UPSC प्रीलिम्स एग्जाम रिज़ल्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने UPSC को इस सम्बन्ध में अपना पक्ष रखने के लिए 2 हफ्ते का समय दिया है।
आयोग ने कोर्ट से माँगा था समय
UPSC ने दिल्ली हाईकोर्ट में UPSC Prelims result 2023 को रद्द करने वाली याचिका के खिलाफ विरोध दर्ज कराते हुए अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट से थोड़ा समय माँगा था। दूसरी ओर याचिकाकर्ताओं की ओर से 12 जून 2023 को जारी हुए UPSC Prelims 2023 के रिज़ल्ट को रोकने और फाइनल आंसर की जारी करने की मांग की।
17 कैंडिडेट्स ने दायर की याचिका
UPSC सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रहे 17 कैंडिडेट्स UPSC Prelims के एग्जाम में मैथ्स और इंग्लिश के क्वेश्चंस के डिफिकल्टी लेवल को लेकर आपत्ति थी। उनके मुताबिक़ UPSC Prelims exam का पेपर UPSC द्वारा सेट पैटर्न के अनुरूप नहीं था। इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका देते हुए इन 17 कैंडिडेट्स ने UPSC Prelims result को कैंसल किए जाने और एग्जाम दोबारा कराए जाने की मांग की थी।
फ़ाइनल आंसर की जारी किए जाने की भी उठी मांग
कैंडिडेट्स द्वारा 12 जून 2023 को जारी हुए UPSC Prelims result 2023 के नोटिस को चुनौती दी गई है और परीक्षा की फाइनल आंसर की जारी किए जाने की भी मांग की गई है।
मैथ्स और इंग्लिश के प्रश्नों को देखकर एक्सपर्ट्स ने भी जताई थी हैरानी
UPSC प्रीलिम्स 2023 के CSAT के पेपर को देखकर कुछ UPSC एक्सपर्ट्स ने भी हैरानी जताई थी। उनके मुताबिक़ मैथ्स के क्वेश्चंस को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे कि उन्हें JEE जैसे किसी इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम की किसी किताब से उठाकर रख दिया गया है। इसके अलावा इंग्लिश के सवाल देखकर लगता है जैसे ग्रेजुएशन लेवल के प्रश्न हों। एक्सपर्ट्स के मुताबिक़ CSAT के पेपर का उद्देश्य कैंडिडेट्स की इंग्लिश और मैथ्स की समझ की जांच करना होता है। इसके लिए दसवीं के स्तर के सवाल पूछे जाने चाहिए।
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