बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म के अनुयायियों का प्रमुख त्यौहार है। यह महात्मा बुद्ध के जन्म दिवस के अवसर पर मनाया जाता है। महात्मा बुद्ध विश्व के इतिहास में हुए सबसे महान धर्म संस्थापकों ,में से एक हैं। उन्होंने सत्य और अहिंसा को जीवन का आधार बताया था। बुद्ध पूर्णिमा एक अवसर है भगवन बुद्ध की शिक्षाओं को याद कर उनका अनुसरण करने का। महात्मा बुद्ध के जीवन से छात्र बहुत कुछ सीख सकते हैं। महात्मा बुद्ध का व्यक्तिव छात्रों को ध्यानचित्त होने, लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध रहने और सत्यनिष्ठ एवं सदाचारी बनने की प्रेरणा देता है। यहाँ कुछ Buddha Purnima Speech in Hindi के सैम्पल्स दिए जा गए हैं, इसकी मदद से छात्र स्कूल और कॉलेज में बुद्ध पूर्णिमा पर भाषण दे सकते हैं।
This Blog Includes:
- बुद्ध पूर्णिमा क्या है और क्यों मनाई जाती है?
- Buddha Purnima Speech in Hindi : बुद्ध पूर्णिमा पर 100 शब्दों में भाषण
- Buddha Purnima Speech in Hindi : बुद्ध पूर्णिमा पर 300 शब्दों में भाषण
- Buddha Purnima Speech in Hindi : बुद्ध पूर्णिमा पर 500 शब्दों में भाषण
- इन विषयों पर कर सकते हैं बुद्ध पूर्णिमा पर भाषण
- बुद्ध पूर्णिमा पर स्पीच तैयार करने के टिप्स
- FAQs
बुद्ध पूर्णिमा क्या है और क्यों मनाई जाती है?
बुद्ध पूर्णिमा भगवान गौतम बुद्ध के जन्म का उत्सव है। यह बौद्ध धर्म के जन्म के साथ-साथ, उस दिन का भी उत्सव है, जब उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था और जिसके बाद उन्हें लोगों ने महात्मा बुद्ध मान लिया और उनके अनुयायियों की संख्या तेज़ी से बढ़ने लगी। बुद्ध पूर्णिमा के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर, बौद्ध मंदिरों में दर्शन के लिए जाते हैं। इस अवसर पर कई स्थानों पर बुद्ध के जीवन पर आधारित प्रदर्शनियां और जुलूस आयोजित किए जाते हैं। इस दिन लोग भगवान बुद्ध का ध्यान लगाते हैं और मंत्रोच्चारण करते हैं।
Buddha Purnima Speech in Hindi : बुद्ध पूर्णिमा पर 100 शब्दों में भाषण
यहाँ 100 शब्दों में Buddha Purnima Speech in Hindi दी गई है :
नमस्कार प्रिंसिपल महोदय, शिक्षकगण एवं प्राचार्य महोदय,
आज हम बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह एक ऐसा दिन है जब हम उनके मूल्यों और उपदेशों को याद कर उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं।
गौतम बुद्ध का जन्म 623 ईसा पूर्व में नेपाल के लुम्बिनी नामक स्थान पर हुआ था। राजकुमार सिद्धार्थ के रूप में उनका जीवन सुख सुविधाओं से भरा हुआ था। वे राजघराने से आते थे। इतना सबकुछ होने के बावजूद भी उन्होंने जीवन के दुखों को देखकर त्याग का मार्ग अपनाया। 6 साल की कठोर तपस्या के बाद उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ और वे महात्मा बुद्ध बन गए।
महात्मा बुद्ध ने चार सत्यों और आष्टांगिक मार्ग का उपदेश दिया था। ये जीवन को मुक्ति मार्ग दिखाने के चार स्तंभ हैं। महात्मा बुद्ध ने अहिंसा, दया, प्रेम और भाईचारे का सन्देश दिया था।
आज के युग में, जब लोग क्रोध, मोह और अहंकार से इतने ग्रस्त हैं, ऐसे में महात्मा बुद्ध के सन्देश और भी प्रासंगिक बन जाते हैं। महात्मा बुद्ध के सन्देश हमें मोक्ष का मार्ग दिखाते हैं। उनके उपदेश हमें सिखाते हैं कि कैसे हम अपने जीवन के दुखों से मुक्ति पा सकते हैं और जीवन में सच्चा सुख प्राप्त कर सकते हैं।
आइए इस बुद्ध पूर्णिमा, हम महात्मा बुद्ध के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें और उनकी बताई शिक्षा का पालन करने का प्रण लें।
आप सभी को बुद्ध पूर्णिमा की बहुत बहुत शुभकामनाएं ! धन्यवाद
Buddha Purnima Speech in Hindi : बुद्ध पूर्णिमा पर 300 शब्दों में भाषण
यहाँ 300 शब्दों में Buddha Purnima Speech in Hindi दी गई है :
नमस्कार प्रिंसिपल महोदय, शिक्षकगण एवं प्राचार्य महोदय,
आज हम बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह एक ऐसा दिन है जब हम उनके मूल्यों और उपदेशों को याद कर उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं। बुद्ध पूर्णिमा महात्मा बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महानिर्वाण को प्राप्त करने का दिन है। यह ऐसा दिन हैं जब हम महात्मा बुद्ध के शिक्षाओं को याद कर, उनका अनुसरण करने का प्रण ले सकते हैं।
गौतम बुद्ध का बचपन का नाम सिद्धार्थ था। उनका जन्म 623 ईसा पूर्व में शाक्य गणराज्य के राजा शुद्धोधन के यहाँ हुआ था। एक राजकुमार होने के नाते महात्मा बुद्ध के पास सुख सुविधाओं की कोई कमी नहीं थी। वे प्रत्येक क्षण अनेक प्रकार की सुख सुविधाओं से घिरे रहते थे। एक दिन एक वृद्ध व्यक्ति, एक बीमार व्यक्ति और एक मृत व्यक्ति को देखकर उनके मन में वैराग्य हुआ और वे जीवन के दुखों का समाधान करने के लिए तपस्या करने वन में चले गए। उन्होंने छह वर्षों तक वन में कठोर तपस्या की और ज्ञान प्राप्त कर किया।
महात्मा बुद्ध ने चार आर्य सत्यों और अष्टांगिक मार्गों की शिक्षा अपने अनुयायियों को दी थी। ये उपदेश उन्होंने लोगों को जीवन के दुखों से मुक्ति दिलाने दिए थे। उन्होंने प्रेम, अहिंसा और भाईचारे को जीवन का मुख्य उद्देश्य बताया था। आज के समय में जब विश्व में इतनी अशांति फ़ैली हुई है, तब बुद्ध के संदेश हमें शांति और मोक्ष के मार्ग पर लेकर जाते हैं। उनके उपदेश हमें सिखाते हैं कि कैसे हम जीवन में सच्चा सुख प्राप्त कर सकते हैं, जो कि भौतिक सुख सुविधाओं में बिलकुल नहीं है।
आइए इस बुद्ध पूर्णिमा हम संकल्प लें कि हम अहिंसा का पालन करेंगे, सदा सत्य बोलेंगे, कभी चोरी नहीं करेंगे, ब्रह्मचर्य का पालन करेंगे, नशा नहीं करेंगे, अत्यधिक भोजन नहीं करेंगे, समय का सदुपयोग करेंगे, अपने विचारों को शुद्ध रखेंगे और दूसरों की भलाई के कार्य करेंगे। यदि हम महात्मा बुद्ध की बताई इन शिक्षाओं पर चलेंगे तो हमारा जीवन सुखमय बन जाएगा।
आप सभी को बुद्ध पूर्णिमा की बहुत बहुत शुभकामनाएं ! धन्यवाद
यह भी पढ़ें : बुद्ध पूर्णिमा कब मनाई जाती है?
Buddha Purnima Speech in Hindi : बुद्ध पूर्णिमा पर 500 शब्दों में भाषण
यहाँ 500 शब्दों में Buddha Purnima Speech in Hindi दी गई है :
नमस्कार प्रिंसिपल महोदय, शिक्षकगण एवं प्राचार्य महोदय,
आज हम यहाँ एक ऐसे महापुरुष के बारे में बात करने के लिए एकत्रित हुए हैं जिन्होंने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को अपनी अमूल्य शिक्षाओं से प्रेरित किया। वे हैं महात्मा बुद्ध, जिन्हें भगवान बुद्ध भी कहा जाता है।
महात्मा बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में नेपाल के लुम्बिनी नमक स्थान पर शाक्य गणराज्य के शासक महारज शुद्धोधन के यहाँ हुआ था। उनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था। उनके पिता ने राजसी ठाठ बाट के साथ पालन किया था। इतनी सुख सुविधाओं के बावजूद वे जीवन के दुखों से अवगत हुए और उनके मन में वैराग्य उत्पन्न हो गया। रोग, वृद्धावस्था और मृत्यु जैसे जीवन के सत्यों ने उन्हें बहुत प्रभावित किया।
29 वर्ष की आयु में महात्मा बुद्ध ने गृहस्थी का त्याग कर दिया और वे सत्य की खोज में निकल पड़े। उन्होंने वनों में जाकर कठिन तप किया और ज्ञान प्राप्त किया। ज्ञान प्राप्त करने के बाद महात्मा बुद्ध सिद्धार्थ से महात्मा बुद्ध बन गए।
महात्मा बुद्ध ने अपने उपदेशों में चार आर्य सत्य और अष्टांगिक मार्ग के बारे में बताया। गौतम बुद्ध की ये शिक्षाएं मनुष्य को जीवन के दुखों से मुक्ति का मार्ग प्रथस्त करती हैं। महात्मा बुद्ध को सुनने वाले प्रारम्भ में कम लोग हुआ करते थे, लेकिन धीरे धीरे उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ने लगी। इस प्रकार महात्मा बुद्ध ने बौद्ध धर्म की स्थापना की।
महात्मा बुद्ध की शिक्षाएं अहिंसा, करुणा, प्रेम, क्षमा और समानता का संदेश देती हैं। उन्होंने अपने अनुयायियों को बताया कि सभी प्राणी समान हैं और मुक्ति पाने के अधिकारी हैं। उन्होंने उनसे लालच, क्रोध और हिंसा जैसे नाकारात्मक विचारों को मन में ना लाने का संदेश दिया।
महात्मा बुद्ध को विश्व के महानतम दार्शनिकों में से एक माना जाता है। उनकी शिक्षाओं का पूरे विश्व के देशों के लोगों पर हुआ है। यह महात्मा बुद्ध का ही प्रभाव है कि आज पूरी दुनिया में बौद्ध धर्म के करोड़ों अनुयायी हैं और आज यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है।
महात्मा बुद्ध ने लोगों को सिखाया है कि जीवन का उद्देश्य केवल भौतिक इच्छाओं को पूरा करना नहीं है। इसका मुख्य उद्देश्य जीवन के दुखों से मुक्ति प्राप्त करना है। उन्होंने दया, प्रेम, अहिंसा और भाईचारे का सन्देश दिया था। उनकी शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं और हमें आध्यात्म से जुड़ने के लिए प्रेरित करती हैं, ताकि यह विश्व एक बेहतर जगह बन सके।
आइए इस बुद्ध पूर्णिमा हम प्रण लें कि हम उनके बताए मार्ग पर चलेंगे। उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करेंगे। झूठ नहीं बोलेंगे, चोरी नहीं करेंगे, व्यभिचार से बचेंगे, अहिंसा को अपनाएंगे, अच्छे विचारों को अपनाएंगे और बुरे विचारों को मन में लेकर नहीं आएँगे। हम महात्मा बुद्ध के चार आर्य सत्यों और अष्टांग मार्ग का पालन करेंगे। हम सत्य को समझेंगे, सत्कर्म का संकल्प लेंगे, दूसरों से मधुरता से बात करेंगे, ईमानदारी से जीविका कमाएंगे, सत्प्रयास करेंगे, सदाचार भरा जीवन जिएंगे, ध्यान लगाएंगे। ये महात्मा बुद्ध के द्वारा बताया गया अष्टांग मार्ग है।
बात की जाए अगर महात्मा के चार आर्य सत्यों की तो उन्होंने बताया है कि जीवन दुखों से भरा हुआ है। उन्होंने इस दुख का कारण लालच और अज्ञान को बताया है। भगवान बुद्ध ने इन सभी कष्टों का निवारण अपने अष्टांग मार्ग में बताया है।
आइए इस बुद्ध पूर्णिमा हम महात्मा बुद्ध की बताई शिक्षाओं और उपदेशों के चलने का संकल्प लेते हैं।
आप सभी को बुद्ध पूर्णिमा की बहुत बहुत शुभकामनाएं ! धन्यवाद
इन विषयों पर कर सकते हैं बुद्ध पूर्णिमा पर भाषण
आप नीचे दिए गए विषयों पर बुद्ध पूर्णिमा पर भाषण तैयार कर सकते हैं –
- महात्मा बुद्ध का प्रारम्भिक जीवन
- महात्मा बुद्ध के द्वारा ज्ञान की खोज
- बौद्ध धर्म की स्थापना
- महात्मा बुद्ध की शिक्षाएं
- महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं का महत्व और प्रभाव
बुद्ध पूर्णिमा पर स्पीच तैयार करने के टिप्स
बुद्ध पूर्णिमा पर स्पीच तैयार करने के टिप्स निम्नलिखित है :
- सबसे पहले बुद्ध धर्म से जुड़े सभी फैक्ट और जानकारी इक्कठा कर लें।
- फिर उन्हें अच्छी तरह से फ्रेम करें और स्पीच को लिखित रूप में में तैयार करें।
- अपने भाषण की शुरुआत, महात्मा बुद्ध के जन्म और शिक्षाओं के बारे में संक्षिप्त जानकारी देकर करें।
- स्पीच लिखते समय शब्दों का सही चयन करें।
- समय का ध्यान रखें और अपने भाषण को निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरा करें।
- स्पीच देने से पहले लेखन को अच्छी तरह पढ़ लें।
- स्पीच की शुरुआत आप कविताओं और कोट्स से भी कर सकते हैं।
- अंत में बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं देकर अपना भाषण समाप्त करें।
सम्बंधित आर्टिकल्स
FAQs
बुद्ध पूर्णिमा को महात्मा बुद्ध की पूजा होती है।
बुद्ध पूर्णिमा का दूसरा नाम वैसाख पूर्णिमा भी है।
प्याज और लहसुन राजसिक खाना माना जाता है. इस दिन प्याज और लहसुन खाने से भी बचना चाहिए. इसके अलावा प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड खाने से भी परहेज़ करना चाहिए।
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