन्न देशों के अपने संस्थान हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है:

  • इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंग्लैंड एंड वेल्स
  • अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ़ सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट्स
  • कैनेडियन इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स
  • इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ स्कॉटलैंड
  • इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ आयरलैंड
  • इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ ऑस्ट्रेलिया

सीए बनने के लिए योग्यता

चार्टेड अकाउंटेंट बनने के लिए आवश्यक योग्यता इस प्रकार हैं।

  • आपने 10वीं के बाद की पढ़ाई कॉमर्स स्ट्रीम से पूरी की हो।
  • 12वीं में कम से कम 50% अंक प्राप्त किए हों।
  • यदि आप 12वीं के बाद CA नहीं करते हैं, तो आप अपनी ग्रेजुएशन के बाद CA के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
  • ACCA एकाउंटेंट के रूप में विचार करने के लिए आपको इन 3 योग्यता की आवश्यकता है: परीक्षा, प्रैक्टिकल अनुभव और एक एथिक मॉड्यूल। इस सर्टिफिकेट को प्राप्त करने के इच्छुक छात्रों को कुल 14 पेपर पास करने होंगे। क्वालिफिकेशन प्राप्त करने से पहले उन्हें तीन साल का कार्य अनुभव पूरा करना होगा।

सीए बनने के बाद करियर

  • यदि आप सीए बन जाते है तो इसके बाद आप प्रैक्टिस कर सकते है जिसके लिए आपको क्लाइंट मिल जाते है इसमे आपका नेटवर्क बड़िया होना चाहिए।
  • सीए बनने के बाद आप किसी भी कंपनी मे सीए की पोस्ट पर अप्लाई कर सकते है|
  • यदि आपका इंट्रेस्ट बिज़नेस की तरफ हो तो आप सीए बनने के बाद बिजनेस भी कर सकते है जहां आप काफी पैसे कमा सकते है जिसके लिए आपके पास मार्केटिंग स्किल्स अच्छी होनी चाहिए।

FAQs

Que.1 सीए vs एमबीए, दोनों का पूरा नाम क्या है ?

Ans. सीए का पूरा नाम चार्टर्ड एकाउंटेंट होता है और एमबीए का पूरा नाम मास्टर ऑफ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन होता है।

Que.2 सीए करने मे कितना समय लगता है?

Ans.  सीए पूरा करने मे 12th के बाद पाँच वर्ष और ग्रेजुएशन के बाद तीन वर्ष का समय लगता है ।

Que.3  विदेशी यूनिवर्सिटी में एमबीए करने के लिए किस एंट्रेंस एग्जाम को देना होता है?

Ans. किसी विदेशी यूनिवर्सिटी से एमबीए करने के लिए आपको GMAT एग्जाम की तैयारी करनी होगी। 

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