फादर्स डे एक ऐसा दिन होता है जहाँ बच्चे अपने पिता के संघर्षों को सम्मानित करते हैं। इस दिन के इतिहास को समझा जाए तो फादर्स डे को अमेरिका में सबसे पहले 1910 में आधिकारिक तौर पर मनाया गया था। फादर्स डे जून के महीने के तीसरे सप्ताह में मनाया जाता है, जो कि इस वर्ष 19 जून को मनाया जाएगा।
यूँ तो माता-पिता का बस कोई एक दिन नहीं होता, बल्कि माता-पिता से ही तो हर दिन की शुरुआत की जाती है। हालाँकि इस दिन का भी एक ऐताहिसक महत्व होता है, जिसके कारण ही फादर्स डे को सेलिब्रेट किया जाता है। भारत के स्वर्णिम इतिहास में तो पिता के आदेश पर भारत राष्ट्र की आत्मा “राम” चौदह वर्षों तक वनवास को स्वीकार करते हैं। आज के इस ब्लॉग में आपको फादर्स डे पर आधारित कुछ यूनिक कविताओं के बारे में जानने को मिलेगा, जिन्हें आप अपने फादर को डेडिकेट कर सकते हैं।
Fathers Day Poem in Hindi
कविताएं जीवंत भावनाओं को शब्दों की माला में पिरोने के बाद ही बनाई जाती है, जहाँ आप शब्दों को बोलकर अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाते हैं, वहां आप शब्दों को लिखकर ही अपनी भावनाएं व्यक्त कर पाते हैं। नीचे दी गई कविताओं को आप अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का एक माध्यम बना सकते हैं-
मैं आपका ही अंश हूँ
“मैं वो दीपक हूँ, जो जग में प्रकाश फैला रहा है
आपके नाम पर ही जो अपनी पहचान बना रहा हैआपके होने से ही पिता जी, मैंने यह जीवन पाया है
आपकी ऊँगली पकड़कर ही मुझे चलना आया है
दुख कहते किसे हैं, मुझे आज तक मालूम नहीं
आपकी छत्रछाया में मैंने खुशियों को गले लगाया हैमैं वो सपना हूँ, जो अब पूरा होने जा रहा है
आपकी मुस्कराहट में जो खुद भी मुस्कुरा रहा हैआपके ही नज़रिए से मैंने इस दुनिया को देखा है
आपका कहा हर शब्द मेरे लिए लक्षमण रेखा है
आपके बिना मैं सचमुच कुछ भी नहीं हूँ पापा
मेरे जीवन का पहला कर्म, करना आपकी सेवा हैमैं आपका ही प्रतिबिंव हूँ, जो बिलकुल आपके जैसा है
-मयंक विश्नोई
मैं आपका ही अंश हूँ, जिसका जीवन आपके जैसा है”
Fathers Day Poem in Hindi from Daughter
बेटी जो पिता की पाग होती हैं या कि जो अपने पिता का सम्मान होती हैं, वह जीवन भर अपने हर सुख का त्याग कर अपने पिता का मान बढ़ाती हैं। इस फादर्स डे पर नीचे लिखी कविता बेटियों को अपनी भावनाएं व्यक्त करने में सहायता प्रदान करेगी-
आपकी पाग
“आपकी पाग बनकर बापू मैंने
जीवन भर आपका मान बढ़ाया
आपके संघर्षों को उचित स्थान देकर मैंने
सदा ही आपका सम्मान बढ़ायाआपकी लाडली बनकर मैंने
जीवन भर आपका लाड कमाया
आपके ढंग में ढलकर मैंने
सिंदूरी अपना जीवन बनायाआपकी तकलीफों को मैंने
अपनी देहलीज़ का पता बताया
अपने हिस्से की खुशियों को मैंने
सदा ही आपके द्वार तक पहुँचायाआपने न जाने कितना कुछ सहा बापू
फिर भी हम सभी को हमेशा हसाया
आज़ाद रखा आपने मेरे ख्यालों को
आपने ही सदा मुझे बुरी नज़र से बचायाआप ही मेरे सखा हो, बापू आप ही मेरे सारथी हो
-मयंक विश्नोई
आप ही मेरे सुख के भी, आप ही दुःख में साथी हो”
अंधेरे में आप उजाला हो
“आपके आशीष वचनों से मेरा हर दिन निराला हो
समय के कुचक्रों में मिले अँधेरे में आप उजाला होमेरे नन्हें क़दमों को आप
बचा-बचा कर रखना सिखाते हो
आप मेरी प्रेरणा हो पापा,
जो मुझे गिर-गिर कर भी उठना सिखाते होआपका सबसे ज्यादा लाड मुझे मिलता है
आप ही मुझ में संस्कारों का बीज बोते हो
आप ही मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो पापा
जो मेरे दुखों का भार अपने कन्धों पर ढोते होये कुछ ऐसा है कि किसी ने मुझे अपने रंग में ढाला हो
-मयंक विश्नोई
आप ही मेरी हिम्मत हो, पापा आप अंधेरे में आप उजाला हो”
Fathers Day Poem in Hindi from Son
एक पुत्र का हमेशा से एक सपना होता है कि वह अपने पिता के देखें सपनों को न केवल पूरा करे बल्कि उनके विचारों से प्रेरित होकर अपना जीवन सफल बनाए। नीचे दी गयी कविता के माध्यम से आप अपनी भावनाओं को अपने पिता के समक्ष व्यक्त कर सकते हैं और नीचे दी गई कविता को आप अपने फादर को इस फादर्स डे पर डेडिकेट कर सकते हैं-
आप हमारी ढाल बने
जीवन के हर पहलु पर आप हमारी ढाल बने
आपके कदमों के निशान पर चल कर
हम जीवन में एक सफल इंसान बनेजब चोट लगी तन पर हमारे
तकलीफ आपके चेहरे पर देखने को मिली
जब निराश हुए मन से हम कभी
आपके शब्दों से ही फिर हमें प्रेरणा मिलीहै आपकी ख़ुशी से ही हमारे हाल जुड़े
संकट के समय आप हमारी ढाल बनेमौसम बदला, शहर बदले
सब बदला पर आपके निशान न बदले
आपकी आहट ने जीवन जीना सिखायाक़दम फूँक-फूँक कर रखना सिखाया
-मयंक विश्नोई
हमारी हर मुसीबत का आप ही काल बने
परिवार की रक्षा में आप हमारी ढल बने”
पापा के लिए लिखे पन्ने
“पापा के लिए लिखे पन्ने, मेरी जेब में ही रह गए
हालात के हारे, जो सहना था वो सब सह गए
शहर बदलकर एहसास हुआ कि क्या खोया मैंने
जो मैं न कह पाया, वो कोहरे कागज कह गएसंघर्षों में सब से हारे, या कि हार कर जीते
सूखा कंठ रहा, या कि सूझ गई आँखें आँसूं पीते
अकेलापन सताने लगा, निशान मेरे अस्तित्व के मिटाने लगा
सफ़र में सब हाथ छुड़ाने लगे, हर कोई अपना रंग दिखाने लगापापा के लिए लिखे पन्ने, पापा तक न पंहुचा पाया
किस तकलीफ में हूँ, ये किसी को भी न बता पाया
घर की याद ने सताया बहुत, ठोकरों ने सहना सिखाया बहुत
जिम्मेदारियों का बोझ उठाते रहे, कंधों को सफ़र में थकाया बहुतशब्दों के सागर, नदिया, तालाब सब कुछ सूखने लगा
-मयंक विश्नोई
बचपन जो बचा था, वो भी जवानी से जूझने लगा
पापा के लिए लिखे पन्ने, गवाह बने हालातों के
मौसम के मुसाफ़िर अब, हिस्सा बने घर की यादों के”
Fathers Day Poem in Hindi (Short)
इस फादर्स डे पर आप अपने फादर को नीचे दी गई छोटी कविताएं भी डेडिकेट कर सकते हैं, जो आपकी भावनाओं को उचित सम्मान देंगी।
मेरे पापा
“साहस की सीमाएं हैं
जहाँ कहीं भी अंतर्मन में
उन सीमाओं से परे है
संघर्ष मेरे पापा कामिठास है जिनकी बोली
-मयंक विश्नोई
तो साथ ही कड़क जिनका लहजा है
हर धन दौलत से बड़ा है मेरे लिए
आशीर्वाद मेरे पापा का”
संघर्षों में सारथी
“आकाश सा विस्तृत स्वाभिमान है जिनका
कीर्ति कमाता सम्मान है जिनका
धरती से जुड़ा व्यक्तित्व है उनका
है जो मेरे संघर्षों में सारथीउनकी आज्ञा का पालन करना
-मयंक विश्नोई
है मेरे जीवन का एक मात्र लक्ष्य
उनके लिए सम्मान कमाना है
है जो मेरे संघर्षों के सारथी”
आपकी देहलीज बाबा
“एक न एक दिन मुझे छोड़नी पड़ेगी
-मयंक विश्नोई
आपकी देहलीज बाबा
जिम्मेदारियां ढोनी पड़ेंगी
इन कमजोर कन्धों पर अपने
घर भी छोड़ना पड़ेगा
एक नया घर बसाने के लिए
जहाँ भी जाऊंगी मैं जीवन में बाबा
याद रहेगी मुझे आपकी देहलीज बाबा”
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