UPSC Question : उत्तराखंड की जनजातियां क्या है और जानिए उनके प्रकार

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उत्तराखंड की जनजातियां

प्रतियोगी परीक्षाओं में करंट अफेयर्स से जुड़े क्वेश्चन पूछे जाते हैं, क्योंकि करंट अफेयर्स का उद्देश्य मनुष्य की समझ को विस्तार करना है। UPSC में प्री और मेंस एग्जाम के अलावा इंटरव्यू का भी महत्वपूर्ण रोल है, इसलिए कैंडिडेट्स को देश-दुनिया के बारे में जानना होगा और बड़ी घटनाओं को समझना होगा। इस ब्लाॅग में हम उत्तराखंड की जनजातियां जानेंगे, जिन्हें आप अपनी तैयारी में जोड़ सकते हैं।

जनजाति के बारे में

जनजातियों में लोगों का एक समूह एक निश्चित और भौगोलिक क्षेत्र (shared geographical area) में एक साथ रहता है और काम करता है। एक जनजाति की एक समान संस्कृति, बोली और धर्म होता है। किसी भी जनजाति का नेतृत्व एक मुखिया करता है। 

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उत्तराखंड की जनजातियां क्या है?

उत्तराखंड की भूमि के मूल निवासी विभिन्न जनजातियों से संबंधित हैं और उनकी अपनी संस्कृति है। उत्तराखंड की जनजातिया भोटिया (या शौका), थारू, बक्सा, जौनसारी, राजिस (या बनरावत) के अलावा माहीगीर और वनगुज्जर आदि हैं।

भोटिया

भोटिया जनजाति के लोग अपने आप को खस राजपूत कहते है और भोटिया एक सामान्य नाम है। उत्तराखंड के पिथौरागढ, चमोली, अल्मोडा, उतरकाशी जिलों में भोटिया जनजाति के लोग रहते हैं। 

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थारू

थारू एक समय यूपी में सबसे बड़ी अनुसूचित जनजाति थी और अब उधम सिंह नगर जिले की खटीमा और सितारगंज तहसीलों में केंद्रित हैं। थारू जनजाति के लोग किराता से अपनी वंशावली का दावा करते हैं। कुछ रिसर्चर उन्हें राजपूतों के वंशज मानते हैं, जबकि कुछ अन्य उनकी उत्पत्ति मध्य एशिया के मंगोलों से मानते हैं। उनकी भाषा हिंदी और नेपाली से काफी प्रभावित है। वे एक कृषि समुदाय हैं जो मछली पकड़ने के विशेषज्ञ भी हैं। 

बक्सा

बक्सा मंगोल वंश से हैं और राजपूत मूल का दावा करते हैं। उनकी आदतें और रीति-रिवाज थारूओं से काफी मिलते-जुलते हैं, ऐसा कहा जाता है कि वे तराई बेल्ट के मूल निवासी हैं और उधम सिंह नगर, देहरादून और पौरी गढ़वाल में रहते हैं। 

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जौनसारी

‘जौनसार’ शब्द कई जनजातीय समूहों जैसे खास, कारीगर वर्ग कोल्टास और बैगी को रिप्रेजेंट प्रतिनिधित्व करता है और इस जनजाति के लोग देहरादून जिले के जौनसार क्षेत्र में रहते हैं। 

उत्तराखंड की जनजातियां

राजी

राजी जनजाति उत्तराखंड का सबसे छोटा जनजातीय समूह है। राजी को वनरावत के नाम से जाना जाता है और वे दक्षिणी पिथौरागढ़ में अस्कोट के आसपास के जंगलों में रहते हैं। राजी जनजाति में महिलाएं अपने समुदाय की मुखिया होती हैं। राजिस की अपनी बोली है।

उत्तराखंड की जनजातीय आबादी क्या है? 

रिपोर्ट्स के अनुसार 2011 की भारत की जनगणना के अनुसार, उत्तराखंड में आदिवासी आबादी 2,91,903 है और इसमें थारू सबसे बड़ी जनजाति है। इसके बाद जौनसारी और बुक्सा हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार कुल जनजातीय जनसंख्या का लगभग 94.50 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में और बाकी प्रतिशत जनजातीय जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में निवास करती है।  

FAQs

उत्तराखंड में कितनी जनजातियां हैं?

उत्तराखण्ड में मुख्य रूप से 5 प्रकार की जनजातियां निवास करती हैं।

उत्तराखंड राज्य की सबसे बड़ी जनजाति कौन सी है?

उत्तराखंड राज्य की सबसे बड़ी जनजाति थारू है।

उत्तराखंड की दूसरी सबसे बड़ी जनजाति कौन सी है?

उत्तराखंड की दूसरी सबसे बड़ी जनजाति जौनसारी है।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको उत्तराखंड की जनजातियां पता चल गई होगी। एग्जाम की तैयारी और बेहतर करने व UPSC में पूछे जाने वाले क्वैश्चंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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