यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने स्टूडेंट्स के लिए बड़ी पहल की है। कमीशन ने हायर एजुकेशनल इंस्टिट्यूट्स में रैगिंग के खतरे को रोकने के लिए नियमों का एक रिमाइंडर जारी किया है और इसकी जानकारी ट्वीट करके दी गई है।
ट्वीट के मुताबिक, UGC की ओर से हायर इंस्टिट्यूट्स के लिए कहा गया है कि यह एक बार फिर आपके ध्यान में लाया जाता है कि रैगिंग एक अपराध है और इस खतरे को रोकने के लिए नियम बनाए गए हैं, इसलिए रैगिंग को रोकने और खत्म करने के लिए रिमाइंडर दिया जा रहा है।
UGC Updates: All institutions are requested to set up anti-ragging mechanisms on their campuses.
— UGC INDIA (@ugc_india) December 14, 2023
Read the recent letter from UGC here in this regard: https://t.co/DxYvG2HC3v#UGC #UGCNotice pic.twitter.com/qK0gHbYBS6
UGC ने सभी इंस्टिट्यूट्स से इसकी निगरानी के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा है। यह भी कहा गया है कि यदि कोई इंस्टिट्यूट रैगिंग को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाने में विफल रहता है या इन नियमों के अनुसार कार्य नहीं करता है या रैगिंग की घटनाओं के अपराधियों पर कार्रवाई नहीं करता है तो कमीशन उस इंस्टिट्यूट के विरुद्ध कार्रवाई करेगा।
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रैंगिंग रोकने के लिए इस तरह कदम उठा सकते हैं इंस्टिट्यूट्स
UGC ने इंस्टिट्यूट्स को एंटी-रैगिंग कमिटी और एंटी-रैगिंग स्क्वाड का गठन, एंटी-रैगिंग सेल की स्थापना, सीसीटीवी कैमरे स्थापित करना, एंटी-रैगिंग कार्यशालाएं और सेमिनार, सभी वेबसाइटों को नोडल अधिकारियों की डिटेल, अलार्म आदि के साथ अपडेट करने के लिए कहा है। इसके अलावा ई-प्रॉस्पेक्टस और ई-इन्फाॅर्मेशन बुक्स/ब्रोशर में रैगिंग विरोधी चेतावनी का उल्लेख के लिए कहा है।
रैगिंग विरोधी पोस्टर लगाने का भी आदेश
कमीशन ने प्रवेश केंद्र, डिपार्टमेंट, पुस्तकालय, कैंटीन, हाॅस्टल आदि जैसे सभी प्रमुख स्थानों पर रैगिंग विरोधी पोस्टर लगाने करने का भी आदेश दिया गया है। ये पोस्टर यूजीसी की वेबसाइट – ugc.ac.in पर उपलब्ध हैं। पोस्टर का आकार 8×6 फीट होना चाहिए।
UGC के बारे में
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) 28 दिसंबर, 1953 को अस्तित्व में आया और विश्वविद्यालय में शिक्षा, परीक्षा और अनुसंधान के रेगुलेशंस के समन्वय और रखरखाव के लिए 1956 में संसद के एक अधिनियम द्वारा भारत सरकार की काॅंस्टिट्यूशनल बाॅडी बन गया। यह यूनिवर्सिटी और काॅलेजों को ग्रांट देता है।
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