भारत का संविधान एक नियम पुस्तिका की तरह है जो यह निर्देशित करती है कि देश को कैसे चलाया जाए। यह लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत के संविधान को 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा अंगीकृत किया गया था और यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। इसी अवसर के उपलक्ष्य में हर साल भारत 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता है। इसलिए भारतीय संविधान हर नागरिक के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए इस ब्लाॅग में संविधान सभा के अध्यक्ष कौन थे? के बारे में बताया जा रहा है।
संविधान सभा के अध्यक्ष कौन थे?
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री एटली ने अपने तीन मंत्रियों को भारत के संविधान सभा का गठन करने के लिए भारत भेजा था। डाॅ. राजेंद्र प्रसाद भारत की संविधान सभा के अध्यक्ष थे। वे भारत के पहले राष्ट्रपति भी थे, जिन्होंने 1950 से 1962 तक पदभार संभाला। प्रसाद भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति थे।
डॉ. भीमराव अंबेडकर को भी मिला था अहम पद
डॉ. भीमराव अंबेडकर अपने समय के विद्वान महापुरुषों में से एक थे। वे क़ानून के बड़े विद्वान और ज्ञाता थे। वे उस समय देश के बड़े वकीलों में से एक थे। एटली के मंत्री इस बात को जानते थे। उन्होंने इस बात को ध्यान में रखते हुए डॉ. भीमराव अंबेडकर को संविधान सभा की निर्मात्री समिति के अध्यक्ष के रूप में चयनित किया।
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भारत का संविधान क्या है?
भारत का संविधान देश का सर्वोच्च कानून है। यह भारत के शासन के लिए रूपरेखा है और सरकारी संस्थानों की संरचना, शक्तियों और कर्तव्यों को स्थापित करता है। भारत का संविधान दुनिया में सबसे लंबे लिखित संविधान के रूप में जाना जाता है। इसका पेनिंग स्टेटमेंट संविधान के आदर्शों और उद्देश्यों, जैसे न्याय, स्वतंत्रता, समानता को रेखांकित करता है।
भारतीय संविधान, सरकार और उसके संगठनों की संरचना, प्रक्रियाओं, शक्तियों, कर्तव्यों और नागरिकों के अधिकारों को निर्धारित करता है। sansad.in के अनुसार, संविधान में 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं और इसमें लगभग 145,000 शब्द थे और यह अब तक का सबसे बड़ा संविधान है।
भारत का संविधान किसने बनाया?
भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों ने मिलकर भारतीय संविधान का निर्माण किया। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सब कुछ सही था, उनके बीच बहुत सारी चर्चाएँ और बातचीत हुई। भारत का संविधान विश्व स्तर पर सबसे विस्तृत संविधान है, जिसमें छोटी से छोटी बातों पर भी ध्यान दिया गया है।
9 दिसंबर 1946 में संविधान सभा का गठन किया गया था जिसका कार्य था एक मजबूत संविधान का निर्माण करना। डॉ. राजेंद्र प्रसाद इस सभा के अध्यक्ष बने। उन्होंने संविधान का शुरुआती ढांचा बनाने के लिए ड्राफ्टिंग कमिटी का निर्माण किया और डॉ. बी.आर. अम्बेडकर इसके चेयरमैन थे। इसे पूरा करने में उन्हें लगभग तीन साल में 166 दिन लगे।
अंबेडकर को संविधान बनाने का श्रेय दिया जाता है क्योंकि वह संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा के अध्यक्ष थे। उन्हें संविधान का जनक भी कहा जाता है। हालाँकि, संविधान को भौतिक रूप से अपने हाथ से लिखने वाले वास्तविक व्यक्ति प्रेम बिहारी नारायण रायजादा थे। संविधान को 26 नवम्बर 1949 को अपनाया गया था, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था।
संविधान का इतिहास क्या है?
संविधान सभा के अध्यक्ष कौन थे समझने के लिए अलावा संविधान का इतिहास जानना जरूरी है। बता दें कि 1928 में सर्वदलीय सम्मेलन ने भारत का संविधान तैयार करने के लिए लखनऊ में एक समिति बुलाई, जिसे नेहरू रिपोर्ट के नाम से जाना गया। 1857 से 1947 तक भारत का अधिकांश भाग सीधे ब्रिटिश शासन के अधीन था। स्वतंत्रता के बाद यह स्पष्ट हो गया कि एक नया संविधान बनाने की आवश्यकता है। लेकिन इसके लिए पूरे भारत को संघ में लाने की जरूरत थी। इसका मतलब यह था कि रियासतों को बल या कूटनीति से भारतीय संघ का हिस्सा बनने के लिए राजी करने की आवश्यकता थी।
सरदार वल्लभभाई पटेल और वी पी मेनन ने यह अविश्वसनीय कार्य किया। ऐसा होने तक भारत अभी भी कानूनी तौर पर अंग्रेजों के अधीन था, लेकिन भारत के संविधान ने 26 जनवरी 1950 को प्रभावी होने पर भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 और भारत सरकार अधिनियम 1935 को निरस्त कर दिया। भारत ब्रिटिश क्राउन का प्रभुत्व समाप्त हो गया और संविधान के साथ एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया।
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भारतीय संविधान से जुड़े रोचक तथ्य
संविधान सभा के अध्यक्ष कौन थे के बारे में जानने के बाद आपको भारतीय संविधान से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में भी जान लेना चाहिए। भारतीय संविधान से जुड़े रोचक तथ्य निम्नलिखित हैं;
- भारतीय संविधान एक हस्तलिखित संविधान है जो प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा लिखा गया था।
- भारतीय संविधान के मूल संस्करण को नंद लाल बोस और राम मनोहर सिन्हा सहित “शांति निकेतन” के अन्य कलाकारों द्वारा सुशोभित और सुसज्जित किया गया था।
- भारतीय संविधान के हिंदी संस्करण का सुलेखन “वसंत कृष्णन वैद्य” द्वारा किया गया था, जिसे नंद लाल बोस द्वारा सुरुचिपूर्ण ढंग से सजाया गया था।
- भारतीय संविधान के लिए मुख्य भूमिका निभाने वाली प्रारूप समिति का गठन 29 अगस्त 1947 को हुआ था।
- इस समिति में डॉ. भीमराव अंबेडकर के अलावा एन. गोपालस्वामी आयंगार, अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर, डॉक्टर के. एम. मुंशी, सैय्यद मोहम्मद सादुल्ला, एन. माधव राव और टी. टी. कृष्णामाचारी भी शामिल थे।
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