पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवों का समान अधिकार है। यहाँ अनगिनत छोटे बड़े जीव जंतु रहते हैं। वहीं समय के साथ-साथ कुछ जीव जंतु पृथ्वी से विलुप्त भी होते रहते हैं। डायनासोर को इस मामले में हम सबसे बड़ी मिसाल के रूप में देख सकते हैं। इसी विषय पर लोगों का ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से हर साल मई में राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस मनाया जाता है। यहाँ National Endangered Species Day in Hindi के बारे में विस्तार से बताया गया है।
This Blog Includes:
- राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस का संक्षिप्त विवरण
- राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस का इतिहास
- राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस 2024 में कब मनाया जाएगा?
- राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस हर साल मई के तीसरे शुक्रवार को ही क्यों मनाया जाता है?
- राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस का महत्व
- राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस कैसे मनाएं?
- राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस 2024 की थीम
- राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस पर महापुरुषों द्वारा दिए गए कुछ उद्धरण
- भारत की 10 विलुप्तप्राय प्रजातियां
- विश्व की 10 विलुप्तप्राय प्रजातियां
- FAQs
राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस का संक्षिप्त विवरण
राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस हर साल मई के तीसरे शुक्रवार को मनाया जाता है। इस वर्ष दिन वन्यजीवों के संरक्षण और लुप्तप्राय प्रजातियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य लुप्त होने के कगार पर खड़ी प्रजातियों को बचाने के लिए लोगों में जागरूकता पैदा करना है। इसको मनाने की शुरुआत अमेरिका में वर्ष 1975 में हुई थी।
राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस का इतिहास
यहाँ National Endangered Species Day in Hindi के बारे में कुछ ऐतिहासिक तथ्यों के बारे में बताया जा रहा है :
- 1973 में अमरीकी संसद ने लुप्तप्राय प्रजाति एक्ट पास किया था।
- इस एक्ट के तहत राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस की स्थापना की गई।
- पहला राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस 3 मार्च 1975 को मनाया गया था।
- वर्ष 2006 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने बढ़ती हुई ग्लोबल वार्मिंग को देखते हुए पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से इस तिथि को बदलकर मई के तीसरे शुक्रवार कर दिया।
राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस 2024 में कब मनाया जाएगा?
राष्ट्रीय लुप्तप्राय दिवस हर साल मई के तीसरे शुक्रवार को मनाया जाता है। इस साल वर्ष 2024 में राष्ट्र्रीय लुप्तप्राय दिवस 17 मई को मनाया जाएगा।
राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस हर साल मई के तीसरे शुक्रवार को ही क्यों मनाया जाता है?
राष्ट्रीय लुप्तप्राय दिवस हर साल मई के तीसरे शुक्रवार को मनाया जाता है। इसके पीछे का कारण यह है कि वर्ष 1975 में राष्ट्रीय लुप्तप्राय दिवस पहली बार 3 मार्च के दिन मनाया गया था, लेकिन वर्ष वर्ष 2006 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने बढ़ती हुई ग्लोबल वार्मिंग को देखते हुए पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से इसे तिथि की जगह मई के तीसरे शुक्रवार को मनाया जाना तय किया। इसकी वजह यह थी कि मई का महीना पर्यावरण जागरूकता माह का भाग है।
राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस का महत्व
यहाँ National Endangered Species Day in Hindi का महत्व बताया जा रहा है :
- यह दिवस हमें लुप्तप्राय प्रजातियों के संकट के बारे में सा सचेत करता है।
- यह वन्यजीवों के आवासों को नष्ट होने के प्रति भी लोगों को जागरूक बनाने का काम करता है।
- यह लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने के लिए संरक्षण प्रयासों की महत्ता पर ज़ोर देता है।
राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस कैसे मनाएं?
आप निम्नलिखित तरीकों से National Endangered Species Day in Hindi मना सकते हैं :
- राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस के दिन लोगों को जीव जंतुओं के संरक्षण के महत्व के बारे में बताएं।
- लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण पर बनीं डॉक्यूमेंट्री फ़िल्में देखें और अपने परिवार के लोगों और मित्रों को दिखाएं।
- सोशल मीडिया पर वन्य जीव संरक्षण के प्रति पोस्ट्स और हैशटैग्स साझा करें।
- आप लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के तरीकों के बारे में अधिक जानने के लिए लोग विश्व लुप्तप्राय प्रजाति दिवस पर सम्मेलनों और सेमिनारों में भाग ले सकते हैं।
राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस 2024 की थीम
राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस 2024 की थीम हर साल बदलती रहती है। यानी राष्ट्रीय लुप्तप्राय दिवस हर वर्ष एक नए विषय पर आधारित होता है। इस साल 2024 में राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस की थीम अभी तक घोषित नहीं की गई है। वर्ष 2023 में राष्ट्रीय लुप्तप्राय दिवस की थीम लुप्तप्राय प्रजाति “अधिनियम की 50वीं वर्षगांठ का जश्न” थी।
राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस पर महापुरुषों द्वारा दिए गए कुछ उद्धरण
यहाँ National Endangered Species Day in Hindi पर कुछ महत्वपूर्ण उद्धरण दिए जा रहे हैं :
- हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा करें, उनके लिए भी और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी – लोरेटा लिंच
- हम पृथ्वी ग्रह के मालिक नहीं हैं, हम उससे संबंधित हैं। और हमें इसे अपने वन्य जीवन के साथ साझा करना चाहिए। – स्टीव इरविन
- हम जिस तेजी से जैव विविधता का नुकसान देख रहे हैं, वह प्रकृति से कहीं अधिक है। पारिस्थितिक तंत्र के पतन से ग्रह पर सभी की भलाई और आजीविका को खतरा होगा। – लिंडा क्रुएगर
भारत की 10 विलुप्तप्राय प्रजातियां
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ की ओर से भारत की 10 विलुप्तप्राय प्रजातियों में शामिल प्रजातियों के नाम :
- बंगाल टाइगर
- एशियाई शेर
- हिम तेंदुआ
- एक सींग वाला गैंडा
- काला हिरण
- भारतीय शेर
- हिम तेंदुआ
- एक सींग वाला गैंडा
- कश्मीरी लाल हिरण
- इंडियन बाइसन
विश्व की 10 विलुप्तप्राय प्रजातियां
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ की ओर से विश्व की 10 विलुप्तप्राय प्रजातियों में शामिल प्रजातियों के नाम :
- जावन गैंडे
- अमूर तेंदुआ
- सुंडा द्वीप बाघ
- पहाड़ी गुरिल्ला
- तपनुली ओरंगुटान
- यांग्त्ज़ी फिनलेस पोरपॉइज़
- काले गैंडे
- अफ्रीकी जंगली हाथी
- सुमात्राण ओरंगुटान
- हॉक्सबिल कछुए
FAQs
भारत में इस समय कई पक्षियों की प्रजातियां विलुप्त प्राय हैं, जिनमें से जेर्डन कौरसर भी एक है।
प्राणियों की जो प्रजाति संकट में होती है और लुप्त होने की कगार पर होती है, उसे लुप्तप्राय प्रजाति कहते हैं। उदाहरण : पहाड़ी गुरिल्ला।
भारत में प्राणियों की लगभग 132 प्रजातियां हैं।
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