विश्व में हिंसा को समाप्त करने और शांति स्थापित करने में संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की शांति सेना (Peacekeepers) की अहम भूमिका निभाती है। यह सेना अक्सर अपनी जान को जोखिम में डालकर विश्वभर में शांति बनाये रखने के लिए संघर्ष हैं। ऐसे में उनके साहस और बलिदान को सम्मानित करने के लिए हर साल 29 मई को अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक दिवस मनाया जाता है। International Day of UN Peacekeepers in Hindi में आपको इस महत्वपूर्ण दिवस के इतिहास से लेकर अन्य रोचक जानकारी दी जायेगी जिसे जानने के लिए आपको यह लेख अंत तक पढ़ना होगा।
This Blog Includes:
- संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस क्या है?
- संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस का इतिहास क्या है?
- पहली बार कब मनाया गया ?
- 29 मई को क्यों मनाया जाता है यह दिवस?
- इस दिवस का मुख्य उद्देश्य क्या है?
- संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2024 थीम
- विश्व शांति बनाए रखने में संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की भूमिका
- यूएन पीसकीपिंग में भारत का योगदान
- FAQs
संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस क्या है?
हर साल 29 मई को विश्वभर में संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस मनाया जाता है। यह महत्वपूर्ण दिवस विश्वभर में शांति और सुरक्षा को बनाए रखने में संयुक्त राष्ट्र द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित करता है। इसके साथ ही यह दिन शांति सैनिकों को सम्मानित करने और उनके साहस और बलिदान को याद करने का अवसर प्रदान करता है।
संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस का इतिहास क्या है?
29 मई 1948 एक ऐतिहासिक दिन था जब पहले संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन, संयुक्त राष्ट्र युद्धविराम पर्यवेक्षण संगठन (UNTSO) की स्थापना की गई थी। इस मिशन की स्थापना इजरायल और उसके अरब पड़ोसियों के बीच युद्ध विराम समझौते की निगरानी करने के लिए की गयी थी। 1948 में मात्रा 72 सैनिकों ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में सेवा दी थी। अब यह संख्या 10 लाख से अधिक हो गयी है।
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पहली बार कब मनाया गया ?
संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस पहली बार 29 मई 2003 में मनाया गया था। आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा साल 2003 में 29 मई को संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस के रूप में घोषित किया गया। तब से लेकर यह दिवस हर साल शांति सैनिकों के योगदान को सम्मान देने एवं उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जा रहा है। इस दिन उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी जाती है जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के शांति प्रबंधन कार्यों में अपने समर्पण और साहस का प्रदर्शन किया।
29 मई को क्यों मनाया जाता है यह दिवस?
आपको बता दें कि 29 मई की तारीख संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने के लिए इसलिए चुनी गई है क्योंकि 1948 में इसी दिन संयुक्त राष्ट्र ने पहला शांति मिशन, संयुक्त राष्ट्र ट्रूस पर्यवेक्षण संगठन (UNTSO) फिलिस्तीन में भेजा था। बता दें कि इस मिशन का उद्देश्य था युद्ध विराम की निगरानी करना, स्थानीय अधिकारीयों का सहयोग करना, शरणार्थियों की वापसी में सहायता करना और भविष्य के अन्य शांति मिशनों को भी मार्ग प्रदर्शित करना।
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इस दिवस का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस दिवस को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य विश्व भर में शांति स्थापना अभियानों में अपनी सेवा के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की बहादुरी और समर्पण को सम्मानित करना, उनकी उपलब्धियों को मान्यता देना और शांति स्थापना के महत्व को बढ़ावा देना है।
संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2024 थीम
हर साल संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष यानी 2024 की थीम है “भविष्य के लिए फिट, एक साथ बेहतर निर्माण” है। यह थीम हमें यह याद दिलाता है कि हम एक साथ मिलकर एक बेहतर भविष्य बना सकते हैं।
विश्व शांति बनाए रखने में संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की भूमिका
विश्व शांति बनाए रखने में संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह शांतिरक्षक अक्सर अपनी जान को खतरों में डालकर चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में जीवन बचाने, शांति स्थापित करने और मानवीय सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह सैनिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के आदेश पर तैनात किए जाते हैं और दुनियाभर में शांति और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए उचित कार्रवाई करते हैं। इस दौरान उन्हें कई विभिन्न प्रकार के खेत्रों का भी सामना करना पड़ता है।
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यूएन पीसकीपिंग में भारत का योगदान
भारत, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना (यूएन पीसकीपिंग) में सबसे बड़ा योगदानकर्ता देशों में से एक रहा है। ऐसे में International Day of UN Peacekeepers in Hindi में आप जानेंगे कि यूएन पीसकीपिंग में भारत का योगदान क्या है :
- संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भारतीय सैनिकों को दुनिया भर के कुछ सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में तैनात किया गया है, जैसे कांगो, दक्षिण सूडान, लेबनान, हैती और साइप्रस आदि।
- कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (MONUSCO) में संयुक्त राष्ट्र संगठन स्थिरीकरण मिशन में भारत दूसरा सबसे बड़ा सैन्य (1,888) और पांचवां सबसे बड़ा (139) पुलिस-योगदान करने वाला देश है।
- 2007 में, भारत पहला ऐसा देश था जिसने संयुक्त राष्ट्र शांति सेना की तैनाती के लिए सभी महिला सैनिकों को भेजा था।
- भारत पहला देश था जिसने 2007 में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना की तैनाती के लिए सभी महिला सैनिकों को भेजा था।
FAQs
संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस हर साल 29 मई को मनाया जाता है।
दुनिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय संगठन संयुक्त राष्ट्र (यूएन) है जिसकी स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 51 देशों द्वारा की गई थी। इस संगठन की स्थापना युद्धों की पुनरावृत्ति को रोकने और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के खतरों को खत्म करने के उद्देश्य से की गयी थी।
दुनियाभर में हिंसा को रोकने और शांति कायम करने में संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना अहम भूमिका निभाती है।
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