Mother’s Day Special : मां की मेहनत से चमका इनके किस्मत का सितारा, मिलिए ऐसे ही शख्सियतों से

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Mother’s Day Special

Inspirational Mothers Day Stories : भारत में मदर्स डे 12 मई 2024 को मनाया जाएगा। हर साल यह मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। हालाँकि, मदर्स डे विश्वभर में अलग-अलग डेट पर मनाया जाता है। लेकिन, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया आदि में भारत की तरह ही दूसरे रविवार को मनाया जाता है। 

माँ वह स्तंभ होता है जो पूरे परिवार को एक साथ जोड़ कर रखता है। माँ के बिना जीने की कल्पना ही करना डरावना सा लगता है। हम सभी के जीवन में माँ की भूमिका बहुत अहम होती है वह कुछ नहीं लेती बल्कि हमको सब कुछ देती है। वो किसी भी परिस्तिथि में हो कभी हार नहीं मानती है और न मानने देती है। हम आजकल जो भी हैं वो उनके ही त्याग और समर्पण की वजह से हैं। वह हमको आगे बढने की सह दिखती है, इस Inspirational Mothers Day Stories ब्लॉग के  जरिये बताएंगे कि किस तरह माँ अपने बच्चों को आगे बढ़ती है।

माँ को नहीं दे पाया पहली सैलरी, बस यही है अफसोस

Inspirational Mothers Day Stories : माँ मेरे लिए वो है जो कभी किसी चीज का श्रेय नहीं लेती । मुझे लगता है आज मैं जो भी हूँ उसमें मेरी मां का रोल सबसे ज्यादा रहा है। मैं गोवर्धन, उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ और बहुत सी परेशानिया भी देखी है, लेकिन मेरी माँ ने कभी मुझे कभी किसी चीज की कमी नहीं होने दी। गोवर्धन में इतनी सुविधाएं उस वक़्त न होने के कारण हम नैनीताल चले गये। ये हम सभी के लिए बहुत कड़ा निर्णय था। तब आर्थिक स्तिथि इतनी अच्छी नहीं थी, फिर मैं आगे की पढ़ाई के लिए कई शहर गया। आज हमने Assistant Commissioner से बात की और जाना उनके सफलता का राज।


हम समझते है कि माँ ने खाना बना दिया बस माँ यही तक है, लेकिन नहीं माँ को समझना बहुत ही कठिन है। मैं मानता हूँ भगवान का दूसरा रूप अगर कोई है संसार में तो वो माँ है। उससे ज्यादा आपको कोई नहीं समझ सकता है। 2003 में जब मेरी जॉब लगी तो मैंने अपनी माँ से कहा “माँ एक दिन मैं तुम को हवाई जहाज में घुमाऊंगा“। लेकिन उन्होंने मुझसे कहा की बेटा मेरी एक इच्छा है की तुम अपनी बहनों की शादी तो करो, लेकिन 10-11 और बेटियों की शादी तुमको करनी होगी। तब मैं उनकी इस बात को समझा की अपनी बहनों की शादी तो सभी करते हैं, लेकिन दूसरों की बेटी की शादी करना बहुत बड़ी बात होती है।

7 बार PCS एग्जाम को किया पास

लेकिन उनका इतना बड़ा मन देख कर ये लगा आज मैं जो कुछ भी हूँ, उनकी वजह से हूँ। ये मेरी 8वीं सरकारी जॉब है। इससे पहले मैं प्राइमरी टीचर, LT ग्रेड, TGT, प्रिंसिपल, BSA आदि परीक्षाओं को पास कर जॉब की। लेकिन मेरी लर्निंग रुकी नहीं।  मैंने 7 बार PCS एग्जाम भी पास किया। राजस्थान पीसीएस, 3 बार उत्तराखंड पीसीएस, 3 बार यूपी पीसीएस में भी सफलता प्राप्त की। मेरे मन में आज भी लगता है की मेरी पहली सैलरी को मैं अपनी माँ को नहीं दे सका जिसने मुझे इस जगह पहुंचाया। मैं अपनी माँ का बहुत कृतज्ञ हूँ। जिसे कि हम कभी भी अपनी माँ के बारे में चिंतन नहीं करते हैं। अगर हम ये करे तो हमको बहुत सी चीज मिलेगी जो और किसी के पास नहीं होगी। उदारण के तौर पर- माँ अपने दो बच्चों जो कि एक होशियार और एक कमजोर हो उसमें सबसे ज्यादा ध्यान वो कमजोर बच्चे पर ही देती है, सब होशियार की तारीफ करते हैं पर माँ सिर्फ अपने उसी बच्चे पर ज्यादा ध्यान देती इस लिए नहीं की वो कमजोर है, बल्कि उसका सबसे अधिक लगाव है।


जो मेरी जीवन की जादूगर है, मैं उसकी लिखावट हूँ…

माँ वो है जो सिर्फ समर्पण को जानती है, उसे कुछ चाहिए नहीं बस वो देना जानती है। माँ अपने बच्चों की हर परेशानी पर ढाल बन कर खड़ी रहती है। बच्चे के जन्म से लेकर उसके बड़े होने तक वह उसकी हर परेशानी को बिना कहे समझ लेती है। माँ मेरे जीवन का रास्ता है जिसके साथ मैं हमेशा चलना चाहूंगा। इस मदर डे पर Apollo Hospital के Dr. Naman ने हमारे साथ साझा की अपनी भावनाएं…

मैंने बचपन से ही सोच रखा था मुझे अपनी माँ की तरह डॉक्टर ही बनना है। मेरी माँ भी एक डॉक्टर है, मैंने उनको हर परिस्थति में अपने साथ पाया। माँ ने कभी मुझ पर पढ़ाई का या कौन सी फिल्ड में जाना है या नहीं जाना है, इसके लिए कभी कोई जोर नहीं दिया। वो हमेशा मेरे साथ एक मित्र की तरह रहीं। खुद भी डॉक्टर होने पर भी कभी मुझे ये नहीं लगा की माँ हमारे साथ नहीं है। उनकी व्यस्त लाइफ में भी वे हमेशा हम सबके लिए समय निकलती थीं। हमको स्कूल भेजने से लेकर स्कूल से लेने और होमवर्क कराने तक माँ हमेशा साथ रही और हमेशा अपने काम हो भी मैनेज किया। मुझे मेरी माँ एक जादूगर लगी की जब भी हमको उसकी जरूरत थी वह हमारे पास ही थीं। 

जब मैंने डॉक्टरी की पढ़ाई शुरू की तो बहुत सी चीजे फेस की पर माँ ने हमेशा सपोर्ट किया। मैंने हमेशा से सोचा था की मुझे सोल्डर सर्जन बनना है और मुझे AIIMS में इतना एक्सपोजल नहीं मिला, जिसके कई कारण थे और सबसे बड़ी चीज की मुझे सोल्डर की सर्जरी को सीखना था। इंडिया में अपनी पढ़ाई शुरू करने के बाद मैंने इस फिल्ड में और अधिक गहन अध्यन के लिए जर्मनी जाने का मन बना लिया था। जर्मनी में अपनी स्टडी को लेकर भी बहुत सी परेशनियां आई। कई बार मेल भेजने के बाद मुझे जर्मनी से कॉल आई और मैं फेलोशिप के लिए निकल गया। वहां जाकर सबसे बड़ी प्रॉब्लम थी वहां की भाषा क्योंकि वहां सब कुछ अधिकतर जर्मन भाषा में ही होता है। मैंने भी जर्मन भाषा वहां जा कर सीखी। उसके बाद अपनी स्टडी को शुरू कर दिया। 

हर छोटी चीज में आती थी माँ की याद

लेकिन इन सबके बीच मुझे मेरी माँ हमेशा याद आती थी। मुझे न तो खाना बनाना आता था, न हीकपड़ों को धुलना। जर्मनी में जब मैं इन चीजों को नहीं कर पाता था तो मेरी माँ मुझे वीडियों कॉल पर हर एक चीज को बताती थी। जब तक मैं खा नहीं लेता था तब तक वह कॉल पर ही रहती थी। माँ और मुझे पता था की हम कितने भी बड़े क्यों न हो जाएं, एक माँ के लिए हमेशा उनके बच्चे ही रहेंगे। जर्मनी से पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं फिर अपने देश लौट आया और आज Apollo Hospital Delhi में Solder Surgeon हूँ। आज भी जब मैं प्रोफेशन में कहीं कोई दिक्कत महसूस करता हूँ तो अपनी माँ के पास ही जाता हूँ। आज मैं जो कुछ भी हूँ वो सिर्फ अपनी माँ की वजह से हूँ जिन्होंने अपने व्यस्त समय पर भी मुझे हर चीज के लिए साथ दिया।


माँ करुणा, प्रेम और निर्भयता की सबसे बड़ी शिक्षिका हैं, अगर प्यार फूल की तरह मीठा है तो मेरी माँ प्यार का मीठा फूल है…

Inspirational Mothers Day Stories : मेरी माँ करुणा, प्रेम और निर्भयता की सबसे बड़ी शिक्षिका हैं…अगर प्यार फूल की तरह मीठा है तो मेरी माँ प्यार का मीठा फूल है। ये कहना है पंकज शुक्ला का जो अभी Asian Medical Institute Kant, Kyrayzstan से MBBS की पढ़ाई कर रहे हैं। पंकज की माता जी का नाम हेमलता शुक्ला है। आइये जानते हैं उनके इस सफर को उनकी जुबानी …

मेरी सफलता में मेरी माँ का बहुत बड़ा रोल रहा है। उनकी कृतज्ञता को मैं कभी नहीं भूला सकता हूँ, जब भी मैं निराश होता था तो मेरी माँ मेरे साथ होती थी। जैसे की मेरे घर वाले चाहते थे की मैं इंजिनीयर बनूँ, लेकिन मैं इस लाइन में नहीं जाना चाहता था। तब मेरी माँ ने मुझे सबसे ज्यादा सपोर्ट किया। मेरी माँ ने कभी पैसों की दिक्कत के कारण मुझे महसूस नहीं होने दी और मेरी डॉक्टरी की पढ़ाई में मेरी ढाल बन कर मेरे साथ खाड़ी रही। मेरी मां ने मुझसे कहा कि अगर आगे बढ़े हो तो अब कमयाब होकर ही दिखाना कितना भी संघर्ष हो हार न मानना।

अपने देश से दूसरे देश आने पर जब माँ ने किया सपोर्ट

उनके इन शब्दों से ही मुझे हमेशा हिम्मत मिलती है। मैं अपनी माँ को आदर्श मानता हूँ। मैं इतनी दूर रह कर अपनी माँ को हर दिन याद करता हूं, मेरे सारी एजुकेशन बहार ही हुई है। जब मैं बैचलर ऑफ रेडियोडायग्नोसिस की पढ़ाई के लिए किर्ग़िज़स्तान आया। तो इस बीच के सफर में मैंने सबसे ज्यादा अपनी माँ के सपोर्ट को समझा की एक माँ चाहे तो उसके बच्चे एक न एक दिन अपनी मंजिल को पा ही लेते हैं। मेरी माँ मेरी दोस्त की तरह है। मैं उनसे अपनी सारी बातों करता हूँ। इतनी दूर रहने पर मेरे पास मेरी माँ से बात करने के लिए सिर्फ एक ही विकल्प होता है, वह है इंटरनेट का माध्यम। एक छोटे से गांव से निकलकर इतनी दूर आकर मुझे मेरा और मेरी माँ का सपना डॉक्टर बनकर पूरा करना है। जिन्होंने बिना फाइनेंशल परेशानी को देखते हुए मुझे किर्गिज़स्तान पढ़ने को भेजा। 

जब खुद की माँ का करना पड़ा हॉस्पिटल में टेस्ट

जब मैं कोरोना के समय इंडिया आया और एक हॉस्पिटल में कुछ समय के लिए जॉब की। तब उसी हॉस्पिटल में मेरी माँ आयी और मुझे खुद उनका अल्ट्रासऊंड और चेकप करना पड़ा, उनकी आंख में अंशू भी थे और वो खुश भी थी की मेरा सपना पूरा हुआ। जब कोरोना के समय मेरे गांओ में ज्यादा डॉक्टर नहीं थे और मैं उन सभी को देखता था तो मेरी मां को बहुत गर्व भी होता था। की तुम बहुत अच्छा कर रहे हो और इसी तरह आगे बढ़ते रहो। बस उनके आशीर्वाद और स्पोर्ट की वजह से मैं यहां तक पहुंच पाया हूँ।


माँ एक छोटा सा शब्द है, लेकिन इसके त्याग की कहानी सागर से भी गहरी है…

Inspirational Mothers Day Stories : मां जिसे शब्दों की नहीं सिर्फ भावनाओं की जरूरत होती है, वो मां जो अपने नवजात बच्चे की भावना को बिना कहे समझ लेती है, वहीं बड़े हो गये बच्चों की परेशानियों को उनके चेहरे की सिकन देख कर। कई शायर और कवि सिर्फ मां पर ही कविताएं और शायरी कर के महान हो गये। मां ऐसी ही शख्सियत है जिसे व्यक्त कर पाना सबसे आसान भी और सबसे कठिन भी। कहने को वो इतनी सरल है कि कुछ भी न मांगे और इतनी कठिन की बिना एक सिकन लाए अपने बच्चों को लिए कई दर्द सह ले। ऐसा कहना है सिविल कोर्ट कम्पाउंड के एडवोकेट उपेंद्र तिवारी का, जिन्होंने इस मदर्स डे पर अपनी भावनाओं को हमारे साथ व्यक्त किया।

माँ जिसके हमारी तरह हजारों सपने होते हैं कुछ पूरे होते हैं, तो कुछ टूट जाते हैं। लेकिन वो थकती नहीं है हर संघर्ष के लिए खड़ी रहती है। उसके जीवन में संघर्ष की कमी नहीं होती है, हर पल खुद के सपनों का त्याग करती रहती है। माँ पढ़ी लिखी हो या न हो उस से अच्छा ज्ञान तो शायद ही कोई आप को दे सकता है। माँ एक छोटा सा शब्द है, लेकिन इसके त्याग की कहानी सागर से भी गहरी है। मांओं ने अपने बच्चों के लिए क्या कुछ नहीं कुर्बान किया है।

माँ कहने में जितना आसान है उतना ही इसे महसूस करना कठिन। मेरे जीवन में पहली टीचर मेरी माँ रही वह डांटती भी तो हमारे हित के लिए। जब हम बड़े हो जाते हैं तब हमको लगता है हम सब कुछ कर सकते हैं। लेकिन नहीं हम कितने भी बड़े क्यों न हो जाएं, लेकिन माँ के लिए हमेशा एक बच्चे ही रहेंगे। जो कभी भी गलती कर सकता है। बचपन से लेकर बड़े तक माँ ने हमारे लिए बहुत त्याग किया है। वह खुद की इच्छाओं को मार कर हमारे सपनों को पूरा करती है। मुझे याद है जब मेरे माता- पिता ने मुझे मेरे समय के सबसे अच्छे स्कूल में पढ़ाया, अच्छी कोचिंग कराई। हर माँ का सपना होता है की उसके बच्चे वो सब करें जो वो नहीं कर सके।

मुझे याद है जब एक समय मैं बहुत परेशानी में था तब एक माँ ही ऐसी थी, जो शायद जानती थी, की उनके हाथ में कुछ नहीं पर उसकी दुआ में बहुत असर होगा। दिन-रात मेरी परेशानी को दूर करने के लिए दुआ करना नकरात्मकता से दूर कर के सकरत्मक्ता की तरफ ले जाना। हर थोड़ी-थोड़ी देर में मुझसे पूछना की अब तुम ठीक हो। उसकी आँखों में अंशु होने के बावजूद वह हार नहीं मानती थी।

ये एक माँ ही कर सकती है। क्योंकि उसे पता है की उसका बेटा भले उसे कुछ न बताये पर वह तकलीफ में है। 9 माह जिसने इतने मेरे लिए इतने कास्ट सहे हो, वह भले अपने बच्चे का कस्ट किसे देख सकती हैं। मैं यहां पर आज जिसकी बतौलत हूँ वो माँ है और मैंने उनसे बस यही सीखा है की, जब हम अच्छा करते है तो हमारे साथ कभी गलत नहीं हो सकता है. मैं माँ को परिभाषित तो नहीं कर सकता पर मेरे लिए माँ वो शक्ति है, जिसके पास होने से हर मुश्किल से दूर हो जाती हैं। माँ- बाप बच्चों से कोई उम्मीद नहीं रखते हैं पर सपने होते हैं। मैं हर संभव प्रयास करता रहता हूँ की मैं अपनी माँ के सपने को पूरा कर सकूं और उनको हर उस जगह ले जा सकूं जहां वह जाना चाहती हैं।

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