इतिहास में उल्लेखित है कि भारतीय इतिहास, मुगल बादशाह औरंगजेब की क्रूरता के किस्सों से भरा पड़ा है। उन्होंने सत्ता पर कब्ज़ा करने के लिए क्या-क्या नहीं किया। अपने बूढ़े पिता को बंदी बनाया, भाई को मरवाया, बेटे को जहर दिया, अनेकों लोगों पर अनगिनत ज़ुल्म किये और सैकड़ो मंदिर तुड़वाए। औरंगजेब जब तक शासन में रहा, तब तक उसके विद्रोह में कई जंग हुई। लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रूरता से भरे इस क्रूर शासक का शासनकाल कब से कब तक रहा? यदि नहीं, तो आईये जानते हैं औरंगजेब के शासनकाल अवधि के बारे में, जिसके लिए आपको यह पोस्ट अंत तक पढ़नी होगी।
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औरंगजेब का शासनकाल कब से कब तक रहा?
मुग़ल इतिहास में सबसे ज्यादा जाना जाने वाला नाम है औरंगज़ेब। इतिहासकारों के मुताबिक, औरंगज़ेब अपने पिता शाहजहां को कई सालों तक बंदी बनाने के बाद मुगल सिंहासन की राजगद्दी पर बैठा। वह मुग़ल वंश का एकमात्र ऐसा शासक था, जिसने करीब 50 वर्षों (1658 से 1707) तक अपना शासन चलाया। इसी शासनकाल के दौरान उसने भारतीय उपमहाद्वीप के ज़्यादातर हिस्सों पर अपने साम्राज्य का विस्तार किया। साथ ही औरंगज़ेब ने कई लड़ाईयां भी जीतीं, लेकिन अंत में वह मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज से बुरी तरह हार गया।
मुग़ल सम्राट औरंगजेब की मृत्यु कब हुई?
इतिहासकारों के मुताबिक, 50 वर्षों तक शासन करने के बाद मुगल साम्राज्य के सबसे शक्तिशाली सम्राट औरंगजेब का बुन्देलखंड के वीर छत्रसाल के साथ एक भीषण युद्ध हुआ। इस युद्ध में बुन्देलखंड के वीर छत्रसाल ने औरंगजेब को एक ऐसा घाव दिया, जिसके कारण वह 3 महीने तक बिस्तर पर तड़पता रहा और अंतत: 3 मार्च 1707 ई. में महाराष्ट्र के अहमदनगर में उसकी मौत हुई।
आशा है कि मुग़ल बादशाह ‘औरंगजेब का शासनकाल कब से कब तक रहा’, के बारे में आपको जानकारी मिल गई होगी। इतिहास से संबंधित ऐसे ही अन्य ब्लॉग पढ़ने के लिए जुड़े रहिये Leverage Edu के साथ।