Prithvi Ko Neela Grah Kyon Kaha Jata hai: क्या आप जानते हैं कि 71 फीसदी से ज्यादा पानी से भरी पृथ्वी को नीला ग्रह (Neela Grah) भी कहा जाता है। नीला ग्रह पृथ्वी का वैकल्पिक नाम है। पृथ्वी सौरमंडल का एकमात्र ज्ञात ग्रह है जहां जीवन उपस्थित है। यह सौर मंडल में सबसे घना और चार स्थलीय ग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह है। वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी सूर्य से लगभग 150 मिलियन किलोमीटर दूर स्थित है। इस लेख में पृथ्वी को नीला ग्रह क्यों कहते हैं? (Prithvi Ko Neela Grah Kyon Kaha Jata hai) के बारे में बताया गया है।
पृथ्वी को नीला ग्रह क्यों कहते हैं? – Why is The Earth Called The Blue Planet
पृथ्वी को ‘नीला ग्रह’ (Neela Grah) इसलिए कहते हैं क्योंकि जब इसे अंतरिक्ष से देखा जाता है, तो इसका रंग नीला दिखाई देता है। इसका मुख्य कारण है पृथ्वी की जलवायु और समुद्रों की मौजूदगी। पृथ्वी का लगभग 71% हिस्सा पानी से ढका हुआ है, और पानी का रंग नीला होता है। जब सूर्य की रोशनी पानी पर पड़ती है, तो यह नीला रंग दिखता है। इस कारण से पृथ्वी को नीला ग्रह कहा जाता है।
पृथ्वी अंतरिक्ष से हमें नीली क्यों दिखाई देती है?
वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग पानी से ढका हुआ है और पानी का रंग रंगहीन होता है। लेकिन पानी की एक विशेषता होती है कि वह बड़ी तरंगदैर्ध्य की किरणों को समाहित कर लेता है जैसे लाल, नारंगी और पीले रंग की प्रकाश किरणें, नीली प्रकाश की किरणों को रिफ्लेक्ट करता है। इसलिए हमें पृथ्वी अंतरिक्ष से नीली दिखाई देती हैं।
वहीं समुद्रों और महासागरों का पानी मुख्य रूप से नीले रंग के होते हैं, और जब सूरज की रोशनी इन जलमंडलों से टकराती है, तो यह प्रकाश बिखरकर नीला दिखाई देता है। पानी की विशेषता यह है कि यह लाल रंग की रोशनी को अधिक अवशोषित करता है और नीले रंग की रोशनी को परावर्तित करता है, जिसके कारण पानी का रंग नीला दिखाई देता है। इसी कारण, पृथ्वी का नीला रंग न केवल इसके पानी की वजह से है, बल्कि यह जीवन के प्रतीक के रूप में भी महत्वपूर्ण है। जब भी हम पृथ्वी को अंतरिक्ष से देखते हैं, तो इसका नीला रंग हमें यह याद दिलाता है कि यह ग्रह जीवन का एकमात्र ज्ञात केंद्र है।
FAQs
वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी को नीला ग्रह (Neela Grah) इसलिए कहा जाता है क्योंकि पृथ्वी की सतह का 71% हिस्सा पानी से ढका हुआ है।
पृथ्वी हमारे सौरमंडल का एकमात्र ऐसा ग्रह है जिस पर तरल पानी की मात्रा काफी अधिक है। इसके परिणामस्वरूप, इसे नीला ग्रह भी कहा जाता है।
पृथ्वी का आकार लगभग गोल है, लेकिन यह पूरी तरह से गोल नहीं है। यह एक जियोइड है, जिसका अर्थ है कि इसका आकार थोड़ा सा चपटा है, विशेष रूप से ध्रुवों पर।
पृथ्वी पर जीवन का होना, इसके अनुकूल वातावरण और पानी की उपलब्धता की वजह से है। पृथ्वी पर वायुमंडल और तापमान ऐसे हैं, जो जीवन के लिए जरूरी तत्वों को बनाए रखने में मदद करते हैं।
पृथ्वी का सबसे ऊँचा स्थान “माउंट एवरेस्ट” (Mount Everest) है, जो नेपाल और तिब्बत के सीमा पर स्थित है।
मौसम परिवर्तन मुख्य रूप से पृथ्वी की धूरी पर झुकाव, सूर्य से प्राप्त ऊर्जा, और पृथ्वी की परिक्रमा की गति के कारण होते हैं। इन कारकों के कारण विभिन्न स्थानों पर तापमान, वर्षा और अन्य मौसमीय परिस्थितियाँ बदलती रहती हैं।
आशा है कि आपको इस लेख में पृथ्वी को नीला ग्रह क्यों कहते हैं? (Prithvi Ko Neela Grah Kyon Kaha Jata hai) की संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही सामान्य ज्ञान और ट्रेंडिंग इवेंट्स से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।