महावीर जयंती, जैन समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो भगवान महावीर के जन्म का उत्सव मनाता है। भगवान महावीर, जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर माने जाते हैं। इन महान संत का जन्म 599 ईसा पूर्व में बिहार में वैशाली के पास कुंडग्राम में हुआ था। महावीर जयंती का यह पर्व जैन धर्म के लोगों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है, क्योंकि यह उनके धर्म के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरु के जीवन और शिक्षाओं का स्मरण कराता है। ऐसे में महावीर जयंती के महत्व को बढ़ाने के लिए कई बार विद्यार्थियों को महावीर जयंती पर भाषण तैयार करने को दिया जाता है। ऐसे में अगर आप अपने स्कूल में महावीर जयंती पर स्पीच देने के लिए तैयारी कर रहे हैं तो, ये लेख आपके लिए है। Speech on Mahavir Jayanti in Hindi कैसे दी जाती है, इसके बारे में विस्तार से बताया गया है।
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महावीर जयंती के बारे में
महावीर जयंती, जिसे भगवान महावीर स्वामी जन्म कल्याणक के नाम से भी जाना जाता है, जैन धर्म का एक बहुमूल्य त्यौहार है। यह पर्व हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास के 13वें दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर मार्च या अप्रैल महीने में आता है। इस वर्ष यह धार्मिक पर्व 21 अप्रैल 2024 को मनाया जाएगा। महावीर जयंती, जैन समुदाय का विशेष पर्व है जिसे भगवान महावीर स्वामी के जन्म के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। जैन समुदाय के लोगों के लिए यह पर्व बहुत ही खास है। इस दिन वह शोभायात्रा निकालते हैं, मंदिरों में भगवान महावीर की मूर्ति का विशेष रूप से अभिषेक करते हैं, इसके बाद मूर्ति को रथ पर स्थापित कर, जुलूस निकालते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह कठिन तपस्या से जीवन पर विजय हासिल करने का त्यौहार है।
महावीर जयंती पर भाषण 100 शब्दों में
100 शब्दों में Speech on Mahavir Jayanti in Hindi इस प्रकार से है:
नमस्कार,
आज हम भगवान महावीर के जन्म दिवस, महावीर जयंती के शुभ अवसर पर एकत्रित हुए हैं। जैन समुदाय में एक विशेष महत्व रखने वाला यह त्यौहार भारत और दुनिया भर में धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार भगवान महावीर के जन्म का जश्न मनाता है। बता दें कि भगवान महावीर जैन समुदाय के 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे। इन्होने ही जैन धर्म की स्थापना की थी। केवल इतना ही नहीं बल्कि हम सभी को शांतिपूर्ण, सद्भावपूर्ण और नैतिक जीवन जीने का मार्ग दिखाया। ऐसे में आइए, हम सब मिलकर भगवान महावीर के आदर्शों का पालन करें और एक बेहतर दुनिया का निर्माण करें।
जय जय भगवान महावीर!
धन्यवाद।
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महावीर जयंती पर भाषण 200 शब्दों में
200 शब्दों में Speech on Mahavir Jayanti in Hindi इस प्रकार से है:
नमस्कार, प्रिय बंधुओं
आज हम महावीर जयंती के पावन अवसर पर यहाँ एकत्र हुए हैं। आज हम भगवान महावीर के जन्म का पावन पर्व मना रहे हैं। यह जैन समुदाय के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है। महावीर जयंती हर साल हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र महीने के तेरहवें दिन मनाई जाती है, जो आमतौर पर मार्च या अप्रैल के महीने में आती है। जैन पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे। उनका जीवन कठोर तपस्या और आत्म-त्याग का प्रतीक है। वह मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने अपने अनुयायियों को मोक्ष प्राप्ति के लिए पांच महत्वपूर्ण नियम सिखाए। ये नियम है दूसरों के प्रति दयालुता और करुणा का भाव रखना, सरल जीवन जीना, ब्रह्मचर्य का पालन करना, सत्य बोलना और सदैव ईमानदार रहना और सभी के प्रति सहिष्णुता और सम्मान का भाव रखना। इस विशेष अवसर पर लोग भगवान महावीर की शिक्षाओं के अनुसार जीने का प्रयास करते हैं। वहीं इस दिन कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं और जरूरतमंदों को दान किया जाता है। ऐसे में आईये इस पवित्र अवसर पर, हम भी भगवान महावीर द्वारा दिए गए आदर्शों का पालन करें।
धन्यवाद!
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महावीर जयंती पर भाषण 500 शब्दों में
500 शब्दों में Speech on Mahavir Jayanti in Hindi इस प्रकार से है:
स्पीच की शुरुआत में
माननीय अतिथिगण, शिक्षक वर्ग और मेरे सहपाठियों सबसे पहले आप सभी को महावीर जयंती की हार्दिक शुभकामनायें। मेरा नाम …….. है और मै कक्षा ….. का/की छात्र/छात्रा हूँ। आज महावीर जयंती के उपलक्ष्य में आप सभी को इस दिन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताना चाहता/चाहती हूँ। हम सभी को आज के दिन के बारे में जानकारी होनी आवश्यक है।
स्पीच में क्या बोलें?
महावीर जयंती जैन धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है। यह भगवान महावीर के जन्म का उत्सव है, जिन्हें जैन धर्म का 24वां और अंतिम तीर्थंकर माना जाता है। भगवान महावीर का जन्म चैत्र मास (हिंदू कैलेंडर) के शुक्ल पक्ष की 13वीं तिथि को बिहार के कुंडलपुर में राजा सिद्धार्थ और रानी त्रिशला के घर हुआ था। उनके बचपन का नाम वर्धमान था। आगे चलकर अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने की क्षमता के कारण उन्हें महावीर नाम दिया गया। उनकी शिक्षाएं, जो अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य पर आधारित हैं, ने दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित किया है।
महावीर जयंती के शुभ अवसर पर कई धार्मिक अनुष्ठान किये जाते हैं। जैसे जैन समुदाय भगवान महावीर की मूर्ति का भव्य जुलूस निकालते हैं, जिसमें लोग भजन गाते हैं और नृत्य करते हैं, मंदिरों में विशेष प्रार्थना सभाएं और भजन कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, कई श्रद्धालु दिन भर का उपवास रखते हैं, घरों और मंदिरों को रंगोली, दीपक और फूलों से सजाते हैं। वही इस दिन जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और अन्य आवश्यक वस्तुएं दान की जाती हैं। इसके साथ ही कई जगह सामाजिक कार्य जैसे रक्तदान शिविर, वृद्धाश्रमों में सेवा, और अन्य सामाजिक कार्यों का आयोजन किया जाता है। यह त्यौहार हमें भगवान महावीर की शिक्षाओं को याद करने और उन्हें अपने जीवन में उतारने का अवसर प्रदान करता है, हमें अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य जैसे नैतिक मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देता है और हमें दूसरों के प्रति करुणा और दया दिखाने और एक बेहतर समाज बनाने के लिए प्रेरित करता है।
स्पीच के अंत में
महावीर जयंती का संदेश केवल जैन धर्म तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी धर्म के लोगों के लिए प्रेरणादायी है। भगवान महावीर की शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी कि हजारों साल पहले थीं। भगवान महावीर की शिक्षाएं हमें शांतिपूर्ण, सद्भावपूर्ण और नैतिक जीवन जीने का मार्ग दिखाती हैं। इन मूल्यों को अपनाकर, हम न केवल अपने जीवन में सुधार कर सकते हैं, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। आइए, हम सब मिलकर भगवान महावीर के आदर्शों का पालन करें और एक बेहतर दुनिया का निर्माण करें।
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महावीर जयंती पर 10 लाइन में स्पीच
महावीर जयंती पर 10 लाइन में स्पीच निम्नलिखित है :
- महावीर जयंती हर साल महान संत ‘महावीर’ के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है।
- विशेष रूप से यह जैन धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाता है।
- जैन धर्म के 24वें ‘तीर्थंकर’ महावीर को ‘वर्धमान’ के नाम से भी जाना जाता है।
- महावीर का जन्म चैत्र माह में 540 ईसा पूर्व बिहार के ‘कुंडलग्राम’ में हुआ था।
- उन्होंने 30 साल की उम्र में अपना परिवार और राज्य छोड़ दिया था।
- ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, महावीर जयंती मार्च-अप्रैल के महीने में आती है।
- यह भारत के सभी जैन मंदिरों में बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है।
- इस कार्यक्रम को मनाने के लिए सभी पवित्र जैन मंदिरों को फूलों और झंडों आदि से सजाया जाता है।
- जैन धर्म के लोग इस दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को भोजन, कपड़े आदि वितरित करते हैं।
- भारत के कुछ प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल जहां महावीर जयंती भव्य तरीके से मनाई जाती है, वे हैं पालीताना, रणकपुर, श्रवणबेलगोला, दिलवाड़ा मंदिर, खंडगिरि गुफाएं और उदयगिरि गुफाएं।
महावीर जयंती पर स्पीच तैयार करने के टिप्स
महावीर जयंती पर स्पीच तैयार करने के टिप्स निम्नलिखित हैं-
- सबसे पहले महावीर जयंती से जुड़े सभी फैक्ट और जानकारी एकत्र कर लें।
- फिर उन्हें अच्छी तरह से फ्रेम करें और स्पीच को लिखित रूप में में तैयार करें।
- अपने भाषण की शुरुआत, महावीर जयंती के इतिहास और महत्व के बारे में संक्षिप्त जानकारी देकर करें।
- स्पीच लिखते समय शब्दों का सही चयन करें।
- समय का ध्यान रखें और अपने भाषण को निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरा करें।
- स्पीच देने से पहले लेखन को अच्छी तरह पढ़ लें।
- स्पीच की शुरुआत आप कविताओं और कोट्स से भी कर सकते हैं।
- अंत में महावीर जयंती की शुभकामनाएं देकर अपना भाषण समाप्त करें।
- अपनी स्पीच के अंत में श्रोताओं का शुक्रिया अदा करना न भूलें।
FAQs
महावीर जयंती में भगवान महावीर की पूजा-अर्चना होती है। भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे।
2024 में महावीर जयंती 21 अप्रैल को मनाई जाएगी।
महावीर जयंती, भगवान महावीर के जन्म का पावन अवसर है जो जैन धर्म के अनुयायियों द्वारा पूरे भारत और दुनिया भर में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत भगवान महावीर की मूर्ति के जुलूस से होती है, जिसके बाद प्रार्थना और भजन होते हैं।
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