आपने टीवी, मोबाइल, न्यूज़ पेपर आदि में कई तरह के विज्ञापन देखे ही होंगे। जिनमें कोलगेट, विभिन्न प्रकार के मिर्च-मसाले, ब्यूटी प्रोडक्ट, कूलर, फ्रिज आदि के प्रचार से संबंधित विज्ञापन होते हैं। विज्ञापन हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। छात्रों को अपनी परीक्षाओं में विज्ञापन लेखन के प्रश्न पूछे जाते हैं। ऐसे में विज्ञापन लेखन का ज्ञान होना बहुत ही ज़रुरी है। इस ब्लॉग के माध्यम से आज हम विज्ञापन लेखन क्या है? विज्ञापन लेखन से सम्बन्धित सारी जानकारी और साथ ही विज्ञापन लेखन कक्षा 9 और 10 के बारे में विस्तार से जानेंगे।
This Blog Includes:
- विज्ञापन लेखन क्या होता है?
- विज्ञापन की परिभाषा क्या होती है?
- विज्ञापन लेखन के लिए उदाहरण
- विज्ञापन से फायदे
- विज्ञापन लेखन कैसे करें
- विज्ञापन कितने प्रकार के होते हैं?
- विज्ञापन में क्या लिखना ज़रूरी होता है?
- विज्ञापन लेखन के उद्देश्य बताइए?
- विज्ञापन की विशेषताएं क्या-क्या होती हैं?
- विज्ञापन लेखन के टॉप कोर्स और यूनिवर्सिटीज
- विज्ञापन लेखन के टॉप भारतीय कॉलेज की लिस्ट
- विज्ञापन लेखन कोर्स के लिए योग्यता की आवश्यकता
- विज्ञापन लेखन के भारत में आवेदन प्रक्रिया जानिए
- विज्ञापन लेखन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़
- विज्ञापन लेखन करते समय किन बातों का रखें ध्यान
- विज्ञापन लेखन में विशेषणों का प्रयोग
- विज्ञापन लेखन कक्षा 9
- विज्ञापन लेखन CBSE Class 10
- FAQs
विज्ञापन लेखन क्या होता है?
अंग्रेजी भाषा के शब्द एडवरटाइजिंग की उत्पत्ति लैटिन के ‘Advertere’ शब्द से हुई है, जिसका शाब्दिक अर्थ ‘मोड़ने’ (to turn is) से होता है। विज्ञापन का अर्थ होता है किसी वस्तु या सेवाओं के बारे रचनात्मक और आकर्षक ढंग से विज्ञापन लिखना।
- विज्ञापन हमारे आस पास उपस्थित है, जिससे हमें समस्त वस्तुओं की जानकारी उपलब्ध हो पाती है और उपभोक्ता के तौर पर हमारे लिए खरीदारी करना आसान हो जाता है।
- ऐसे ही हर चीज के विज्ञापन आपको आज के युग में देखने को मिल जाएंगे चाहे वह जमीन का टुकड़ा हो या बड़े शहरों के फ्लैट, आभूषण, वस्त्रों या वाहन आदि हों ।
- मुख्य रूप से विज्ञापन लेखन 2 प्रकार के होते हैं – लिखित और मौखिक।
- सड़कों पर हमें पोस्टर या बैनर के रूप में विज्ञापन देखने को मिल जाते हैं।
- आधुनिक युग में विज्ञापन एक व्यावसायिक क्रिया है, जिसे प्रत्येक व्यवसाय को किसी-न-किसी रूप में जोड़ना पड़ता है, ताकि व्यवसाय को बढ़ाया जा सके।
विज्ञापन की परिभाषा क्या होती है?
किसी उत्पाद अथवा सेवा को बेचने अथवा उत्पादन के उद्देश्य से किया जाने वाला जनसंचार विज्ञापन कहलाता है। विज्ञापन विक्रय कला का एक नियंत्रित जनसंचार माध्यम है जिसके द्वारा उपभोक्ता को दिखाई देने वाले एवं सुनाई देने वाली सूचना इस उद्देश्य से प्रदान की जाती है कि वह विज्ञापनकर्ता (विज्ञापन करने वाले) की इच्छा से विचार सहमति, कार्य अथवा व्यवहार करने लगे।
विज्ञापन अपनी छोटी-सी संरचना में बहुत कुछ समाए होते है। आज विज्ञापन हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। विज्ञापन’ शब्द ‘वि’ और ‘ज्ञापन’ से मिलकर बना है जहाँ ‘वि’ का अर्थ ‘विशिष्ट’ तथा ‘ज्ञापन’ का मतलब सूचना से है। अतः विज्ञापन का अर्थ ‘विशिष्ट सूचना’ से है। आधुनिक समाज में ‘विज्ञापन’ व्यापार को बढ़ाने वाले माध्यम के रूप में जाना जाता है।
विज्ञापन लेखन के लिए उदाहरण
विज्ञापन लेखन के लिए उदाहरण नीचे दिए जा रहे हैं, जो कि इस प्रकार है।
विज्ञापन से फायदे
विज्ञापन लिखने से उपभोक्ता और उत्पादक कंपनी दोनों को ही फायदा होता है। इसके अलावा जिन लोगों के लिए वह विज्ञापन बनाया जा रहा है उनके लिए भी काफी फायदेमंद होता है।
- उत्पादक कंपनी विज्ञापन के जरिए वस्तुओं की ज्यादा बिक्री कर पाती हैं और ज्यादा लोगों तक अपने उत्पाद को पहुंचा पाती हैं।
- अपने उत्पाद के गुणों की जानकारी उपभोक्ता के सामने आसानी से रख पाते हैं।
- बाजार में एक ही वस्तु कई सारी कंपनियों द्वारा बनाई जाती हैं और हर कंपनी अपने द्वारा बनाए गए उत्पाद का विज्ञापन करती है जिससे उपभोक्ता को सभी उत्पादों की जानकारी हो जाती है।
- उपभोक्ता विज्ञापन के माध्यम से बेहतरीन वस्तु को कम दाम में खरीद पाता हैं। यानि विज्ञापन उत्पाद कंपनी और उपभोक्ता दोनों के लिए फायदेमंद है।
विज्ञापन लेखन कैसे करें
विज्ञापन लेखन करते समय निम्न बातो का ध्यान रखना चाहिए–
- एक बॉक्स-सा बनाकर ऊपर मध्य में विज्ञापित वस्तु का नाम मोटे व बड़े अक्षरों में लिखना चाहिए।
- दाएँ एवं बाएँ किनारों पर सेल धमाका, खुशखबरी, खुल गया जैसे लुभावने शब्दों को लिखना चाहिए।
- बाईं ओर बीच में विज्ञापित वस्तु के गुणों का उल्लेख करना चाहिए।
- दाहिनी ओर या मध्य में वस्तु का बड़ा-सा चित्र देना चाहिए।
- लिमिटेड ऑफर ,स्टॉक सीमित या जल्दी करें जैसे रोचक शब्दों का प्रयोग किसी डिजाइन में होना चाहिए।
- मुफ़्त मिलने वाले सामानों या छूट का उल्लेख अवश्य किया जाना चाहिए।
- ऊपर की जगह में कोई छोटी-सी तुकबंदी, जिससे पढ़ने वाला आकर्षित हो जाए।
- संपर्क करें/फोन नं. का उल्लेख अवश्य करें, जैसे- 0744-23456789 आदि। अपना निजी नं. देने से बचना चाहिए।
विज्ञापन कितने प्रकार के होते हैं?
वर्तमान समय में विज्ञापन के कई रूप हमारे सामने आते है इनको निम्नलिखित प्रकारो में रखा जा सकता है।
- अनुनेय विज्ञापन (Persuasive advertisement)
- सूचनाप्रद विज्ञापन (Informative Advertisement)
- सांस्थानिक विज्ञापन (Institutional Advertisement)
- औद्योगिक विज्ञापन (industrial Advertisement)
- वित्तीय विज्ञापन (Financial Advertisement)
- वर्गीकृत विज्ञापन (Classified Advertisement)
- अनुनेय विज्ञापन- विज्ञापन के माध्यम से जनता अथवा उपभोक्ता तक पहुंच कर उन्हे अपनी ओर आकर्षित करने, रिझाने और उत्पाद की प्रतिष्ठा तथा उसके मूल्य को स्थापित किया जाता है। इस प्रकार के विज्ञापन तब प्रसारित किए जाते है,जब निर्माता का उद्देश्य ग्राहकों के मन में अपनी वस्तु का नाम स्थापित करना होता है और उम्मीद कि जाती हैं कि ग्राहक इसे खरीदेगा। विज्ञापन विभिन्न माध्यमों के आधार पर विशिष्ट उपभोक्ताओं को अपने उद्देश्य के लिए मनाने की इच्छा रखते है। जैसे- किसी वस्तु को बेचने के लिए उसका विज्ञापन देना।
- सूचनाप्रद विज्ञापन- इस प्रकार के विज्ञापन सूचनाओं को प्रसारित करने एवं व्यापारिक अभिव्यक्ति के रूप में सामने आते है। साथ ही इन विज्ञापनों का उद्देश्य जनसाधारण को शिक्षित करना, जीवन स्तर ऊंचा करना, सांस्कृतिक व सामुदायिक विकास सुधार,अंतरराष्ट्रीय सद्भावना, वन्य प्राणी सुरक्षा, यातायात सुरक्षा आदि क्षेत्रों में जन-साधारण की भलाई के उद्देश्य से सूचना प्रदान कर जागरूकता उत्पन्न करता है।
- सांस्थानिक विज्ञापन- सांस्थानिक विज्ञापन व्यावसायिक संस्थानों जैसे कॉलेज, कोचिंग,स्कूल आदि द्वारा प्रकाशित व प्रचारित कराए जाते है ।संस्थाओं के रूप में बड़े-बड़े उद्योग समूह अंतरराष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय स्तर की कंपनियां आदि विज्ञापन प्रस्तुत कर राष्ट्रहित संबंधी जनमत का निर्माण करती है। विज्ञापन की विषय-वस्तु नितान्त जन-कल्याण से संबंधित होती है किन्तु इसमें स्वयं का विज्ञापन भी शामिल होता है। इस तरह के विज्ञापनों का उद्देश्य बिक्री बढ़ाना न होकर लोगों को जानकारियाँ देना होता है
- औद्योगिक विज्ञापन- औद्योगिक विज्ञापन कच्चा माल, उपकरण आदि की क्रय में वृद्धि के उद्देश्य से किया जाता है, इस प्रकार के विज्ञापन प्रमुख रूप से औद्योगिक प्रक्रियाओं में प्रकाशित किये जाते है, इन विज्ञापनों का प्रमुख उद्देश्य सामान्य व्यक्ति को आकर्षित करना नहीं होता है बल्कि औद्योगिक क्षेत्र से संबंधित व्यक्तियों, प्रतिष्ठानों तथा निर्माताओं को अपनी ओर आकर्षित करना होता है।उदाहरणार्थ किसी बड़ी स्टील निर्माता कंपनी का विज्ञापन जो स्टील के सामान बनाने वाले छोटे उत्पादकों को लक्ष्य कर जारी किया जाता हैं। छोटे उद्योग भी अपना कच्चा माल बेचने के लिए इस तरह के विज्ञापनों का सहारा लेते हैं।
- वित्तीय विज्ञापन- वित्तीय विज्ञापन प्रमुख रूप से अर्थ से संबंधित होता है, विभिन्न कंपनियों द्वारा अपने शेअर खरीदने का विज्ञापन उपभोक्ताओं को निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने से संबंधित विज्ञापन इसी श्रेणी में आते है।बैंक ,बीमा कंपनियां, वित्तीय संस्थाएं आदि अपनी वित्तीय गतिविधियों की जानकारी देने, शेयर जारी करने, पूंजी बाजार से पैसा उठाने आदि कामों के लिए इस तरह के विज्ञापन जारी करती हैं।इस तरह के विज्ञापनों के जरिए कंपनियां अपनी वित्तीय उपलब्धियां, अनुमानित लाभ और विस्तार योजनाओं आदि के बारे में बताती हैं
- वर्गीकृत विज्ञापन-वर्गीकृत विज्ञापन प्राय: स्थानीय आवश्यकताओं और सूचनाओं पर आधारित होते हैं।इस तरह के विज्ञापन, विज्ञापन के प्रारम्भिक स्वरूप हैं।इस प्रकार के विज्ञापन अत्यधिक संक्षिप्त, सज्जाहीन एवं कम खर्चीले होते हैं,जैसे- शोक संवेदना, ज्योतिष विवाह, बधाई, क्रय-विक्रय, आवश्यकता, नौकरी, वर-वधू आदि से संबंधित इस प्रकार के विज्ञापन समाचार पत्र में प्रकाशित होते हैं।
- समाचार सूचना विज्ञापन- समाचार सूचना विज्ञापन,विज्ञापन का अपेक्षाकृत नया रूप है ऐसे विज्ञापनों को एडवरटोरियल भी कहा जाता है। इसमें विज्ञापन को इस प्रकार तैयार किया जाता है कि वह किसी समाचार की तरह ही लगता है,इसका प्रकाशन भी समाचारों की तरह ही समाचारों के बीच में किया जाता है।
विज्ञापन में क्या लिखना ज़रूरी होता है?
समाचार पत्र एवं पत्रिकाओं में जो सजावटी विज्ञापन दिखाई देते हैं उन्हें विज्ञापन लेखक तथा कलाकार या कंप्यूटर डिज़ाइनर द्वारा मिलजुल कर तैयार किया जाता है। किसी भी विज्ञापन का लेआउट तैयार करने से पहले यह विचार किया जाता है कि विज्ञापन कैसा होना चाहिए ? उसमें क्या दिखाया जाना चाहिए? और विज्ञापन रंगीन होने चाहिए या हाथ से बनाई गयी कला डिजाइन आदि। विज्ञापन का लेआउट तैयार करना एक पूरी योजना है जिसमें विज्ञापन के प्रत्येक तत्व को उपयुक्त जगह पर रखना होता है।
विज्ञापन लेआउट में निम्नलिखित तत्वों को चयनित किया जाता है-
- कॉपी- किसी भी विज्ञापन में लिखी जाने वाली समस्त सामग्री को ही कॉपी कहा जाता है। अतः विज्ञापन के अन्य जितने भी तत्व हैं जैसे- शीर्षक, उपशीर्षक आदि सभी कॉपी के ही भाग हैं। कॉपी लेखन बड़ी कुशलता का काम है एक अच्छे कॉपी लेखक को उत्पाद, खरीदार, वितरण आदि के लिए कॉपी तैयार करनी होती है, उनकी अवस्था, धर्म, शिक्षा आदि सभी की जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा बाजार में और कितनी कंपनियां उस उत्पाद को बेच रही है आदि की भी जानकारी होनी चाहिए । एक अच्छी कॉपी वह है जो संक्षिप्त हो, स्पष्ट हो और उपभोक्ता उसे पढ़कर आसानी से समझ सके।
- शीर्ष पंक्ति– हैडलाइन एक शब्द से वाक्य तक हो सकती हैं तथा इसे बड़े बड़े अक्षरों में छापा जाता है। पाठक की नजर सबसे पहले इसी पर पड़ती है। शीर्ष पंक्ति अपना सारा संदेश एक ही नजर में पाठक के मन पर छोड़ देती है । शीर्ष पंक्ति इतनी प्रभावशाली होनी चाहिए कि पाठक को पूरा विज्ञापन पढ़ने की आवश्यकता ही ना हो। जैसे- ‘नया रूप नई काया’
- उपशीर्ष पंक्ति– यह एक प्रकार से शीर्ष पंक्ति की पूरक होती है। इनकी छपाई का आकार शीर्ष पंक्तियों से छोटा तथा विज्ञापन के अन्य सामग्री से बड़ा होता है। इसका कार्य शीर्ष पंक्ति के कार्य को आगे बढ़ाना होता है। जैसे – शीर्ष पंक्ति- बचाइए 1000/- तक उपशीर्ष पंक्ति-आप बस इतना करें अपने टीवी का ऑर्डर आज ही दे दे।
- विज्ञापन पाठ– हेडलाइन तथा सब हेडलाइन से विज्ञापन की शुरुआती जानकारी ही प्राप्त होती है, पर उत्पाद के विषय में पूरी जानकारी देने तथा पाठक के मन पर असर डालने का कार्य विज्ञापन पाठ का होता है। यहां यह लिखा जाता है कि उस उत्पाद को क्यों और कैसे खरीदें? एक अच्छा विज्ञापन पाठ वह होता है जो पाठक यानी ग्राहक को ऐसी कार्यवाही के लिए मजबूर करें जिसकी अपेक्षा विज्ञापन लेखन ने की है विज्ञापन पाठ में स्पष्टता निरंतरता होनी चाहिए।
- चित्र – चित्र विज्ञापन को आकर्षक बनाते हैं साथ ही भाषा की कमी को भी पुरा करते हैं। इसलिए विज्ञापनों में चित्रों की लोकप्रियता और उनकी उपयोगिता सर्वमान्य है। चित्रों के माध्यम से उद्योगों के योग को समझाया जा सकता है।विज्ञापन कितना बड़ा हो उसमें क्या दिखाया जाए, यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि विज्ञापनकर्ता किस उद्देश्य को लेकर विज्ञापन तैयार कर रहा है।
- व्यापारिक चिन्ह– ट्रेडमार्क वे होते हैं, जिनको कोई भी निर्माता कंपनी अपनी पहचान के लिए विज्ञापन में इस्तेमाल करती है। ट्रेडमार्क रजिस्टर कराए जा सकते हैं और यह हर कंपनी की निजी संपत्ति होते हैं। ट्रेडमार्क, ट्रेड नाम तथा ब्रांड नेम तीनों एक ही हो सकते।
- हस्ताक्षर– कोई भी कंपनी अपने उत्पाद को नकली उत्पादको से बचाने के लिए सिग्नेचर या लोगो का उपयोग विज्ञापनों में करती है। वस्तुतः यह व्यापारिक चिन्ह होते हैं जिन्हें रजिस्टर भी कराया जा सकता है।
- सफेद जगह– किसी विज्ञापन में जितना महत्व कॉपी और चित्र का होता है उतना ही महत्व खाली सफेद जगह का होता है। सफेद जगह के कंट्रास्ट में चित्र उभर कर आते हैं और यह एक सीमा में ही रखी जाती है।विज्ञापनकर्ता को इस खाली सफेद जगह का की भी उतनी ही कीमत चुकानी पड़ती है।
- बॉर्डर– विज्ञापनों के लेआउट को और आकर्षक बनाने के लिए विज्ञापन के चारों ओर बॉर्डर बनाए जाते हैं। बॉर्डर बन जाने से विज्ञापन आसपास के विज्ञापनों से अलग दिखाई देता है। बॉर्डर भी रचनात्मक बनाए जा सकते हैं ,जैसे: चीनी मिल के विज्ञापन के बॉर्डर में गणों के छोटे-छोटे चित्र हो सकते हैं।
विज्ञापन लेखन के उद्देश्य बताइए?
विज्ञापन हमेशा ही ‘लाभ’ के उद्देश्य को लेकर चलते हैं यों तो अधिकांशत: यह लाभ प्रस्तुतकर्ता को वस्तु के बेचने से होने वाला लाभ ही होता है पर कभी-कभी जनजागरण, माहौल, सेवा के बारे में विचारधारा, सामाजिक बदलाव, वैचारिक उत्थान, सरकारी रीति-नीति का प्रचार, राजनीतिक लाभ आदि वृहद उद्देश्यों के आधार पर भी विज्ञापन जारी किए जाते हैं।
विज्ञापन के उद्देश्य इस प्रकार हो सकते हैं :
- उन सभी संदेशों का एक अंश प्रस्तुत करना जो उपभोक्ता पर प्रभाव डाल सकते हैंं।
- विशेष छूट और मूल्य परिवर्तन की जानकारी देना, उपभोक्ता मांग में वृद्धि करना, खरीदने और अपनाने की प्रेरणा देना।
- वस्तुओं, कंपनियों व संस्थाओं के प्रतिनिधि के रूप में प्रस्तुत होना।
- समाज की एक प्रतिनिधि संस्था के रूप में उद्योग प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग होना।
- वस्तु की बिक्री बढ़ाने में प्रभावशाली भूमिका निभाना।
- एक प्रभावी मार्केटिंग औजार के तौर पर लाभकारी संगठनों और प्रबंधकों को अपना उद्देश्य पूरा करने में सहायता करना।
- समाज की उभरती व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा करना।
- व्यावसायिक तौर पर जारी संदेशों के जरिए उपभोक्ताओं को लाभप्रद संबंधित व निश्चित सूचना प्रदान करना।
- आर्थिक क्रिया को विभिन्न नियमों व कानूनों के अनुसार चलाना।
विज्ञापन की विशेषताएं क्या-क्या होती हैं?
विज्ञापन लेखन की विशेषताएं नीचे दी गई हैं-
- विज्ञापन सन्देश पहुंचाने का व्यापक माध्यम है, जिसके द्वारा सन्देश को बार-बार दोहराया जाता है।
- विज्ञापन जनता के सामने सार्वजनिक रूप से सन्देश प्रस्तुत करने का साधन है।
- विज्ञापन द्वारा एक ही सन्देश को विभिन्न प्रकार के रंगों, चित्रों, शब्दों, वाक्यों तथा लाइट से सुसज्जित कर जनता तक पहुंचाया जाता है, जो ग्राहक को स्पष्ट एवं विस्तृत जानकारी देता है।
- विज्ञापन सदैव अव्यक्तिगत होता है अर्थात कभी कोई व्यक्ति आमने-सामने विज्ञापन नहीं करता। विज्ञापन मौखिक, लिखित, दृश्य तथा अदृश्य हो सकता है।
- विज्ञापन के लिए विज्ञापनकर्ता द्वारा भुगतान किया जाता है।
- विज्ञापन के विविध माध्यमों को विज्ञापनकर्ता अपनी सुविधानुसार उपयोग कर सकता है।
- विज्ञापन का उद्देश्य नए ग्राहकों को जोड़ना तथा विद्यमान ग्राहकों को बनाए रखना होता है जबकि गैर-व्यावसायिक विज्ञापनों का उद्देश्य सामान्य सूचना देना होता है।
विज्ञापन लेखन के टॉप कोर्स और यूनिवर्सिटीज
डिग्री के स्तर के आधार पर, रचनात्मक लेखन के क्षेत्र में कई तरह के कोर्स उपलब्ध हैं। बैचलर स्तर पर या मास्टर स्तर पर किए जाने वाले कोर्स छात्रों की पसंद, विशेषज्ञता और कौशल को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किए गए हैं, विज्ञापन लेखन भी रचनात्मक लेखन का हिस्सा है। कुछ लोकप्रिय रचनात्मक लेखन कोर्स यूनिवर्सिटी के अनुसार नीचे दिए गए हैं:
यूनिवर्सिटी | सिटी | कोर्स | अवधि | सालाना ट्यूशन फीस |
---|---|---|---|---|
यूनिवर्सिटी ऑफ़ टांपा | यूएसए | Master of Fine Arts in Creative Writing | 2 साल | USD 22,666 (INR 17 लाख) |
वर्जीनिया टेक यूनिवर्सिटी | यूएसए | MFA in Creative Writing | 3 साल | USD 21,333 (INR 16 लाख) |
एडिनबर्ग नेपियर यूनिवर्सिटी | यूके | MA Creative Writing | 1 साल | GBP 18,000 (INR 18 लाख) |
लैंचेस्टर यूनिवर्सिटी | यूके | MA Creative Writing | 1 साल | GBP 21,000 (INR 21 लाख) |
यूनिवर्सिटी ऑफ़ सॉउथम्पटन | यूके | MA Creative Writing | 1 साल | GBP 21,000 (INR 21 लाख) |
ऑकलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी | नूज़ीलैण्ड | Master of Creative Writing | 1 साल | NZD 34,615 (INR 18 लाख) |
मैक्वेरी यूनिवर्सिटी | ऑस्ट्रेलिया | Master of Creative Writing | 1 साल | AUD 38,838 (INR 21 लाख) |
यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यू साउथ वेल्स | ऑस्ट्रेलिया | Master of Arts in Creative Writing | 2 साल | AUD 38,838 (INR 21 लाख) |
वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी | ऑस्ट्रेलिया | Master of Arts in Literature and Creative Writing | 1.5 साल | AUD 33,333 (INR 18 लाख) |
यूनिवर्सिटी कॉलेज डब्लिन | आयरलैंड | MA in Creative Writing | 1 साल | EURO 21,428 (INR 18 लाख) |
विज्ञापन लेखन के टॉप भारतीय कॉलेज की लिस्ट
विज्ञापन लेखन के लिए टॉप भारतीय कॉलेजों की सूची नीचे दी गई है:
- खालसा कॉलेज, अमृतसर
- गुरुचरण कॉलेज, सिलचर
- सृष्टि मणिपाल इंस्टिट्यूट ऑफ आर्ट, डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी, बैंगलोर
- निर्मल हलोई कॉलेज, बारपेटा
- गौतम बुद्ध गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, फैजाबाद
- फिल्म और टेलीविजन की कला में रिसर्च केंद्र, नई दिल्ली
- श्री अरबिंदो कला और संचार केंद्र, नई दिल्ली
- नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा, दिल्ली
विज्ञापन लेखन कोर्स के लिए योग्यता की आवश्यकता
विज्ञापन लेखन के रचनात्मक लेखन कोर्स में एडमिशन लेने के लिए आवश्यक योग्यता नीचे दी गई है:
- बैचलर डिग्री प्रोग्राम के लिए छात्रों को 12वीं में कम से कम 50%-60% अंक प्राप्त होने चाहिए।
- अगर आप मास्टर्स के लिए अप्लाई करना चाहते हैं, तो आपको सम्बंधित विषय में बैचलर डिग्री को उत्तीर्ण करना ज़रूरी है।
- विदेश में एडमिशन लेने के लिए एक अच्छा IELTS/ TOEFL स्कोर अंग्रेज़ी भाषा में कुशलता के रुप में होना आवश्यक है।
- विदेश में कुछ यूनिवर्सिटी मास्टर डिग्री में एडमिशन लेने के लिए आपके पास एक अच्छे GRE स्कोर की मांग करती है।
- प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में रचनात्मक लेखन कोर्स में प्रवेश पाने के लिए, लेखन में पूर्व अनुभव या एक मज़बूत पोर्टफोलियो की आवश्यकता होती है।
विज्ञापन लेखन के भारत में आवेदन प्रक्रिया जानिए
भारतीय यूनिवर्सिटीज द्वारा आवेदन प्रक्रिया नीचे मौजूद है-
- सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूज़रनेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
- यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
विदेशी यूनिवर्सिटीज के लिए आवेदन प्रक्रिया
विज्ञापन लेखन के रचनात्मक लेखन कोर्स में भारत और विदेश में एडमिशन लेने के लिए आवेदन प्रक्रिया नीचे दी गई है:
- विश्वविद्यालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करें। यूके में एडमिशन के लिए आप यूसीएएस वेबसाइट (UCAS) पर जाकर रजिस्ट्रेशन करें। यहाँ से आपको यूजर आईडी और पासवर्ड प्राप्त होंगे।
- यूजर आईडी से साइन इन करें और कोर्स चुनें जिसे आप चुनना चाहते हैं।
- अगली स्टेप में अपनी शैक्षणिक जानकारी भरें।
- शैक्षणिक योग्यता के साथ IELTS, TOEFL, प्रवेश परीक्षा स्कोर, SOP, LOR की जानकारी भरें।
- पिछले सालों की नौकरी की जानकरी भरें।
- रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान करें।
- अंत में आवेदन पत्र जमा करें।
- कुछ यूनिवर्सिटी, सिलेक्शन के बाद वर्चुअल इंटरव्यू के लिए इनवाइट करती हैं।
विज्ञापन लेखन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़
विदेश में एडमिशन लेने के लिए नीचे दिए गए डॉक्यूमेंट होने आवश्यक है:
- सभी आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्टस और ग्रेड कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पासपोर्ट फोटो कॉपी
- वीज़ा
- रिज्यूमे
- अंग्रेजी भाषा कुशलता परीक्षा के अंक
- सिफारिश पत्र या LOR
- स्टेटमेंट ऑफ़ पर्पस
विज्ञापन लेखन करते समय किन बातों का रखें ध्यान
नीचे आपको विज्ञापन लेखन के लिए किन बातों का रखें ध्यान के बारे में बताया जा रहा है, जो कि इस प्रकार है:
- सबसे पहले एक बॉक्स बनाकर ऊपर मध्य में विज्ञापित वस्तु का नाम मोटे अक्षरों में लिखना चाहिए।
- दाएँ एवं बाएँ किनारों पर सेल धमाका, खुशखबरी, खुल गया जैसे लुभावने शब्दों को लिखना चाहिए।
- बाईं ओर मध्य में विज्ञापित वस्तु के गुणों का उल्लेख करना चाहिए।
- दाहिनी ओर या मध्य में वस्तु का बड़ा-सा चित्र देना चाहिए।
- स्टॉक सीमित या जल्दी करें जैसे प्रेरक शब्दों का प्रयोग किसी डिजाइन में होना चाहिए।
- मुफ़्त मिलने वाले सामानों या छूट का उल्लेख अवश्य किया जाना चाहिए।
- ऊपर ही जगह देखकर कोई छोटी-सी तुकबंदी, जिससे पढ़ने वाला आकर्षित हो जाए।
विज्ञापन लेखन में विशेषणों का प्रयोग
विज्ञापन की भाषा में जहाँ शब्दों को सजा कर भाषा में पेश किया जाता है। वहीं विशेषणों का भी काफी प्रयोग किया जाता है। वस्तु की विशेषता को एक अथवा अधिक विशेषणों द्वारा वर्णित किया जाता है। जैसे-
केवल एक विशेषण का प्रयोग
- त्वचा में ज्योति जगाए – रेक्सोना
- गोरेपन की क्रीम – फेयर एंड लवली
- एक टूथपेस्ट मसूड़ों के लिए – फॉर्हेन्स
- मजेदार भोजन का राज – डालडा
- ताजगी का साबुन – लिरिल
- सुपररिन की चमकार ज्यादा सफ़ेद
दो विशेषणों का प्रयोग
- खून को साफ़ करके त्वचा को निखारे-हमदर्द की साफी
- पाँच औषधियों वाला पाचन टॉनिक-झंडु पंचारिष्ट
- बेजोड़ चाय, किफ़ायती दाम-रेड लेबल चाय
- ताजगी व फुर्ती के लिए हॉर्लिक्स
- आप अपना वक्त और ईंधन बचाइए, युनाइटेड प्रेशर कुकर लाइए।
- दूध की सफ़ेदी निरमा से आए,
- रंगीन कपड़ा भी खिल-खिल जाए।
तीन या अधिक विशेषणों का प्रयोग
- मुझे चाहिए एक साफ, स्वच्छ स्नान-100% संपूर्ण नया डैटॉल सोप
- अलबेली और निराली, ज्यादा गारंटी वाली-टाइमस्टार घड़ी
- डबल डायमंड चाय
- स्वाद में, तेज़ी में, आपके ख्यालों सी ताजगी
- भीनी-भीनी सुगंध युक्त
- चिपचिपाहिट रहित केश तेल
- स्वस्थ केश-सुंदर केश (केयो कार्पिन केश)
विज्ञापन लेखन कक्षा 9
अब आइए कक्षा 9 से संबंधित कुछ विज्ञापन लेखन के उदाहरण देखते हैं और समझते हैं कि कक्षा 9 में किस तरह से अच्छा विज्ञापन लेखन लिखा जाए।
प्लाजा’ कार कंपनी के लिए एक विज्ञापन तैयार कीजिएं।
रॉयल टेलीविज़न’ बनाने वाली कंपनी के लिए विज्ञापन तैयार कीजिए।
सुविधा’ वाशिंग मशीन बनाने वाली कंपनी के लिए विज्ञापन तैयार कीजिए। “आधी आबादी को आराम पहुँचाने सुविधा वाशिंग मशीन आ गई है” अपने विज्ञापन में इस वाक्य का उपयोग करें।
विज्ञापन लेखन CBSE Class 10
विज्ञापन लेखन कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाओं में पूछे जाने वाला एक महत्त्वपूर्ण प्रश्न है जिसमे 5 अंक निर्धारित होते हैं। विज्ञापन लेखन, लेखन की एक कला है। दरअसल, जब आप कोई विज्ञापन हिंदी में लिख रहे हों तो आपको उसे इस तरह प्रस्तुत करने का प्रयास करना चाहिए जिससे कि दर्शक आकर्षित हो जाएं। अतः कोशिश कीजिए कि आपका विज्ञापन लेखन आपके परीक्षक को अच्छी तरह से प्रभावित करे।
विज्ञापन लेखन के कुछ उदाहरण–
‘स्नेहा परिधान शो रूम’ को अपने उत्पादों की बिक्री बढ़ानी है। वे सभी परिधानों पर 50% की छूट दे रहे हैं। इस संबंध में एक विज्ञापन तैयार कीजिए।
‘कान्हा डेयरी’ अपने उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए एक विज्ञापन तैयार करवाना चाहते हैं। इस संबंध में आप उनके लिए
विज्ञापन लेखन कीजिए।
विज्ञापन लेखन के कुछ उदाहरण– सीबीएसई टॉपर उत्तर पुस्तिका के साथ
अपने पुराने मकान को बेचने के लिए एक विज्ञापन लिखे। सीबीएसई 2020 हिंदी ‘A’ – टॉपर उत्तर पुस्तिका
आपने एक नया वाटर पार्क बनाया है। शहर के लोगो को आकर्षित करने के लिए एक विज्ञापन तैयार करे। सीबीएसई 2019 हिंदी ‘B’ – टॉपर उत्तर पुस्तिका
स्कूली छात्रों द्वारा बनाये गए मोमबत्ती एवं दीप को बेचने के लिए एक विज्ञापन तैयार करे। सीबीएसई 2017 हिंदी ‘B’ – टॉपर उत्तर पुस्तिका
अतः अब आप अच्छी तरह से समझ गए होगे कि कक्षा 10 के लिए किस तरह विज्ञापन लेखन लिखा जाए। अब आप आसानी से अपनी बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।
FAQs
विज्ञापन के प्रकार, विज्ञापन कितने प्रकार के होते हैं, विज्ञापन के मुख्य प्रकार कितने हैं,
वर्गीकृत विज्ञापन
सजावटी विज्ञापन
वर्गीकृत सजावटी विज्ञापन
समाचार सूचना विज्ञापन
उपभोक्ता विज्ञापन
औद्योगिक विज्ञापन
वित्तीय विज्ञापन
व्यापारिक विज्ञापन
विज्ञापन के कारण समाज में दो तरह के उत्पाद उपलब्ध होते हैं। एक ब्रांड उत्पाद और दूसरा स्थानीय उत्पाद।
विज्ञापन बनाएं
अपने प्रचार के बारे में साफ़-साफ़ जानकारी दें
प्रासंगिकता का ख्याल रखें
हेडलाइन का विवरण से मिलान करें
अपने विज्ञापन का अपने लैंडिंग पेज से मिलान
पक्का करें कि आपके विज्ञापन मंज़ूर हो चुके हैं
विज्ञापन = वि (उपसर्ग) + ज्ञापन (किसी वस्तु आदि के प्रचार के लिये किया जाने वाला कार्य।
सब लोगों को दी जाने वाली सूचना; इश्तहार 2. जानकारी कराना; सूचित करना 3. प्रचारार्थ दी जाने वाली सूचना; (एडवरटाइज़मेंट)।
हमें उम्मीद है कि इस ब्लॉग ने आपको विज्ञापन लेखन से संबंधित सारी जानकारी उपलब्ध कराई है। ऐसे ही ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए।
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Sir ek vigyapan ke short movie karana chahata hu
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बहुत ही सराहनीय एवं उपयोगी जानकारी दी आपने आपको धन्यवाद
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आपका धन्यवाद, ऐसे ही हमारी https://leverageedu.com/ पर बने रहिये।
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3 comments
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