क्रिकेट का बल्ला क्रिकेट के खेल में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है, कई बड़े बड़े या छोटे रिकाॅर्ड बैट्समैन बल्ले से ही बनाते हैं। यह न हो तो क्रिकेट का अस्तित्व नहीं है। किसी भी बैट का बीच का भाग थोड़ा चपटा होता है और निचले भाग की सतह मोटी होती है। अगर लकड़ी की बात की जाए तो क्रिकेट में बल्लेबाज अलग-अलग लकड़ी से बने बैट्स इस्तेमाल करते हैं, इसलिए इस ब्लॉग में क्रिकेट का बल्ला किस लकड़ी से बनता है के बारे में जानेंगे।
क्रिकेट का बल्ला किस लकड़ी से बनता है?
क्रिकेट के मैदान में हर बल्लेबाज अलग तरह का बैट का उपयोग करता है, लेकिन सबसे पहले बैट का उपयोग 1624 में मिलता है। क्रिकेटरों का बैट विलो (Willow) की लकड़ी से बना होता है। ये लकड़ी भी दो तरह की पाई जाती है। जिसे इंग्लिश विलो और कश्मीरी विलो के नाम से जानते हैं। इंग्लिश विलो के बैट की क्वालिटी बहुत ही अच्छी होती है। इंग्लिश विलो बैट कश्मीरी विलो बैट के मुकाबले महंगे भी होते है। क्योंकि इनका प्रयोग बड़े -बड़े बल्लेबाज़ करते हैं।
वहीं प्रोफेशनल मैच में जिस लकड़ी का प्रयोग करते हैं उसे Salix Alba कहते हैं। Salix Alba यूरोप और ब्रिटेन में बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त ये एशिया के भी विभिन्न जगहों पर पाए जाते हैं। Salix Alba के पेड़ 15 मीटर से 30 मीटर तक ऊंचे होते हैं।
कितनी होती है बल्ले की लंबाई?
क्रिकेट में बल्लेबाज द्वारा बैट का उपयोग गेंद को मारने के लिए किया जाता है और यह बैट लकड़ी का बना होता है। नियमानुसार, क्रिकेट बैट की लंबाई 38 इंच (965 मिमी) से अधिक नहीं हो सकती और चौड़ाई 4.25 इंच (108 मिमी) से अधिक नहीं हो सकती है। बैट का पहली बार उपयोग 1624 में किया गया था।
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FAQ
इंग्लिश विलो (Willow) लकड़ी का।
हल्के वजन वाली लकड़ी है।
कश्मीर
(71 सेन्टीमीटर)
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको क्रिकेट का बल्ला किस लकड़ी से बनता है? इसी तरह के स्पोर्ट्स जीके से जुड़े अन्य ब्लाॅग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।