नेशनल काउंसिल ऑफ रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन (NIEPA) के चांसलर एम. सी. पंत की और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के को-चेयरपर्सन प्रोफेसर मंजुल भार्गव की अध्यक्षता में एक हाई-पाॅवर कमेटी का गठन किया है। नेशनल सिलेबस और टीचिंग लर्निंग मेटेरियल कमेटी (NSTC) कक्षा 3 से 12 के लिए सिलेबस, बुक्स और स्टडी मैटेरियल डेवलप करेगी।
कमेटी की ओर से जो बुक्स और अन्य स्टडी मेटेरियल तैयार किया जाएगा, उसे नेशनल काउंसिल ऑफ रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) द्वारा प्रकाशित और उपयोग किया जाएगा। कमिटी में शामिल दिग्गज राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत कक्षा 3 से 12वीं तक के छात्रों का सिलेबस तैयार करेंगे।
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NCERT की ओर से कहा गया है कि नेशनल सिलेबस और टीचिंग लर्निंग मेटेरियल कमेटी (NSTC) को कक्षा 3-12 के लिए स्कूल सिलेबस, बुक्स और स्टडी मेटेरियल डेवलप करने का अधिकार है। NSTC द्वारा विकसित और अंतिम रूप दी गई बुक्स और अन्य स्टडी मेटेरियल NCERT द्वारा प्रकाशित और वितरित किया जाएगा।
कमिटी में ये लोग शामिल
हाई पावर कमेटी में डॉ. सुधा मूर्ति, अध्यक्ष, इंफोसिस फाउंडेशन, शंकर महादेवन, संगीत उस्ताद, मुंबई और रंजना अरोड़ा, NCERT, सदस्य सचिव शामिल हैं। समिति का कार्यकाल और संदर्भ यह है कि बुक्स और अन्य स्टडी मेटेरियल में सभी क्षेत्रों को कवर किया जाएगा।
NCERT द्वारा की जाएगी मदद
बताया गया है कि NSTC के अध्यक्ष और विशेषज्ञों के सहयोग से CAGS का गठन करेंगे। NSTC आवश्यकता पड़ने पर सलाह, परामर्श और सहायता के लिए अन्य विशेषज्ञों को आमंत्रित करने के लिए स्वतंत्र होगा। NSTC को NCERT द्वारा प्रोग्राम से सहायता प्रदान की जाएगी और आवश्यकताओं के अनुसार अन्य मदद भी दी जाएगी।
NCERT के बारे में
NCERT की फुल फाॅर्म National Council of Educational Research and Training होती है। NCERT भारत सरकार द्वारा गठित ऑटोनोमोअस ऑर्गनाइजेशन है। इसे 1961 में सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत स्थापित किया गया था। इस संगठन का काम स्कूल की शिक्षा में सुधार लाने के लिए नई नीतियां और प्रोग्राम निर्धारित करना व केंद्र और राज्य सरकार को सलाह देना है।
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