मैनेजमेंट के अनलिमिटेड कोर्सेज की लिस्ट में ग्रेजुएशन और मास्टर्स और उसके बाद एमफिल और पीएचडी लेवल के कोर्सेज ही शामिल हैं। हर बढ़ते लेवल के साथ उस फील्ड में मिलने वाले ज्ञान की गहराई बढ़ती जाती है जिसके अपने अलग फायदे हैं। किसी एक फील्ड को चुनना और उसमें आखिर तक टिके रहना आपको उस क्षेत्र का बादशाह बना देता यही जोकि सही भी है। ऐसी ही एक फील्ड है इंफ्रास्ट्रक्चर जिसका नाम सुनते ही बिल्डिंग, एसेट्स, कंस्ट्रक्शन का ख्याल आता है। यह ब्लॉग इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री के बारे में हैं। तो अगर आप अपनी ग्रेजुएशन पूरी कर चुके हैं और इंफ्रास्ट्रक्चर में मास्टर्स करना चाहते हैं तो ये ब्लॉग आपके लिए है। इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए की बेहतर जानकारी के लिए ब्लॉग आखिर तक पढ़ना मत भूलना।
कोर्स | मास्टर्स ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन इन इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट |
अवधि | दो साल |
योग्यता | ग्रेजुएशन |
एडमिशन प्रोसेस | एंट्रेंस एग्जामिनेशन |
भारत की टॉप कॉलेज | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, इंटरनेशनल स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट, एल.एम थापर स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट |
रिक्रूटमेंट सेक्टर्स | कंस्ट्रक्शन एंड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, फैसिलिटीज मैनेजमेंट, रियल एस्टेट फाइंनेस, इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस |
टॉप जॉब प्रोफाइल्स | इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट एनालिस्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर स्पेशलिस्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट लीडर, लेक्चरर एंड प्रोफेसर, एप्लीकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर आर्किटेक्ट |
This Blog Includes:
- इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए क्या है?
- इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए क्यों करें?
- सिलेबस
- विदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए कोर्स के लिए बेस्ट यूनिवर्सिटीज
- भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए कोर्स के लिए बेस्ट यूनिवर्सिटीज
- इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए के लिए योग्यताएं
- आवेदन प्रक्रिया
- आवश्यक दस्तावेज़
- प्रवेश परीक्षाएं
- करियर स्कोप
- जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी
- FAQs
इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए क्या है?
इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए एक दो साल का पोस्टग्रेजुएशन प्रोग्राम है जो भड़ते दिनों के साथ काफी पॉल्युलेरिटी गेन कर रहा है। यह एक मैनेजमेंट स्टडी है जिसका उद्देश्य इंफ्रास्ट्रक्टरल नॉलेज को डेवेलप करने का है। इस नॉलेज में प्राइवेट और सरकारी दोनों सेक्टर्स की इंफ्रास्ट्रक्टरल नीड्स को देखा जाता है, इसमें बिडिंग, ऐनालाईज़िंग और मैनेजिंग शामिल हैं। यह कोर्स इस तरह से डिज़ाइनड है जिसमें आप अपनी टेक्निकल स्किल्स और डिसीज़न लेने की मैनेजीरियल एबिलिटी को इम्प्रूव कर पाते हैं। इसके साथ इंफ्रास्ट्रक्टरल एकाउंटिंग के मैनेजमेंट को समझना, फाइनेंस, ऑर्गनाइज़ेशनल बिहेवियर, बिज़नेस लॉ एंड मार्केटिंग आदि की नॉलेज भी इस कोर्स में शामिल हैं।
इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए क्यों करें?
इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए के बारे में तो आपने जान लिया एल्कीन इस कोर्स को करने के आपको ख़ास फायदे क्या हो सकते हैं ये जानना भी आपके लिए आवश्यक है। तो आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं-
- इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए विश्व भर में काफी प्रचलित कोर्सेज में से एक है जो आपको वर्ल्डवाइड नौकरी के विकल्प प्रदान करता है।
- इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए की डिग्री आपको भिन्न भिन्न फील्ड में विभिन्न तरह की नौकरी हासिल करने में मददगार साबित हो सकती है। फिर चाहे वो कंस्ट्रक्शन एंड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट हो, फैसिलिटी मैनेजमेंट हो, रियल एस्टेट फाइनेंस हो या इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस।
- इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए के बाद आप चाहें तो हायर एजुकेशन के लिए भी जा सकते हैं। हायर एजुकेशन आपको बेहतर विकल्पों के लिए तैयार करता है और हायर सैलरी देने में सक्षम होता है। आप या तो पीएचडी का ऑप्शन चुन सकते हैं या सेम फील्ड में एमफिल करने का ऑप्शन चुन सकते हैं।
- अगर आप एक मास्टर डिग्री के लिए जाते हैं तो चान्सेस रहते हैं कि आपको पहले के मुताबिक़ विभिन्न फ़ील्ड्स में बेहतर सैलरी पाने का मौका मिलेगा। लेकिन आप इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए के बाद भी पीएचडी या एमफिल करते है तो यह चांस और बढ़ जाता है।
सिलेबस
इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए करने में इच्छा इच्छा रखने वाले कैंडिडेट्स नीचे दिए गए टेबल को ध्यान से पढ़ें। टेबल में दिए गए सब्जेक्ट्स में आपको आपकी चुनी गई यूनिवर्सिटी और स्टडी अब्रॉड डेस्टिनेशन के कारण कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। आइए उसपे डालते हैं एक नज़र-
सेमेस्टर I | सेमेस्टर II |
इकोनॉमिक्स एंड मैनेजमेंट डिसीज़न | IT एप्लीकेशन इन इंफ्रास्ट्रक्चर |
क्वांटिटेटिव टेक्नीक्स | एकाउंटिंग इन इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर |
बिज़नेस कम्युनिकेशन एंड नेगोसिएशन स्किल्स | ऑपरेशन्स एंड मैटेरियल्स मैनेजमेंट |
ऑर्गनाइज़ेशनल बिहेवियर | मार्केटिंग मैनेजमेंट |
इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट | रिसर्च मेथोडोलॉजी एंड अप्लाइड स्टेटिस्टिक्स |
इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर इकॉनमी एंड प्लानिंग | ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट |
सेमेस्टर 3 | सेमेस्टर 4 |
स्ट्रेटेजिक इश्यूज़ इन इंफ्रास्ट्रक्चर क्रिएशन | बिज़नेस पॉलिसी एंड स्ट्रेटेजी |
इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट | एकॉनोमेट्रिक |
इंफ्रास्ट्रक्चर लॉ एंड पॉलिसी | नॉन-कन्वेंशनल मेथड्स ऑफ़ इंफ्रास्ट्रक्चर क्रिएशन |
इंडस्ट्रियल विज़िट्स | अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट एंड रेगुलेशन |
FDI इन इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर | इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर रूरल एंड सोशल सेक्टर |
विदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए कोर्स के लिए बेस्ट यूनिवर्सिटीज
विदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए कोर्स के लिए बेस्ट यूनिवर्सिटीज नीचे दी गई हैं-
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ ईस्ट लंदन, यूके
- डबलिन बिज़नेस स्कूल, आयरलैंड
- एमिटी यूनिवर्सिटी, दुबई कैंपस, UAE
- टोरेंस यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया
- एडिमब्र्ह नेपियर यूनिवर्सिटी, यूके
- EU बिज़नेस स्कूल, म्युनिक, जर्मनी
- मिसिसिपी स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए
- लिमकोकविन्ग यूनिवर्सिटी ऑफ़ क्रिएटिव टेक्नोलॉजी, मलेशिया
- सिप्रस इंस्टिट्यूट ऑफ़ मार्केटिंग, सिप्रस
- सैलम इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, यूएसए
भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए कोर्स के लिए बेस्ट यूनिवर्सिटीज
भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए के लिए बेस्ट यूनिवर्सिटीज के नाम कुछ इस प्रकार हैं:
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, अहमदाबाद
- ज़ेवियर स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट, जमशेदपुर
- इंटरनेशनल स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट, बैंगलोर
- एल. एम. थापर स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट, चंडीगढ़
- लोयोला इंस्टिट्यूट ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन, चेन्नई
- पैसिफिक इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, उदयपुर
- अडानी इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट, अहमदाबाद
इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए के लिए योग्यताएं
यदि आप इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए के क्षेत्र में डिग्री प्राप्त करने के इच्छुक हैं, तो आपको अपने चुने हुए विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित योग्यताओं को पूरा करना होगा। ये आवश्यकताएं कोर्सेज के स्तर के अनुसार भिन्न होती हैं, जैसे बैचलर, मास्टर या डिप्लोमा। इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए में कोर्स के लिए कुछ सामान्य योग्यताएं इस प्रकार हैं:
- बैचलर्स डिग्री प्रोग्राम के लिए ज़रुरी है कि उम्मीदवारों ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2(PCM) में कम से कम 50 % मार्क्स अर्जित किए हों।
- कुछ यूनिवर्सिटीज प्रवेश परीक्षा के आधार पर भी एडमिशन स्वीकार करतीं हैं।
- विदेश की अधिकतर यूनिवर्सिटीज मास्टर्स कोर्सेज के लिए GRE स्कोर की मांग करते हैं।
- साथ ही मास्टर्स में एडमिशन के लिए आपकी अंडरग्रेजुएट डिग्री में कम से कम 50 % मार्क्स का होना आवश्यक है।
- विदेश की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए IELTS या TOEFL टेस्ट स्कोर, अंग्रेजी प्रोफिशिएंसी के प्रमाण के रूप में ज़रूरी होते हैं।
- विदेश यूनिवर्सिटीज में पढ़ने के लिए SOP, LOR, सीवी/रिज्यूमे और पोर्टफोलियो भी जमा करने की ज़रूरत होती है।
आवेदन प्रक्रिया
विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:
- आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं।
- एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे।
- अगला कदम अपने सभी दस्तावेज़ों जैसे SOP, निबंध, सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टैस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है।
- यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
- आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीज़ा और छात्रवृत्ति/छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे ।
- अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लैटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है।
भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है:
- सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूज़र नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
- यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
आवश्यक दस्तावेज़
कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ों की लिस्ट नीचे दी गई है–
- आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्ट
- स्कैन किए हुए पासपोर्ट की कॉपी
- IELTS या TOEFL, आवश्यक टेस्ट स्कोर
- प्रोफेशनल/एकेडमिक LORs
- SOP
- निबंध (यदि आवश्यक हो)
- पोर्टफोलियो (यदि आवश्यक हो)
- अपडेट किया गया सीवी/रिज्यूमे
- एक पासपोर्ट और छात्र वीज़ा
- बैंक विवरण
प्रवेश परीक्षाएं
इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए के लिए दिए जाने वाले एंट्रेंस एग्ज़ाम की लिस्ट नीचे दी गई है-
- CAT
- XAT
- SNAP
- CMAT
करियर स्कोप
इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए करने के बाद आपके पास कई सारे ऑप्शंस मौजूद हैं जो आपको भविष्य में काफी फायदा दे सकते हैं। इनमें से कुछ हमने नीचे दिए पॉइंटर्स में मेंशन किए हैं-
- इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए नेशनल और इंटरनेशनल तौर पर काफी पॉपुलर कोर्स है जिसकी मार्किट वैल्यू काफी ज़्यादा है।
- इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए करने के बाद आपको इंडस्ट्रियल एक्सपोज़र मिलेगा जिससे आप बेहतर विकल्प पाने के साथ साथ नई चीज़े भी एक्सपीरियंस कर पाएंगे।
- अपने प्रोग्राम के कंप्लीशन के बाद आप प्राइवेट और सरकारी दोनों ही सेक्टर्स में काफी बेहतर प्रोफाइल्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इस डिग्री के साथ आपको प्रेफरेंस मिलने के अधिक चान्सेस हैं।
- फ़ील्ड्स जहाँ आप इस डिग्री के साथ अप्लाई करने करने के लिए एलिजिबल हैं उनमें कंस्ट्रक्शन एंड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, फैसिलिटीज मैनेजमेंट, रियल एस्टेट फाइनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस आदि शामिल हैं।
- वह कैंडिडेट्स जो अपनी डिग्री के बाद अपनी पढ़ाई को कंटीन्यू करना चाहते हैं वह पीएचडी और एम्.फिल कर सकते हैं। यह हायर डिग्रीज मार्किट में आपकी वैल्यू को और बढ़ाती है और बेहतर ऑप्शन प्रोवाइड करने में कारगर साबित होती है।
जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी
इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए करने के बाद मिलने वाली जॉब प्रोफाइल्स और उनकी एवरेज सालाना सैलरी निम्नलिखित हैं-
जॉब पोज़िशन | एवरेज सालाना सैलरी (INR) |
इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजर | 1-3 लाख |
इंफ्रास्ट्रक्चर टीम लीडर | 8-12 लाख |
फाइनेंस एंड एकाउंटिंग मैनेजर | 6-10 लाख |
कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट मैनेजर | 5-10 लाख |
इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियर | 5-10 लाख |
FAQs
इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए की अवधि दो साल है।
इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए के लिए दिए जाने वाले एंट्रेंस एग्ज़ाम की लिस्ट नीचे दी गई है :-
1. CAT
2. XAT
3. SNAP
4. CMAT
भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए के लिए बेस्ट यूनिवर्सिटीज के नाम कुछ इस प्रकार हैं :-
1. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, अहमदाबाद
2. ज़ेवियर स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट, जमशेदपुर
3. इंटरनेशनल स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट, बैंगलोर
4. एल. एम. थापर स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट, चंडीगढ़
5. लोयोला इंस्टिट्यूट ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन, चेन्नई
6. पैसिफिक इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, उदयपुर
7. अडानी इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट, अहमदाबाद
हम आशा करते हैं कि अब आप जान गए होंगे कि इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए कैसे करें? अगर आप इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में एमबीए कोर्स करना चाहते हैं और साथ ही एक उचित मार्गदर्शन चाहते हैं तो आज ही 1800572000 पर कॉल करके हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक कीजिए।