भारत में पहली बार 1951 में चुनाव कराए गए थे और तब से यह प्रक्रिया लगातार चली आ रही है। देश में लोकसभा के लिए हर 5 वर्ष में चुनाव कराए जाते हैं और 2024 में लोकसभा के चुनाव होने हैं। पिछली बार 2019 में लोकसभा के चुनाव हुए थे और अब इस वर्ष अप्रैल-मई में चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। चुनाव संबंधित जानकारी हर तरह से हमारे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पाॅलिटिक्स और इलेक्शन से संबंधित करंट अफेयर्स के क्वेश्चन UPSC में प्री, मेंस एग्जाम और इंटरव्यू के अलावा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूछे जाते हैं। इसलिए इस ब्लाॅग में हम भारत में लोकसभा के पहले आम चुनाव कब हुए? के बारे में जानेंगे जिससे आपकी तैयारी को मजबूती मिलेगी।
This Blog Includes:
- भारत में लोकसभा के पहले आम चुनाव कब हुए? (Bharat Mein Pratham Aam Chunav Kab Hua Tha)
- लोकसभा की 489 सीटों के लिए हुआ था चुनाव
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने हासिल की थी 364 सीटों पर जीत
- चुनाव आयोग द्वारा आयोजित किया गया था चुनाव
- पहले चुनाव के दौरान 36 करोड़ थी देश की आबादी
- पहली चुनाव प्रक्रिया में सामने आई थीं ये समस्याएं
- FAQs
भारत में लोकसभा के पहले आम चुनाव कब हुए? (Bharat Mein Pratham Aam Chunav Kab Hua Tha)
भारतीय आम चुनाव अक्टूबर 1951 से शुरू होकर फरवरी 1952 तक चले थे। यह चुनाव अगस्त 1947 में भारत के स्वतंत्र होने के बाद लोकसभा का पहला चुनाव था। यह भारतीय संविधान के प्रावधानों के तहत आयोजित किया गया था, जिसे 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था। अपनाने के बाद 26 नवंबर 1949 को संविधान लागू होने के बाद संविधान सभा अंतरिम संसद के रूप में कार्य करती रही।
अंतरिम कैबिनेट का नेतृत्व जवाहरलाल नेहरू ने किया था और इसमें कांग्रेस के अन्य सदस्यों के साथ-साथ अन्य राजनीतिक दलों के समर्थन से विभिन्न समुदायों और पार्टियों के 15 सदस्य शामिल थे।
लोकसभा की 489 सीटों के लिए हुआ था चुनाव
लोकसभा की 489 सीटों के लिए 1949 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। लगभग 36 करोड़ थी और इसमें से 17.3 करोड़ से अधिक लोग मतदान करने के पात्र थे, जिससे यह उस समय का सबसे बड़ा चुनाव बन गया। चुनाव का यह कार्य बहुत कठिन था क्योंकि अधिकांश भारतीय आबादी मतदान प्रणाली से अवगत नहीं थी। भारतीय नेताओं ने पूरी चुनाव प्रक्रिया के बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ताकि बड़ी संख्या में लोग आकर देश में पहली सरकारी कैबिनेट के चुनाव की इस प्रक्रिया में भाग ले सकें।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने हासिल की थी 364 सीटों पर जीत
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) ने 489 सीटों में से 364 सीटों पर जीत हासिल की और कुल मतदान का 45 प्रतिशत वोट हासिल किया। यह दूसरी सबसे बड़ी पार्टी से चार गुना अधिक वोट थे। जवाहरलाल नेहरू देश के पहले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित प्रधान मंत्री बने।
चुनाव आयोग द्वारा आयोजित किया गया था चुनाव
चुनाव एक स्वतंत्र संवैधानिक निकाय, भारत के चुनाव आयोग द्वारा आयोजित किए गए थे और सुकुमार सेन भारत के पहले चुनाव आयुक्त थे। चुनाव आयोग की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पूरी प्रक्रिया और चुनाव के नतीजे भी तय करता है।
पहले चुनाव के दौरान 36 करोड़ थी देश की आबादी
संविधान लागू होने के बाद देश में चुनाव आयोग का गठन हुआ था। उस दौरान भारत की आबादी 36 करोड़ थी और संविधान के लागू होने पर भारत ने वोट डालने के लिए उसी उम्र को योग्य माना जो तब दुनिया भर में अपनाई जा चुकी थी। इसके चलते 21 साल से ज़्यादा उम्र वाले 17.3 करोड़ लोग वोट डालने के लिए योग्य थे।
आपको बता दें कि पहले मताधिकार की वोट करने की उम्र 21 वर्ष थी लेकिन 6 दिसंबर 1989 को 61वें संवैधानिक संशोधन में इसे 18 वर्ष कर दिया गया था। उम्र कम करने का उद्देश्य युवाओं को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने और उन्हें राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा बनने में मदद करने के लिए अवसर देना था।
पहली चुनाव प्रक्रिया में सामने आई थीं ये समस्याएं
जनगणना के आंकड़ों के आधार पर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र तय किए जाने थे जो 1951 में हो पाया था। देश की आबादी के लिए, पार्टी के चुनाव चिह्न डिजाइन करने, मतपत्र और मतदान पेटी बनाने से जुड़ी समस्याएं थीं। इसमें मतदान केंद्र बनाने से और केंद्रों के बीच सही दूरी और मतदान अधिकारियों को नियुक्त कर प्रशिक्षण देना भी था। इन सभी चुनौतियों से निपटते हुए देश में चुनाव संपन्न कराया गया था।
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FAQs
भारत का पहला आम चुनाव 25 अक्टूबर, 1951 से 21 फरवरी 1952 तक हुआ था।
लोकसभा के पहले स्पीकर गणेश वासुदेव मावलंकर थे।
2024 यानि वर्तमान में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला हैं।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको भारत में लोकसभा के पहले आम चुनाव कब हुए के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। एग्जाम की तैयारी और बेहतर करने व UPSC में पूछे जाने वाले क्वैश्चंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।