Subhash Chandra Bose Poem in Hindi : पढ़िए नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी को समर्पित कविताएं!

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Subhash Chandra Bose Poem in Hindi

भारत राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए भारत के कई वीरों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर किया। माँ भारती को गुलामी की जंजीरों से बाहर निकालने और क्रूर ब्रिटिशों की क्रूरता से भारत के कण-कण को बचाने के लिए अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने संघर्ष किया, परिणामस्वरूप भारत स्वतंत्र हुआ। भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक नेताजी सुभाष चंद्र बोस भी हैं, जिन्होंने आज़ाद हिन्द फ़ौज का नेतृत्व करके युवाओं को मातृभूमि के लिए क्रांति के राह पर चलकर आज़ादी पाने को प्रेरित किया। युवाओं को आज तक प्रेरित करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती को हर वर्ष 23 जनवरी को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। Subhash Chandra Bose Poem in Hindi को पढ़कर आप नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी के जीवन से प्रेरणा पा सकते हैं, जिसके लिए आपको यह ब्लॉग अंत तक पढ़ना पड़ेगा।

Subhash Chandra Bose Poem in Hindi

Subhash Chandra Bose Poem in Hindi आपका मार्गदर्शन करेगी और भारतीय समाज को स्वतंत्रता के लिए होने वाले संघर्षों से परिचित करवाएंगी, जो आपको प्रेरित करेंगी। इस ब्लॉग में आपको Subhash Chandra Bose Poem in Hindi पढ़कर नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी के साहस, बलिदान और राष्ट्रवाद को समझने का अवसर मिलेगा।

खूनी हस्ताक्षर

Subhash Chandra Bose Poem in Hindi में से एक कविता “खूनी हस्ताक्षर” भी है, जिसको पढ़कर आप देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत हो पाएंगे। यह कविता कुछ इस प्रकार है:

वह खून कहो किस मतलब का
जिसमें उबाल का नाम नहीं।
वह खून कहो किस मतलब का
आ सके देश के काम नहीं।

वह खून कहो किस मतलब का
जिसमें जीवन, न रवानी है!
जो परवश होकर बहता है,
वह खून नहीं, पानी है!

उस दिन लोगों ने सही-सही
खून की कीमत पहचानी थी।
जिस दिन सुभाष ने बर्मा में
मॉंगी उनसे कुर्बानी थी।

बोले, "स्वतंत्रता की खातिर
बलिदान तुम्हें करना होगा।
तुम बहुत जी चुके जग में,
लेकिन आगे मरना होगा।

आज़ादी के चरणें में जो,
जयमाल चढ़ाई जाएगी।
वह सुनो, तुम्हारे शीशों के
फूलों से गूँथी जाएगी।
आजादी का संग्राम कहीं
पैसे पर खेला जाता है?
यह शीश कटाने का सौदा
नंगे सर झेला जाता है|

यूँ कहते-कहते वक्ता की
आंखों में खून उतर आया!
मुख रक्त-वर्ण हो दमक उठा
दमकी उनकी रक्तिम काया!

आजानुबाहु ऊँची करके,
वे बोले, "रक्त मुझे देना।
इसके बदले भारत की
आज़ादी तुम मुझसे लेना।"

हो गई सभा में उथल-पुथल,
सीने में दिल न समाते थे।
स्वर इंकलाब के नारों के
कोसों तक छाए जाते थे।

“हम देंगे-देंगे खून”
शब्द बस यही सुनाई देते थे।
रण में जाने को युवक खड़े
तैयार दिखाई देते थे।
 
बोले सुभाष, "इस तरह नहीं,
बातों से मतलब सरता है।
लो, यह कागज़, है कौन यहॉं
आकर हस्ताक्षर करता है?

इसको भरनेवाले जन को
सर्वस्व-समर्पण काना है।
अपना तन-मन-धन-जन-जीवन
माता को अर्पण करना है।

पर यह साधारण पत्र नहीं,
आज़ादी का परवाना है।
इस पर तुमको अपने तन का
कुछ उज्जवल रक्त गिराना है!

वह आगे आए जिसके तन में
खून भारतीय बहता हो।
वह आगे आए जो अपने को
हिंदुस्तानी कहता हो!

 
वह आगे आए, जो इस पर
खूनी हस्ताक्षर करता हो!
मैं कफ़न बढ़ाता हूँ, आए
जो इसको हँसकर लेता हो!"

सारी जनता हुंकार उठी-
हम आते हैं, हम आते हैं!
माता के चरणों में यह लो,
हम अपना रक्त चढ़ाते हैं!

साहस से बढ़े युवक उस दिन,
देखा, बढ़ते ही आते थे!
चाकू-छुरी कटारियों से,
वे अपना रक्त गिराते थे!

फिर उस रक्त की स्याही में,
वे अपनी कलम डुबाते थे!
आज़ादी के परवाने पर
हस्ताक्षर करते जाते थे!

उस दिन तारों ने देखा था
हिंदुस्तानी विश्वास नया।
जब लिक्खा महा रणवीरों ने
ख़ूँ से अपना इतिहास नया।

-गोपाल प्रसाद व्यास

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि गोपाल प्रसाद व्यास जी भारत के स्वतंत्रता संग्राम में देशभक्तों के त्याग और बलिदान की गाथा को गाते हैं। कवि इस कविता में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के प्रसिद्ध भाषण “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा” का जिक्र करते हैं, जिसमें नेताजी ने देशवासियों से अपने प्राणों की आहुति देने का आह्वान किया था। इसके बाद भारत के नागरिकों में जैसे बलिदान देने की होड़ सी मच गई थी। इस कविता का उद्देश्य समाज को स्वतंत्रता के लिए हुए संघर्षों को बयां करना है।

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नेताजी सुभाषचन्द्र बोस

Subhash Chandra Bose Poem in Hindi में से एक कविता “नेताजी सुभाषचन्द्र बोस” भी है, जिसको पढ़कर आपको नेताजी सुभाषचन्द्र बोस जी के जीवन परिचय और आज़ादी के लिए उनके संघर्षों के बारे में पता लगेगा। यह कविता कुछ इस प्रकार है:

है समय नदी की बाढ़ कि जिसमें सब बह जाया करते हैं।
है समय बड़ा तूफ़ान प्रबल पर्वत झुक जाया करते हैं ।।
अक्सर दुनियाँ के लोग समय में चक्कर खाया करते हैं।
लेकिन कुछ ऐसे होते हैं, इतिहास बनाया करते हैं ।।

यह उसी वीर इतिहास-पुरुष की अनुपम अमर कहानी है।
जो रक्त कणों से लिखी गई,जिसकी जयहिन्द निशानी है।।
प्यारा सुभाष, नेता सुभाष, भारत भू का उजियारा था । 
पैदा होते ही गणिकों ने जिसका भविष्य लिख डाला था।।

यह वीर चक्रवर्ती होगा , या त्यागी होगा सन्यासी।
जिसके गौरव को याद रखेंगे, युग-युग तक भारतवासी।।
सो वही वीर नौकरशाही ने,पकड़ जेल में डाला था ।
पर क्रुद्ध केहरी कभी नहीं फंदे में टिकने वाला था।।

बाँधे जाते इंसान,कभी तूफ़ान न बाँधे जाते हैं।
काया ज़रूर बाँधी जाती,बाँधे न इरादे जाते हैं।।
वह दृढ़-प्रतिज्ञ सेनानी था,जो मौका पाकर निकल गया।
वह पारा था अंग्रेज़ों की मुट्ठी में आकर फिसल गया।।
 
जिस तरह धूर्त दुर्योधन से,बचकर यदुनन्दन आए थे।
जिस तरह शिवाजी ने मुग़लों के,पहरेदार छकाए थे ।।
बस उसी तरह यह तोड़ पींजरा, तोते-सा बेदाग़ गया। 
जनवरी माह सन् इकतालिस, मच गया शोर वह भाग गया।।

वे कहाँ गए, वे कहाँ रहे,ये धूमिल अभी कहानी है।
हमने तो उसकी नयी कथा,आज़ाद फ़ौज से जानी है।।

-गोपाल प्रसाद व्यास

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस की वीरता और देशभक्ति का गुणगान किया है। कवि नेताजी बोस के व्यक्तित्व और उनके योगदान को याद करते हुए, उन्हें भारत का “उजियारा” और “सूरज” कहते हैं। इस कविता के माध्यम से कवि ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस के व्यक्तित्व और उनके योगदान का एक स्मरणीय चित्र प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। यह कविता भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को युवाओं के समक्ष लाने में सफल हो जाती है।

यह भी पढ़ें : सुभाष चंद्र बोस पर निबंध

नेताजी का तुलादान

Subhash Chandra Bose Poem in Hindi में से एक कविता “नेताजी का तुलादान” भी है, जिसको पढ़कर आप नेता जी के तुलादान के बारे में जानकारी प्राप्त कर पाएंगे। यह कविता कुछ इस प्रकार है:

देखा पूरब में आज एक नया सूरज निकला,
हुआ भारत का नया इतिहास लिखा।
नेताजी का तुलादान,
भारत के लिए दान,
दिलाया देश को एक नया जीवन,
दिलाया देश को एक नया संकल्प।

जनता ने नेताजी को स्वीकार किया,
नेताजी ने जनता को अपनाया।
नेताजी का तुलादान,
भारत के लिए दान,
दिलाया देश को एक नया जीवन,
दिलाया देश को एक नया संकल्प।

देश को आजादी दिलाने के लिए,
नेताजी ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
नेताजी का तुलादान,
भारत के लिए दान,
दिलाया देश को एक नया जीवन,
दिलाया देश को एक नया संकल्प।

नेताजी का नाम अमर रहेगा,
उनका कर्म युगों-युगों तक याद किया जाएगा।
नेताजी का तुलादान,
भारत के लिए दान,
दिलाया देश को एक नया जीवन,
दिलाया देश को एक नया संकल्प।

-गोपाल प्रसाद व्यास

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस के तुलादान की भूरी-भूरी प्रशंसा की है। इस कविता के माध्यम से कवि मानते हैं कि नेताजी का तुलादान भारत के लिए एक महान दान था। उन्होंने भारत स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। कवि का मानना है कि नेताजी का नाम अमर रहेगा और उनका कर्म युगों-युगों तक याद किया जाएगा। कविता का उद्देश्य युवाओं को नेताजी के संघर्षों की कहानी सुनाना है।

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सुभाष की मृत्यु पर

Subhash Chandra Bose Poem in Hindi में से एक कविता “सुभाष की मृत्यु पर” भी है, जिसको पढ़कर युवाओं को नेताजी के जीवन के अंतिम सफ़र के बारे में जानने को मिलेगा। यह कविता कुछ इस प्रकार है:

दूर देश में किसी विदेशी गगन खंड के नीचे
सोये होगे तुम किरनों के तीरों की शैय्या पर
मानवता के तरुण रक्त से लिखा संदेशा पाकर
मृत्यु देवताओं ने होंगे प्राण तुम्हारे खींचे
प्राण तुम्हारे धूमकेतु से चीर गगन पट झीना
जिस दिन पहुंचे होंगे देवलोक की सीमाओं पर
अमर हो गई होगी आसन से मौत मूर्च्छिता होकर
और फट गया होगा ईश्वर के मरघट का सीना
और देवताओं ने ले कर ध्रुव तारों की टेक –
छिड़के होंगे तुम पर तरुनाई के खूनी फूल
खुद ईश्वर ने चीर अंगूठा अपनी सत्ता भूल
उठ कर स्वयं किया होगा विद्रोही का अभिषेक
किंतु स्वर्ग से असंतुष्ट तुम, यह स्वागत का शोर
धीमे-धीमे जबकि पड़ गया होगा बिलकुल शांत
और रह गया होगा जब वह स्वर्ग देश
खोल कफ़न ताका होगा तुमने भारत का भोर।

-धर्मवीर भारती

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मृत्यु पर अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं। कविता में कवि मानते हैं कि नेताजी एक महान देशभक्त थे, जिन्होंने भारत की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। कविता के माध्यम से कवि का मानना है कि नेताजी ने भारत के युवाओं में राष्ट्रवाद का बीज बोने का काम किया और उनकी मृत्यु से भारत को एक बड़ी क्षति हुई थी। कविता का उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों को हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों की गाथाओं को सुनाना है।

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आशा है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती के अवसर पर Subhash Chandra Bose Poem in Hindi पढ़कर आप उनके जीवन के तप-त्याग और बलिदानों से परिचित हो पाए होंगे। यह कविताएं आपको जीवनभर प्रेरित करने का प्रयास करेंगी। साथ ही यह ब्लॉग आपको इंट्रस्टिंग और इंफॉर्मेटिव भी लगा होगा, इसी प्रकार की अन्य कविताएं पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

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