DELEd Syllabus in Hindi: आज के समय में शिक्षक बनने की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए डीएलएड (DELEd – Diploma in Elementary Education) एक महत्वपूर्ण कोर्स है। यह कोर्स उन छात्रों के लिए होता है जो प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण करना चाहते हैं, जो चार सेमेस्टर का होता है। यदि आप भी शिक्षक बनना चाहते हैं और डीएलएड पाठ्यक्रम की पूरी जानकारी चाहते हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए बहुत उपयोगी होगा। यहाँ इस लेख में आपके लिए DELEd Syllabus in Hindi को सरल भाषा में दिया गया है, जो आपकी तैयारी में मददगार साबित होगा।
कोर्स अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | 12वीं उत्तीर्ण होना जरूरी है |
सेलक्शन प्रक्रिया | प्रवेश परीक्षा आधारित |
आयु सीमा | 18 – 35 साल |
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DELEd कोर्स क्या है?
केंद्र सरकार ने प्राइमरी स्कूल्स के बच्चों को पढ़ाने के लिए कई अन्य प्रकार के कोर्स बनाए हैं वह सारे कोर्स करने के बाद आप प्राइमरी टीचर बन सकते हैं। इन सभी कोर्सेज में से एक कोर्स DELEd का है। DELEd कर लेने के बाद आपको बच्चे को पढ़ाने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है।
Diploma In Elementary Education (D.EL.ED) 2 वर्ष का डिप्लोमा का कोर्स होता है। इस कोर्स को करने के बाद आप एक टीचर बन सकते हैं। उत्तर प्रदेश में पहले के समय में DELEd को BTC के नाम से जाना जाता था। फिर कुछ समय बाद वर्ष 2017 में BTC को DELEd के नाम से जाना जाने लगा। DELEd उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष बहुत सारी संख्या में कैंडिडेट्स DELEd परीक्षा देते हैं। अगर आप DELEd कम्पलीट कर लेते हैं उसके बाद आप TET या CTET की परीक्षा भी दे सकते हैं। अगर कोई भी कैंडिडेट TET या CTET परीक्षा उत्तीर्ण करता है तो उसे सरकारी टीचर की नौकरी भी मिल सकती है।
DELEd कोर्स का सिलेबस – DELEd Syllabus in Hindi
DELEd कोर्स का सिलेबस (DELEd Syllabus in Hindi) की जानकारी यहाँ निम्नलिखित तालिका में दिया गया है –
विषय | विवरण |
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बाल विकास और बचपन | बाल विकास की परिभाषा और उसकी विशेषताएँ बाल विकास के विभिन्न पहलू और अर्थ अभ्यर्थियों को बच्चों का व्यवहार सीखने में सहायता करें बचपन की विकासात्मक आवश्यकताओं और चरणों का पता लगाएं |
समकालीन भारतीय समाज | देश में सामाजिक चुनौतियाँ भारतीय समाज-इसकी संरचना और प्रकृति, जिसमें संस्कृति, भाषा और धर्म की विविधता शामिल है |
आत्म-समझ | आत्मा क्या है और इसका विकास कैसे किया जा सकता है? आत्म-विकास को प्रभावित करने वाले कारक व्यक्तित्व विकास और संबंधित कारक जीवन कौशल की अवधारणा और विकास |
अंग्रेजी भाषा शिक्षण | डी.ई.एल.एड. पाठ्यक्रम में अंग्रेजी का महत्व, इसके सिद्धांत और उद्देश्य सुनने, बोलने, लिखने और पढ़ने का कौशल सामग्री विकास और पाठ योजना अंग्रेजी भाषा में शिक्षण दृष्टिकोण |
अनुभूति और सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ | सामाजिक परिवर्तन की अवधारणा और अर्थ शिक्षा और सांस्कृतिक अंतर पर संस्कृति की अवधारणा और प्रभाव मूल्य शिक्षा और इसके स्रोत सामाजिक परिवर्तन: प्रभाव और कारण |
परामर्श और मार्गदर्शन | मार्गदर्शन क्षेत्र शिक्षा के प्रारंभिक स्तर पर मार्गदर्शन की आवश्यकता और अवधारणा परामर्श का अर्थ और यह मार्गदर्शन से किस प्रकार भिन्न है बच्चों के समक्ष आने वाली व्यवहार संबंधी चुनौतियाँ |
नेतृत्व और परिवर्तन | नेतृत्व की अवधारणा और नेतृत्व शैलियाँ संचार और टीम निर्माणशिक्षकों के लिए आवश्यक संचार कौशल टीम के निर्माणसंचार और बाधाएं जो प्रभावी संचार में बाधा डालती हैं |
पर्यावरण अध्ययन शिक्षणशास्त्र | पर्यावरण अध्ययन, इसकी अवधारणा और उद्देश्य प्राथमिक स्तर पर पर्यावरण अध्ययन का पाठ्यक्रम ईवीएस किट विकास की आवश्यकता और उपयोग पर्यावरण शिक्षा और उसका महत्व |
शिक्षा और स्कूल स्वास्थ्य | व्यायाम शिक्षा सुरक्षा शिक्षा स्वास्थ्य पहलू व्यक्तिगत स्वच्छता: अवधारणा और महत्व कल्याण और स्वास्थ्य: अवधारणा और महत्व |
शिक्षा और ललित कला | दृश्य शिल्प और कलाकला और कला शिक्षा के प्रभाव को समझना कला अनुभव: संगठन और योजना कला शिक्षा: व्यापक एवं सतत मूल्यांकन कला शिक्षा: प्राथमिक स्तर पर इसका महत्व |
डी.ई.एल.एड. के लिए वैकल्पिक विषय
DELEd Syllabus in Hindi के अनुसार डी.ई.एल.एड. के लिए वैकल्पिक विषयों की जानकारी निम्नलिखित हैं:-
- समकालीन भारतीय समाज
- अंग्रेज़ी कुशलता
- ललित कला और शिक्षा
- शिक्षा और कार्य
- शिक्षा और विविधता
- अंग्रेजी भाषा का शिक्षणशास्त्र
- प्राथमिक गणित शिक्षा
- स्कूल शिक्षा और स्वास्थ्य
- परिवर्तन और नेतृत्व
- शिक्षा सोसायटी
- ईवीएस की शिक्षाशास्त्र
- स्वयं को समझना
- सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ और अनुभूति
- बाल विकास और बचपन
- स्कूल की संस्कृति और शिक्षक की पहचान
डी.ई.एल.एड. के लिए विस्तृत पाठ्यक्रम
यहाँ DELEd Syllabus in Hindi के विस्तृत पाठ्यक्रम की जानकारी दी गई है –
वर्ष | विषय | विषय विवरण एवं उद्देश्य |
---|---|---|
1 | बच्चों के मनोविज्ञान का विश्लेषण | भारतीय समाज के संदर्भ में बचपन और बच्चे की समीक्षा बचपन को प्रभावित करने वाली सांस्कृतिक, शैक्षिक और सामाजिक वास्तविकताओं की गहरी समझ विकसित करना बच्चे के भावनात्मक, शारीरिक, सामाजिक और मोटर विकास को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का विश्लेषण करना राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भ में बाल विकास को समझना बाल विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करने के लिए बच्चों को प्रशिक्षित करने, समझने और उनके साथ बातचीत करने का व्यावहारिक अनुभव |
2 | शिक्षा: मनोविज्ञान का परिप्रेक्ष्य | शैक्षिक मनोविज्ञान का अर्थ, दायरा, प्रकृति और महत्व बच्चों की पत्रिकाओं का अवलोकन, आत्मनिरीक्षण और चिंतन करना तथा कथाओं और केस अध्ययनों के माध्यम से शैक्षिक मनोविज्ञान और इसकी विधियों को समझना |
3 | विकास के परिप्रेक्ष्य | विकासात्मक सिद्धांत, मानव मनोविज्ञान और विभिन्न सिद्धांतों के संबंध में बच्चों की वृद्धि और विकास के पहलुओं का विश्लेषण करना वयस्कों और बच्चों के बीच संबंधों को समझना, पालन-पोषण, बच्चों के पालन-पोषण के तरीके, शारीरिक रूप से विकलांग बच्चे और अनाथालयों के बच्चे भाषा, भावनात्मक, शारीरिक, सामाजिक, मोटर और संज्ञानात्मक कौशल में बाल विकास के विभिन्न चरणों को सीखना स्कूली शिक्षा सीखना; शिक्षक की अपेक्षाएँ, छात्र-शिक्षक संबंध, स्कूल संस्कृति, साथियों का प्रभाव, अधिक आयु के शिक्षार्थी, तथा साथियों का प्रभाव लिंग, दोस्ती, बच्चों का अपने साथियों के साथ संबंध, बदमाशी, आक्रामकता, संघर्ष, सहयोग और प्रतिस्पर्धा को समझना, जिनका सामना बच्चे बचपन में करते हैं बच्चों के विकास और परिपक्वता से संबंधित शिक्षण पहलू वैश्वीकरण, गरीबी, बहु-विविधता, संस्कृति और आधुनिक समाज के विभिन्न अन्य पहलुओं के संदर्भ में बचपन को समझना |
4 | रचनात्मकता, बुद्धिमत्ता और व्यक्तित्व | बुद्धि सिद्धांतों की अवधारणा, अर्थ और प्रकार तथा IQ का अर्थ और मापन विधि को समझना रचनात्मकता की अवधारणा, अर्थ, विशेषताएं, प्रक्रिया और उसे प्रभावित करने वाले कारकों तथा उसे मापने के तरीकों को समझना व्यक्तित्व की अवधारणा, अर्थ, प्रकार और प्रकृति को समझना |
5 | व्यक्तित्व | अवधारणा, अर्थ और विभिन्न व्यक्तित्व प्रकारों को समझना पहचान निर्माण और व्यक्तित्व के सिद्धांतों के साथ-साथ स्वयं की अवधारणा, अर्थ और विभिन्न पहलुओं को समझना कैटेल सिद्धांत, मनोविश्लेषण सिद्धांत आदि जैसे विभिन्न प्रकार के व्यक्तित्व सिद्धांतों को समझना और बचपन के शुरुआती अनुभवों का बाद के जीवन में व्यक्तित्व पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में सीखना लिंग विकास और सामाजिक सिद्धांतों को सीखना कैरोल गिलिगन और कोहलबर्ग के सिद्धांत से नैतिक विकास को समझना और संस्कृति में नैतिक तर्क में भिन्नता सीखना |
6 | भारत के बारे में समझ | भारत की सांस्कृतिक पहचान और ऐतिहासिक विकास के साथ-साथ भारतीय समाज की प्रकृति और विशेषताओं को समझना |
7 | औपनिवेशिक भारत | स्वतंत्रता के बाद भारत का उदय और भारतीय लोगों पर अर्थशास्त्र, राजनीति और उपनिवेशवाद के प्रभाव को समझनाऔपनिवेशिक काल में शिक्षा प्रणाली कैसी थी, इसे समझना |
8 | समकालीन या आधुनिक भारत | भारतीय संविधान का निर्माण कैसे हुआ, इसकी विशेषताएं, शैक्षिक प्रावधान और बुनियादी दर्शन के बारे में जानें स्वतंत्रता के बाद भारत में शिक्षा का विकास कैसे हुआ और शिक्षा प्रणाली के समक्ष क्या समस्याएं आईं, इसका विश्लेषण |
9 | भारत का लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था | एक विकासशील राष्ट्र के रूप में भारत के विकास और इसकी विशेषताओं को समझना आर्थिक विकास, उसके विरोधाभासों और विरोधाभासों को जानना भारतीय लोकतंत्र को समझना |
10 | प्रारंभिक भाषा विकास और भाषा को समझना | भाषा, भाषाई विविधता और बहुभाषिकता की परिभाषा को समझना यह जानना कि किसी भाषा का विकास और अधिग्रहण कैसे किया जाता है। कक्षा में भाषा का विकास, भाषा सीखना, भाषा अर्जन, साक्षरता और पाठ्यक्रम लेन-देन सीखना |
11 | अंग्रेजी शिक्षण शास्त्र | प्रारंभिक या बचपन के शुरुआती चरणों में अंग्रेजी पढ़ाने में चुनौतियों को समझना अंग्रेजी भाषा सीखने की प्रक्रिया, इसकी प्रकृति और इसे दूसरी भाषा के रूप में पढ़ाना अंग्रेजी पढ़ाने के विभिन्न दृष्टिकोण और तरीकेशिक्षण दृष्टिकोणों में शैक्षणिक बदलाव, अंग्रेजी सीखने और पढ़ाने के तरीके, साथ ही रचनावादी और संज्ञानात्मक दृष्टिकोणों पर अंतर्दृष्टि कक्षा भाषा लेन-देन, पढ़ने के बाद, पढ़ना, और मॉड्यूलर लेन-देन |
12 | गणित का शिक्षणशास्त्र | गणित का परिचय, गणितीय ज्ञान और उसके परिप्रेक्ष्य, तथा गणितीय शिक्षण विधियाँ गणित पढ़ाना और सीखना, पाठ्यपुस्तकों की विषय-वस्तु को समझना, कक्षा में कार्य करना, योजना बनाना और गणित का मूल्यांकन करना गणितीय संक्रियाएँ, संख्या निरूपण, दशमलव और भिन्नआकार, माप और पैटर्न से संबंधित अवधारणाएँ |
13 | ईवीएस की शिक्षाशास्त्र | पर्यावरण अध्ययन की अवधारणाओं, अध्ययन के क्षेत्रों और अनुभूति विधियों को सीखना पर्यावरण अध्ययन शिक्षण के दृष्टिकोण और तरीकेयह समझना कि मूल्यांकन, आकलन, शिक्षण और नियोजन तकनीकों के साथ-साथ प्राकृतिक और मानव निर्मित संसाधनों का उपयोग करके कक्षा शिक्षण को कैसे प्रभावी बनाया जा सकता है व्यावसायिक विकास विधियों के साथ-साथ ई.वी.एस. से संबंधित शिक्षण संबंधी चिंताएँ |
14 | अंग्रेज़ी कुशलता | इस अनुभाग में पढ़ने, लिखने, बोलने और सुनने के कौशलव्याकरण और शब्दावली का विकास |
15 | रचनात्मक नाटक, शिक्षा और ललित कला | कला शिक्षा से संबंधित उद्देश्य एवं अवधारणाएं, विषय-वस्तु, शिक्षण विधियां और विद्यालय में कला शिक्षा का एकीकरण |
16 | पाठ्यक्रम, शिक्षा और समाज को समझना | शिक्षा पर मानव समाज के प्रभाव को समझना तथा इस विषय पर विभिन्न भारतीय और पश्चिमी विचारकों के विचारशिक्षा, समाज और राजनीति के बीच संबंध तथा शिक्षा के उद्देश्य, परिवर्तन और निरंतरता भारत में शिक्षा का अधिकार और शिक्षा के प्रति संवैधानिक प्रतिबद्धता जैसी अवधारणाएँ पाठ्यक्रम संगठन, शिक्षण और ज्ञान चयन को समझना |
17 | शिक्षा में लिंग परिप्रेक्ष्य का महत्व | बच्चों की आवश्यकताओं के साथ-साथ शिक्षा में समावेशी अवधारणाएँ समावेशी स्कूल प्रथाओं और समावेशी शिक्षा में शिक्षकों की भूमिका पर चर्चालिंग, समाज और स्कूल पर अलग-अलग दृष्टिकोणसमावेशी दृष्टिकोण एकीकरण, पाठ्यक्रम और लिंग लेनदेन |
18 | नेतृत्व, स्कूल संस्कृति और शिक्षकों का विकास | भारत में शिक्षा प्रणाली की प्रक्रिया और संरचना, विद्यालयों की विकासशील संस्कृति, तथा विद्यालय के मानकों और प्रभावशीलता के साथ एक शिक्षण संगठन के रूप में विद्यालय का परिप्रेक्ष्य स्कूल प्रबंधन और नेतृत्व के बारे में जानकारी कक्षा प्रबंधन कौशल व्यावसायिक नैतिकता, जवाबदेही और शिक्षक शिक्षा |
19 | सामाजिक विज्ञान शिक्षा का शिक्षणशास्त्र | प्रारंभिक स्तर पर सामाजिक विज्ञान की अवधारणा और उसका परिप्रेक्ष्य |
20 | विज्ञान शिक्षा का शिक्षणशास्त्र | विज्ञान की अवधारणाओं और समाज, कक्षा प्रक्रियाओं आदि में विज्ञान की भूमिका को समझना। |
21 | योग, स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा | जीवन में योग का महत्व, प्राचीन और आधुनिक योग में अंतर, जीवन में खेल और शारीरिक गतिविधियों का महत्व आदि। बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण पर पड़ने वाले प्रभाव की समझ |
22 | कार्य और शिक्षा | कार्य का अर्थ और अवधारणा तथा कार्य शिक्षा में कौशल-शिक्षण की भूमिका |
डी.एल.एड परीक्षा पैटर्न 2025
डी.एल.एड परीक्षा पैटर्न 2025 के अनुसार इस परीक्षा का स्वरूप मुख्य रूप से दो भागों में लिखित परीक्षा (Written Exam) और प्रायोगिक एवं आंतरिक मूल्यांकन (Practical & Internal Assessment) के आधार पर निर्धारित किया गया है। बता दें कि इसकी लिखित परीक्षा (Written Exam) में बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र (Child Development and Pedagogy), भाषा – I (हिंदी/अंग्रेजी/अन्य भाषा) (Language – I), भाषा – II (अतिरिक्त भाषा) (Language – II), गणित एवं पर्यावरण अध्ययन (Mathematics & Environmental Studies), शिक्षा की समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता (Educational Understanding & Analytical Ability) आदि विषयों से प्रश्न पूछे जाते हैं।
इस परीक्षा का प्रारूप ऑफलाइन है यानि कि इसका आयोजन ऑफलाइन मोड में होगा, जिसके तहत प्रत्येक पेपर में लगभग 150 प्रश्न होंगे। प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होगा, जिसमें कोई नेगेटिव मार्किंग की व्यवस्था नहीं है। इस परीक्षा का कुल समय 2.5 घंटे होगा। इसके साथ ही इस परीक्षा में शिक्षण अभ्यास (Teaching Practice), प्रोजेक्ट वर्क (Project Work), फील्ड वर्क (Field Work), कक्षा में प्रदर्शन (Classroom Performance) के आधार पर ही प्रायोगिक एवं आंतरिक मूल्यांकन (Practical & Internal Assessment) की व्यवस्था की गई है।
DELEd के लिए बेस्ट बुक्स
DELEd के लिए तैयारी करने के लिए नीचे बेस्ट बुक्स की लिस्ट दी गई है-
बुक का नाम | यहां से खरीदें |
D.El.Ed.503 Learning Languages at Elementary Level | यहां से खरीदें |
D.El.Ed.-506 Understanding Children | यहां से खरीदें |
D.El.Ed.-513 Workshop Based Activities | यहां से खरीदें |
PDPET-521 Elementary Education | यहां से खरीदें |
NIOS Pedagogic Processes | यहां से खरीदें |
FAQs
DELEd की फुल फॉर्म Diploma In Elementary Education है।
DELEd की कोर्स अवधि 2 वर्ष है।
टॉप भारतीय DELEd कॉलेज नीचे दिए गए हैं-
1. आईसीएफएआई विश्वविद्यालय
2. अमर भारतीय महाविद्यालय
3. बुद्धा कॉलेज ऑफ एजुकेशन
4. आरकेडीएफ विश्वविद्यालय
डीएलएड (Diploma in Elementary Education) एक दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स है, जो प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करता है।
डीएलएड कोर्स दो वर्षों में पूरा होता है और इसमें कुल चार सेमेस्टर होते हैं। प्रत्येक सेमेस्टर में विभिन्न शैक्षिक विषयों और प्रशिक्षण से जुड़ी गतिविधियाँ शामिल होती हैं।
डीएलएड सिलेबस में बाल विकास और शिक्षाशास्त्र, भाषा शिक्षण (हिंदी, अंग्रेजी), गणित शिक्षण, पर्यावरण अध्ययन, सामाजिक अध्ययन, विज्ञान शिक्षण, शारीरिक शिक्षा और कला शिक्षा जैसे प्रमुख विषय होते हैं।
डीएलएड के पहले वर्ष में बाल विकास एवं अधिगम सिद्धांत, समावेशी शिक्षा, शिक्षण-अधिगम की विधियाँ, भाषा, गणित और पर्यावरण अध्ययन शिक्षण, शैक्षिक मनोविज्ञान जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं।
डीएलएड के दूसरे वर्ष में निम्नलिखित विद्यालय प्रबंधन और नेतृत्व, मूल्य शिक्षा एवं जीवन कौशल, विषय-विशेष शिक्षण (गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान), शिक्षण अभ्यास (इंटर्नशिप) जैसे विषय शामिल होते हैं।
हाँ, डीएलएड कोर्स में शिक्षण अनुभव बढ़ाने के लिए शिक्षण अभ्यास (इंटर्नशिप) अनिवार्य होती है। इसमें छात्रों को किसी प्राथमिक विद्यालय में जाकर पढ़ाने का अनुभव प्राप्त करना होता है।
डीएलएड कोर्स में प्रवेश के लिए न्यूनतम योग्यता कक्षा 12वीं (इंटरमीडिएट) उत्तीर्ण होना आवश्यक है। सामान्य वर्ग के लिए न्यूनतम 50% अंक और आरक्षित वर्ग के लिए छूट प्रदान की जाती है।
आशा करते हैं कि इस ब्लॉग से आपको DELEd syllabus in Hindi के बारे में जानकारी मिली होगी। अन्य कोर्सेज के ब्लॉग्स पढ़ने के लिए बने रहिए Leverage Edu के साथ।
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Bahut acha gyan..
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आपका शुक्रिया
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2 comments
Bahut acha gyan..
आपका शुक्रिया