व्यक्तित्व के निर्धारक: सफल जीवन के लिए आवश्यक तत्व और उनका प्रभाव

1 minute read
व्यक्तित्व के निर्धारक

व्यक्तित्व वह विशेषता है जो प्रत्येक व्यक्ति को अन्य से अलग बनाती है। यह हमारे विचारों, व्यवहार, आदतों और सामाजिक संपर्क का मिश्रण होता है। बता दें कि व्यक्तित्व का विकास कई कारकों पर निर्भर करता है, जिन्हें “व्यक्तित्व के निर्धारक” कहा जाता है। ये निर्धारक किसी भी व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनके सोचने, समझने तथा कार्य करने के तरीके को प्रभावित करते हैं। व्यक्तित्व से संबन्धित कुछ तत्व होते हैं, जिनके द्वारा कोई भी इंसान आपके बारे में आपके व्यक्तित्व को लेकर धारणा बनाता है। इस लेख में आपके लिए व्यक्तित्व के निर्धारक क्या होते हैं? की विस्तृत जानकारी मिलेगी।

व्यक्तित्व के पहलू आंतरिक पहलू, बाहरी पहलू 
व्यक्तित्व के प्रकार (शारीरिक आधार पर) एंडोमार्फिक व्यक्तित्व मेसोमार्फिक व्यक्तित्व एक्टोमार्फिक व्यक्तित्व 
व्यक्तित्व के प्रकार (मानसिक आधार पर) अंतर्मुखी बहिर्मुखी 
प्रमुख व्यक्तित्व एक्सपर्ट केश्मर, शेल्डन, न्यूमैन, विलियम जेम्स, स्टर्न 
व्यक्तित्व के सामान्य प्रकार बाहरी व्यक्तित्व आंतरिक व्यक्तित्व 
This Blog Includes:
  1. व्यक्तित्व क्या है?
  2. व्यक्तित्व का महत्व
  3. व्यक्तित्व के प्रमुख निर्धारक
    1. जैविक एवं आनुवंशिक कारक
    2. पर्यावरणीय कारक
    3. मनोवैज्ञानिक कारक
    4. आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति
  4. व्यक्तित्व निर्धारण के उद्देश्य 
  5. व्यक्तित्व को निखारने के लिए 10 बेस्ट टिप्स 
  6. व्यक्तित्व के निर्धारक तत्व
    1. आंतरिक तत्व 
    2. बाहरी तत्व
  7. व्यक्तित्व के निर्धारक का प्रभाव
    1. शारीरिक संरचना का प्रभाव
    2. वातावरण संबंधी प्रभाव
    3. सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव
    4. प्रेरणा और अभिप्रेरणा का व्यक्तित्व पर प्रभाव
  8. व्यक्तित्व के निर्धारक का सिद्धान्त
  9. अपने व्यक्तित्व का निर्धारण कैसे करें 
  10. व्यक्तित्व के निर्धारक से जुड़ी बेस्ट बुक्स 
  11. FAQs 

व्यक्तित्व क्या है?

प्रत्येक व्यक्ति में कुछ ऐसे गुण या विशेषताएँ होती हैं जो दूसरे लोगों से भिन्न होती हैं। इन गुणों या विशेषताओं को मिलाकर ही किसी व्यक्ति का पूरा व्यक्तित्व बनता है। दूसरे शब्दों में कहें तो व्यक्तित्व मनुष्य के शारीरिक और मानसिक अवस्थाओं का मिश्रण है, जिनके आधार पर वह अपने आसपास के समाज के साथ सामंजस्य स्थापित करता है। 

व्यक्तित्व का महत्व

व्यक्तित्व किसी भी व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल हमें समाज में अलग पहचान दिलाता है, बल्कि हमारे करियर, व्यक्तिगत जीवन और सामाजिक संबंधों को भी प्रभावित करता है। एक प्रभावशाली व्यक्तित्व व्यक्ति को आत्मविश्वासी बनाता है और उसे जीवन में सफलता प्राप्त करने में सहायता करता है। व्यक्तित्व के प्रति जागरूकता ही हमारे जीवन में आत्मविश्वास को बढ़ाता है।

व्यक्तित्व के प्रमुख निर्धारक

व्यक्तित्व के प्रमुख निर्धारक (Determinants of personality in Hindi) की विस्तृत जानकारी यहाँ दी गई है। ये तत्व शारीरिक, बौद्धिक, रुचियों एवं अभिवृत्तियों पर आधारित होते हैं। व्यक्तित्व के प्रमुख निर्धारक निम्नलिखित हैं-

जैविक एवं आनुवंशिक कारक

व्यक्तित्व निर्माण में जैविक और आनुवंशिक कारकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह कारक जन्म से ही व्यक्ति में मौजूद होते हैं और उसके मानसिक, शारीरिक एवं व्यवहारिक पहलुओं को प्रभावित करते हैं। मनोवैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि आपके व्यवहार में आपका आपके वंश का अंश दिखाई पड़ता है। उदाहरण के लिए अगर आपके माता-पिता में से कोई एक यदि बहुत गुस्से वाला है तो इस बात की बहुत संभावना है कि आपका स्वभाव भी काफी हद तक गुस्सैल ही होगा। बता दें कि कुछ व्यक्तित्व लक्षण, जैसे अंतर्मुखता (Introversion) और बहिर्मुखता (Extroversion), आनुवंशिक रूप से प्रभावित होते हैं।

पर्यावरणीय कारक

व्यक्तित्व निर्माण में पर्यावरण की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। यह कारक व्यक्ति के जन्म के बाद उसके आसपास के भौतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और पारिवारिक परिवेश से प्रभावित होते हैं। बता दें कि पारिवारिक परिवेश और शिक्षण शैली (अनुशासन, प्रेम, स्वतंत्रता) के साथ-साथ, शैक्षिक संस्थानों की भी एक विशेष भूमिका होती है। ग्रामीण और शहरी परिवेश में व्यक्तित्व विकास का भी अंतर देखा जाता है।

मनोवैज्ञानिक कारक

व्यक्तित्व निर्माण में मनोवैज्ञानिक कारक बहुत प्रभावी होता है, जिसमें बौद्धिक स्तर और मानसिक क्षमताएँ शामिल होती हैं। बता दें कि व्यक्तित्व का निर्माण केवल आनुवंशिकी और बाहरी पर्यावरण से नहीं होता, बल्कि मानसिक और भावनात्मक पहलू भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मनोवैज्ञानिक कारक व्यक्ति की सोच, निर्णय लेने की क्षमता, भावनाओं और प्रेरणाओं को प्रभावित करते हैं।

आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति

व्यक्तित्व का निर्माण कई कारकों से प्रभावित होता है, जिनमें आर्थिक और सामाजिक स्थिति महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। किसी भी व्यक्ति की आर्थिक समृद्धि, सामाजिक प्रतिष्ठा और जीवनशैली ही उनके सोचने-समझने, व्यवहार और आत्मविश्वास को आकार देने में मुख्य भूमिका निभाती है।

व्यक्तित्व निर्धारण के उद्देश्य 

व्यक्तित्व के निर्धारक के जानने के लिए पहले व्यक्तित्व निर्धारण के उद्देश्य जानने चाहिए, जो इस प्रकार हैं:

  • व्यक्तित्व को जानना : व्यक्तित्व निर्धारण के द्वारा आप अपने या किसी और के व्यक्तित्व के बारे में जान सकते हैं। अपने व्यक्तित्व के बारे में जानकर आप बारे में अच्छे से जान सकते हैं और खुद में सुधार कर सकते हैं। किसी दूसरे के व्यक्तित्व के बारे में जानकर आप यह निर्णय ले सकते हैं कि आपको उस व्यक्ति के साथ आगे बढ़ना है या नहीं। 
  • आत्मविश्वास में वृद्धि करना : व्यक्तित्व निर्धारण का एक लक्ष्य आत्मविश्वास में वृद्धि करना भी होता है। अपने व्यक्तित्व का निर्धारण करके आप खुद को बेहतर बनाते हुए अपने आत्मविश्वास में वृद्धि भी कर सकते हैं। 
  • मनोविज्ञान समझना : व्यक्तिव निर्धारण से आप सामने वाले के मनोविज्ञान को समझने में भी मदद मिलती है। इसके द्वारा आप उसकी आदतों और प्रवृत्तियों के बारे में सहज रूप से जान सकते हैं। 
  • समाज के लिए बेहतर नागरिक तैयार करना : व्यक्तित्व निर्धारण के द्वारा कोई मनोवैज्ञानिक किसी व्यक्ति की मनोस्थिति की जांच कर उसमें सुधार कर सकता है। इससे समाज को एक बेहतर नागरिक मिलने में मदद मिलेगी।

व्यक्तित्व को निखारने के लिए 10 बेस्ट टिप्स 

नीचे Determinants of personality in hindi को निखारने के लिए विश्व के विद्वानों द्वारा सुझाए बेस्ट टिप्स दिए जा रहे हैं। इन्हें जीवन में उतारकर आप भी अपने व्यक्तित्व को अच्छा बना सकते हैं-

  • आत्मविश्वासी महसूस करें: खुद को किसी से कम न समझें। अपनी कमियों को दूर करें और अच्छाइयों को ग्रहण करें। रोज खुद को आईने में देखकर बोलें कि आप अच्छे दिख रहे हैं। इससे आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और मस्तिष्क और जीवन में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। 
  • नए फैशन से जुडने की कोशिश करें: अगर आप लेटेस्ट फैशन को फॉलो करेंगे तो इससे आपकी पर्सनलिटी में निखार आएगा। 
  • साफ सुथरे कपड़े पहनें: अगर आप साफ सुथरे कपड़े पहनकर रहेंगे तो इससे आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा। 
  • ठीक से बोलें: अपनी बात को दूसरों के सामने स्पष्ट और ठीक तरह से रखें। बातों से सामने वाले पर विशेष प्रभाव पड़ता है। बातें आपके व्यक्तित्व निर्धारन में अहम भूमिका निभाती हैं। इसलिए दूसरों के सामने सोच समझकर ही बोलें। 
  • अपशब्दों का इस्तेमाल न करें: अपशब्द कहीं से भी एक सभ्य व्यक्ति की पहचान नहीं हो सकते। यह आपके व्यक्तित्व पर एक नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इसलिए अपशब्दों का प्रयोग करने से बचें। 
  • जूते हमेशा पॉलिश रखें: जूते व्यक्तित्व का अहम हिस्सा होते हैं। बहुत से लोग सामने वाले के जूतों से ही उसके व्यक्तित्व का निर्धारण कर लेते हैं। इसलिए अपने जूतों को हमेशा साफ रखें। 
  • मुसकुराते रहें: मुस्कान कभी आउट ऑफ फ़ैशन नहीं होती। आपकी मुस्कान आपके व्यक्तित्व में चार चाँद लगाती है। यह एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। जितना हो सके अपने चहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान बनाकर रखें। 
  • बॉडी लेंगवेज़ का ध्यान रखें: बॉडी लेंगवेज़ भी व्यक्तित्व का एक अहम हिस्सा होती है। अगर आप आड़े तिरछे चलेंगे या खड़े होंगे तो इससे सामने वाला आपके व्यक्तित्व का निर्धारण गलत तरीके से कर सकता है। अत: अपनी बॉडी लेंगवेज़ का खास ध्यान रखें। 
  • नाक मुंह में उंगली न करें: अगर आप बात करते समय नाक या मुंह में उंगली डालते हैं तो इससे सामने वाले पर गलत प्रभाव पड़ता है। इसलिए ऐसी हरकतें करने से बचें 
  • छींकने के बाद सॉरी बोलें: अगर आपको कहीं पब्लिक प्लेस पर अचानक से छींक आ जाती है तो हमेशा मुंह पर हाथ रखकर छींकें और छींकने के तुरंत बाद सॉरी या इक्सक्यूज मी बोलें। इससे सामने वाला आपके व्यक्तित्व का निर्धारण एक सभ्य व्यक्ति के रूप में करेगा। 

व्यक्तित्व के निर्धारक तत्व

यहाँ व्यक्तित्व के निर्धारक तत्व को आंतरिक और बाहरी तत्व के रूप में समझाया गया है, जो इस प्रकार है –

आंतरिक तत्व 

व्यक्तित्व के निर्धारक में अब बारी आती है व्यक्तिव के आंतरिक तत्व जानने की, जो नीचे दिए गए हैं-

  • व्यवहार: व्यवहार किसी भी इंसान के व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण आंतरिक तत्व होता है। व्यवहार से ही किसी भी व्यक्ति का मूल चरित्र पता चलता है। 
  • बोलने का तरीका: किसी व्यक्ति के बोलने के तरीके से उसके बारे में बहुत कुछ पता चलता है। यह भी उसके आंतरिक व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण तत्व है। 
  • क्रोध: क्रोध भी व्यक्तित्व के आंतरिक तत्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। क्रोध से एक व्यक्ति के व्यक्तिव निर्धारण का रास्ता साफ होता है। 
  • विचार: विचार किसी भी व्यक्ति की मूल पर्सनलिटी बनाते हैं। जैसा इंसान सोचता है वह वैसा ही हो जाता है। 
  • सेंस ऑफ ह्यूमर: किसी व्यक्ति का सेंस ऑफ ह्यूमर उसके बारे में बहुत कुछ कहता है। ऊंचे व्यक्तित्व वाले व्यक्ति का सेंस ऑफ ह्यूमर आपको हमेशा अच्छा ही मिलेगा। 

बाहरी तत्व

नीचे Determinants of personality in Hindi के कुछ बाहरी तत्व दिए जा रहे हैं-

  • कद-काठी: कद काठी आपके व्यक्तित्व का एक अहम हिस्सा होती है। अच्छी कद काठी वाले व्यक्ति की तरफ लोग खुद ही प्रभावित हो जाते हैं। 
  • हंसमुख चेहरा: अगर आपका चेहरा हंसमुख है तो यह आपके व्यक्तित्व में चार चाँद लगा देता है। 
  • बॉडी पोसचर: बॉडी पोसचर भी आपकी पर्सनलिटी में एक अहम भूमिका निभाता है। इससे सामने वाला आपकी पर्सनलिटी को जज करता है। 
  • चलने का तरीका: आपके चलने का तरीका भी आपके व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ कहता है। आपके चलने के तरीके भर से ही कुछ लोग आपके व्यक्तित्व का निर्धारण कर सकते हैं। 

व्यक्तित्व के निर्धारक का प्रभाव

व्यक्तित्व के निर्धारक का प्रभाव नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से आसानी से समझा जा सकता है, जो इस प्रकार हैं –

शारीरिक संरचना का प्रभाव

इस बात में कोई शक नहीं है कि शारीरिक संरचना का असर जरूर आपकी पर्सनलिटी पर होता है। यदि आप एक सुगठित और लंबे चौड़े शरीर के स्वामी हैं तो जाहिर सी बात है कि आपका प्रभाव सामने वाले के ऊपर ज्यादा होगा और यह आपके आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी करता है।

वातावरण संबंधी प्रभाव

आसपास के वातावरण का व्यक्तित्व पर बहुत प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए मान लीजिए कि आप किसी ऐसे मोहल्ले में रहते हैं जहां लोग बिना गाली दिए आपस में बात नहीं करते। तो बहुत संभावना है कि आप भी बात-बात पर गाली देना सीख जाएंगे और यह बात आपके व्यक्तित्व का एक हिस्सा बन जाएगी।

सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव

व्यक्तित्व के निर्धारक में समाज की मान्यताएँ, परंपराएँ और रीति-रिवाज के साथ-साथ, जाति, धर्म, भाषा और सांस्कृतिक विरासत का प्रभाव देखने को मिलता है। समाज में व्यक्ति की स्थिति और सामाजिक प्रतिष्ठा के साथ-साथ, मित्रता और सामाजिक संबंधों की भूमिका का भी प्रभाव देखा जा सकता है।

प्रेरणा और अभिप्रेरणा का व्यक्तित्व पर प्रभाव

व्यक्तित्व निर्माण में प्रेरणा (Inspiration) और अभिप्रेरणा (Motivation) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ये दोनों कारक किसी व्यक्ति के सोचने, कार्य करने और लक्ष्य प्राप्ति की दिशा तय करने में मदद करते हैं। बता दें कि सही दिशा में प्रेरित और अभिप्रेरित व्यक्ति अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है और समाज के लिए प्रेरणास्रोत बन सकता है।

व्यक्तित्व के निर्धारक का सिद्धान्त

व्यक्तित्व के निर्धारक का सिद्धान्त (Determinants of personality in Hindi) और इससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी निम्नलिखित हैं-

  • बुद्धिमत्ता: बुद्धिमत्ता के आधार पर किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्धारन आसानी से किया जा सकता है। 
  • भावुकता: भावुकता के आधार पर भी किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्धारण आराम से किया जा सकता है। इससे संबन्धित कुछ मनोविज्ञानी टेस्ट भी होते हैं जिनके द्वारा मनुष्य के भावनात्मक पहलू का पता लगाया जा सकता है। 
  • आक्रामकता: आक्रामकता के आधार पर भी किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्धारण किया जा सकता है। 
  •  स्थिरता: आप किसी भी स्थिति में कितने स्थिर  बने रहते हैं यह बात भी आपके व्यक्तित्व का निर्धारण करती है।

अपने व्यक्तित्व का निर्धारण कैसे करें 

 नीचे दिए गए बिन्दुओं को ध्यान में रखकर आप अपने व्यक्तित्व का निर्धारण स्वयं कर सकते हैं-

  • खुद पर ध्यान दें: आप अपने आप पर और अपनी आदतों पर ध्यान दें। देखें कि कहीं आपमें कुछ कमियाँ तो नहीं हैं। अपनी आदतों को एक डायरी में नोट करें और उन पर विचार करें। 
  • अपने शुभचिंतकों से अपने व्यक्तित्व को लेकर सवाल करें: अपने शुभचिंतकों जैसे माता पिता, भाई बहन और दोस्तों आदि से अपने व्यक्तित्व के बारे में सवाल करें। अगर वे कुछ कमियाँ बताते हैं तो उन्हें दूर करने का प्रयास करें। 
  • अच्छे श्रोता बनें: खुद के व्यक्तित्व का निर्धारण करने के लिए पहले अच्छे श्रोता बनें। अपने बारे में लोगों की राय पर गौर करें। 
  • रोज खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करें: रोज खुद के लिए कम से कम आधा घंटा निकालें। अपनी कमियों को ध्यान में लाएँ। उन पर विचार करें और उन्हें ठीक करने का प्रयास करें।

व्यक्तित्व के निर्धारक से जुड़ी बेस्ट बुक्स 

व्यक्तित्व के निर्धारक से जुड़ी बेस्ट बुक्स नीचे दी गई हैं-

बुक लेखक/ प्रकाशन यहाँ से खरीदें 
Personality Development Handbook (Hindi)D. P. Sabharwalयहाँ से खरीदें 
Personality Development and soft skills Barun Mitraयहाँ से खरीदें 
Attitude is everything Jeff Keller यहाँ से खरीदें 
How to talk Leil Lowndes यहाँ से खरीदें 
Personality Development Swami Vivekanandaयहाँ से खरीदें 
Life’s Amazing secret Gaur Gopal Dasयहाँ से खरीदें 

FAQs 

व्यक्तित्व निर्धारण क्या हैं?

व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले तत्वों को व्यक्तित्व निर्धारक तत्व कहते हैं। ये तत्व शारीरिक, बौद्धिक, रुचियों एवं अभिवृत्तियों पर आधारित होते हैं। 

व्यक्तित्व के 5 गुण कौनसे हैं?

व्यक्तित्व के पाँच गुण हैं : शारीरिक गुण, मानसिक गुण, सामाजिक गुण, संवेगात्मक गुण, चारित्रिक गुण 

व्यक्तित्व के प्रमुख घटक कौनसे हैं?

व्यक्तित्व के दो प्रमुख घटक हैं- अहंकार और सुपररेगो का विकास 

व्यक्तित्व का क्या महत्व है?

व्यक्तित्व हर मनुष्य की पहचान होती है। वास्तव में व्यक्तित्व उस पूरी छवि का नाम है जो व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के सामने बनाता है। 

व्यक्तित्व का विकास कैसे होता है?

व्यक्तित्व का निर्माण तब होता है जब लोग दूसरों के व्यवहार का निरीक्षण करते हैं। यह अनुकूल और आत्मसात करने की ओर ले जाता है। 

व्यक्तित्व के निर्धारक कौन-कौन से होते हैं?

व्यक्तित्व के प्रमुख निर्धारक जैविक, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक, और बौद्धिक होते हैं।

व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक कौन-कौन से हैं?

व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले प्रमुख निर्धारक निम्नलिखित हैं –

आनुवंशिकता (Heredity) – व्यक्ति के गुणसूत्रों से मिलने वाले जन्मजात लक्षण।
पर्यावरण (Environment) – सामाजिक और भौतिक परिवेश का प्रभाव।
संस्कार और शिक्षा (Upbringing & Education) – परिवार, विद्यालय और समाज द्वारा दिए गए मूल्य।
मनोवैज्ञानिक तत्व (Psychological Factors) – बुद्धि, अभिप्रेरणा और मानसिक स्वास्थ्य।
संस्कृति (Culture) – समाज की परंपराएं, रीति-रिवाज और नैतिक मूल्य।

व्यक्तित्व में कितने लक्षण होते हैं?

व्यक्तित्व में प्रमुख रूप से पांच लक्षण बहिर्मुखता, सहमति, खुलापन, कर्तव्यनिष्ठा और विक्षिप्तता होते हैं।

आनुवंशिकता (Heredity) का व्यक्तित्व पर क्या प्रभाव पड़ता है?

आनुवंशिकता व्यक्ति की शारीरिक बनावट, मानसिक क्षमता, स्वभाव और कुछ हद तक व्यवहार को प्रभावित करती है। उदाहरण के लिए, बुद्धि, शरीर की संरचना और भावनात्मक प्रवृत्तियाँ अक्सर पारिवारिक विरासत में मिलती हैं।

व्यक्तित्व के विकास में समाज की क्या भूमिका होती है?

समाज व्यक्ति को नैतिकता, रीति-रिवाज, भाषा और आचरण सिखाता है। विभिन्न सामाजिक समूह, जैसे परिवार, मित्र, कार्यस्थल और समुदाय, व्यक्ति के दृष्टिकोण और व्यवहार को प्रभावित करते हैं।

उम्मीद है आपको इस लेख में दी गई व्यक्तित्व के निर्धारक से जुड़ी विस्तृत जानकारी पसंद आई होगी। इसी प्रकार के ज्ञानवर्धक और आकर्षक ब्लॉग पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*