शैलेश लोढ़ा की कविताएं, जो आपको देंगी जीवन जीने का खास मकसद

1 minute read
शैलेश लोढ़ा की कविताएं

शैलेश लोढ़ा की कविताएं सही मायनों में समाज को मायूसी में भी मुस्कुराना सिखाती हैं, साथ ही इन कविताओं के माध्यम से समाज को हिंदी साहित्य की ख़ूबसूरती के बारे में जानने का अवसर भी मिलता है। शैलेश लोढ़ा की कविताएं हिंदी साहित्य के पाठकों को नया दृष्टिकोण देती है, साथ ही ये कविताएं समाज का दर्पण बनकर समाज की हर कुरीति का विरोध करती हैं। शैलेश लोढ़ा एक ऐसे बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति हैं, जिन्होंने कला, साहित्य और अभिनय जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। विद्यार्थियों को शैलेश लोढ़ा की कविताएं प्रेरित करने के साथ-साथ, उन्हें साहित्य के प्रति आकर्षित भी करवाती हैं। इस ब्लॉग के माध्यम से आप शैलेश लोढ़ा की कविताएं पढ़ पाएंगे, जो आपके लिए इस ब्लॉग में नीचे दी गई हैं।

शैलेश लोढ़ा का जीवन परिचय

शैलेश लोढ़ा का जन्म राजस्थान के जोधपुर में 8 नवंबर 1969 को हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जोधपुर में ही हासिल की। इसके बाद उन्‍होंने बीएससी की डिग्री हासिल की। डिग्री हासिल करने के बाद शैलेश लोढ़ा जोधपुर में काम करने लगे। इसके साथ ही वह कविताएं भी लिखा करते थे। जीवन की एक लंबी संघर्ष यात्रा को पूरा करने के बाद शैलेश लोढ़ा ने तारक मेहता जैसे एक शो में अपनी कलाकारी की अमिट छाप छोड़ी। बचपन में ही उन्हें ‘बाल कवि’ की उपाधि मिल गई थी। बचपन से ही कुछ बड़ा करने की चाह के कारण उन्‍होंने नौकरी छोड़ दी और कवि के रूप में अपनी एक नई पहचान हासिल की।

शैलेश लोढ़ा की कविताएं

शैलेश लोढ़ा की कविताएं आधुनिकता की चादर ओढ़े प्रासंगिक होने के साथ-साथ, व्यंग के रूप में समाज के हर पहलू पर बेबाकी से अपनी राय रखने का काम करती है। शैलेश लोढ़ा की कविताएं पढ़कर आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन देखे जा सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं;

ज़िंदगी हमें रोज नचाती है

शैलेश लोढ़ा की कविताएं आपके चरित्र को निखारने का प्रयास करेंगी, जिसमें उनकी लिखी कविता में से एक “ज़िंदगी हमे रोज नचाती है” है। यह एक ऐसी कविता है, जो ज़िन्दगी के तजुर्बे को बताती है।

कभी बसों में धकके खिलाती है
कभी ट्रेनों में लाइन में लगाती है
कभी बच्चो के पढाई के चिंता सताती है
कभी तनखा न बढ़ने पर चढाती है ,
कभी माँ की बिमारी रुलाती है ,
कभी पिता की मज़बूरी रुलाती है ,
कभी दूर कड़ी कसमसाती है
कभी चेहरों पर हंसी छोड़ जती है ,
हम धुनों पर नहीं नाच सकते साहब
लेकिन हम मिडिल क्लास लोगो की
ज़िंदगी हमे रोज नचाती है।
शैलेश लोढ़ा

शैलेश लोढ़ा की कविताएं

वो मेरी कौन है?

शैलेश लोढ़ा की कविताएं आपमें उठ रहे भावनाओं के तूफानों को शांत करने का काम करेंगी, इस श्रेणी में उनकी लिखी एक कविता “वो मेरी कौन है?” भी है, इस कविता एक ऐसा सवाल है जो हम सभी को ज़िंदगी भर परेशां करता ही है।

लोकल ट्रेन की भीड़ में गिरा तो
उसने हाथ पकड़ के उठाया
रासन लाइन के भीड़ में
धुन आया तो उसने न्धा थपथपाया
नौकरी के लिए भटकते कदमो का साथ दिया
हर जगह उसने मुझे दलाशा दिया
हर वक्त साथ मुझे दबी सहमी सी मौन है
अपनी जिदगी से पूछा वो मेरी कोन है?
शैलेश लोढ़ा

शैलेश लोढ़ा की कविताएं

माँ

शैलेश लोढ़ा की कविताएं समाज को एक आईना दिखने का काम करती हैं, इस ब्लॉग में आप शैलेश लोढ़ा द्वारा रचित कविता “माँ” को पढ़ सकते हैं, जिसका उद्देश्य पाठक को केवल यह बताना है कि किसी भी व्यक्ति के जीवन सार का आधार ‘माँ’ होती हैं। माँ की ममता पर यदि कोई ग्रंथ भी लिख दिया जाए तो वो भी कम ही होगा।

जिस माँ ने हमे लिखा
उस माँ पर क्या लिखे हम
दिल आँखे बंद करके भी
वो चेहरा देख सकता है
वो तामासायी नहीं है
लेकिन तमाशा देख सकता है
हम खिड़किया-दरवाजे बंद करले
तो भी क्या होगा
जो सूरज है उसे ज़माना देख सकता है
शैलेश लोढ़ा

शैलेश लोढ़ा की कविताएं

हम छंद हैं, वो कविता है

शैलेश लोढ़ा की कविताएं साहित्य के प्रेम के उचित रंगों से समाज को रंगने का काम करती हैं। शैलेश लोढ़ा द्वारा रचित कविता “हम छंद हैं, वो कविता है” को पढ़कर आप इसकी अनुभूति कर सकते हैं, जिसका उद्देश्य कविता नारी की परिभाषा बताना है।

हम एक शब्द हैं तू तो पूरी भाषा है
हम कुंठित हैं तो वह एक अभिलाषा है
बस यही नारी की परिभाषा है,
हम समुद्र का है तेज वेभ
तो हम झरनो का है निर्मल स्वर
हम एक शूल हैं तो वह एक सहस्त्र ढल प्रखर ,
हम दुनिया के है अंग वह उसकी उनुक्रमिका है ,
हम पत्थर के हैं संग वह कंचन की कनिका है
हम बकवास हैं तो वह भासन है
हम सरकार हैं वो शासन है
हम लभक़ुश हैं वो सीता है
हम छंद हैं वो कविता है
शैलेश लोढ़ा

शैलेश लोढ़ा की कविताएं

शैलेश लोढ़ा द्वारा रचित विशेष पंक्तियाँ

शैलेश लोढ़ा की कविताएं आपको हमेशा एक नया मार्ग देंगी, जिससे आप जीवन को एक सही दिशा दे पाएं। शैलेश लोढ़ा द्वारा रचित विशेष पंक्तियाँ निम्नलिखित हैं, जो सही मायनों में प्रेम को परिभाषित करती नज़र आएंगी।

सुकून जिसे कहते हैं अक्सर नहीं मिला
नींद नहीं मिली कभी बिस्तर नहीं मिला
सारे चमक चेहरे पे पसीने की है ज़नाब
विरसे में हमे कभी कोई जेवर नहीं मिला
शैलेश लोढ़ा

शैलेश लोढ़ा की कविताएं

सच है इरादे हमारे विध्वंसक नहीं है
अकारण युद्ध के हम भी प्रशंसक नहीं है ,
अहिंसा के पुजारी हम है लेकिन,
सुनले दुनिया अहिंसक हैं हम नपुंसक नहीं है
शैलेश लोढ़ा

मजबूत से मजबूत लोहा भी टूट जाता है,
जब कई झूठे इकट्ठे हों, तो सच्चा टूट जाता है।
शैलेश लोढ़ा

शैलेश लोढ़ा की कविताएं

ताले है चाबियाँ है पर उनका आभास खत्म हो गया है,
पड़ोसी है लेकिन उनका विश्वास खत्म हो गया है।
शैलेश लोढ़ा

हम जुल्फ की तारीफ़ में सारी रात गीत गा देते है,
सुबह दाल में एक बाल आ जाएँ मुंह पर खींच कर मार देते है।
शैलेश लोढ़ा

छत नहीं रहती, दहलीज नहीं रहती दीवारों दर नहीं रहता
घर में बुजुर्ग ना हो तो घर, घर नहीं रहता।
शैलेश लोढ़ा

शैलेश लोढ़ा की कविताएं

जिस दिन तू शहीद हुआ ना जाने
किस तरह तेरी माँ सोई होगी
मैं तो बस इतना जानू कि वो गोली भी
तेरे सीने में उतरने से पहले रोई होगी।
शैलेश लोढ़ा

आदमी बन जो धरा का भार कंधो पर उठाये
बाँट दे जग को ना अमृत बूँद अधरों पर लगाये
है जरूरत आज ऐसे आदमी की विश्व को फिर
विश्व का विष सिंधु पी जाए मगर हिचकी ना आये
शैलेश लोढ़ा

सुकून जिसे कहते हैं अक्सर नहीं मिला
नींद नहीं मिली कभी बिस्तर नहीं मिला
सारे चमक चेहरे पे पसीने की है ज़नाब
विरसे में हमे कभी कोई जेवर नहीं मिला
शैलेश लोढ़ा

शैलेश लोढ़ा की कविताएं

शैलेश लोढ़ा की शायरी

शैलेश लोढ़ा की शायरी (जिन्हें आप लघु कविताओं के रूप में पढ़ सकते हैं) जरूर पढ़ सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार है;

21वीं सदी का बस इतना सा प्रभाव है,
पहले अभाव में खुशियां थीं, अब खुशियों का अभाव है।।
-शैलेश लोढ़ा

सहजता थी सादगी थी बंदगी थी
ये वाट्सअप और फेसबुक नहीं थी, तब ज़िंदगी थी।।
-शैलेश लोढ़ा

जेब में जब लाखो हो न तो
लाखो देने वाले लाखो मिलते हैं
ऐसी मिसाल यंहा हजार खड़ी होती है, अगर जेब में कुछ नहीं हो तो
सौ रूपये मिलना भी बहुत बड़ी बात होती है।।
-शैलेश लोढ़ा

संबंधित आर्टिकल

Rabindranath Tagore PoemsHindi Kavita on Dr BR Ambedkar
Christmas Poems in HindiBhartendu Harishchandra Poems in Hindi
Atal Bihari Vajpayee ki KavitaPoem on Republic Day in Hindi
Arun Kamal Poems in HindiKunwar Narayan Poems in Hindi
Poem of Nagarjun in HindiBhawani Prasad Mishra Poems in Hindi
Agyeya Poems in HindiPoem on Diwali in Hindi
रामधारी सिंह दिनकर की वीर रस की कविताएंरामधारी सिंह दिनकर की प्रेम कविता
Ramdhari singh dinkar ki kavitayenMahadevi Verma ki Kavitayen
Lal Bahadur Shastri Poems in HindiNew Year Poems in Hindi
राष्ट्रीय युवा दिवस पर कविताविश्व हिंदी दिवस पर कविता
प्रेरणादायक प्रसिद्ध हिंदी कविताएँलोहड़ी पर कविताएं पढ़कर करें इस पर्व का भव्य स्वागत!

आशा है कि इस ब्लॉग के माध्यम से आप शैलेश लोढ़ा की कविताएं पढ़ पाए होंगे, शैलेश लोढ़ा की कविताएं पढ़कर आप अपने जीवन में सकारात्मकता का महत्व जान पाएंगे। इसी प्रकार की अन्य कविताएं पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*