उत्तर प्रदेश की सरकार लगातार अपनी शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में लगी हुई है। इसी कवायद में अब उत्तर प्रदेश की सरकार राज्य में चल रहे अवैध और नकली स्कूलों को बंद करेगी। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्रदेश के शिक्षा विभाग को इस संबंध में अभियान की शुरुआत करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। ऐसा होने से प्रदेश में फर्जी स्कूलों पर कड़ी नकेल कसी जा सकेगी।
अवैध स्कूलों पर लगेगा INR 1 लाख का जुर्माना
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस शिक्षा सुधार अभियान के तहत ऐसे स्कूलों की पड़ताल की जाएगी जो रजिस्टर्ड नहीं हैं और उन्हें बंद किया जाएगा। एक बार बंद करने के बाद भी यदि ऐसे स्कूल दोबारा शुरू किए जाते हैं तो ऐसे स्कूलों के ऊपर सख्त कार्रवाई की जाएगी एवं ऐसे स्कूलों पर INR 1 लाख का जुर्माना भी लगाया जाएगा। इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से राज्य के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों के लिए आदेश जारी किए जा चुके हैं।
प्रतिदिन INR 10,000 भी जुर्माने के रूप में वसूले जाएंगे
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नकली स्कूलों के खिलाफ चलाए जा रहे इस अभियान के सबंध में बेसिक शिक्षा विभाग के जॉइंट डायरेक्टर गणेश कुमार की ओर से सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजा जा चुका है। उन्हें अभियान के संबंध में निर्देश दिए गए हैं। निर्देशों में सभी ब्लॉक अधिकारियों को उनके क्षेत्र में सभी नॉन-रजिस्टर्ड स्कूलों की पहचान करने के लिए कहा है। अगर उनके क्षेत्र में फेक स्कूल पाए जाते हैं, तो ऐसे स्कूलों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा सभी ब्लॉक अधिकारियों को यह सर्टिफिकेट जारी करना होगा कि उनके क्षेत्र में कोई भी फेक स्कूल नहीं चल रहा है। इसी प्रक्रिया में उन्हें ऐसे फेक स्कूलों की सूची भी जारी करनी होगी जिन पर उन्होंने कार्रवाई की है। सभी ब्लॉक अधिकारियों को यह सूची बेसिक शिक्षा निदेशक को 22 नवम्बर तक सौंपनी होगी।
अगर INR 1 लाख रूपए जुर्माना लगाए जाने के बाद भी ऐसे फेक स्कूल शिक्षा प्रदान करना जारी रखते हैं तो उनसे INR 10,000 प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माने के रूप में वसूले जाएंगे।
छात्रों के लिए फायदेमंद है अभियान
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाया जा रहा यह शिक्षा सुधार अभियान छात्रों के लिए बहुत ही फायदेमंद है-
- इस अभियान के कारण गैर कानूनी रूप से चल रहे स्कूलों पर रोक लगेगी। ऐसे फेक स्कूल बच्चों के भविष्य को अंधकारमय बना रहे हैं। इस अभियान के कारण बच्चों के भविष्य को बर्बाद होने से बचाया जा सकेगा।
- ऐसे फेक स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेशों का अनुपालन नहीं करते और इनमें पढ़ाई से जुड़ी बेहतर सुविधाएं भी नहीं होतीं। ऐसे स्कूलों पर रोक लगने से छात्र दूसरे अच्छे स्कूलों में प्रवेश ले सकेंगे।
- ऐसे गैर कानूनी स्कूल प्रदेश शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त नहीं होते। अत : इनके द्वारा दिए जाने वाले शैक्षिक सर्टिफिकेट भी झूठे होते हैं। यह छात्रों के साथ बहुत बड़ा धोखा है। इस अभियान से शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे इस घोटाले पर लगाम लगेगी।
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