Hazari Prasad Dwivedi Quotes in Hindi : पढ़िए हज़ारी प्रसाद द्विवेदी जी के अनमोल विचार, जो कर देंगे आपको प्रेरित

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Hazari Prasad Dwivedi Quotes in Hindi

समय-समय पर धरती पर कुछ ऐसे महान लेखकों, कवियों अथवा महापुरुषों ने जन्म लिया है, जिनके जन्म लेने से समाज का उद्धार हुआ है। ऐसे ही महापुरुषों के लेखन ने समाज की सीमाओं को लांघकर, समाज में व्याप्त हर कुरीति का प्रखरता से विरोध किया है। विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थियों को ऐसे ही समाज सुधारकों, लेखकों तथा कवियों के विचारों को अवश्य पढ़ लेना चाहिए, जिनके विचारों से विद्यार्थी मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे ही महान लेखकों की सूची में ‘हज़ारी प्रसाद द्विवेदी’ का भी नाम आता है। इस ब्लॉग में आप Hazari Prasad Dwivedi Quotes in Hindi को पढ़ पाएंगे, जो आपको जीवनभर प्रेरित करेंगे। ऐसे महान विचारों को जानने के लिए आपको यह ब्लॉग अंत तक पढ़ना पड़ेगा।

कौन थे हज़ारी प्रसाद द्विवेदी?

Hazari Prasad Dwivedi Quotes in Hindi के बारे में जानने से पहले आपको हज़ारी प्रसाद द्विवेदी के बारे में जान लेना अति आवश्यक है। हिन्दी साहित्य की अनमोल मणियों में से एक बहुमूल्य मणि हज़ारी प्रसाद द्विवेदी थे, हज़ारी प्रसाद द्विवेदी हिंदी साहित्य के महान कवि, लेखक, संपादक और पत्रकार थे। जिस कारण से उन्हें हिंदी साहित्य के आधुनिक युग का जनक माना जाता है।

हज़ारी प्रसाद द्विवेदी के लेखन ने हिंदी साहित्य को एक नई दिशा दी और उसे विश्व साहित्य के समक्ष प्रतिष्ठित किया। हज़ारी प्रसाद द्विवेदी का जन्म 19 अगस्त, 1907 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के आरत दुबे का छपरा, ओझवलिया नामक गाँव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा को गाँव के स्कूल से ही प्राप्त की, जिसके बाद वर्ष 1920 में उन्होंने बसरिकापुर के मिडिल स्कूल से प्रथम श्रेणी में मिडिल की परीक्षा उत्तीर्ण की।

हज़ारी प्रसाद द्विवेदी जी के जीवन पर गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर तथा आचार्य क्षितिमोहन सेन का बड़ा प्रभाव पड़ा, जिसके बाद उन्होंने साहित्य का गहन अध्ययन किया तथा अपना स्वतंत्र लेखन भी व्यवस्थित रूप से आरंभ किया। हज़ारी प्रसाद द्विवेदी जी ने अपने लेखन से आधुनिकतावाद के साथ-साथ भक्तिकाल के साहित्य को पुनर्जीवित किया। उन्होंने अपने लेखन से जनमानस के लिए हिंदी को सरलता से पेश किया।

हज़ारी प्रसाद द्विवेदी की प्रमुख कविताओं में “आँसू, गीतांजलि, मधुबन की याद”, प्रमुख उपन्यासों में “बाणभट्ट की आत्मकथा, मधुबाला” तथा प्रमुख नाटक में “कर्मभूमि” को गिना जाता है। वर्ष 1957 में उन्हें राष्ट्रपति द्वारा ‘पद्मभूषण’ की उपाधि से सम्मानित किया। 19 मई 1979 को दिल्ली में सदी के एक महान लेखक हज़ारी प्रसाद द्विवेदी जी का निधन हुआ था।

टॉप 10 Hazari Prasad Dwivedi Quotes in Hindi

टॉप 10 Hazari Prasad Dwivedi Quotes in Hindi निम्नवत हैं, हज़ारी प्रसाद द्विवेदी के विचार सदा ही आपका मार्गदर्शन करेंगे-

  1. “मनुष्येतर जगत में इच्छा तो है, पर उसे रूप देने की क्षमता उसमें नहीं है।”
  2. “मनुष्य में इच्छा भी है और उसे रूप देने का सामर्थ्य भी। यही एक ऐसी बात है, जिसने मनुष्य को संसार का अप्रतिद्वंद्वी जीव बना दिया है।”
  3. “कल्पना और आशावादिता साध्य नहीं, साधन हैं।”
  4. “प्रिय और प्रेयसी लक्ष्य नहीं, उपलक्ष्य हैं।”
  5. “क्रीड़ा और कला प्राप्य नहीं, प्रापक हैं।”
  6. “दही में जितना दूध डालते जाओगे वह दही बनता जायेगा वैेसे ही जो लोग शंका करते हैं उनके दिल में हमेशा शंका उत्पन्न होती ही रहती है।”
  7. “सारे मानव-समाज को सुंदर बनाने की साधना का ही नाम साहित्य है।”
  8. “जब तक नाना विषय विकारों की ओर खींचने वाली इंद्रियाँ वश में नहीं आ जातीं, तब तक बुद्धि प्रतिष्ठित नहीं होती।”
  9. “हिंदी एक अत्यंत शक्तिशाली जनसमुदाय की मातृभाषा है। उसको अपनी हरकतों से उपहासास्पद बनाने वाला अक्षम्य अपराधी है।”
  10. “शब्दों के भी भाग्य होते हैं।”

विद्यार्थियों के लिए हज़ारी प्रसाद द्विवेदी के अनमोल विचार

हज़ारी प्रसाद द्विवेदी के विचार विद्यार्थियों को हमेशा ही एक नई दिशा दिखाने का कार्य तो करेंगे ही, साथ ही शिक्षा के महत्व के बारे में छात्रों को समझाएंगे। विद्यार्थियों के लिए Hazari Prasad Dwivedi Quotes in Hindi कुछ इस प्रकार हैं:

  • “विद्यार्थी को चाहिए कि वह अपने समाज और देश के प्रति जागरूक रहे। उसे अपने समाज और देश की समस्याओं के बारे में सोचना चाहिए और उनका समाधान खोजने का प्रयास करना चाहिए।”
  • “विद्यार्थी को चाहिए कि वह अपने जीवन में साहस और दृढ़ संकल्प रखें। उसे कठिन परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।”
  • “कठोर संयम और अनुशासन के बिना मनुष्य किसी भी सद्गुण को नहीं अपना सकता।”
  • “विद्यार्थी को चाहिए कि वह सदा सीखने के लिए तैयार रहे। उसे कभी भी यह नहीं सोचना चाहिए कि वह सब कुछ जान चुका है।”
  • “विद्यार्थी को चाहिए कि वह अपने लक्ष्य को निर्धारित करे और उसके लिए कड़ी मेहनत करे। उसे कभी भी हार नहीं माननी चाहिए।”
  • “विद्यार्थी को चाहिए कि वह अपने समय का सदुपयोग करे। उसे व्यर्थ की बातों में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।”
  • “विद्यार्थी को चाहिए कि वह अपने मन को एकाग्र करे। उसे किसी भी कार्य को करने से पहले उस पर ध्यान से विचार करना चाहिए।”
  • “विद्यार्थी को चाहिए कि वह दूसरों से सीखने के लिए तैयार रहे। उसे दूसरों के अनुभवों से लाभ उठाना चाहिए।”

Hazari Prasad Dwivedi Motivational Quotes in Hindi

Hazari Prasad Dwivedi Quotes in Hindi आपके लिए एक प्रेरणा का काम करेंगे। हज़ारी प्रसाद द्विवेदी के विचार निम्नलिखित हैं-

  • “वे लोग भी विचारों में निर्भीक हुआ करते हैं जिनके अन्दर आचरण की मजबूती होती है।”
  • “असल में हीनता की भावना जितनी ही तीव्र होती है, भविष्य जीवन में मनुष्य उतना की कर्मठ होता है।”
  • “जीतता वह है जिसमें शौर्य,धैर्य,साहस,सत्व और धर्म होता है।”
  • “ईमानदारी और बुद्धिमानी के साथ किया हुआ काम कभी व्यर्थ नहीं जाता।”
  • “जीना भी एक कला है, बल्कि कला ही नहीं तपस्या है।”

हज़ारी प्रसाद द्विवेदी के सामाजिक विचार

Hazari Prasad Dwivedi Quotes in Hindi के इस ब्लॉग में आपको हज़ारी प्रसाद द्विवेदी के सामाजिक विचारों के बारे में पढ़ने को मिल जाएगा, जो कि निम्नलिखित हैं-

  • “ईमानदारी और बुद्धिमानी के साथ किया हुआ काम कभी व्यर्थ नहीं जाता।”
  • “मनुष्य की पशुता को जितनी बार भी काट दो, वह मरना नहीं जानती।”
  • “अस्त्र बढ़ाने की प्रवृत्ति मनुष्यता की विरोधिनी है।”
  • “छोटे स्वार्थ निश्चय ही मनुष्य को भिन्न-भिन्न दलों में टुकड़े-टुकड़े कर रहे हैं, परंतु यदि मनुष्य चाहे तो ऐसा महासेतु निर्माण कर सकता है, जिससे समस्त विच्छिन्नता का अंतराल भर जाए।”
  • “जो लोग दूसरो को धोखा देते है वे लोग खुद धोखा खाते हैं और जो लोग दूसरों के लिए गड्ढा खोदते हैं उनके लिए कुआँ तैयार रहता है।”

Hazari Prasad Dwivedi Quotes in English 

Hazari Prasad Dwivedi Quotes in Hindi के इस ब्लॉग में आपको Hazari Prasad Dwivedi Quotes in English भी पढ़ने को मिल जाएंगे, जो कि निम्नलिखित हैं-

  1. “The animal world possesses desires, but lacks the ability to shape them. Humans possess both desires and the power to give them from. This single fact has made humans the undisputed masters of the world.”
  2. “Imagery and optimism are not goals, but tools; the beloved and cherished are not targets, but stepping stones; play and art are not acquisitions, but enablers.”
  3. “Just as curd thickens with the addition of more milk, doubt only grows in the minds of those who constantly doubt.”
  4. “The essence of literature is the pursuit of making the entire human society beautiful.”
  5. “Hindi is the mother tongue of a powerful community. Anyone who ridicules it through their actions is an unforgivable criminal.”
  6. “Words also have destinies.”
  7. “Without strict discipline and self-control, a human cannot adopt any virtue.”
  8. “Until the senses, which pull one towards various vices, are controlled, intelligence cannot attain prominence.”
  9. “Human bestiality can be cut down a thousand times, but it never truly dies.”
  10. “The tendency to raise weapons is antithetical to humanity.”

आशा है कि Hazari Prasad Dwivedi Quotes in Hindi के माध्यम से आपको हज़ारी प्रसाद द्विवेदी जी के विचारों को पढ़ने का अवसर मिला होगा, जो कि आपको सदा प्रेरित करेगी। इसी प्रकार के कोट्स पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

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