सेन्ट्रल यूनिवर्सिटीज़ में वर्क कल्चर में सुधार करने के लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) एक ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करने जा रहा है। यह ट्रेनिंग प्रोग्राम देश की सभी 45 यूनिवर्सिटीज़ के लिए शुरू किया जाएगा। इसका एक अन्य उद्देश्य विश्वविद्यालयों के परिसर को बेहतर बनाना भी है।
सेन्ट्रल यूनिवर्सिटीज़ के कर्मचारियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
यूजीसी की तरफ से सेन्ट्रल यूनिवर्सिटीज़ में वर्क कल्चर को बेहतर करने के लिए सेन्ट्रल यूनिवर्सिटीज़ के सभी कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस संबंध में यूजीसी ने सेन्ट्रल यूनिवर्सिटीज़ के कर्मचारियों की कार्यदक्षता को बढ़ाने के लिए कैपिसिटी बिल्डिंग कमिशन के साथ एक करार भी किया है।
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5000 कर्मचारियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूजीसी द्वारा इस मिशन के तहत पहले फेज़ में सेन्ट्रल यूनिवर्सिटीज़ के लगभग 5000 कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के अंतर्गत कर्मचारियों को वर्कफ़्लो, हायर एजुकेशन इकोसिस्टम और एकेडमिक्स मैनेजमेंट आदि के बारे में सिखाया जाएगा।
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चार महीने का होगा ट्रेनिंग पीरियड
यूजीसी ने सभी सेन्ट्रल यूनिवर्सिटीज़ के नॉन टीचिंग कर्मचारियों से इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में भाग लेने का अनुरोध किया है। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम की अवधि कुल चार महीने की होगी। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम को पूरा कर लेने के बाद कर्चारियों को सीबीसी की ओर से एक सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाएगा।
बता दें कि वर्ष 2023 में यूजीसी ने सीबीसी के साथ केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों की कार्यक्षमता का मूल्यांकन करने के लिए हाथ मिलाया था। इस मूल्यांकन के आधार पर यूजीसी और सीबीसी ने मिलकर केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों के लिए एक ट्रेनिंग प्रोग्राम डिज़ाइन किया है। इस प्रोग्राम का नाम “मिशन कर्मयोगी” रखा गया है। इस मिशन का उद्देश्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों के नॉन टीचिंग स्टाफ की कार्य क्षमता में वृद्धि करना है। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम की कुल अवधि चार महीने की होती है।
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