इंसानी दिमाग़ दुनिया में मौजूद सभी चीज़ों और जीवों के काम करने का तरीका और उसमें शामिल सभी चीज़ों को एक्सप्लेन कर सकता है। लेकिन इस इंसानी दिमाग़ में चल रही चीज़ों को समझना उसके लिए उतना ही मुश्किल होता है, जहाँ रोल आता है एक साइकोलॉजिस्ट का। साइकोलॉजी मूल रूप से ह्यूमन माइंड यानी इंसानी दिमाग़ को पढ़ने का नाम है। जिसमें व्यक्ति की पर्सनालिटी, बिहेवियर, इमोशंस सभी चीज़ों का एनालिसिस होता है। दुनिया की सबसे बेहतरीन मशीन होने के बावजूद भी कई बार हम अपने ही दिमाग़ को समझ नहीं पाते। लेकिन अगर आप इस मुश्किल काम को आसान करने का जज़्बा रखते हैं और मानव जाती को दिमाग़ के रूप में मिली इस ब्लेसिंग को कर्स में बदलने से रोकना चाहते हैं तो आप सही जगह हैं मेरे दोस्त। इस ब्लॉग को आखिर तक पढ़ें और जानें बीए साइकोलॉजी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी।
कोर्स | बीए साइकोलॉजी |
अवधि | तीन साल |
योग्यता | बारहवीं पास (किसी भी स्ट्रीम से) |
विषय | ह्यूमन बिहेवियर ह्यूमन साइकोलॉजी साइकोलॉजी ऑफ़ इंडिविजुअल डिफरेंसेस सोशल साइकोलॉजी डेवलपमेंट साइकोलॉजी साइकोलॉजीकल डिसऑर्डर्स |
स्कोप | MA/MSc Psychology |
जॉब प्रोफाइल्स | कैरियर्स कॉउंसलर्स, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, हैल्थ साइकोलॉजिस्ट, काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट, स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट |
This Blog Includes:
- बीए साइकोलॉजी क्या है ?
- बीए साइकोलॉजी क्यों करें ?
- बीए साइकोलॉजी के लिए अनिवार्य स्किल्स
- बीए साइकोलॉजी का सिलेबस
- विदेश में बीए साइकोलॉजी के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज
- भारत में बीए साइकोलॉजी के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज
- योग्यताएं
- आवेदन प्रकिया
- आवश्यक दस्तावेज़
- बीए साइकोलॉजी के लिए प्रवेश परीक्षाएं
- करियर स्कोप
- बीए साइकोलॉजी के बाद टॉप रिक्रूटर्स
- जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी
- साइकोलॉजी में करियर शुरू करने के लिए किताबें
- Faqs
बीए साइकोलॉजी क्या है ?
ह्यूमन माइंड के काम करने के तरीके और उसके बिहेवियर को जानने की इस डिग्री की अवधि तीन साल है। इसमें आप इंसानी दिमाग़ के बायोलॉजिकल ढाँचे, उसका चीज़ों को लेकर बर्ताव और चीज़ों को लेकर उसका रियेक्ट करने का तरीका इन सबके बारे में जानेंगे। हमने यह बात तो की कि इस डिग्री में आप इंसानी दिमाग़ को बेहतर तरीके से जानते है लेकिन इसके साथ यह जानना भी ज़रूरी है कि इस फील्ड में भी कई विषय और टर्म्स इन्वॉल्व है। यह टर्म्स आपको कम्पलीट जानकारी को बेहतर जानने में मदद करती है। बीए साइकोलॉजी में विषयों की बात करें तो यह आपके चुने गए कोर्स यूनिवर्सिटी और कंट्री पर निर्भर करता है। बीए साइकोलॉजी में आने वाले कुछ विषयों के नाम निम्नलिखित है।
- द साइकोलॉजिकल प्रोसेसे
- स्टडी ऑफ़ बिहेवियर
- डेवलपमेंट साइकोलॉजी
- एजुकेशनल साइकोलॉजी
- सोशल साइकोलॉजी
- इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी
- साइकोपैथोलॉजी
- गाइडेंस एंड कॉउंसलिंग
- प्रोजेक्ट वर्क
- फील्ड वर्क
- फॉरेंसिक साइकोलॉजी
- एनवायर्नमेंटल साइकोलॉजी
- स्पोर्ट्स साइकोलॉजी
बीए साइकोलॉजी क्यों करें ?
बीए साइकोलॉजी आपको लोगों को समझने और उनकी दिक्कतों में उनकी मदद करने की एक पॉवर देती है। क्योंकि ये इंसानी दिमाग़ के काम करने और उसे बेहतर जानने की प्रक्रिया के बारे में है, आप अपनी नॉलेज से लोगों की कंडीशन में इम्प्रूवमेन्ट ला सकते हैं। लोगों की मदद करने के अलावा यह डिग्री आपको एप रिसर्च वर्क में बेहतर समझ प्रदान करता है क्योंकि आप इसे लोगो से और खुद से रिलेट कर पाते हैं। बीए साइकोलॉजी को चुनने के फायदों और आपको मिलने वाले मूल भूत बेनिफिट्स का वर्णन नीचे पॉइंटर्स में किया गया है :-
- नौकरी के बेहतरीन मौके :- आज की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी ने सभी के दिमाग़ी संतुलन को इस तरह झंझोड़ा है कि आज एक मनोवैज्ञानिक की आवश्यकता हर जगह आवश्यक हो गई है। फिर चाहे वो स्कूल हो, कोई कार्यालय हो या हॉस्पिटल। एक सर्टिफाइड साइकोलोजिस्ट की मांग हर जगह है जो आपको आपके करियर में नौकरी के कई अवसर प्रदान कर सकता है।
- बेहतर सैलरी :- जैसे जैसे आप प्रोफेशनली ग्रो करते हैं। एक्सपीरियंस गेन करते हैं। आपको मिलने वाले अवसरों के नंबर्स बढ़ जाते है। इसके साथ अगर आप डिग्री होल्डर हैं और काफी सालों का एक्सपेरिंस रखते हैं तो यह आपके बैंक बैलेंस का ग्राफ काफी तेज़ी से ऊपर लेकर जा सकता है।
- दुसरो की मदद करने से मिली सैटिस्फैक्शन :- इस प्रोफेशन की सबसे बेहतरीन बात यह भी है कि इसमें आप लोगों की मदद कर पाते है। शारीरिक मदद शायद सभी कर लें जिन्होंने थोड़ी ट्रेनिंग पहले ली हो लेकिन मानसिक मदद के लिए आपको एक अलग प्रकार की समझ का ज्ञान होना आवश्यक है। कई बार कुछ केसीज़ में आपको सिर्फ एक्शन्स के माध्यम से दूसरे व्यक्ति की बात को भापना होता है जिसमें अलग टेक्नीक की आवश्यकता पड़ती है।
- स्पेशलाइज़ेशनस :- इस कोर्स में आप अपनी ग्रेजुएशन के दौरान अपनी पसंद की स्पेशलाइज़ेशन चुन सकते हो। अपने इंटरेस्ट को भापना और जानना कि किस टर्म में आप ज़्यादा बेहतर परफॉर्म कर सकते हो यह बहुत ज़रूरी है। इसके साथ आप साइकोलॉजी में अपना करियर बेहतर तरीके से बिल्ड कर सकते हो।
बीए साइकोलॉजी के लिए अनिवार्य स्किल्स
बीए साइकोलॉजी के करियर में आपको स्पेसिफिक स्किल्स की आवश्यकता होगी जिनके होने से आप न सिर्फ अपनी फील्ड को बल्कि अपने आपको भी बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। आइए कुछ पॉइंट्स पर डालते हैं नज़र:-
- एनालिटिकल स्किल्स :- हर प्रोफेशन में किताबी नॉलेज का इस्तमाल पॉसिबल नहीं हो पाता। कुछ जगहें हमारी अंदरूनी स्किल्स से सुलझना आसान होता है। एनालिटिकल स्किल भी कुछ ऐसी ही है जहाँ आपको हर क्वारी को एनालाइज़ कर पेशेंट की दुविद्या को समझने की आवश्यकता होती है।
- बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल्स :- कम्युनिकेशन में आपकी सुनने और बोलने की क्षमता दोनों को नज़र में रखा जाता है। जहाँ आप सामने वाले व्यक्ति की बात को ठीक से समझने और अपनी बात को ठीक से समझाने की क्षमता रखते हैं।
- सब्र की मौजूदगी :- दिमाग़ी मामलो में कई बार ऐसा भी होता है जहाँ व्यक्ति आपका समय और सब्र दोनों का इम्तिहान ले सकता है। ऐसे में आपको धैर्य के साथ हालात को नियंत्रण में लाना नतीजे तक पहुंचना होगा।
- करुणा और नम्रता की भावना :- जहाँ व्यक्ति को भीतर की बातों को बाहर लाना होता है वहां आप में उस भावना के प्रति थोड़ी करुणा और नम्रता का होना आवश्यक है। यह स्किल आपको उसकी बातो को समझने और उसका निवारण करने में मददगार साबित होगी।
बीए साइकोलॉजी का सिलेबस
बीए साइकोलॉजी के सिलेबस को हमने सेमेस्टर के हिसाब से बांटा है। सेमेस्टर में आने वाले विषयों का वर्णन किया गया है। हो सकता है कि इन विषयों का नाम आपकी चुनी गई यूनिवर्सिटी भीं पाया जाए। :-
सेमेस्टर 1
- इंट्रोडक्शन टू साइकोलॉजी
- इमोशंस
- मोटिवेशन
- स्ट्रेस एंड वेल बींग
- अटेंशन एंड परसेप्शन
- इंटेलिजेंस एंड क्रिएटिविटी
- स्टेट्स ऑफ़ कॉन्शियसनेस
सेमेस्टर 2
- एंडोक्राइन सिस्टम
- कॉग्निशन
- नेचर एंड मैथड्स ऑफ़ फिजियोलॉजिकल साइकोलॉजी
- लर्निंग
- मेमोरी
- नर्वस सिस्टम: स्ट्रक्चर एंड फंक्शन
सेमेस्टर 3
- नेचर ऑफ़ साइकोलॉजिकल रिसर्च ऑब्ज़र्वेशन
- इंटरव्यू मैथड्स
- एक्सपेरिमेंटल एंड नॉन एक्सपेरिमेंटल रिसर्च
- क्वालिटेटिव एनालिसिस
- ऍप्लिकेशन ऑफ़ मेज़र ऑफ़ सेंट्रल टेंडेंसीस एंड वैरिएबिलिटी
- नॉन पैरामेट्रिक एंड पैरामीट्रिक स्टेटिस्टिक्स
सेमेस्टर 4
- डेवलपमेंट कंसर्न ड्यूरिंग अडोलेसेन्स, अर्ली यूथ एंड एडल्टहुड
- इमोशनल एंड सोशल डेवलपमेंट
- सोशल एंड कल्चरल कॉन्टेक्स्ट इन ह्यूमन डेवलपमेंट
- कॉग्निटिव डेवलपमेंट
सेमेस्टर 5
- ग्रुप एंड लीडरशिप
- थ्योरेटिकल एंड मेथोडोलॉजिकल इश्यूज़ इन सेल्फ एंड पर्सनालिटी
- सेल्फ इन साइकोऐनालिसिज़
- एम्पिरिकल थेओरीज़ इन पर्सनालिटी
- जेना थ्योरी ऑफ़ पर्सनेलिटी
सेमेस्टर 6
- असेसमेंट ऑफ़ साइकोपैथोलॉजिकल बिहेवियर
- टाइप्स ऑफ़ साइकोलॉजिकल टेस्ट्स
- डाइवर्सिटी एंड मल्टीकल्चरलिस्म
- कम्युनिटी पार्टिसिपेशन एंड सोशल चेंज
- सोशल इकोलॉजी एंड कम्युनिटी साइकोलॉजी
- साइकोलॉजिकल अप्रोचेस तो एनवायरनमेंट
विदेश में बीए साइकोलॉजी के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज
दुनिया में ऐसे कई विश्वविद्यालय हैं, जो साइकोलॉजी में डिप्लोमा से लेकर मास्टर डिग्री तक विभिन्न प्रकार के कोर्सेज उपलब्ध करवाते हैं, उनमें से कुछ टॉप विश्वविद्यालयों की सूची नीचे दी गई है:
- हार्वर्ड महाविद्यालय
- ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन
- स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय
- मेलबर्न विश्वविद्यालय
- ऑकलैंड विश्वविद्यालय
- ज्यूरिख विश्वविद्यालय
- वारविक विश्वविद्यालय
- मेसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
- ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय
- मैकगिल विश्वविद्यालय
- येल विश्वविद्यालय
- स्वाइनबर्न इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
- एसेक्स विश्वविद्यालय
- एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय
भारत में बीए साइकोलॉजी के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज
साइकोलॉजी में पढ़ाई करवाने वाले भारत कुछ टॉप विश्वविद्यालयों की सूची नीचे दी गई है:
- क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बैंगलोर
- प्रेसीडेंसी कॉलेज, चेन्नई
- माउंट कार्मेल कॉलेज, बैंगलोर
- सेंट फ्रांसिस कॉलेज फॉर विमेन, हैदराबाद
- बेथ्यून कॉलेज, कोलकाता
- निम्स विश्वविद्यालय, जयपुर
- रांची इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो-साइकेट्री एंड एलाइड साइंस (RINPAS)
- बॉन सिकोर्स कॉलेज, तंजावुरी
- CMR विश्वविद्यालय
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
- नेताजी सुभाष मुक्त विश्वविद्यालय (NSOU)
योग्यताएं
यदि आप इस क्षेत्र में डिग्री प्राप्त करने के इच्छुक हैं, तो आपको अपने चुने हुए विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित योग्यताओं को पूरा करना होगा। ये आवश्यकताएं कोर्सेज के स्तर के अनुसार भिन्न होती हैं, जैसे बैचलर, मास्टर या डिप्लोमा।
- डिप्लोमा या बैचलर्स डिग्री प्रोग्राम के लिए ज़रुरी है कि उम्मीदवारों ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 प्रथम श्रेणी से पास किया हो।
- PG डिप्लोमा या मास्टर डिग्री प्रोग्राम के लिए संबंधित क्षेत्र में प्रथम श्रेणी के साथ बैचलर्स डिग्री होना आवाश्यक है। साथ ही कुछ यूनिवर्सिटीज प्रवेश परीक्षा के आधार पर भी एडमिशन स्वीकार करतीं हैं।
- विदेश की अधिकतर यूनिवर्सिटीज बैचलर्स के लिए SAT और मास्टर्स कोर्सेज के लिए GRE स्कोर की मांग करते हैं।
- विदेश की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए IELTS या TOEFL टेस्ट स्कोर, अंग्रेजी प्रोफिशिएंसी के प्रमाण के रूप में ज़रूरी होते हैं।
- विदेश यूनिवर्सिटीज में पढ़ने के लिए SOP, LOR, सीवी/रिज्यूमे और पोर्टफोलियो भी जमा करने की ज़रूरत होती है।
आवेदन प्रकिया
विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–
- आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं।
- एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे।
- अगला कदम अपने सभी दस्तावेज़ों जैसे SOP, निबंध, सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है।
- यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
- आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीज़ा और छात्रवृत्ति/छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे ।
- अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण
भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–
- सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूज़र नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुनें हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
- यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
आवश्यक दस्तावेज़
कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–
- अधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्ट
- स्कैन किए हुए पासपोर्ट की कॉपी
- IELTS या TOEFL, आवश्यक टेस्ट स्कोर
- प्रोफेशनल/एकेडमिक LORs
- SOP
- निबंध (यदि आवश्यक हो)
- पोर्टफोलियो (यदि आवश्यक हो)
- अपडेट किया गया सीवी/रिज्यूमे
- एक पासपोर्ट और छात्र वीज़ा
- बैंक विवरण
बीए साइकोलॉजी के लिए प्रवेश परीक्षाएं
बीए साइकोलॉजी के लिए एंट्रेंस एग्ज़ाम की लिस्ट नीचे दी गई है :-
- NPAT
- BHU UET
- TISS BAT
- IPU CET
- JNUEE
- CUET
करियर स्कोप
बीए साइकोलॉजी में करियर स्कोप की बात की जाए तो तेज़ी से बढ़ते इस क्षेत्र में आपको अनगिनत अवसरों का आगमन देखने को मिलेगा। अगर आप साइकोलॉजी में और पढ़ाई करना कहते हैं तो मास्टर्स करने का विकल्प शुन सकते हैं। एमए इन साइकोलॉजी एक बेहतर ऑप्शन साबित होगा। इसके आलावा अगर आप नौकरी के विकल्पों की और बढ़ना चाहते हैं तो निम्नलिखित जॉब प्रोफाइल्स आपका ध्यान खींचने में सक्षम हैं :-
- करियर कॉउंसलर
- क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट
- हैल्थ साइकोलॉजिस्ट
- कॉउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट
- स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट
- सोशल वर्कर
- टीचर
- कॉर्पोरेट कॉउंसलर
बीए साइकोलॉजी के बाद टॉप रिक्रूटर्स
बीए साइकोलॉजी की पढ़ाई करने के बाद भर्ती करने वाले टॉप रिक्रूटर की सूची नीचे दी गई है:
- Vcare Counseling Center
- Medanta
- Veda Rehab and Wellness Private Limited
- The Mind Clinic
- Fortis
- Mind Care center for counseling
- Apollo
- Institute Of Psychiatry
- Delhi University
- Jamia Millia Islamia University
- Over a Cup of Tea – Psychological Wellness Center
- Central Institute of Psychiatry
- T & A Solutions
- ACRO
- AIIMS
- Public Health Foundation of India
- Defense Institute of Psychological Research
जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी
छात्रों के मन में सबसे बड़ा सवाल यह होता है कि BA psychology ke baad kya kare। BA साइकोलॉजी के बाद निजी, कॉर्पोरेट या सरकारी क्षेत्र में करियर के विभिन्न अवसर उपलब्ध है, जिनकी विस्तृत जानकारी नीचे दी गई है:
जॉब प्रोफ़ाइल | विस्तृत वर्णन | सालाना औसत सैलरी |
करियर काउंसलर | करियर काउंसलर की भूमिका किसी व्यक्ति के करियर पथ को समझना और उसे एक उज्ज्वल करियर की ओर मार्गदर्शन करना है। | INR 2.5- 3 लाख |
सामाजिक कार्यकर्ता | एक सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका समुदाय या समूह की मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं का मूल्यांकन करके उनकी मदद करना है। | INR 1.2- 6.3 लाख |
शिक्षक | एक मनोविज्ञान ग्रेजुएट आसानी से किसी स्कूल या कॉलेज में नौकरी पा सकता है। रोजगार के बेहतर अवसरों के लिए उनके पास केवल बी.एड डिग्री होनी चाहिए। कॉलेज में अध्यापक/प्रोफेसर/लेक्चरर बनने के लिए आपका NET एग्ज़ाम क्लियर होना चाहिए और आपके पास PhD की डिग्री होनी चाहिए। | INR 3- 6 लाख |
विज्ञापन एजेंट | इस क्षेत्र में कार्यरत एक व्यक्ति को पता होना चाहिए कि अपने ज्ञान को कौशल में कैसे बदला जाए और विज्ञापन क्षेत्र के विकास के लिए इसका उपयोग किया जाए। | INR 5- 6 लाख |
सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव | एक मनोविज्ञान ग्रेजुएट विभिन्न पारस्परिक कौशल सीखता है, जिसका उपयोग वह आगे विभिन्न मार्केटिंग या बिक्री क्षेत्रों में कर सकता है। | INR 2- 6 लाख |
साइकोलॉजी में करियर शुरू करने के लिए किताबें
साइकोलॉजी में करियर शुरू करने से पहले आप इन किताबों को पढ़ सकते हैं और अपने करियर की राह चुन सकते हैं। कुछ टॉप रेकमेंडेशन्स कुछ इस प्रकार है :-
- Mindfulness: A Practical Guide to Finding Peace In a Frantic World by Mark Williams and Danny Penman
- The Happiness Hypothesis by Jonathan Heidt
- Influence: The Psychology Of Persuasion by Robert B. Cialdini
- Outliers: The Story Of Success by Malcolm Gladwell
- Civilization and Its Discontents by Sigmund Freud
- Thinking Fast and Slow by Daniel Kahneman
- Flow: The Psychology Of Happiness by Mihaly Csikszentmihalyi
- Authentic Happiness by Martin Seligman
- Emotional Intelligence: Why It Can Matter More Than IQ by Daniel Goleman
- David and Goliath: Underdogs, Misfits and the Art Of Battling Giants by Malcolm Gladwell
Faqs
मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री एक ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स है जिसकी अवधि तीन वर्ष है। कोर्स में बायोप्सीकोलॉजी, साइकोलॉजी ऑफ इंडिविजुअल डिफरेंसेज, सोशल साइकोलॉजी, काउंसलिंग साइकोलॉजी आदि विषय शामिल हैं।
बीएस, या बैचलर ऑफ साइंस इन साइकोलॉजी, मनोविज्ञान में बीए के साथ बहुत कुछ है। हालाँकि, जो इसे अलग करता है, वह यह है कि बीएस कार्यक्रम में आमतौर पर ऐच्छिक या विषय विशेषज्ञता के बजाय अतिरिक्त गणित और विज्ञान पाठ्यक्रम शामिल होते हैं ।
मनोविज्ञान का कोर्स करने के बाद पब्लिक और प्राइवेट हेल्थ केयर, एजुकेशन, स्पोर्ट्स, सोशल वर्क, थेरेपी एंड काउंसलिंग जैसे कई सेक्टर में करियर बनाया जा सकता है (Psychologist Career). इसके अलावा मीडिया और अन्य क्रिएटिव फील्ड में भी मनोविज्ञान स्नातकों के लिए कई ऑप्शन हैं।
हम आशा करते हैं कि बीए साइकोलॉजी कोर्स क्या है आपको समझ आ गया होगा। अगर आप भी विदेश में बीए साइकोलॉजी करना चाहते है और साथ ही एक उचित मार्गदर्शन चाहते हैं तो आज ही 1800572000 पर कॉल करके हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक कीजिए।