ह्यूमन डेवलेपमेंट इंडेक्स (एचडीआई) में भारत की स्थिति वैश्विक स्तर पर काफी सुधरी है। पिछले बार की तुलना में इस बार भारत मानव विकास सूचकांक के मामले में एक पायदान ऊपर आ गया है। इस बार संयुक्त राष्ट्र के द्वारा जारी एचडीआई रैंकिंग में भारत को 134वे पायदान पर रखा गया है।
193 देशों में 134वीं रैंक पर आया भारत
भारत की रैंकिंग पिछले दो वर्षों की तुलना में बेहतर हुई है। वर्ष 2021 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक़ 2021 में 191 देशों में भारत 135वे पायदान पर था। लेकिन इस बार संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक़ भारत इस बार 134वें पायदान पर आया है। वर्ष 2021 में संयुक्त राष्ट्र ने भारत को 0.633 अंक प्रदान किए थे जो कि वर्ष 2023 में बढ़कर 0.644 हो गए हैं।
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1990 के बाद से भारत की रैंकिंग में लगातार सुधार, स्कूलिंग भी बेहतर हुई
वर्ष 1990 के बाद से भारत की एचडीआई रैंकिंग में लगातार सुधार हो रहा है। वर्ष 1990 में जीवन प्रत्याशा में 9.1 वर्ष की वृद्धि हुई है। वहीं भारत में शिक्षा के मामले ने भी बड़ा सुधार हुआ है। भारत में स्कूलिंग के वर्ष पहले की तुलना में काफी बढ़ चुके हैं। सन 1990 से भारत में स्कूलिंग वर्षों में 4.6 वर्षों की वृद्धि हुई है। वहीं भारत में स्कूलिंग करने वाले छात्रों की औसत संख्या में भी सुधार हुआ है। 1990 से लेकर अभी तक भारत में स्कूल जाने वाले छात्रों की औसत संख्या में 3.8 वर्षों की वृद्धि दर्ज की गई है।
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ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट इंडेक्स क्या होता है?
ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट इंडेक्स (एचडीआई) यानी मानव संसाधन विकास सूचकांक एक मापदंड है जो किसी देश के मानव विकास के स्तर का मूल्यांकन करता है। यह तीन घटकों के आधार पर किसी भी देश के मानव विकास के स्तर को मूल्यांकित करता है। ये तीन घटक स्वास्थ्य, शिक्षा और आय हैं।
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