Speech On APJ Abdul Kalam : छात्र ऐसे तैयार करें डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर भाषण 

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Speech On Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi

भारत रत्न और भारत माँ के सच्चे सपूत एवं भारत के 11वे राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की 9वीं पुण्य तिथि 26 जुलाई 2024 के दिन मनाई जाएगी। उन्होंने एक वैज्ञानिक और शिक्षक के रूप में तो देश की सेवा की ही थी, इसके साथ-साथ उन्होंने एक राष्ट्रपति के रूप में भी देश का कुशल प्रतिनिधित्व भी किया था। छात्र डॉ. कलाम के जीवन से बहुत कुछ सीख सकते हैं। 26 जुलाई के दिन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि मनाई जाती है। इस मौके पर अक्सर छात्रों से डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर भाषण देने के लिए बोल दिया जाता है। यहाँ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में 100, 250 और 500 शब्दों में भाषण के नमूने दिए जा रहे हैं। इनकी मदद से छात्र Speech On Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi दिया जा रहा है।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में 100 शब्दों में भाषण 

यहाँ 100 शब्दों में Speech On Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi दिया जा रहा है: 

आदरणीय प्राचार्य महोदय, शिक्षक, एवं मेरे प्रिय साथियों,

आज मैं आप सभी को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में बताना चाहता हूँ। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। वे एक महान वैज्ञानिक और भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें “मिसाइल मैन” के रूप में जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने भारत के मिसाइल विकास कार्यक्रम में प्रमुख भूमिका निभाई।

डॉ. कलाम ने अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2002 से 2007 तक राष्ट्रपति के रूप में सेवा देते हुए, उन्होंने शिक्षा और युवाओं को प्रेरित करने पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने हमेशा बच्चों और युवाओं को बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने के लिए प्रेरित किया।

27 जुलाई 2015 को शिलांग में एक व्याख्यान के दौरान उनका निधन हो गया। उनका जीवन और विचार आज भी हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। आइए, हम सभी उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लें।

धन्यवाद ! 

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में 250 शब्दों में भाषण

यहाँ 250 शब्दों में Speech On Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi दिया जा रहा है: 

आदरणीय प्राचार्य महोदय, शिक्षक, एवं मेरे प्रिय साथियों,

आज मैं आप सभी को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में बताना चाहता हूँ, जो हमारे देश के महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति थे। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। वे एक साधारण परिवार से थे और अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया।

डॉ. कलाम ने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में शामिल हो गए। वहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में योगदान दिया, जिनमें सबसे प्रमुख है भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (SLV-III), जिसने रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया। इसके बाद, उन्होंने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) में काम किया, जहां उन्होंने अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके कारण उन्हें “मिसाइल मैन” के रूप में जाना जाता है।

2002 से 2007 तक, डॉ. कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान शिक्षा और युवाओं को प्रेरित करने पर विशेष ध्यान दिया। वे हमेशा छात्रों से कहते थे कि बड़े सपने देखें और उन्हें साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करें। उनका मानना था कि भारत का भविष्य युवाओं के हाथों में है, और वे हमेशा उन्हें सकारात्मक सोच और मेहनत के लिए प्रेरित करते थे।

27 जुलाई 2015 को, शिलांग में एक व्याख्यान के दौरान, डॉ. कलाम का निधन हो गया। उनकी सादगी, मेहनत और समर्पण आज भी हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनका जीवन हमें सिखाता है कि चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों, मेहनत और दृढ़ संकल्प से हम अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।

धन्यवाद।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में 500 शब्दों में भाषण

यहाँ 500 शब्दों में Speech On Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi दिया जा रहा है: 

आदरणीय प्राचार्य महोदय, शिक्षक, एवं मेरे प्रिय साथियों,

आज मैं आप सभी को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में बताना चाहता हूँ। डॉ. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था। उनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम था। उनके पिता, जैनुलअब्दीन, एक नाविक थे और उनकी माँ, आशियम्मा एक गृहिणी थीं। कलाम जी बचपन से ही मेहनती और जिज्ञासु थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा रामेश्वरम के स्थानीय सरकारी स्कूल में ही हुई और इसके बाद वर्ष 1950 में उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

स्नातक होने के बाद, कलाम जी ने भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) में काम करना शुरू किया और उन्होंने भारत के पहली स्वदेशी मिसाइल, “पीजीएम-1” के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कार्य के लिए उन्हें “मिसाइल मैन” की उपाधि भी दी गई। वर्ष 1963 में, कलाम जी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में शामिल हो गए। उन्होंने कई महत्वपूर्ण अंतरिक्ष परियोजनाओं पर काम किया, जिनमें भारत का पहला उपग्रह, “भू-उपग्रह,” और “अग्नि” मिसाइल प्रणाली शामिल है। 1999 में, उन्हें भारत सरकार का सर्वोच्च वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त किया गया।

अगर राजनीति में उनके प्रवेश की बात की जाए तो उन्हें वर्ष 2002 में, भारत का 11वां राष्ट्रपति चुना गया। उन्होंने 2007 तक इस पद पर कार्य किया। वे एक लोकप्रिय राष्ट्रपति थे, जिन्हें उनके सरल जीवन, विनम्रता और युवाओं के प्रति प्रेरणादायक भाषणों के लिए जाना जाता था। 

उपलब्धियां 

वैसे तो डॉ. कलाम के नाम सैकड़ों उपलब्धियां थीं, लेकिन यहां मैं डॉ. कलाम की अनेक उपलब्धियों में से कुछ प्रमुख उपलब्धियों के बारे में बताना चाहूंगा: 

  • कलाम जी ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए।
  • उन्होंने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और मिसाइल प्रौद्योगिकी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण और भारत रत्न सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
  • वे एक प्रेरक लेखक भी थे, जिन्होंने कई पुस्तकें लिखीं, जिनमें “इग्नाइटेड माइंड्स”, “विंग्स ऑफ फायर” और “टर्निंग एन ड्रीम इंटो रियलिटी” शामिल हैं।

डॉक्टर कलाम की इच्छा थी कि वे अपने अंतिम समय में एक शिक्षक के रूप में इस दुनिया से जाएं।

अंत में मैं डॉ. कलाम के बारे में बताते हुए मैं अपनी वाणी को विराम देना चाहूंगा। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक, प्रेरणादायक नेता और भारत के सच्चे सपूत थे। उन्होंने अपने जीवन से हमें सिखाया कि कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और सकारात्मक सोच से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। उनकी उपलब्धियां हमेशा हमें प्रेरित करती रहेंगी। उनका जीवन हमेशा हमें प्रेरणा देता रहेगा कि किस प्रकार से एक साधारण व्यक्ति अपने कर्मों से महान बन सकता है और जीवन में ऊंचा उठ सकता है। उनका जीवन यह बताता है कि एक गरीब बच्चा भी अपने कर्मों से और मेहनत के बल पर एक महान वैज्ञानिक और देश का राष्ट्रपति तक बन सकता है। 

धन्यवाद। 

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