भारत की नेशनल एजुकेशन पाॅलिसी की सराहना देश ही नहीं बल्कि विदेश के लोग भी कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के एजुकेशन मिनिस्टर जेसन क्लेयर ने भी एनईपी की तारीफ की है। उन्होंने 1 मार्च को कहा कि नेशनल एजुकेशन पाॅलिसी (एनईपी) भारत को दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्तियों में से एक बनने के रास्ते पर ले जाएगी।
ऑस्ट्रेलियाई एजुकेशन मिनिस्टर जेसन क्लेयर 28 फरवरी से 3 मार्च तक भारत की यात्रा पर आए हैं। वह दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए हायर एजुकेशन से संबंधित ऑस्ट्रेलियाई लीडर्स के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।
जेसन ने कहा कि नेशनल एजुकेशन पाॅलिसी नेशन में परिवर्तन लाने वाली (नीति) है। एनईपी भारत में बदलाव लाएगी और युवाओं को कौशल प्रदान करेगी। एनईपी भारत को दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्तियों में से एक बनने के रास्ते पर ले जाएगी।
ऑस्ट्रेलिया के एजुकेशन मिनिस्टर अपने ट्वीट में लिखा कि दिल्ली में अपने दोस्त और भारतीय एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान से मिला। हम दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण शिक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। इससे दोनों देशों के बीच शिक्षा को आसान बनाया जा सकेगा।
भारतीय एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल और जनशक्ति के लिए भारत को एक वैश्विक केंद्र में बदलने के प्रयासों को बताया। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भारत के युवा उसकी सबसे बड़ी ताकत हैं।
2020 में लाई गई थी नेशनल एजुकेशन पाॅलिसी
बता दें कि भारत में नेशनल एजुकेशन पाॅलिसी 2020 में लाई गई थी। एनईपी को आधुनिक युग को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें ग्रेजुएशन मल्टीपल एग्जिट सिस्टम पर आधारित है। यानी अगर कोई छात्र बीए में एडमिशन लेता है और एक साल में छोड़ देता है तो उसे सर्टिफिकेट मिल जाएगा। जबकि दो साल में छोड़ने पर डिप्लोमा और तीन साल में छोड़ने पर डिग्री मिलेगी। वहीं ग्रेजुएशन के चार साल पूरा करने के बाद ही पीएचडी में प्रवेश दिया जाएगा।
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