Maharana Pratap Speech : भारत के वीर पुत्र महाराणा प्रताप पर स्कूल में ऐसे दें भाषण

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Maharana Pratap Speech in Hindi

भारत वीर योद्धाओं की भूमि है। यहाँ शिवाजी महाराज, रानी लक्ष्मीबाई, गुरु गोबिंद सिंह जैसे अनेक वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने अपनी वीरता और पराक्रम से देश की रक्षा की है। इन वीरो ने अपनी जान की परवाह किये बिना देश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। इन्हीं योद्धाओं में से एक थे महाराणा प्रताप। मेवाड़ के वीर योद्धा महाराणा प्रताप, अपनी वीरता कुशल रणनीति और शासन कला के लिए हमेशा याद किए जाते हैं। उनके बारे में जानने से बच्चों को भारतीय इतिहास की जानकारी मिलती है और उनके मन में देशभक्ति की भावना जागृत होती है। ऐसे में कई बार स्कूल में बच्चों को महाराणा प्रताप पर भाषण तैयार करने के लिए दिया जाता है। अगर आप अपने स्कूल में महाराणा प्रताप पर स्पीच देने के लिए तैयारी कर रहे हैं तो, ये लेख आपके लिए है। यहाँ आपको महाराणा प्रताप पर भाषण (Maharana Pratap Speech in Hindi) 100, 200 और 500 शब्दों में दिया गया है।

महाराणा प्रताप का संक्षिप्त परिचय 

देश के सबसे वीर योद्धाओं में से एक महाराणा प्रताप का जन्म इंग्लिश कैलेंडर के मुताबिक 9 मई 1540 को मेवाड़ के कुम्भलगढ़ के एक राजपूत परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया है। वहीं बचपन में उन्हें ‘कीका’ नाम से बुलाते थे। प्रताप के पिता का नाम राणा उदय सिंह और माता का नाम जयवंता बाई था। वहीं उनकी धर्मपत्नी का नाम अजबदे पंवार था। कुछ इतिहासकारों के मुताबिक,  प्रताप की 10 और पत्नियाँ भी थी। इतिहासकरों का यह भी मानना है कि प्रताप के कुल 17 पुत्र और 5 पुत्रियाँ थी। महाराणा प्रताप को इतिहास के सबसे बहादुर योद्धाओं में से एक माना जाता है। 

यह भी पढ़ें : जानिए भारत के वीर पुत्र महाराणा प्रताप की कहानी

100 शब्दों में ऐसे दें महाराणा प्रताप पर भाषण

आप 100 शब्दों में महाराणा प्रताप पर भाषण (Maharana Pratap Speech in Hindi) इस प्रकार दे सकते है : 

नमस्कार दोस्तों!

आज हम बात करेंगे भारत के वीर पुत्र महाराणा प्रताप के बारे में, जिन्होंने अपनी वीरता और दृढ़ संकल्प से न केवल मेवाड़ की रक्षा की बल्कि पूरे देश स्वतंत्रता की भावना को प्रज्वलित कर दिया। वह देश के सबसे वीर योद्धाओं में से एक थे जिसके नाम से मुग़ल सम्राट अकबर भी काँपता था। महाराणा प्रताप एक ऐसे योद्धा थे जिन्होंने मुगलों के विशाल साम्राज्य के सामने भी झुकने से इनकार कर दिया था। ऐसे निडर और महान योद्धा सदियों में एक ही बार जन्म लेते हैं। ऐसे वीर योद्धा का नाम इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर देने वाले वीर को शत शत नमम। 

धन्यवाद!

200 शब्दों में ऐसे दें महाराणा प्रताप पर भाषण

आप 200 शब्दों में महाराणा प्रताप पर भाषण (Maharana Pratap Speech in Hindi) इस प्रकार दे सकते है : 

आज हम भारत के इतिहास के एक ऐसे वीर योद्धा के बारे में बात करेंगे जिन्होंने अपनी वीरता, स्वाभिमान और साहस से लोगों को सदैव प्रेरणा दी है। वे हैं मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप, जिन्होंने मुगल सम्राट अकबर की विशाल सेना के सामने भी हार नहीं मानी। ऐसे महान पुरुष का जन्म 9 मई, 1540 को राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। उनका जन्म हिन्दी तिथि के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया को माना जाता है। महाराणा प्रताप मेवाड़ के एक बहादुर राजा थे जिन्होंने अकबर के खिलाफ कई महत्वपूर्ण लड़ाइयाँ लड़ीं, जिनमें 1576 में हल्दीघाटी की लड़ाई भी शामिल है। हल्दीघाटी का युद्ध बादशाह अकबर और राजपूत राजा महाराणा प्रताप के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में अकबर के पास 80 हजार से ज्यादा सैनिक थे जबकि राजपूतों के पास केवल 20 हज़ार सैनिक थे। 3 घंटे तक चले इस भीषण युद्ध में, राजपूतों ने साहस और वीरता का प्रदर्शन किया। भले ही मुगल सेना संख्या में कहीं अधिक थी, लेकिन इसके बाद ही राजपूतों ने हार नहीं मानी। वहीं महाराणा प्रताप, बुरी तरह से घायल होने के बावजूद भी युद्धक्षेत्र में डटे रहे।

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500 शब्दों में ऐसे दें महाराणा प्रताप पर भाषण

आप 500 शब्दों में महाराणा प्रताप पर भाषण (Maharana Pratap Speech in Hindi) इस प्रकार दे सकते है : 

स्पीच की शुरुआत में 

माननीय अतिथिगण, शिक्षक वर्ग और मेरे सहपाठियों

आज 9 मई है। हम सब यहाँ महाराणा प्रताप की जयंती पर एकत्र हुए हैं। महाराणा प्रताप, एक ऐसे वीर योद्धा थे जिनको दुनिया आज भी याद करती है। नमस्कार मेरा नाम …….. है और मै कक्षा ….. का/की छात्र/छात्रा हूँ। आज महाराणा प्रताप की जयंती के उपलक्ष्य में आप सभी को इस दिन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताना चाहता/चाहती हूँ। हम सभी को आज के दिन के बारे में जानकारी होनी आवश्यक है।

महाराणा प्रताप का प्रारंभिक जीवन 

भारत के वीर पुत्र महाराणा प्रताप का जन्म इंग्लिश कैलेंडर के मुताबिक 9 मई 1540 को मेवाड़ के कुम्भलगढ़ के एक राजपूत परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम राणा उदय सिंह और माता का नाम जयवंता बाई था। महाराणा प्रताप के बचपन का नाम ‘कीका’ था। उनकी धर्मपत्नी का नाम अजबदे पंवार था। इनके दो पुत्र थे, अमर सिंह और भगवान दास। महाराणा प्रताप मेवाड़ के एक बहादुर राजा थे जिन्होंने अकबर के खिलाफ कई महत्वपूर्ण लड़ाइयाँ लड़ीं, जिनमें 1576 में हल्दीघाटी की लड़ाई भी शामिल थी। वहीं महान राजपूत योद्धा महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम चेतक था। अश्व चेतक महाराणा प्रताप की तरह वीर योद्धा था। वफादारी के मामले में चेतक की गिनती दुनिया के सर्वश्रेष्ठ घोड़ों में होती है। हल्दीघाटी युद्ध में भी वह  प्रताप का अनूठा सहयोगी था। 

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महाराणा प्रताप की वीरता की कहानी और हल्दीघाटी का विश्वप्रसिद्ध युद्ध 

हल्दीघाटी का विश्वप्रसिद्ध युद्ध, इतिहास का सबसे बड़ा युद्ध था, इसमें मुगलों और राजपूतों के वर्चस्व को लेकर खूनी संघर्ष हुआ। लेकिन भारत के वीर पुत्र महाराणा प्रताप ने हार नहीं मानी और मातृभूमि की रक्षा के लिए अंत तक लड़ते रहे। हल्दीघाटी का यह युद्ध कई दिनों तक चला। इससे अन्न, जल की कमी होने लगी लेकिन इस विपत्ति का सामना करते हुए वहां की वीर महिलाओं ने बच्चो और सैनिको के लिए स्वयं का भोजन त्याग दिया। उनके हौसलों को देख कर अकबर भी प्रसंशा करने लगे थे। लेकिन अंत में अन्न के आभाव में प्रताप यह युद्ध हार गए। अकबर ने भले ही हल्दीघाटी युद्ध जीता हो मगर वह महाराणा प्रताप को हराकर अपने कब्ज़े में न कर सका। अकबर को इस बात का मरते दम तक दुःख रहा कि वह महाराणा प्रताप को पकड़ न सका। वहीं कुछ समय बाद महाराणा प्रताप की मृत्यु 57 वर्ष की आयु में 19 जनवरी 1597 को हो गयी। कुछ इतिहासकारों के मुताबिक, वह जंगल में एक दुर्घटना की वजह से घायल हो गए थे।

स्पीच के अंत में

महाराणा प्रताप न केवल भारत के वीर योद्धा थे, बल्कि वे एक आदर्श व्यक्ति भी थे। उनकी वीरता की कहानियां आज भी लोगों को प्रेरित करती है। उनके जीवन से हमें कठिन परिस्थितियों में हार न मानने और नेतृत्व, अनुशासन जैसे महत्वपूर्ण गुणों को सीखने का अवसर मिलता है।

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महाराणा प्रताप पर भाषण तैयार करने के टिप्स

महाराणा प्रताप पर स्पीच तैयार करने के टिप्स निम्नलिखित है :

  • सबसे पहले महाराणा प्रताप से जुड़े सभी फैक्ट और जानकारी इक्कठा कर लें। 
  • फिर उन्हें अच्छी तरह से फ्रेम करें और स्पीच को लिखित रूप में में तैयार करें।
  • अपने भाषण की शुरुआत, महाराणा प्रताप के बारे में, महाराणा प्रताप का इतिहास, उनकी उपलब्धियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दें। 
  • स्पीच लिखते समय शब्दों का सही चयन करें।
  • समय का ध्यान रखें और अपने भाषण को निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरा करें।
  • स्पीच देने से पहले लेखन को अच्छी तरह पढ़ लें। 
  • स्पीच की शुरुआत आप कविताओं और कोट्स से भी कर सकते हैं।
  • अपनी स्पीच के अंत में श्रोताओं का शुक्रिया अदा करना न भूलें।

महाराणा प्रताप से जुड़े रोचक तथ्य

महाराणा प्रताप से जुड़े रोचक तथ्य निम्नलिखित है : 

  • महाराणा प्रताप का पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया था। 
  • महाराणा प्रताप को बचपन में कीका नाम से पुकारा जाता था। 
  • कुछ इतिहासकारों के मुताबिक, महाराणा प्रताप की 11 पत्नियां थीं और 17 बेटे व 5 बेटियां थीं। 
  • महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक का मंदिर भी बना है जो हल्दी घाटी पर स्थित है।
  • सम्राट अकबर से लोहा लेने के लिए महाराणा प्रताप ने अपना महल, सोना चांदी, ऐशो आराम छोड़ 20 साल तक मेवाड़ के जंगलों में घूमे थे। 
  • महाराणा प्रताप सिसोदिया राजपूत वंश के 13वें राजा थे।
  • महाराणा प्रताप के पास एक हाथी भी था जिसका नाम रामप्रसाद था और उसने हल्दीघाटी युद्ध में अकबर के 40 हाथियों को अकेले मार गिराया था।

FAQs

अकबर महाराणा प्रताप से क्यों डरते थे?

अकबर एक शक्तिशाली सम्राट थे और उनके पास एक विशाल सेना थी लेकिन वीर महाराणा प्रताप का दृढ़ संकल्प और रणनीतिक कौशल अकबर के लिए एक चुनौती थी। 1576 के हल्दीघाटी युद्ध में 20 हजार राजपूतों को साथ लेकर प्रताप ने अकबर की विशाल सेना का सामना किया। इस युद्ध के बाद महाराणा प्रताप का युद्ध कौशल देखकर अकबर भी घबरा गया था।

महाराणा प्रताप कहाँ के राजा थे?

उदयपुर, मेवाड़ में भिल्ल सिसोदिया राजवंश के राजा थे। 

महाराणा प्रताप की मृत्यु कब हुई थी?

महाराणा प्रताप की मृत्यु 19 जनवरी 1597 को हुई।  

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