Rasidi Ticket: जानिए ‘रसीदी टिकट’ किसकी आत्मकथा है और इससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी

1 minute read
Rasidi Ticket

Rasidi Ticket एक आत्मकथा है, जिसकी रचना अमृता प्रीतम द्वारा हुई है। अमृता प्रीतम एक कवियत्री हैं, जिन्होंने पंजाबी भाषा के साहित्य में अपना अविस्मरणीय योगदान दिया और अपनी अमिट पहचान बनाई। अमृता प्रीतम ने हर बार अपने लेखन से समाज को प्रेम की परिभाषा समझाने और भावनाओं का भार उठाने का प्रयास किया। अमृता प्रीतम को पंजाबी साहित्य की पहली कवियत्री के रूप में भी जाना जाता है। इस पोस्ट के माध्यम से आप Rasidi Ticket से संबंधित संपूर्ण जानकारी को प्राप्त कर पाएंगे, जिसके लिए आपको यह पोस्ट अंत तक पढ़नी होगी।

यह भी पढ़ें : रामधारी सिंह दिनकर की वीर रस की कविताएं

क्या है Rasidi Ticket?

रसीदी टिकट एक आत्मकथा है, जिसकी रचना के पीछे लेखिका अमृता सिंह द्वारा सही गई विभाजन की पीड़ा है। ‘रसीदी टिकट’ अमृता प्रीतम की बहुचर्चित आत्मकथा है, जिसके माध्यम से अमृता प्रीतम जी बताती हैं कि उन्हें नफरत के दायरे पर तरस आता है; क्योंकि इसी नफरत के चलते विभाजन की स्तिथि बानी। इस विभाजन ने अमृता प्रीतम को बुरी तरह प्रभावित किया था, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने ’वारिस शाह’ जैसी कालजेयी कविता की रचना की।

अमृता प्रीतम की यह आत्मकथा बताती है कि रचनाकार को कैसे अपनी आलोचना की परवाह नहीं करनी चाहिए, चाहे इसके लिए सारा जमाना उनका बैरी ही क्यों ना हो जाए। ‘रसीदी टिकट’ में अमृता प्रीतम जी ने साहिर से करीबी और इमरोज़ से गहरी दोस्ती के बीच के वाकये को भी बेहद ही खूबसूरत ढंग से सामने रखा है। इस किताब को पढ़ना एक ऐसे बुखार से गुजरना है, जो आपको नायिका की जिंदगी की हर सच्चाई से रूबरू करा देता है। यदि आपने अभी तक यह किताब नहीं पढ़ी है तो यह आपको जरूर पढ़नी चाहिए।

कौन हैं अमृता प्रीतम?

Amrita Pritam Famous Poems पढ़ने से पहले आपको अमृता प्रीतम जी के जीवन परिचय को अवश्य पढ़ना चाहिए। हिन्दी साहित्य की अनमोल मणियों में से एक बहुमूल्य मणि कवियत्री अमृता प्रीतम जी भी थी, जिन्होंने पंजाबी साहित्य के लिए अपना अविस्मरणीय योगदान दिया। अमृता प्रीतम का जन्म 31 अगस्त 1919 ई० को, पंजाब (भारत) के गुजरांवाला जिले में हुआ था।

अमृता प्रीतम जी का बचपन लाहौर में बीता, जहाँ से उन्होंने शिक्षा प्राप्त की। उनकी विधा गद्य और पद्य दोनों रूपों में मजबूत थी। अमृता प्रीतम जी ने किशोरावस्था से ही लिखना शुरू कर दिया था, जिसकी शुरुआत उन्होंने कविता, कहानी और निबंध लिखने से की थी। लेखन में उनकी रूचि ने उन्हें पंजाबी की सुप्रसिद्ध कवियत्री का सम्मान दिया।

अमृता प्रीतम एक पंजाबी भाषा की लेखिका और कवियत्री थीं, जिन्होंने सदैव पंजाबी भाषा को साहित्य के श्रृंगार से श्रृंगारित किया। उन्होंने कुल मिलाकर लगभग 100 पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें उनकी चर्चित आत्मकथा ‘रसीदी टिकट’ भी शामिल है। अमृता प्रीतम की गिनती उन चंद महान साहित्यकारों में होती है, जिनकी कृतियों का समय-समय पर अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ।

जीवन भर साहित्य के आँगन को अपने शब्दों से सजाने वाली अमृता प्रीतम एक महान लेखिका थी। साहित्य के क्षेत्र में उनके अविस्मरणीय योगदान के चलते उन्हें, साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया। जीवन भर अपनी साहित्य की समझ से समाज को प्रेरित करने वाली अमृता प्रीतम, 86 वर्ष की आयु में 31 अक्टूबर 2005 को पंचतत्व में विलीन हो गयीं।

यह भी पढ़ें : रामधारी सिंह दिनकर की कविता हिमालय

संबंधित आर्टिकल

FAQs 

आत्मकथा का उद्देश्य क्या है?

आत्मकथा का उद्देश्य लेखक के जीवन अनुभवों तथा लेखक की उपलब्धियों को चित्रित करना होता है।

रसीदी टिकट किसकी आत्मकथा है?

रसीदी टिकट अमृता प्रीतम की लिखी आत्मकथा है।

अमृता प्रीतम किस लिए प्रसिद्ध है?

अमृता प्रीतम अपनी मार्मिक कविताओं, विभाजन में नरसंहारों की पीड़ाओं का गान करने वाली महिला थी, जिनके मन में पंजाबी साहित्य के प्रति अपार स्नेह था।

आशा है कि आपको Rasidi Ticket से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी मिल गई होगी, साथ ही यह पोस्ट आपको इंफॉर्मेटिव और इंट्रस्टिंग लगी होगी। इसी प्रकार की अन्य जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*