Indian Constitution Adopted From Which Country in Hindi: भारतीय संविधान 26 नवंबर, 1949 को अस्तित्व में आया। भारत की संविधान सभा ने अन्य देशों के संविधानों और भारत सरकार अधिनियम 1935 से विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए संविधान का मसौदा तैयार किया। भारतीय संविधान के विभिन्न स्रोत हैं, क्योंकि इसकी कुछ विशेषताएं अन्य देशों से ली गई हैं।
बताना चाहेंगे ‘भारतीय संविधान के स्रोत’ विषय UPSC परीक्षा और इसके तीन चरणों- प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार के लिए महत्वपूर्ण है। इस ब्लॉग में भारत का संविधान कितने देशों से लिया गया है (Indian Constitution Adopted From Which Country) की संपूर्ण जानकारी दी गई है।
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भारतीय संविधान ने अन्य देशों के संविधानों से किन-किन विशेषताओं को अपनाया
भारतीय संविधान ने अन्य देशों के संविधानों से उन विशेषताओं को (Indian Constitution Adopted From Which Country) अपनाया है जो भारतीय समस्याओं और आकांक्षाओं के अनुरूप थीं। संविधान सभा ने हर जगह से सर्वोत्तम विशेषताओं को लिया और उन्हें अपना बनाया।
हमारे संविधान में भारत सरकार अधिनियम, 1935 से ली गई विशेषताएं हैं। वे विशेषताएं हैं:-
- संघीय योजना (Federal Scheme)
- राज्यपाल का कार्यालय (Office of governor)
- न्यायपालिका (Judiciary)
- लोक सेवा आयोग (Public Service Commissions)
- आपातकालीन प्रावधान (Emergency provisions)
- प्रशासनिक विवरण (Administrative details)
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भारतीय संविधान के प्रमुख स्रोत
भारतीय संविधान, विश्व का सबसे विशाल लिखित संविधान है, जो विभिन्न देशों के संविधानों से प्रेरित है। संविधान सभा ने लगभग 60 देशों के संविधानों का अध्ययन किया और 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान आत्मसात किया। जिस पर संविधान सभा के 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए। बता दें कि संविधान सभा ने भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप सर्वोत्तम प्रावधानों को अपनाया। इसलिए, भारतीय संविधान को ‘उधार का थैला’ भी कहा जाता है।
भारत सरकार अधिनियम, 1935
- भारतीय संविधान का अधिकांश ढांचा भारत सरकार अधिनियम, 1935 से लिया गया है।
- इसमें संघीय योजना, राज्यपाल का कार्यालय, न्यायपालिका, लोक सेवा आयोग, आपातकालीन प्रावधान और प्रशासनिक विवरण शामिल हैं।
ब्रिटेन का संविधान:
- संसदीय सरकार
- विधि का शासन
- विधायी प्रक्रिया
- एकल नागरिकता
- मंत्रिमंडल प्रणाली
- परमाधिकार लेख
- संसदीय विशेषाधिकार
- द्विसदनीयता (Bicameralism)
अमेरिका का संविधान
- मौलिक अधिकार
- न्यायिक समीक्षा
- न्यायपालिका की स्वतंत्रता
- उपराष्ट्रपति का पद
- राष्ट्रपति पर महाभियोग
- उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को हटाना
आयरलैंड का संविधान
- राज्य के नीति निदेशक तत्व
- राष्ट्रपति के निर्वाचन की पद्धति
- राज्यसभा के लिए सदस्यों का नामांकन
कनाडा का संविधान
- एक मजबूत केंद्र के साथ संघीय व्यवस्था
- अवशिष्ट शक्तियों का केंद्र में निहित होना
- केंद्र द्वारा राज्य के राज्यपालों की नियुक्ति
- उच्चतम न्यायालय का परामर्शी क्षेत्राधिकार
ऑस्ट्रेलिया का संविधान
- समवर्ती सूची
- व्यापार, वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता
- संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक
जर्मनी का वीमर संविधान
- आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों का निलंबन
सोवियत संघ (पूर्व)
- मौलिक कर्तव्य
- प्रस्तावना में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के आदर्श
फ्रांस का संविधान
- गणतंत्रात्मक और प्रस्तावना में स्वतंत्रता, समानता और बंधुता के आदर्श
दक्षिण अफ्रीका का संविधान
- संविधान में संशोधन की प्रक्रिया
- राज्यसभा के सदस्यों का निर्वाचन
जापान का संविधान
- विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया
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तालिका:
देश | प्रावधान |
ब्रिटेन | संसदीय सरकार, विधि का शासन, विधायी प्रक्रिया, एकल नागरिकता, मंत्रिमंडल प्रणाली, परमाधिकार लेख, संसदीय विशेषाधिकार, द्विसदनीयता |
अमेरिका | मौलिक अधिकार, न्यायिक समीक्षा, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, उपराष्ट्रपति का पद, राष्ट्रपति पर महाभियोग, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को हटाना |
आयरलैंड | राज्य के नीति निदेशक तत्व, राष्ट्रपति के निर्वाचन की पद्धति, राज्यसभा के लिए सदस्यों का नामांकन |
कनाडा | एक मजबूत केंद्र के साथ संघीय व्यवस्था, अवशिष्ट शक्तियों का केंद्र में निहित होना, केंद्र द्वारा राज्य के राज्यपालों की नियुक्ति, उच्चतम न्यायालय का परामर्शी क्षेत्राधिकार |
ऑस्ट्रेलिया | समवर्ती सूची, व्यापार, वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता, संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक |
जर्मनी | आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों का निलंबन |
सोवियत संघ (पूर्व) | मौलिक कर्तव्य, प्रस्तावना में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के आदर्श |
फ्रांस | गणतंत्रात्मक और प्रस्तावना में स्वतंत्रता, समानता और बंधुता के आदर्श |
दक्षिण अफ्रीका | संविधान में संशोधन की प्रक्रिया, राज्यसभा के सदस्यों का निर्वाचन |
जापान | विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया |
भारतीय संविधान की विशेषताएं
यहाँ भारतीय संविधान की विशेषताएं (Indian Constitution Adopted From Which Country in Hindi) दी गई हैं;-
- विभिन्न देशों के संविधानों से प्रेरित होने के बावजूद, भारतीय संविधान भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप एक अनूठा दस्तावेज है।
- इसमें मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों और राज्य के नीति निदेशक तत्वों का संतुलित मिश्रण है।
- यह एक लचीला और कठोर संविधान है, जिसे आवश्यकतानुसार संशोधित किया जा सकता है।
- यह एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना करता है।
- भारतीय संविधान विभिन्न देशों के संविधानों से प्रेरित एक अनूठा दस्तावेज है। यह भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप सर्वोत्तम प्रावधानों को अपनाता है और एक मजबूत और गतिशील राष्ट्र की नींव रखता है।
FAQs
राज्य की नीतियों के निर्देशक सिद्धांत आयरिश संविधान से लिया गया हैं।
आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों का निलंबन।
ये सोवियत संविधान, अब रूस से लिए गए हैं।
भारत सरकार अधिनियम 1935 से ली गयी है।
डाॅ. भीमराव अंबेडकर ने विश्व के महत्वपूर्ण 60 देशों के संविधानों का अध्ययन कर भारत का संविधान, 26 नवंबर 1949 को तैयार किया था। जिस पर संविधान सभा के 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए।
राष्ट्रपति निवास का इतिहास 19वीं शताब्दी से जुड़ा है, जब इसे ब्रिटिश प्रशासन द्वारा कोटि के राजा से पट्टे पर लिया गया था।
भारत के संविधान की मूल कॉपी अंग्रेजी में लिखी गई थी, जिसमें 1,17,369 शब्द, 444 आर्टिकल, 22 भाग और 12 अनुसूचियां हैं। इसे कैलीग्राफर प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने अपने हाथ से लिखा था।
जब संविधान बना था, तब इसमें 251 पन्ने थे।
भारतीय संविधान के रचयिता डॉ. भीमराव अंबेडकर हैं।
भारत के संविधान की मूल कॉपी को प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा था।
आशा करते हैं कि आपको भारत का संविधान कितने देशों से लिया गया है (Indian Constitution Adopted From Which Country in Hindi) का यह ब्लॉग ज्ञानवर्द्धक लगा होगा। UPSC और सामान्य ज्ञान से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ जुड़े रहें।